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Tag: Unrest Among Pilots

संसद,पी एम् के आदेश दबा कर , कोर्ट की अवमानना करके एयर इंडिया के पायलट्स के वेतन रोके

१५ वी लोक सभा और सत्ता रुड यूं पी ऐ की सरकार के कार्यकाल के केवल ११ माह शेष रह गए हैं लेकिन अन्य समस्यायों के साथ ही नेशनल कैरियर एयर इंडिया के पायलट्स के वेतन +भत्तों की समस्या भी लटकी हुई है| संसद में चिंता प्रकट की गई +अदालतों ने आदेश पारित किये +मंत्रालय ने आश्वासन दिए लेकिन पायलट्स के वेतन और भत्तों के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है| उत्पीडन भी हो रहा है|यात्री विमान को उड़ाने के लिए पायलट्स को तनाव मुक्त रहना और रखना बेहद जरुरे होता है लेकिन दुर्भाग्य से एयर इंडिया में इसका ठीक उल्टा हो रहा है|
देश को चलाने के लिए स्वीकृत स्थम्भों में [१] मुख्यत संसद ने अपनी चिंता प्रकट की और प्रधान मंत्री डा मन मोहन सिंह ने ड्यूज को जल्द क्लीयर करने का आश्वासन दिया है[२]कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है| मीडिया भी पायलट्स के उत्पीडन की खबरें छापता आ रहा है| इस सबके बावजूद अभी तक सारे असंतुष्ट पायलट्स की न तो नौकरी बहाल की गई है और नाही उनके ड्यूज ही क्लीयर गए हैं| अब कहा जा रहा है कि नवम्बर २०१२ तक भत्तों का मात्र ७५% ही दिया जाएगा और फ्लाईंग अलाउंस पर तलवार लटका दी गई है|खर्चे कम करने के नाम पर ३०% से ४०% तक वेतन में कटौती करने की यौजना को हवा दी जा रही है| इसके लिए पायलट्स को दिए जाने वाले फ्लाईंग अलाउंस को निशाना बनाया जा रहा है| स्ट्राईक की धमकी के पश्चात फ्लाईंग अलाउंस के पेमेंट की घोषणा की गई लेकिन अभी तक एरियर क्लियर नहीं किये गए हैं| पहले तो एयर इंडिया के घाटे की दुहाई दी जाती थी ५००० करोड़ रुपये जुटाने के अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए १० वर्षीय यौजना बनाई गई|लेकिन गए वित्तीय वर्ष में इसका १०% भी इकट्ठा नहीं किया जा सका|अब ले दे कर पायलट्स के भत्तों पर नज़र रख दी गई है|वर्तमान में एयर इंडिया के बेड़े में लगभग १५०० पायलट्स हैं इनमे से लगभग आधे के पद पर कमांडर हैं| शेष को पायलट्स की श्रेणी में आते हैं|बीते आठ महीने से इनके भत्तों का एरियर रोका गया है| सोर्सेस से प्राप्त इन्फोर्मेशन के अनुसार कमांडर रैंक के एक पायलट के लगभग १५ लाख रुपये तक के एरियर हैं | रैक के हिसाब से को- पायलट्स के इससे कुछ कम हैं| अनेकों कमांडरों के १० से १५ लाख रुपयों का एरियर फंसा हुआ है|
गौरतलब है कि वेतन को कम होने के कारण एयर इंडिया ने अपने पायलट्स को कंपनी के साथ जोड़े रखने के लिए अलाउंस बड़ा रखे हैं|यह लगभग ८०% बनते हैं| इनमे मुख्यतः फ्लाईंग अलाउंस है|अब रेवेन्यु जेनेरेट करने के नाम पर बेक डेट से अलाउंस पर तलवार चलाई जा रही है|इस कर्मचारी विरोधी पालिसी से रुष्ट होकर पायलट्स एयर इंडिया छोडने को मजबूर किये जा रहे हैं| सोर्सेस के अनुसार ५० अनुभवी पायलट्स एयर इंडिया को छोड़ चुके हैं इनमे से केवल २ पायलट्स ही वापिस लाये जा सके हैं|
एक तरफ तो एयर इंडिया पायलट्स की कमी का रोना रोते रहती है किंग फिशर एयर लाइन्स के ग्राउंड पर आ जाने के कारण एयर इंडिया अब घाटे वाले लाल निशान को पीछे छोड़ कर कुछ फायदे में आती दिख रही है| इसके उपरान्त भी अपने अनुभवी पायलट्स को नाराज़ करके कंपनी छोडने को मजबूर किया जा रहा है|अब यहाँ यह कहना भी तर्क संगत ही होगा कि संसद की चिंताऔर पी एम् के आदेशों को फाइलों में दबाने के साथ साथ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है| यह कहीं न कहीं दाल में कुछ काले की तरफ संकेत जरुर करता है|