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Archive for: February 2013

प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाले इंडिगो जैसे भी अगर घाटे के शहर एयर इंडिया के लिए छोड़ेंगे तो क्या देश बहुत खुश होगा?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

निजी एयर लाइन्स इंडिगो का एक दुखी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने क्या चौधराहट फैला रखी है|सिविल एविएशन मंत्रालय की ओये देखो अतिरिक्त सचिव के कद वाली कमेटी ने पहले हसाडी नंबर वन इंडिगो को १६ यात्री जहाज खरीद कर भारतीय हवा में परवाज करने की इजाजत दे दी लेकिन अब सुना है की मंत्री अजित सिंह उस कमेटी की सलाह पर रोक लगा कर ११ जहाज़ कम कर रहे हैं |

झल्ला

ओ बाऊ जी साहब आप जी की इंडिगो कम्पनी बेशक ६२ जहाज़ों के साथ लगभग २५% मार्केट पर काबिज होकर नंबर वन है लेकिन यह तभी तक है जब तक किंग फिशर एयर लाइन्स हैंगर्स में है और यूं ऐ ई की एतिहाद की जेट के प्रति एह्तियाद जारी है| लेकिन ये तो आप मानोगे की देश के विकास के लिए टियर २ और ३ वाले शहरों के लिए भी सस्ती और सुरक्षित हवाई यात्राएं जरूरी है|अब अगर आप जैसे प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाले अगर मीठा मीठा[लाभ वाले रूट्स] ही खायेंगे और कड़वा[टियर २&३ ] थू थू या एयर इंडिया के लिए छोड़ेंगे तो क्या देश बहुत खुश होगा मंत्री शाबाशी देगा क्यों ?

काश्मीरी अंधेरे में उजाले का “प्रगाश” के खिलाफ कट्टर पंथी फतवे जारी

: कश्मीर की लड़कियों का पहला रॉक बैंड”प्रगाश कट्टर पंथियों को रास नहीं आ रहा है| बेशक इस रॉक बैंड को काफी समर्थन मिल रहा है परन्तु कट्टरपंथी इस रॉक बैंड के सुरों को बंद करने के लिए फतवे जारी कराने लग गए हैं|वरिष्ठ धार्मिक गुरु .मुफ्ती बशरुद्दीन अहमद ने तो इसे गैर-इस्लामी करार देते हुए रॉक बैंड के खिलाफ फतवा जारी कर भी दिया है.| मुफ़्ती का कहना है कि इस प्रकार के खुले पण से बलात्कार की घटनाएँ बढ रही है| लड़कियों को खुले में गाने के बजाये घर में ही रहना चाहिए और बुर्के का प्रयोग किया जाना चाहिए| प्रगतिशील कहे जा रहे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समर्थन बैंड को हासिल है.उन्होंने कहा है कि, पुलिस इस मामले की जांच करेगी और धमकी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ सिरफिरे लोगों की वजह से टैलेंटेड आवाज दबने नहीं दी जाएगी|
लड़कियों का ये रॉक बैंड पहली बार तब चर्चा में आया जब पिछले साल दिसंबर महीने में उन्होंने सालाना ‘बैटल ऑफ द बैंड्स’ प्रतियोगिता में अपना शो किया. इसके बाद इस बैंड के फैन्स की तादाद भी बढ़ने लगी है |नोमा भट्ट, फराह डीबा और अनीका खालिद ने पिछले साल जनवरी में “प्रगाश” नाम से यह रॉक बैंड बनाया था। प्रगाश का मतलब होता है “अंधेरे से उजाले की ओर”। कश्मीर में लडकियों का यह पहला और अकेला रॉकबैंड है। पिछले साल दिसंबर में बैंड ने श्रीनगर में हुए म्यूजिक फेस्टिवल में लाइव दी थी। आज कल उदार वादी कहे जा रहे अनेको सामाजिक और राजनीतिक संगठन विचारों की अभिव्यक्ति के लिए आवाज़ उठाते आ रहे हैं |कमल हासन की विश्वरूपम नवीनतम उदहारण है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस उजाले के प्रति सभी की चुप्पी कुछ परेशान करने वाली जरूर है|

