दिल्ली की कमान लेफ्टिनेंट गवर्नर के हाथों सोंपने के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में”आप पार्टी “की याचिका स्वीकार हो गई है जिस पर २४ फरवरी को सुनवाईहोगी|
सर्वोच्च न्यायलय ने “आप” की दायर याचिका को सुनवाई के लिए संज्ञान में ले लिया है |सुनवाई के लिए २४ फरवरी [सोमवार] की तारीख दी गई है|
गौरतलब है कि अरविन्द केजरीवाल को जब दिल्ली की विधान सभा में जन लोक पाल पेश नहीं करने दिया गया उस समय केजरीवाल ने मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा देकर विधान सभा भंग करके चुनाव कराने की सिफारिश की थी लेकिन गृह मंत्रालय ने माइनॉरिटी का डिसिशन कह कर इसे अस्वीकार कर दिया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया अब दिल्ली की कमान लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के हाथों में है |नजीब जंग पर कांग्रेस पार्टी+पूर्व मुख्य मंत्री शीला दीक्षित+ और अम्बानी का नजदीकी बताया जा रहा है|दिल्ली में एल जी शासन के विरुद्ध “आप” पार्टी द्वारा बीते दिनों एक याचिका दायर की गई जिसे संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस पी सथासिवम[ Chief Justice P Sathasivam ] की बेंच ने पेटिशन [ petition ] पर सुनवाई के लिए २४ फरवरी तय की है|
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दिल्ली की कमान एल जी के हाथों सोंपने के विरुद्ध “एस सी” में”आप”की याचिका स्वीकार :२४ फरवरी को सुनवाई
फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करके राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर मोहर लगाईं
फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की कतरनों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करते आज राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर को २९ वे राज्य के रूप में अपनी मोहर लगा दी |
इस अवसर पर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने शेष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष छह सूत्री पैकेज का ऐलान भी किया
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा
[प्रथम], केंद्रीय सहायता के उद्देश्यों के लिए, 13 जिलों वाले शेष आंध्र प्रदेश को पांच वर्ष की अवधि के लिए विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया जाएगा जिसमें चार जिले रायलसीमा के और तीन जिले उत्तर तटीय आंध्र के होंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
[दूसरी], विधेयक में पहले ही निर्धारित किया गया है कि केंद्र सरकार विभाजन के बाद दोनों राज्यों में औद्योगीकरण और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए कर छूट सहित समुचित राजकोषीय उपाय करेगी। ये छूट कुछ अन्य राज्यों को दी जा रही छूट की तरह ही होंगी।
[तीसरी], विधयेक में पहले ही कहा गया है कि शेष आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों, विशेष रूप से रायलसीमा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में विशेष विकास पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। यह विकास पैकेज ओडिशा में के-बी-के (कोरापुट-बोलनगीर-कालाहांडी) विशेष योजना तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड विशेष पैकेज की तरह ही होगा।
[चौथी], मैं माननीय सदस्यों को पुनः आश्वासन देता हूं कि यदि पोलावरम प्ररियोजना के लिए सुगम और पूर्ण पुनर्वास और पुनर्स्थापना (आर एंड आर) के लिए कोई और संशोधन आवश्यक हुए तो जल्द से जल्द प्रभावी किए जाएंगे। हमारी सरकार पोलावरम परियोजना निष्पादित करेगी -इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
[पांचवी], नए राज्य के बनाने के लिए दिन अधिसूचित तिथि से संबंधित इस तरह से नियत किया जाएगा ताकि कार्मिक, वित्त और परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के वितरण के संबंध में तैयारी करने का काम संतोषजनक ढंग से पूरा किया जा सके।
[छठी], विभाजन के बाद शेष आंध्र प्रदेश में पहले वर्ष, खासतौर से नियुक्ति दिन और भारत सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने की अवधि के दौरान होने वाले संसाधन के अंतर की पूर्ति 2014-15 के लिए नियमित बजट में की जाएगी।
राजीव गांधी के हत्यारों को जयललिता फिलहाल रिहा नहीं कर पाएंगी:Supreme Court Stays Release
राजीव गांधी के तीन हत्यारों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है|इससे पूर्व तमिल नाडु की जय लेता शासित सरकार ने कुल ७ अपराधियों की रिहाई के संकेत यह कहते हुए दिए थे कि राज्य स्तर पर प्रोसीज़रल लैप्सेस [procedural Lapses ] हुए हैं इन सात अपराधियों में से तीन को पूर्व प्रधान मंत्री श्री राजीव गांधी की ह्त्या के आरोप में फांसी कि साज सुनाई जा चुकी है| चीफ जस्टिस पी सथासिवम [ P Sathasivam] की अध्यक्षता वाली तीन जज बेंच ने आज तीन फांसी की सजा प्राप्त तीनो अपराधियों के केस में उठावत स्थिति बनाये रखने के आदेश दिए हैं|
पूर्व में तमिल नाडु सरकार ने तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि इस विषय मेंकेंद्र से कोई उत्तर नहीं आया तो सातों कैदियों को रिहा कर दिया जायेगा
इस पर प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया और तत्काल कानूनी कार्यवाही शुरू की गई|
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “श्री राजीव गांधी की हत्या भारत की आत्मा पर हमला था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और हमारे महान नेता एवं अनेक बेगुनाह भारतीयों के हत्यारों की रिहाई न्याय के सभी सिद्धांतों के विपरीत होगी। किसी सरकार या दल को आतंकवाद से हमारे संघर्ष में नरम रवैया नहीं अपनाना चाहिए” “सरकार स्वर्गीय राजीव गांधी की हत्या से उपजे कानून के बुनियादी मुद्दों पर उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका[ review petition ] लगाने जा रही है।
हमने तमिलनाडु सरकार को यह सूचना भी दी है कि श्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने की उसकी प्रस्तावित कार्यवाही कानूनन तर्कसंगत नहीं है तथा इस पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए।”
केजरीवाल ने एस आई टी के शीघ्र गठन के लिए एल जी नजीब को जंगी पत्र लिखा
नई दिल्ली [जासं]।आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिख कर अपील की है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए जल्द से जल्द विशेष जांच दल [एसआइटी] का गठन किया जाए।
उनका कहना है कि ३० वर्ष पूर्व हुए सिख दंगों के कई चश्मदीद गवाह बुजुर्ग हो चुके हैं इन दंगों में लगभग ३ हजार निर्दोष मारे गए थे| एसआइटी का गठन न्याय के लिए एक मात्र उम्मीद है। इसलिए एसआइटी टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाए।
गौरतलब है कि आप सरकार ने छह फरवरी को उपराज्यपाल से सिफारिश की थी कि सिख दंगों की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए और एक साल के भीतर जांच कराई जाए। यह सिफारिश केजरीवाल मंत्रिमंडल ने भेजी थी,इसमें दिल्ली से बाहर के तीन आई पी एस अधिकारीयों को शामिल करने का सुझाव दिया गया था जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी।एस आई टी की रिपोर्ट के लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है| केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि दर्ज कराई गई ५८७ ऍफ़ आई आर में से आधी क्लोज कर दी गई हैं ऐसा कांग्रेस के दबाब में किया गया है|
केंद्रीय संसद के दोनों सदनों में जो शर्मनाक हुआ उसका असर प्रदेशों की विधान सभाओं में तो होना ही था
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
दुखी आम आदमी
ओये झल्लेया ये राजनीती में कैसा नंगा नाच शुरू हो गया है|लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया जा रहा है देख तो जम्मू कश्मीर की विधान सभा में खुले आम थप्पड़ मारे जा रहे हैं तो हसाडे अपने उत्तर प्रदेश में कपडे उतारे जा रहे हैं|जम्मू कश्मीर में विस्थापित पंडितों के लिए राशन की मांग को लेकर विपक्षी पी डी पी के उग्र टोपी धारी विधायक ने स्टाफ पर ही थप्पड़ बरसा दिए तो यूं पी की विधान सभा में चीनी मिल मालिकों के खिलाफ बरसों से खुड्डे लाईन लगे हुए कांग्रेस+रालोद+बसपा+भाजपा आदि ने सारे नियम कानून ताक पर रख दिए कुछ ने तो अपने कमीज टी शर्ट तक उतार दिए और तो और ताजुलवक्त हुकुमरान जनाब आजम खान साहब ने फार्मा दिया कि बाकी के कपडे भी उतार दो ताकि मर्दानगी अच्छी तरह से देखी जा सके | ओये हसाडा लोक तंत्र अगली सदी में जा भी पायेगा ???
