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कांठ स्कोर बराबर करने के लिए सहारनपुर में विशेष प्रशिक्षित गुट को छूट तो नहीं दी गई दी गई ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

उजड़ा हुआ सहारनपुरिया

ओये झल्लेया इन दंगाइयों ने अपनी नफरत की आग में हसाड़ी रोजी रोटी को भी स्वाह कर दिया और ये जो हुकमरान हैं हाथ पर हाथ धरे चल चित्र का आनंद ले कर मात्र कमेंट्री करने में लगे हुए हैं|ओये इन बेलगाम दंगाइयों ने अकर्मण्य नौकर शाही +नासमझ शासकों की शह पर पहले मुजफ्फर नगर फिर कांठ और अब हसाडे शांत सहारनपुर को भी अशांत बेसहारा कर दिया तीन निर्दोष लोग मरे गए अनेकों घायल कर दिए गए और तो और दुकानों + घरों को लूटा तक गया नाम पूछ पूछ कर खुले आम गोली मारी गई | ये तो हसाडे लिए दूसरा पाकिस्तान बन गया ओये इन्होने तो हसाडे पवित्र गुरुद्वारा साहब की जमीन को भी कब्रिस्तान बना दिया|ओये कंद्र सरकार+कांग्रेस सरकार+ पंजाब सरकार और यहाँ तक कि अकाल तख्त साहब भी इन दबंगों से न्याय नहीं दिला पा रहे

झल्ला

मेरी संवेदनाएं |झल्ला प्रश्न है|मुजफ्फर नगर और कांठ का स्कोर बराबर करने के लिए सहारनपुर में दंगाइयों के एक विशेष प्रशिक्षित आयातित गुट को खुली छूट देकर रमजान महीने में कहीं सियासी सवाब तो नहीं कमाया जा रहा ?