मांस से भरी मारुति छोड़ कर तस्कर भागे

: गोमांस की तस्करी रुक नहीं रही है | पोलिस और मांस सौदागरों में मिली भगत का आरोप लगाते हुए हिन्दू संगठन आगे आने लग गए हैं |रविवार३ फरवरी को भी ऐसी ही एक सूचना पर हिंदू संगठनों की घेराबंदी देखकर दो युवक मारुति कार को मवाना बस स्टैंड के पास छोड़कर फरार हो गए। कार में मांस से भरी दो बोरियां रखी थीं। विरोध में हिंदू संगठनों ने हंगामा भी किया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मांस को जांच के लिए भेज दिया है।
सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल व अजीत के अलावा हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपने वाहनों से कार का पीछा शुरू कर दिया। पीछा होते देख चालक ने मारुति को दौड़ा दिया। उन्होंने फिर कंट्रोल रूम को इस कार के बारे में सूचना दी, लेकिन पुलिस सतर्क नहीं हुई। आखिर में घेराबंदी होते देख चालक व उसका साथी मारुति को बंद कर मवाना बस स्टैंड के अंदर छोड़कर फरार हो गए। सूचना मिलते ही सिविल लाइन इंस्पेक्टर ओमप्रकाश त्रिपाठी वहां पहुंच गए। उनके पहुंचने से पहले हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। मारुति की तलाशी ली गई तो डिग्गी में मांस से भरी दो बोरियां मिलीं। पुलिस लाइन से क्रेन मंगाकर मांस से भरी मारुति को सिविल लाइन थाने ले जाया गया।
कारों में भर कर मांस की तस्करी के प्रति पोलिस का उदासीन रैवय्या और हिन्दू संघठन के आक्रोशित कदम से कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है|बेशक इस गाड़ी में गोमांस नहीं होगा मगर मांस की इस प्रकार खुले आम तस्करी किसी की जिम्मेदारी की मांग तो करती ही है|

सी सी एस यूनिवर्सिटी ने ४ फरवरी को होने वाली बीबीए-बीसीए के कोड संख्या 302 की परीक्षा स्थगित की

सी सी एस यूनिवर्सिटी ने सोमवार ४ फरवरी को पहलीशिफ्ट [ पाली ]में होने वाली बीबीए-बीसीए के कोड संख्या 302 की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की है। इन परीक्षाओं की तिथि बाद में तय की जाएगी |कहा जा रहा है कि शनिवार को पांचवें सेमेस्टर के पर्चा लीक प्रकरण को देखते हुए यह सावधानी बरती जा रही है मगर इस पेपर के भी लीक होने की चर्चा हो रही है|
सोमवार को बीबीए- 302 कोड के तहत इंडियन बैंकिंग सिस्टम, कॉरपोरेट लॉ तथा बीसीए- 302 कोड के तहत डाटा स्ट्रक्चर की परीक्षा तय थी, लेकिन जिस तरह से शनिवार का पेपर लीक हुआ, उसे देखते हुए विवि ने यह कदम उठाया है।चूंकि विवि ने परीक्षा केंद्रों को प्रश्न-पत्र पूर्व में भेज दिए हैं। इसीलिए शनिवार की तरह ही सोमवार की परीक्षा का भी पर्चा आउट न हो जाए, यह कदम उठाया गया है।

