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Archive for: October 2012

ये इश्क इश्क है इश्क

नज़रें मिली तो नज़र से गया,दिल मिला तो दिल से गया,
झल्ले ये क्या झल्ल्यत है खुद से मिला और खुदी से गया
हमने कब कहा था हम खुदाई के तलबगार हैं ,सामने आ गए तो निहारने में बुरी क्या है|
खुदाई हुस्न हर किसी को नसीब नहीं होता ,आँख में भर लेने में फिर जग हसाई क्यूं है
खूबसूरत तिलस्म को तोड़ना जरुरी है जमोस इसीलिए नज़रें मिलाते रेहना बेहद जरुरी है

खुद से मिला और खुदी से गया

किंगफिशर एयरलाईन्स कर्मी की पत्नी ने आत्म हत्या की:कंपनी सचिव ने इस्तीफा दिया

किंगफिशर एयरलाइंस के एक कर्मचारी की पत्‍‌नी ने आज गुरुवार को आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट के अनुसार पिछले पांच महीने से पति को वेतन न मिलने से वह डिप्रेशन में थी। यह घटना दिल्ली के पालम गांव की है।किंगफिशर एयरलाइंस में ग्राउंड स्टाफर मानस चक्रवर्ती की पत्नी श्रीमति सुष्मिता चक्रवर्ती ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि सुष्मिता चक्रवर्ती ने बँगला भाषा में सूइसाइट नोट में लिखा है कि आर्थिक तंगी की वजह से वह खुदकुशी का रास्ता चुन रही हैं। उनके पति मानस को पिछले पांच महीने से सैलरी नहीं मिली है | उसे हमेशा इस बात का डर सताता रहता था कि कहीं कंपनी खराब हालत के कारण बंद न हो जाए| इस आत्म हत्या के बाद अब लगने लगा है कि विजय माल्‍या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ा संकट धीरे-धीरे और ज्‍यादा भयावह रूप लेता जा रहा है|
आत्‍महत्‍या की यह दुखद घटना राजधानी दिल्‍ली के द्वारका में हुई.
गौरतलब है कि कंपनी के ज्‍यादातर कर्मचारी पिछले सात माह से वेतन न मिलने की शिकायत कर रहे हैं| कर्मचारियों का एक समूह बकाया वेतन के भुगतान के मसले को लेकर इन दिनों हड़ताल पर भी है| हड़ताल के कारण किंगफिशर एयरलाइंस में आंशिक ताला बंदी चल रही है| प्रबंधन व हड़ताली कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बातचीत बेनतीजा रहने की वजह से ऐसा करना पड़ा है। इन बातों को देखते हुए हड़ताल के और लंबा खिंचने के आसार हैं।
डीजीसीए और केंद्र सरकार ने सुरक्षा के पहलू को नजरअंदाज किए जाने पर किंगफिशर एयरलाइंस प्रबंधन को चेतावनी दी है. एयरलाइंस को कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने के भी निर्देश गए हैं. इतना होने के बावजूद कंपनी वेतन देने की बजाए कर्मचारियों को सिर्फ आश्‍वासन ही देती रही है|आज भी सात माह के वेतन के स्थान पर केवल एक माह का वेतन ही आफर किया गया | बहरहाल, आत्म हत्या की ताजा घटना कंपनी के लिए एक और गंभीर चेतावनी की तरह है|कंपनी का प्रबंधन आज भी ऍफ़ डी आई और बैंकों के भरोसे बैठा है|बैंकों का भरोसा कम्पनी खो चुकी है और विदेशी निवेशकों के लिए यह स्थिति कोई उत्साह जनक नहीं होगी|

किंगफिशर एयरलाईन्स कर्मी की पत्नी ने आत्म हत्या की:कंपनी सचिव ने इस्तीफा दिया


इस घटना के बाद किंगफिशर एयरलाइंस के सचिव भरत राघवन ने इस्तीफा दे दिया है।
एक तरफ तो सरकार उड्डयन छेत्र में ऍफ़ डी आई के जरिये विदेशी धन लाने को प्रयास रत है वहीं डी जी सी ऐ और कम्पनी प्रबंधन के निराशाजनक प्रदर्शन से अब इस छेत्र में भी आत्म हत्याएं होने लगी हैं|यह चिंता का विषय होना चाहिए

ऍफ़ डी आई के लिए पेंशन ,बीमा और कम्पनी बिलों को केबिनेट की हरी झंडी:ममता संसद में विरोध करेंगी

