१२६५३ आंगनवाड़ी केंद्रों को वर्ष 2013-14 में आंगनवाड़ी केंद्र सह क्रेच[ CRECHE ] में बदल दिया जाएगा:12वीं योजना के दौरान 70,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी केंद्र सह क्रेच में बदलने का निर्णय लिया गया है: श्रीमती कृष्णा तीरथ
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सुदृढ़ीकरण और पुनर्गठित आईसीडीएस के तहत, मौजूद आंगनवाड़ी केंद्रों के 5 % को आंगनवाड़ी केंद्र सह क्रेच में बदल दिया जाएगा
मंत्री ने प्रश्नकर्ता के माध्यम से सदन को बताया कि राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रेच स्कीम के तहत संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए वर्त्तमान में 23,555 कार्यकारी क्रेच हैं,
16,393 क्रेच ग्रामीण/जनजातीय क्षेत्रों में और
7162 क्रेच शहरी क्षेत्रों में है,
प्रत्येक में 25 शिशुओं तक के रहने की व्यवस्था है।
मंत्री के अनुसार 12वीं योजना के दौरान 70,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी केंद्र सह क्रेच में बदल दिया जाएगा।
वर्ष 2013-14 के दौरान, 12,653 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी सह क्रेच में बदलने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
राज्यों/संघ राज्यों क्षेत्रों के पास ऐसे आंगनवाड़ी केंद्रों के चुनाव का विकल्प रहेगा।
Tag: Smt Krishna teerath
साढ़े बारह हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को 2013-14 में सह क्रेच[ CRECHE ] में बदला जायेगा:श्रीमती कृष्णा तीरथ
पोक्सो अधिनियम को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करके बच्चों को शिक्षित किया जाना जरुरी : श्रीमती कृष्णा तीरथ
श्रीमती कृष्णा तीरथ ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम 2012 के प्रथम क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
-महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज यहां बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रथम क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया और पोक्सो अधिनियम को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करके बच्चों को इसके प्रावधानों के बारे में शिक्षित किये जाने पर बल दिया
इस अवसर पर श्रीमती तीरथ ने बताया कि पोक्सो अधिनियम यौन अपराधों के बारे में ज्ञान कराने के साथ यौन उत्पीड़न का सामना कर चुके बच्चों को मैत्रीपूर्ण माहौल और संवेदनशील व्यवहार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की जिम्मेदारी देश के सभी नागरिकों की है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बढ़ते बाल यौन उत्पीड़न की मौजूदा स्थिति, खासतौर से यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा एवं उनके संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्न पहलों का जिक्र करते हुए राज्य सरकारों से पोक्सो अधिनियम 2012 के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है। श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि इस अधिनियम को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए और बच्चों को इसके प्रावधानों के बारे में भी शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न का सामना करने वाले बच्चों को बंद कमरे में कार्रवाई, अनुवादक और उचित चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती नीता चौधरी ने पोक्सो अधिनियम बनाने की मंशा और इसके मुख्य प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केन्द्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि वे इस प्रकार के सम्मेलनों का आयोजन करें ताकि इस विषय पर जागरूकता बढ़े।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्यक्ष सुश्री कुशाल सिंह ने कहा कि पोक्सो अधिनियम में एनसीपीसीआर की निगरानी भूमिका का प्रावधान है। उन्होंने कुछ बुनियादी समस्यों के बारे में भी बताया।
इस सम्मेलन में केन्द्र और राज्यों के महिला एवं बाल विभाग, बाल अधिकार आयोग, शिक्षा विभाग, पुलिस अकादमी, न्यायिक अकादमी, विधि सेवा प्राधिकरण, गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ एवं संयुक्त राष्ट्र महिला, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।
Recent Comments