तेरे आलौकिक हुस्न की कोशिश की कशिश मैं गरीब भी तेरी ओर खिंचा आ रहा हूँ ,

मनम ग़रीब दयार व तोई ग़रीब नवाज़ ।
दमे बहाले ग़रीब दयार ख़ुद परवाज़ ।
ग़रज करश्माए हुस्न असत वरना हाजत नेस्त ,
जमाल दौलते महमूद रा व जुल्फे अयाज़ ।
अर्थ : हाफ़िज़ साहिब मुर्शिद के आगे प्रार्थना करते हैं , हे मुर्शिद ! मैं गरीब हूँ , तू गरीब नवाज है । मैं धुर – धाम से मुद्दतों से बिछड़ा हुआ हूँ । मुझ गरीब के हाल पर रहम करके मुझे अपने धुर – धाम उड़ा कर ले चल । यह तेरे आलौकिक हुस्न की कोशिश का नतीजा है कि मैं तेरी ओर खिंचा आ रहा हूँ , नहीं तो मेरी क्या हैसियत थी । यही सबब है , नहीं तो कहाँ सुल्तान महमूद और कहाँ बेचारा अयाज़ गुलाम , जिस पर उसकी इतनी मेहर की नज़र थी ।
हाफ़िज़ साहिब
प्रस्तुति राकेश खुराना

98 नॉट आउट खुशवंत सिंह लाये नई किताब खुशवंतनामा: दी लेसंस ऑफ माई लाइफ’

98 नॉट आउट ,साहित्यकार, इतिहास कार,खुशवंत सिंह अपने ९८ वें जन्म दिन पर लाये है एक नई किताब खुशवंतनामा: दी लेसंस ऑफ माई लाइफ’ |अपने निवास पर २ फरवरी शनिवार को अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक निजी समारोह में खुशवंत सिंह ने अपनी नई किताब ‘खुशवंतनामा: दी लेसंस ऑफ माई लाइफ’ की पहली प्रति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी श्री मति गुरशरण कौर को भेंट की।
खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी को हडाली [अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित ]में हुआ। इनके नाम अनेकों उपलब्धियां दर्ज़ हैं|भारत के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। 1980 से 1986 तक राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे| ‘योजना’ के संस्थापक संपादक होने के साथ ही इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया+, नेशनल हेराल्ड+ और हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक रहे।उन्होंने पाकिस्तान मेल+,दि कंपनी ऑफ़ वूमन+ दिल्ली और ए हिस्ट्री ऑफ सिख जैसी किताबें लिखीं। 1974 में उन्हें पद्म भूषण मिला, लेकिन 1984 में स्वर्ण मंदिर में सेना की कार्रवाई के विरोध में उन्होंने यह सम्मान लौटा दिया। वर्ष 2007 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया| सिक्खों का इतिहास उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। 2000 ई. में उनको ‘वर्ष का ईमानदार व्यक्ति’ सम्मान मिला था। खुशवंत सिंह का लेखन अभी भी जारी है |जमोस न्यूज डाट काम परिवार की तरफ से इनके दीर्घायु होने की कामना की जाती है और आशा की जाती है कि सुखी जीवन से ऐसे ही लिखते हुए शतक भी बनाएं |

भाजपा ने कैग की रिपोर्ट को आधार बना कर केंद्र की कृषि ऋण माफी योजना की जाँच की मांग उठाई

किसानों की कर्ज माफी में भी अब घोटाले के आरोप लगने लगे हैं|यह आरोप किसी स्वयम सेवी संस्था ने नहीं वरन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा लगाये गए है और इन आरोपों को भाजपा ने मुद्दा बनाया है|भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस घोटाले की जांच कराने की मांग की है|
राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में ३ फरवरी रविवार को आयोजित किसान महापंचायत में कैग की रिपोर्ट के हवाले से प्रमुख विपक्षी दल के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के 60 हजार करोड़ के कर्ज माफ किए थे| इस माफी में हुए घोटाले को सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है|यह आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने केन्द्र सरकार की कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना में भारी घोटाले का आरोप लगाया और मांग की है कि इस रिपोर्ट को संसद के पटल पर रखा जाए तथा इसकी सीबीआई से जांच कराई जाय | उन्होंने अपने आरोप को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सीएजी की रपट से पता चलता है कि वास्तविक किसानों को कर्ज मिला ही नहीं है|:श्री सिंह ने केंद्र के दावे को चैलेन्ज करते हुए कहा कि इस योजना का साढ़े तीन करोड़ किसानों को लाभ मिला है। लेकिन कैग ने जब लगभग 90 लाख किसानों के खातों की जांच की, तो अधिकांश ऐसे थे, जिन्हें इसका लाभ नहीं मिला। जाहिर है कि इस योजना में भारी घोटाला किया गया है।

