Ad

Tag: UttraakhandNews

प्राकृतिक आपदा पीड़ित उत्‍तराखंड वि.स. में आकस्मिक ३ रिक्तियों को भरने के लिए २१ जुलाई को उपचुनाव

प्राकृतिक आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए जूझ रहे उत्‍तराखंड की विधानसभा में आकस्मिक ३ रिक्तियों को भरने के लिए २१ जुलाई को उपचुनाव होंगे जिसकी अधिसूचना २७ जून को होगी|इन छेत्रों में तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है
उत्‍तराखंड राज्‍य के तीन विधानसभा निर्वाचनक्षेत्रों-
[१]23-दोइवाला,
[२]51-सोमस्‍वर (सु) और
[३] 42-धारचुला में तीन स्‍पष्‍ट रिक्तियां हैं |इन्हें भरने की आवश्‍यकता है। भारत निर्वाचन आयोग ने निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार इन रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है :-
[१]अधिसूचना जारी करना================27.06.2014 (शुक्रवार)
[२]नामांकन भरने की अंतिम तिथि===========04.07.2014 (शुक्रवार)
[३]नामांकनों की छटनी==================05.07.2014 (शनिवार)
[४]उम्‍मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि======07.07.2014 (सोमवार)
[५]मतदान की तिथि====================21.07.2014 (सोमवार)
[६]मतगणना======================== 25.07.2014 (शुक्रवार)
[७]तिथि, जिससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी ==31.07.2014 (बृहस्‍पतिवार)
आदर्श आचार संहिता
उन जिलों में आदर्श आचार संहिता तात्‍कालिक प्रभाव से लागू है जो उपचुनाव वाले विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूरे अथवा किसी हिस्‍से में आता है। यह आयोग की निर्देश संख्‍या 437/आईएनएसटी/2012/सीसी एंड बीई, दिनांक 26 अप्रैल, 2012 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध) के अनुसार आंशिक सुधार की शर्त पर आधारित है। आदर्श आचार संहिता सभी उम्‍मीदवारों, राजनीतिक दलों और संबंधित राज्‍य सरकार के लिए लागू होगी। आदर्श आचार संहिता संबंधित राज्‍य के उपरोक्‍त जिले के संदर्भ में केन्‍द्र सरकार के लिए भी लागू होगी।
सोर्स :भारत निर्वाचन आयोग

भोले की नगरी केदारघाटी में मानव कंकाल मिलने से राहत कोषों के उपयोग की जांच तो बनती ही है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया इन कांग्रेसियों की नंगई तो देख जरा |केंद्र में सरकार गवाने के बावजूद भी इन्होने अपनी कार्यशैली नहीं बदली |उत्तराखंड का उदाहरण ही ले लो | एक साल पहले यहां प्राकृतिक आपदा आई थी जिसमे सैकड़ों लोग मारे गए थे +हजारों छेत्र वासी तबाह हो गए थे|तभी से केंद्र सरकार और जनता से धन लेकर इनके पुनर्वास और सभी शव बरामद कर लिए जाने के तमाम दावे किये जा रहे थे| हेलीकाप्टर द्वारा लोगों को जीवित निकालने के दावे किये जा रहे थे |दुर्भाग्य वश भोले शंकर की केदार घाटी में एक साल के बाद भी श्रद्धालूओं के शवों के कंकाल मिल रहे हैं|जंगल चट्टी+रामबाड़ा आदि में मात्र तीन दिनों की काम्बिंग में ३४ शव बरामद हो चुके हैं |ये शव किसी मलबे में दबे हुए नहीं थे वरन किसी पेड या पहाड़ की शरण में थे| अब उत्तरा खंड की सरकार के मुखिया हरीश रावत अपनी गलती से घायल होकर aiims में भर्ती हो गए हैं |यारा धार्मिक नगरी में आपदा से निबटने के लिए कोई वास्ता रखेगा कि नहीं?

झल्ला

ये बात तो वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है|प्रधान मंत्री+मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में आये अरबों रुपयों के चंदे का हिसाब जरूर माँगा जाना चाहिए और बिना सियासत के केदार घाटी को राज्य और केंद्र दोनों के दवारा शुद्धिकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए|