उच्चतम न्यायालय ने 1993 के बम विस्फोट मामले में दोषी खालिस्तानी आतंकवादी देविंदरपाल सिंह भुल्लर की मौत की सजा घटाकर आज इसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया । न्यायालय ने उसकी दया याचिका को निपटाने में विलंब और उसकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर यह फैसला किया ।बीस साल पुराने इस केस में आये इस फैसले से भुल्लर के शीघ्र रिहा होने की उम्मीद है इस पर जहाँ शिरोमणि अकाली दल ने उचित निर्णय कहा है वहीँ आतंवाद के विरुद्ध जिहाद छेड़े हुए एम् एस बिट्टा ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे पोलिटिकल जस्टिस करार दिया हैइसके लिए बिट्टा ने टी वी चैनलों पर यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी+उनके सलाहकार अहमद पटेल+कानून मंत्री कपिल सिब्बल और के टी एस तुलसी आदि को आतंकवाद का पोषक बताया है |२० साल पहले दिल्ली मेंकांग्रेस युवा कार्यालय में हुए बम धमाके में एम् एस बिट्टा की , दोनों टाँगे चली गई थी और अनेकों कांग्रेस के कार्यकर्ता तथा सुरक्षा कर्मी मारे गए थे | गौरतलब है कि भुल्लर की मानसिक दशा और नये में विलम्भ को देखते हुए सजा में रियायत दी गई है|