मेरठ छावनी के सुरक्षित कहे जाने वाले रजबन बाज़ार के मंदिर में भी चोरी

चोरों के लिए पोलिस या आर्मी की तो छोड़ो लगता है कि अब भगवान का डर भी नहीं रह गया है तभी तो मेरठ छावनी के सुरक्षित कहे जाने वाले रजबन बाज़ार में स्थित काली माई मंदिर के ताले तोड़ कर पूजा के चडावे और अलमारी साफ कर दी गई है|हमेशा की तरह यहाँ भी जांच जारी है|

केयर होम के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके सभी मन मोहा

[मेरठ ]सत्यकाम केयर होम के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके सभी मन मोह लिया
बोम्बे बाज़ार स्थित चैंबर में सत्यकाम संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आर जी इंटर कालेज की प्रधानाचार्या डाक्टर सीमा जैन ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया| इसके उपरांत विशाली राज देव के न्रेतत्व में सभी बच्चों साईं वन्दना की |संस्था अध्यक्ष अजय शर्मा ने संस्था के विषय में जानकारी दी|एस वी एन स्कूल शिवपुरम,बाल विधा शिशु मंदिर,को सम्मानित भी किया गया|स्वीटी कपूर,[भारतीय सेना]राजेंद्र सिंह आर्या[सहायक मनोरंजन कर आयुक्त]डाक्टर अमित पाठक,डाक्टर एस पी सोंधी,विश्व जीत ,शालीन शर्मा,आदि ने भी उपस्थिति दर्ज़ कराई|नवीन प्रधान ,ऋतू राज,नवीन प्रकाश कौशिक,दीपक कुमार आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में यौगदान दिया

सी सी एस यूनिवर्सिटी वाले नक़ल रोकने में हावर्ड से फास्ट तो हैं मगर कार्यवाही में उनसे तेज नहीं हैं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक मेरठी आहत स्टूडेंट

ओये झल्लेया ये हसाड़ा मुल्क किधर गर्त में जा रहा है ओये आये दिन हड़ताल +मारामारी+भ्रष्टाचार+नेता गिरी+गोली बारी के झटके झेलते हुए हमने मन लगा कर पढाई की अब ये एग्जाम का भाग्यवान दिन आया तो इस सी सी एस यू का सिस्टम भी खोखला ही निकला |ओये पांचवें [१]सेमेस्टर के बी बी ऐ और बी सी ऐ के पेपर आउट करा दिए गए|हे राम अब ये पेपर दोबारा होंगे |ऐसा लगता है कि हमारी पढाई बेकार ही जायेगी|[ ५०२][१०२] और अगर डिग्री मिल भी गई तो उसकी मार्किट में वेल्यु कया रह जायेगी?

झल्ला

भोले राजा दुआएं या बददुआएं जो भी देनी हो लोक प्रिय अमर उजाला और दैनिक जागरण के स्थानीय संस्करणों को दो| इन्होने ही तत्काल पेपर लीकेज की खबर ले कर सबको खबर कर दी और समय रहते पेपर ही कैंसिल हुए वरना तो अमेरिका की विश्व प्रसिद्द हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ,अरे हाँ वही जहां से राहुल गांधी ने भी शिक्षा पाई है, में एक साल के बाद नक़ल का पता चला है वहां पेपर दुबारा नहीं करा रहे वरन नकलचियों को रेस्टिकेट [निकाला] ही किया जा रहा है| आधे नकलची [६०]तो निकाले भी जा चुके होंगे |वैसे मानना पडेगा कि ये सी सी एस यूनिवर्सिटी वाले हावर्ड यूनिवर्सिटी वालों से फास्ट[चुस्त] तो जरूर हैं मगर कार्यवाही में उनसे तेज नहीं हैं|