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पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के नागरिक से अब हाथ से लिखे आवेदन भी स्वीकार्य होंगें

[नई दिल्ली]पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के नागरिक से अब हाथ से लिखे आवेदन भी स्वीकार्य होंगें |
अभीतक पात्र के लिए ओन लाइन आवेदन किया जाना ही अनिवार्य था | इससे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की आवेदन करने की मुश्किलें दूर होंगी।यह सुविधा ३१ दिसंबर २००९ से पहले भारत आने वालों के लिए है|
केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की भारतीय नागरिकता पाने के रास्‍ते में आने वाली मुश्किलों पर ध्‍यान दिया है और फैसला किया है कि पात्र आवेदक ऑनलाइन की जगह हाथ से लिखे आवेदन भी दे सकते है। दस्‍ती आवेदन स्‍वीकर कर लिए जाएंगे। ये आवेदन उन व्‍यक्तियों के होने चाहिए जो 31 दिसंबर, 2009 से पहले भारत आ गए थे।
ये आवेदन डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट/कलेक्‍टर /डिप्‍टी कमिश्‍नर को दिए जा सकते हैं। इसके साथ जो हलफनामा नियम 38 के तहत नागरिकता नियम 2009 के अंतर्गत प्रस्‍तुत किया जाएगा उसे परित्‍याग (रिंनसिएशन) प्रमाण पत्र के स्‍थान पर समझा जाएगा।
अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के जो बच्‍चे अपने माता-पिता के पासपोर्ट के आधार पर भारत आ गए थे वे भी भारतीय नागरिकता के लिए पासपोर्ट के बिना आवेदन दे सकते हैं।
ऐसा भारत में बिताई गई अवधि के नियमितीकरण के बाद किया जाएगा। लेकिन अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के जिन बच्‍चों का जन्‍म भारत में हुआ है वे भी बिना पासपोर्ट के भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दे सकते हैं। शर्त यह होगी कि भारत में उनके रहने की अवधि का नियमितीकरण हो गया हो। ऐस बच्‍चों के नाम विदेशी पंजीकरण कार्यालय में नियमितीकरण के लिए संबद्ध जिले में दर्ज कराने होंगे।