खेल मंत्रालय ने कुश्ती को ओलंपिक खेलों में बनाए रखने के लिए आईओसी से गुहार लगाईं है|
खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से अर्जेन्टीना के ब्यूनस आयर्स में होने वाली 125वीं बैठक में कुश्ती को ओलंपिक खेलों की मुख्य खेल श्रेणी में बनाए रखने का अनुरोध किया है।
खेल विभाग के सचिव पी.के. देब ने आईओसी के सभी सदस्यों को पत्र लिख कर कहा है कि 1886 में एथेंस में हुई आधुनिक ओलंपिक के उद्घाटन से ही कुश्ती एक स्पर्धा रही है। प्राचीन ओलंपिक में भी कुश्ती शामिल थी। ओलंपिक खेलों की मुख्य श्रेणी से इसे बाहर रखना परम्परा के विरुद्ध है। पत्र में कहा गया है कि आज के समय में कुश्ती की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। इसकी लोकप्रियता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता हैं कि 2012 की लंदन ओलंपिक में कुश्ती स्पर्धा में 71 देशों ने भागीदारी की थी। उन्होंने कहा कि आईओसी द्वारा कुश्ती को 2020 ओलंपिक से अलग रखने से कुश्ती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पत्र में श्री देब ने कहा कि भारत सरकार का मानना है कि कुश्ती को ओलंपिक स्पर्धा के 25 प्रमुख खेलों से बाहर रखने पर फिर से विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि इस खेल के प्रति सार्वभौमिक रुझान है और खर्च की दृष्टि से ये वहन योग्य भी है।