केबिनेट ने आज गुरूवार को दूसरे दौर के आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी | आलोचनाओं+ विरोध और विद्रोहों से बेपरवाह प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार की आर्थिक सुधार की रेल बेधड़क दौड़ रही है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में खुदरा कारोबार में विदेश निवेश को मंजूरी और डीजल के दाम बढ़ाने और एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी को सीमित करने के करीब 20 दिनों बाद दूसरे दौर के आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी गई। आज पेंशन में एफडीआई को हरी झंडी दिखा दी गई और बीमा क्षेत्र में एफडीआई के दायरे को बढ़ाने जैसे अहम फैसले ले लिए गए हैं अब इंश्योरेंस, पेंशन और कंपनी बिल को संसद से मंजूरी दिलानी होगी।
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेंशन कोष नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) बिल पर विचार करते हुए पेंशन क्षेत्र में 26 % के बजाय ४९% एफडीआई की अनुमति दे दी गई। इसी तरह बीमा कानून संशोधन विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 % करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले यूपीए सरकार ने 14 सितंबर को मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी थी। साथी ही नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एफडीआई नियमों में और ढील देने का फैसला किया था। प्रसारण क्षेत्र में भी एफडीआई को उदार बनाया जा चुका है| दूसरे दौर के फैसले से पहले ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी+ तृणमूल कांग्रेस+ समाजवादी पार्टी+बहुजन समाज पार्टी+ बीजू जनता दल +डी एम् के और लेफ्ट बीमा और पेंशन में एफडीआई को मंजूरी का विरोध कर रहे हैं इसके उपरान्त भी पेंशन और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी गई है । आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक आज देर शाम हुई, जिसके बाद इन फैसलों की घोषणा की गई।
इन फैसलों के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम संसद में इन फैसलों का विरोध करेंगे।

ऍफ़ डी आई के लिए पेंशन ,बीमा और कम्पनी बिलों को केबिनेट की हरी झंडी:ममता संसद में विरोध करेंगी

टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

एनी बेसंट स्कूल में अज पुस्तक मेला लगाया गया | टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर

टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

रिटायर्ड प्रिंसिपल के मकान से भी चोरी

शास्त्री नगर के डी ब्लाक में सेवानिवृत प्रधानाचार्य डी पी एस सिरोही के बंद पड़े मकान से लाखों रुपयों के जेवर+कैश+समान चोरी कर लिया गया|परिवार कुछ समय के लिए अपनी रिश्तेदारी में मेरठ से बाहर गया था |लौटने पर मकान की स्थिति का पता चला |श्री सिरोही लखनऊ पालीटेक्निक से रिटायर हुए हैं|

मेरठ के वकीलों ने कचहरी परिसर बंद कराया|

मेरठ के वकीलों ने कचहरी परिसर बंद कराया|

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव त्यागी,के अनुसार बागपत और नोयडा में कोर्ट का समय संशोधित कर दिया गया है \ मेरठ में भी दस बजे से सात बजे तक का समय में संशोधन किया जाना चाहिए | गौरतलब है की कोर्ट के समय को बड़ा कर सुबह दस बजे से शाम सात बजे कर दिया गया है|

केंसर लाईलाज नहीं है

श्री राम चेरिटेबल अस्पताल के सौजन्य से आज गुरूवार को मेरठ में केंसर जागरूकता रेली निकाली गई|बी ऐ बी स्कूल से प्रारंभ इस रेली में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया |छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी जिन पर केंसर के प्रति फ़ैली भ्रांतियां और सावधानियों के बारे में नारे लिखे थे|रेली का मुख्य उद्देश्य यह बताना

गुटका+तम्बाखू+सिगरेट्स का परित्याग करके केंसर से बचा जा सकता है|

था की अब केंसर लाईलाज नहीं है| गुटका+तम्बाखू+सिगरेट्स का परित्याग करके केंसर से बचा जा सकता है|

