[नई दिल्ली]भारत ने विमानन सुरक्षा की रेटिंग बरक़रार रखने के लिए अमरीकी प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) से समझौता किया|
भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और अमरीकी प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) ने आज नई दिल्ली में भारत विमानन सुरक्षा प्रौद्योगिकी सहायता के द्वितीय चरण के लिए अनुदान समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री माननीय श्री पी अशोक गजपति राजू और अमरीका के व्यापार एवं विकास एजेंसी की निदेशक सुश्री लियोकेडिया आई. जाक उपस्थित थे। यूएसटीडीए 808,327 डॉलर की आंशिक सहायता राशि प्रदान करेगा और ठेकेदार ‘द विक्स ग्रूप’ (टीडब्ल्यूजी)75,000 डॉलर की लागत सहायता देगा। भारत सरकार 446,866 डॉलर का योगदान करेगी।
अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) ने अपने 2012 के लेखा परीक्षण में भारतीय विमानन की सुरक्षा के बारे में अनेकों चिंताएं व्यक्त की थी। जिसके बाद अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने सितंबर 2013 में अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मूल्यांकन (आर्इएएसए) परीक्षण किया और दिसंबर 2013 में समीक्षा की तथा जनवरी 2014 में भारत को श्रेणी-2 में रखा गया। मार्च-2014 में अमरीकी प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) ने एफएए के साथ समन्वय कर डीजीसीए के समक्ष यूएसटीडीए अनुदान समझौता परियोजना के अंतर्गत सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव किया, ताकि एफएए आईएएसए की चिंताओं को दूर किया जा सके और श्रेणी -1 की स्थिति हासिल करने में भारत की मदद की जा सके। अनुदान समझौते के तहत अमरीका के ठेकेदार ‘द विक्स ग्रूप’ (टीडब्ल्यूजी) ने डीजीसीए की सहायता की और दिसंबर 2014 में एफएए द्वारा दोबारा मूल्यांकन के लिए इसे तैयार किया। मार्च 2015 की यात्राओं के बाद अप्रैल 2015 में भारत की श्रेणी-1 की स्थिति बहाल की गई।
वर्तमान परियोजना के द्वितीय चरण का उद्देश्य आर्इएएसए श्रेणी-1 की स्थिति बरकरार रखने के लिए 2014 के दौरान किए गए प्रयासों को बनाए रखना और परिचालन, उड़न योग्यता तथा लाइसेंसिंग में सुधार लाना है।
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भारत ने विमानन सुरक्षा की रेटिंग बरकरार रखने को अमरीकी एजेंसी(यूएसटीडीए) से समझौता किया
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई जहाज से सफर करने वालों की समस्यायों को दूर करने का बीड़ा उठाया
हवाई जहाज से सफर करने वाले यात्रियों की समस्यायों को दूर करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कुछ मसलों की पहचान कर ली गई है | इन समस्यायों को दूर करने का अब बीड़ा उठाया गया है|
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल के अनुरूप नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों से संबंधित कुछ बड़े मसलों की पहचान की है और उसे पूर्ण करने का बीड़ा उठाया है।
नागरिकुडडयां मंत्रालय द्वारा बताया गया है के इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और लोगों के अनुरूप तंत्र बन सकेगा।
इन पहल में शामिल है:
1]सभी भारतीय और विदेशी एयरलाइनों तथा एयरपोर्ट ऑपरेटरों से कहा गया है कि वे खासकर वरिष्ठ नागरिकों गर्भवती महिलाओं और अशक्त यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष सुविधाएं जैसे ऑटोमेटिक गाड़ियों और छोटे हैंड बैगेज टॉली की व्यवस्था करे। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाय।
2]देश के सभी ऑपरेशनल हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ/ सुरक्षा हेल्पडेस्क बनाने का निर्णय लिया गया है।
3]एयर इंडिया को कहा गया है कि वह इंटरनेट से कराए जाने वाली बुकिंग की प्रक्रिया सरल करें और रिफंड और खो गए बैगेज के दामों का तेजी से समाधान हो सके।
4]श्री अमरनाथ जी यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाले से कहा गया है कि वह श्रद्धालुओं के लिए हेलीपेड पर कुछ बुनियादी सुविधा जैसे पीने का पानी, चाय कॉफी और मूंगफली और सूखे मैवे जैसे स्नैक्स की व्यवस्था नि:शुल्क करे। यह यात्रा 28 जून से शुरू हो गई है।
5]डीजीसीए हर शुक्रवार को दोपहर बाद 2:00 बजे से 5:00 बजे तक जन्म मित्र दिवस का अयोजन करेगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति बिना पूर्वानुमति के डीजीसीए के अधिकारियों से मिल सकेंगे।
[६]डी जी सी ऐ को “अपने अधिकार पहचानो” नमक पोर्टल शुरू करने के निर्देश जारी किये गए हैं|
इसके अलावा भी कुछ व्यवस्था की गई है जो कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और महानिदेशक नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) से संबंधित है।
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