झल्ला
भापा जी काह गया है कि बाप पे पूत जात पे घोडा बहुत नहीं तो थोडा थोड़ा अब इस कहावत को राजनीती में फिट करो तो देश की संसद के दोनों सदनो में जो मिर्ची स्प्रे हुआ+महासचिव के साथ टी डी पी की धक्का मुक्की हुई फिर ब्लैक आउट हुआ ऐसे में इन बड़ों का असर इनके बच्चों यानि विधान सभाओं में पड़ना लाजमी ही है
साढ़े तीन सौ करोड़ रुपयों[औसतन] का कोयला प्रति वर्ष अज्ञात कारणो से चोरी हो रहा है
साढे तीन सालों में एक हजार दो सौ इकत्तीस करोड़ रुपये मूल्य का अट्ठावन हजार सात सौ तेरह टन कोयला चोरी हुआ है |जिसके लिए ४८५ ऍफ़ आई आर दर्ज कराई गई है लेकिन मंत्रालय और पुलिस दोनों ही चुराए गए कोयले की सही मात्रा तथा हुए घाटे की रोकथाम करना तो दूर अभी तक चोरी की मात्रा और कारणों को निर्दिष्ट नहीं कर पाये हैं |
कोयला राज्य मंत्री प्रतिक प्रकाश बापू पाटील ने लोक सभा में लीपा पोती करते हुए बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड रेलवे साइडिंगो[ SIDINGS] एवं रोड-सेल केन्द्रों पर कोयले की बिक्री एफओरआर (रोड/रेल पर मुफ्त) आधार पर करती है तथा परिवहन माध्यम चुनने और कोयला परिवहन का उत्तरदायित्व खरीद करने वालों का है।मंत्री के कथनानुसार कोयले की चोरी/उठाईगिरी चोरी छिपे और गुप्त रूप से की जाती है। अत: चुराए गए कोयले की सही मात्रा तथा चोरी/उठाईगिरी के कारण हुए घाटे को निर्दिष्ट करना संभव नहीं है।
तथापि सुरक्षा कार्मिकों द्वारा मारे गए छापों और संबंधित राज्य सरकार के कानून और व्यवस्था प्राधिकारियों के साथ मारे गए संयुक्त छापों के अनुसार, कोयले की लगभग मात्रा, इसका मूल्य और पिछले तीन सालों तथा चालू वर्ष (सितम्बर, 2013 तक) के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड में कंपनी-वार दर्ज एफआई आर नीचे दी गई है:-
वर्ष
बरामद की गई मात्रा (टन में)=======लगभग मूल्य (लाख रू. में)======================दर्ज एफआईआर
2010-11=====20660.04========327.70=================================167
2011-12====14918.57=========316.32=================================125
20112-13====15367.87========315.67=================================153
2013-14 =====7766.62=========271.37 =================================40
(सितम्बर 2013 तक)
(अंतिम)====================================================================
टोटल ======५८७१३.१ टन =============१२३१.०६ करोड़ रूपये ====================485
सरकारी/कोयला कंपनियों द्वारा कोयले की चोरी/उठाईगिरी रोकने के लिए उठाये विभिन्न कदमों में निम्नलिखित शामिल है:-
(i) कमजोर बिंदुओं पर चैक पोस्टों की स्थापना।
(ii) कोयला डम्पिंग यार्ड और रेलवे साइडिंग के आसपास तारबंदी, प्रकाश व्यवस्था तथा 24 घन्टे सशस्त्र गार्डों की तैनाती।
(iii) ओवर बर्डन डम्प तथा रेलवे साइडिंग सहित खान के आसपास नियमित गश्त।
(iv) नियमित अंतरालों पर जिला/राज्य अधिकारियों के साथ संवाद तथा सम्पर्क साधना और प्रशासन के साथ नियमित बैठक आयोजित करना।
(v) उठाईगिरी रोकने हेतु जिले से बाहर ट्रकों द्वारा कोयला परिवहन के लिए चालान जारी करना तथा होलोग्राम लगाना तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर करना।
(vi) कोयले की चोरी/उठाईगिरी के विरूद्ध स्थानीय थाने में कोलियरीज के प्रबंधन द्वारा सीएसआईएफ द्वारा एफआईआर दर्ज करना।
(vii) चरणबंद्व तरीके से पुराने/परित्यक्त/खुले कोयला मुहानों का भरना/डोजिंग/सीलिंग/ब्लास्ट करना।
(viii) जीपीएस आधारित ट्रक मानीटरिंग प्रणाली आदि का स्थापना।
(ix) इलैक्ट्रोनिक तोल सेतुओं की स्थापना।
कोयलामंत्रालय के राज्य मंत्री के अनुसार कोयले की चोरी के लिए उपरोक्त ९ उपाय किये गए हैं लेकिन इन उपायों से हुआ लाभ या चोरी की रुकावट का ब्यौरा नहीं दिया गया है
तेलंगाना पर हो रही खूनी सियासत को देख कर,झल्ले मुंह से निकला सबके खुदा प्लीज सबकी खैर करीं
चाहत नहीं है अब महल या फिर माढ़ियों की। बस उतना मिल जाये जितना अपना भर है॥
ये भी नहीं समाज ने कहा वो ही अपना हक़ है । सरकारी एलान पर भी नहीं है कोई शुबहों शक॥
संसद,परिषदों में हंगामे रोज देख कर “झल्ला”। अपना तो पाक साफ़ ईमान तक डोलने है लगा ॥