नरेन्द्र मोदी के पुराने मन्त्र में फिर फंस गए गुजरात में बेचारे कांग्रेसी

गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया दिल्ली की कुर्सी पर नज़रें गडाए नरेन्द्र मोदी ने हमेशा की तरह गांधी परिवार [अब सोनिया] पर हमला बोल कर चुनावी गतिविधिओं को खुद के इर्द गिर्द कर लिया है या कहा जा सकता है कि मोदी ने कांग्रेस को फिर अपने पुराने जाल में फांस ही लिया है|
श्री मोदी हमेशा से ही कांग्रेस की नीतियों की आलोचना करने की बजाय गांधी परिवार पर हमले करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते आये हैं|। और इसी खेल में कांग्रेसी फंसते आये हैं और लगातार अपनी ज़ुबानी गलतिओं के कारण गुजरात की सत्ता से दूर होते जा रहे हैं|
ऎसा पहली बार नहीं है कि जब उन्होंने ने सोनिया गांधी पर हमला किया हो। कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी पर लगातार हमले करते ही आ रहे हैं।

लाल मिर्ची या हरी मिर्ची

2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त मोदी ने कहा था कि सोनिया गांधी जगन्नाथ यात्रा का क्यों विरोध कर रही है? सोनिया गांधी को ये भी पता नहीं है कि लाल मिर्ची बोई जाती है या हरी मिर्ची बोई जाती है। सोनिया तब अनजाने में गुजरात की भावनाओं के विरुद्ध बोल गई | इसका खमियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पडा था|

जर्सी गाय

2004 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भारत उदय यात्रा में सोनिया गांधी को जर्सी गाय कहा था। हालांकि बाद में मोदी को माफी मांगनी पड़ी थी।

सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा

2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि अगर कोई भारतीय इटली का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता तो इटली का नागरिक भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है?

राहुल गांधी अन्तराष्ट्रीय नेता

इस साल 17 सितम्बर को मोदी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय नेता करार दिया था।
मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी तो इटली से भी चुनाव लड़ सकते हैं।

महिलाओं के प्रति संवेदना

गैस सिलेण्डर पर सब्सिडी में कटौती को लेकर मोदी ने 14 सितंबर को कहा था कि सोनिया गांधी महिलाओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।

खुदरा में ऍफ़ डी आई

और इटली
15 सितंबर को मोदी ने कहा था कि रिटले में एफडीआई की अनुमति इटली के व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए दी गई है।
इसीलिए इस पुराने आजमाए हुए मन्त्र को मोदी ने हाल ही में फिर जपा और सोनिया पर आरोप मड़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं पर सरकार ने 1880 करोड़ रूपए खर्च किए हैं
अब इस की प्रतिक्रिया का होना स्वाभाविक ही था पुराणी गलतिओं से सबक नहीं लेने वाले कांग्रेसी इस मोदी जाल में फंस गए|
[१] सबसे पहले हमेशा की तरह तैयार बैठे दिग विजय सिंह ने अपनी जुबान चलाई मोदी को निशाना बनाया और मोदी के साथ आर आर एस को भी झूठा और मक्कार बताया|
[२] मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मोदी को झूठा और विरोधी बताते हुए उन्हें अपना नाम तक बदलने के सलाह दे डाली
[३] मंत्री पद की लाईन में लगे बेचारे हरीश रावत संभलते संभलते भी कह गए कि इतनी बड़ी बात की प्रतिक्रिया तो होती ही है| बताते चलें की दिल्ली के दंगों पर राजीव गांधी[अब स्वर्गीय] के मुह से भी निकल गया था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है|
[४]काग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शकर सिंह वाघेला ने मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि गाधीनगर में गोडसे समर्थकों की सरकार बैठी है। हिंसा के ये पुजारी गुजरात को बर्बाद करने पर तुले हैं। आरएसएस की शाखा में कभी अपने साथी मित्र रहे मोदी पर झूठे प्रचार का आरोप लगाते हुए श्री वाघेला ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों को नए जिलों व तहसीलों का सपना दिखाकर गुमराह कर रहे हैं।
[५] मोदी को कभी मौत का सौदागर कहने से कांग्रेस को हुई हानि का आंकलन करने में विफल सांसद बीके हरिप्रसाद ने नरेंद्र मोदी पर बयान दिया कि उन्हें पूरी दुनिया में हत्यारा के नाम से जाना जाता है। अब मोदी झूठे भी हैं| इससे मोदी मानसिकता दिख रही है|
हो सकता है कि यह कांग्रेस की पार्टी लाईन नहीं हो |हो सकता है कि अपनी अध्यक्षा के नज़रों में चड़ने के लिए नेताओं ने अपनी जुबान की खुजली मिटाई हो|क्योंकि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने गुजरात के राजकोट के रैली में मोदी पर कोई व्यतिगत टिपण्णी नहीं की|यहाँ तक कि अपने ऊपर लगे १८८० करोड़ की यात्राओं के आरोप को भी टच नहीं किया|
वोह शायद यह समझ चुकी हैं कि हत्यारा, दंगा, हिंदू-मुस्लिम जैसे शब्दों से भरे ब्यान नरेन्द्र मोदी की राजनीति को चमकाने वाले औज़ार हैं| इन्ही औजारों का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के राजधर्म की सीख को रद्दी की टोकरी में डाल दिया और भावनाओं में उबाल लाकर पोलिटिकल एनकैश किया|। 2007 में सोनिया के मौत के सौदागर वाले बयान को गुजरात की अस्मिता का सवाल बनाकर वोटों की फसल काटी। अब चूंकि कांग्रेसी पुराने मोदी मन्त्र से फिर से सम्मोहित होते जा रहे हैं इसीलिए सबसे ज्यादा खुश मोदी ही होंगे|उनका पुराना मन्त्र काम आया | गुजरात में लोकायुक्त न होने, वैट की दरें ज्यादा होने, किसानों की खुदकुशी या फिर सौराष्ट्र में पानी के अभाव से मची त्राहि-त्राहि जैसे सवाल अब बैमानी हो चले हैं अब चुनाव मोदी बनाम केंद्र होता जा रहा है|

