Minimum Governance
(नई दिल्ली)भारत मे भारी सरकार ,पीड़ितों के लिए शासन का अभाव
दुर्भाग्य से अकर्मण्य अधिकारियों की अकर्मण्यता के फलस्वरूप सात दशकों की दौड़ विभाजनविभिषिका के पीड़ित को फिर वहीं ले आई जहां से शुरूआत हुई थी।अपने इस कथन के समर्थन में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के दो पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
1947 की विभीषिका के दर्द को महसूस करके प्रधान मंत्री नरेंद्रमोदी ने लाल किले की प्राचीर से( दुर्भाग्यपूर्ण 14 अगस्त को )विभाजनविभिषिका स्मृति दिवस के रूप में घोषित किया तो विभीषिका पीड़ितो की सोई उम्मीद जग उठी।हजारों विस्थापित परिजनों कोलगने लगा कि अब उनके हक के कम्पेनसशन क्लेम मिल जाएंगे।
लेकिन शासन में बैठे अकर्मण्य अधिकारियों की अकर्मण्यता से सब धूमिल होती जा रही है।
एक उदहारण प्रस्तुत है
अप्रैल 2016 में PMOPG के पोर्टल पर दुखड़ा रोया गया (PMOPG/E/2016/0125052)जिसे कुशल पोस्ट आफिस की भांति तत्काल पँजांब सरकार को भेज दिया गया लेकिन शासन में इच्छाशक्ति के अभाव के चलते उसका उत्तर अभी तक प्राप्त नही हुआ है।
PMO और केंद्रीयगृहमंत्रालय से 17 और 21 जून को अलग अलग RTI के माध्यम से अपने हक के क्लेम और उसकी जानकारी मांगी गई
PMO द्वारा RTI को ग्रह मंत्रालय में भेज दिया गया वहां से जवाब ना आने पर फोन किये तो जवा मिले
कि अभी स्टेनो नही आई हैं
आपकी आरटीआई ट्रेस नही हो रही
एआप एक प्रति भेज देवें
फलां सेक्शन से सम्पर्क करें
दो माह के पश्चात दिनांक शून्य के पत्रक 36/20/2021/R& SO जिसे श्री बलजीत सिंह (डिप्टी सेक्रेटरी व CPIO )द्वारा 16/8/2021 को हस्ताक्षरित पत्र प्राप्त हुआ।गौरतलब है कि हाई वे बनने के फलस्वरूप मेरठ और दिल्ली की दूरी महज एक घण्टे की बताई जा रही है लेकिन इस स्पीडपोस्ट पत्र को पहुंचने में 10 दिन लग गए ।
इस पत्र में भी पूर्व की भांति ही टरकाया,भटकाया,नकारा गया है। डिप्टी सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी ने रिकॉर्ड ट्रेस कराने में असमर्थता जताई है।जो सरकार एक लाख करोड़ रु की एनिमी प्रॉपर्टी को ट्रेस सकती है।पूर्व मंत्री आजमखान के वक्फ का पोस्टमार्टम करा सकती है उसी सरकार के लिए विभाजनविभिषिका के पीड़ित के लिए इच्छाशक्तिका सर्वथा अभाव दुख दाई है
यहां गृहमंत्रालय के ही एक और पत्र का उल्लेख जरूरी है
35/33/2020/R&SO दिनांक 16/11/2020 के माध्यम से पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी गई जिसके उत्तर अभी भी प्रतीक्षा में है
ऐसे में श्री बलजीत सिंह तथ्यों को परख लेते तो सम्भवत समस्या का हल निकल आता
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