दशकों पुरानी बात अब नई बन कर उभर आई है। आप बीती सुनो बेशक”झल्ला”होनी जग हंसाई है॥
देश विभाजन में कुनबे दरबदर यहाँ वहाँ से हो गए । मुआवजे की आस लिए पीढ़ियां भी रुखसत हो गईं॥
हुकुमरानों ने अब आंध्रप्रदेश को तक्सीम किया है।सीमांध्र के लिए मोटे पैकेज का एलान किया है ॥
ये और बात है कि १९४७ के पीड़ितों का मुआवजा |अभी भी कागजों के कब्रिस्तानों में ही दफ़न है पड़ा है |
कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है बार बार । नई पीढ़ी की सोच कर ही रूह कांप कांप जाती है॥
तेलंगाना पर हो रही खूनी सियासत को देख कर |पंजाब और हरियाणा में फंसे चंडीगढ़ की याद आती है|
अब हैदराबाद की सोच कर बेसाख्ता मुह से यही निकलता है प्लीज सबके खुदा सबकी खैर खैर खैर करे||
International Gandhi Award to Dr.Vijaykumar Vinayak Dongre and Prof. Guocheng Zhang For contribution in the field of leprosy
International Gandhi Award to Dr.Vijaykumar Vinayak Dongre and Prof. Guocheng Zhang For contribution in the field of leprosy
The President of India, Shri Pranab Mukherjee presented the International Gandhi Award for the year 2013 to Dr. Vijaykumar Vinayak Dongre and Prof. Guocheng Zhang for making outstanding contribution in the field of leprosy on February 15, 2014 at Rashtrapati Bhavan, New Delhi.
Speaking on this occasion, President said that the need of the hour is to intensify our efforts towards early detection of leprosy cases, provide equitable access to appropriate treatment and provide integrated leprosy services in the geographically focused areas. Over the years, the scourge of leprosy has remained a blot on humanity. More than the medical condition, the social stigma attached to the disease is a cause for concern. He stated that there is a need to empower those who have been socially discriminated an account of leprosy, through advocacy and information dissemination. Social challenges for leprosy do persist, but at the same time, it is heartening to note that the United Nations has now passed a resolution on discrimination against people affected by leprosy and efforts are being made to repeal laws that prevent people affected by leprosy from participating in society.
The President extended his heartiest congratulations to the recipients of the International Gandhi Award for Leprosy– Prof. Guocheng Zhang and Dr. V. V. Dongre who have both dedicated several decades of their lives to eradicating leprosy through treatment, training and research.
The President said that the latest World Health Organization Expert Committee has set the challenge to reduce the rate of new patients with disability due to leprosy to one in a million by 2020. This challenge can be met only through a multi – dimensional and integrated approach. He urged all stakeholders to come together and make concerted efforts for the total eradication of leprosy. He also wished the Gandhi Memorial Leprosy Foundation and all those involved in this noble mission all success in their endeavors.
The International Gandhi Award was instituted by the Gandhi Memorial Leprosy Foundation to commemorate Mahatma Gandhi’s service and scientific approach towards leprosy. The two awards are given every alternate year to individuals/institutions for making outstanding contribution in the field of leprosy.
Photo Caption
[1] The President, Shri Pranab Mukherjee presenting the International Gandhi Award for the year 2013 to Prof. Guocheng Zhang for making outstanding contribution in the field of leprosy, in New Delhi on February 15, 2014.
The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari is also seen.
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