सोनिया ने मोदी को गुजरात में खरी खरी सुनाई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक गुजराती कांग्रेसी

ओये झल्लेया देखा हसाडी सोनिया गांधी जी का कमाल |गुजरात में आकर माननीया सोनिया जी ने नरेन्द्र मोदी को क्या खरी खरी सुनाई है |सुन्दर भई अति सुन्दर |ओये सोनिया जी ने मोदी को बता दिया है कि हम बदनाम होने वालों में से नहीं हैं| उलटे गुजरात में ही सबसे ज्यादा वेट है+ अतिरिक्त गैस के सिलेंडरों पर सब्सिडी नहीं दी जा रही+ नर्मदा का पानी सौराष्ट्र को नहीं मिल रहा +लोकायुक्त नियुक्त नहीं हुआ+अपराध कम नहीं हो रहे + गरीब किसानो की हितेषी ऍफ़ डी आई को लागू नहीं किया जा रहा इसके साथ ही उन्होंने ये भी बता दिया है कि बेटा नरेन्द्र प्रदेश में विकास के लिए सीना मत ठोक क्यूंकि बाक़ी प्रदेशों से ज्यादा बजट गुजरात को दिया गया है| प्रदेश में जो भी विकास हुआ है हमने ही किया है|

सोनिया ने मोदी को गुजरात में खरी खरी सुनाई

झल्ला

आप जी की सोनिया जी ने नरेन्द्र के आरोपण जाल से बचते हुए वाकई में खरी खरी सुनाई हैं| और तो और मुख्य चुनाव आयोग ने इस छोटे से प्रदेश में त्योहारों के मौसम ना होने के बावजूद १८२ सीटों के लिए चुनावों को दो चरणों में करने का फैसला ले लिया है| लेकिन सोनिया जी ने जो अब वहां खेत तैयार किया है उसकी फसल काटने के लिए आपके पास कोई कद्दावर कांग्रेसी तो है नहीं जाहिर है पिछली बार कि तरह आपकी फसल पकेगी जरूर मगर घात में लगा काट ले जाएगा|सोनिया जी को फिर २०१४ में दुबारा मेहनत करने आना पडेगा|

दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम गले लगा लेंगे:संत दर्शन सिंह जी महाराज

गले लगा लो हर इन्सान को किह अपना है |
चलो तो राहगुजारों में बाँटते हुए प्यार ||
सावन कृपाल रूहानी मिशन के संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव : किसी को हम गले तभी लगा सकते हैं जब हम उसे अपना समझें |
अपना तभी लगेगा जब हम उसमें प्रभु का रूप देखें जो हम अपने
आप में देख रहे हैं | इसलिए जब हम भजन ध्यान के लिए बैठते
हैं और अपने अन्दर शब्द को सुनते हैं , प्रभु की ज्योति के दर्शन

दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम गले लगा लेंगे:संत दर्शन सिंह जी महाराज


करते हैं तो हमें यकीन हो जाता है कि प्रभु हमारे अन्दर बसा हुआ
है और जब हम औरों से मिलते हैं तो उनके अंतर में भी हमें प्रभु के
दर्शन होते हैं | जब हमें दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम
गले लगा लेंगे |
प्रस्तुति राकेश खुराना