Prohibitory Orders against Publishing details of Investigation in Hyderabad Twin Blasts Cases
The National Investigation Agency (NIA) Special Court in Hyderabad has issued prohibitory orders against the publishing of details of investigation in Hyderabad twin blasts cases of 21st Feb, 2013 by the media houses.
This is against (1) Ahmed Zarar @ Yasin Bhatkal, (2) Asadullah Akthar @ Haddi and their associates of Indian Mujahideen, The court has given directions to print and electronic media not to publish any proceedings of these cases without the prior permission of the Hon’ble Court.In its order, the NIA Spl Court observed …“it is just and necessary to give direction to the print and electronic media not to publish any of the proceedings in this case in RC No. 1/2013 and RC 2/2013 of National Investigation Agency, Hyderabad including the publishing and telecasting in any manner touching the documents of on going investigation of this case without prior permission from this Court.The print and electronic media are advised to note the directions of the Court for compliance.
Category: Crime
Media Directed not to publish proceedings of Hyderabad Twin Blasts Cases of 21st Feb, 2013
दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए राष्ट्रपति श्रेय के वास्तविक हकदार हैं ,राहुल गाँधी नही: सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से
[नई दिल्ली] दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए राष्ट्रपति श्रेय के वास्तविक हकदार हैं ,राहुल गाँधी नही: सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पत्रकार लालकृष्ण आडवाणी ने दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए , अपने नवीन ब्लॉग में,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को क्रेडिट दिया | ब्लॉगर अडवाणी ने अध्यादेश पर केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार के यूटर्न लेने का कारण राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को बताया है। उन्होंने इसके पीछे राहुल के विवादास्पद बयान को दरकिनार करते हुए लिखा है कि इस विषय में राहुल गाँधी को श्रेय देने की कोई जरूरत नहीं है। आडवाणी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को एक बार फिर से सरकार की साख को बचाने का श्रेय दिया है।
अडवाणी के अनुसार राहुल के बयान के बाद मुश्किल में फंसे प्रधानमंत्री ने देश वापसी के बाद केबिनेट में इस पर चर्चा की बात कही थी। राहुल ने अपने साडे तीन मिनट के बयान में इसको बकवास करार देते हुए अध्यादेश को फाड़कर फेंक देने की बात तो जरूर कही, लेकिन यह नहीं बताया कि यह क्यों बकवास है और उन्हें यह क्यों नामंजूर है।
24 सितंबर को दागी नेताओं की कुर्सी को बचाने वाला अध्यादेश सरकार ने पास किया था तभी लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इसका विरोध करने की जानकारी ट्वीट आदि के जरिए दी थी जिसके पश्चात वह अपने पार्टी के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति से मिले भी थे। राष्ट्रपति से हुई 45 मिनट की बातचीत में वह खुद इस बात को लेकर आशांवित थे कि राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और एक और रबर स्टाम्प राष्ट्रपति नहीं बनेंगे
उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रपति के चेहरे से यह जाहिर हो रहा था कि वह उनकी बात से पूरी तरह से सहमत हैं।
तेलंगाना के गठन की विरोधी भावनाओं को व्यक्त करना हो तो राहुल गाँधी को पहले उचित शब्दों का चयन कर लेना चाहिए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
उत्साही कांग्रेसी
ओये झल्लेया मुबारकां ओये देखा हसाड़े सोणे ते मन मोहणे पी एम् दा कमाल|एड्दे वड्डे आन्ध्र प्रदेश को फाड़ कर २९वे राज्य के रूप में तेलंगाना को दिया निकाल और भाजपाई कमल को कर दिया निढाल|ओये अब तो हसाडी कांग्रेस और सोनिया जी का परचम वहां भी लहराए ही लहराए
झल्ला
चतुर सुजाण जी खैर मुबारक जी |दूसरे छोटे राज्यों की मांग को दर किनार करके आप जी की केबिनेट ने तेलंगाना के गठन को बेशक मंजूरी दे है लेकिन अपने भावी चेहरे राहुल गाँधी को जरूर समझा देना के तेलंगाना के गठन को लेकर उठ रहे विरोधी स्वरों से उद्वेलित होकर अगर कोई बयाँ देना हो तो कम से कम विरोधी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उचित शब्दों का चयन कर के पहले ही रख लें वरना फिर माँ की डांट खानी पड़ सकती है
चुनावी फायदे के लिए तेलंगाना गठन को केबिनेट ने हरी झंडी क्या दी कि मंत्रियों के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया:चिरंजीवी+सूर्य रेड्डीने मंत्री पद छोड़े
आन्ध्र प्रदेश का विभाजन करके तेलंगाना के रूप में २९वा प्रथक राज्य बनाने के लिए ब्रहस्पतिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है जिससे आहात होकर फिल्म स्टार और केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी तथा रेल राज्यमंत्री सूर्य प्रकाश रेड्डी ने बृहस्पतिवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। आंध्रप्रदेश से कांग्रेस सांसद अनंत रेड्डी+ साई प्रकाश रेड्डी +वी अरुण कुमार ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी है|
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी देते हुए दोनों राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे के लिए मंत्रिमंडलीय समूह बनाने का फैसला लिया गया।बताया जा रहा है कि इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीचगर्म बहस भी हुई|
जाहिर है चुनावों में फायदा उठाने के लोभ में लिए गए इस निर्णय से भी केंद्र सरकार फंसती दिख रही है।
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गणित दुरुस्त करने के इरादे से केंद्र ने तेलंगाना के गठन को हरी झंडी दी कि कांग्रेस सांसदों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले करीब सवा घंटे चली कैबिनेट की इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीच असंतोष के स्वरों की सुनामी बही जिसके फलस्वरूप सीमांध्र से आने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी सहित चार कांग्रेसी सांसदों ने इस्तीफा दे दिया। दिल्ली में शाम को प्रधानमंत्री आवास के बाहर भी तेलंगाना विरोधी प्रदर्शन करने पहुंच गए।
इस घटना क्रम से लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह ने बैठक में ही हरित प्रदेश का मुद्दा उठा दिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग हरित प्रदेश बनाने के इस मुद्दे को , प्रधानमंत्री व मंत्रिमंडल के दूसरे सहयोगियों ने, कोई तवज्जो नहीं दी।
नरेंदर मोदी के शौचालय में जय राम रमेश सरीखे कांग्रेसी फंस ही गए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक कुपित भाजपाई
ओये झल्लेया ये केन्द्रीय मंत्री जय राम रमेश के सर पर लगता है कि सत्ता का नशा कुछ ज्यादा ही चड गया है तभी उन्होंने हिन्दुओ कि भावनाओं पर एक बार फिर से कुठाराघात कर दिया ओये इसकी हिम्मत तो देखो कहता है कि श्री राम कि जन्म स्थली अयोध्या में महा-शौचालय बना दिया जाना चाहिए ओयेलगता है कि तुष्टिकरण की निति का पालन करते करते ये लोग सारी मर्यादा भी भूल गए हैं |
झल्ला
अरे सेठ जी आप को तो खुश होना चाहिए आपके नरेंदर मोदी के शौचालय में कांग्रेसी फंसने शुरू हो गए हैं |अब देखो बेशक मोदी ने महात्मा गाँधी को श्रधांजलि देने के लिए शौचालयों का महत्त्व स्वीकार करके गुजरात में विकास की बात कही थी लेकिन पत्रकार नेता और मनरेगा जैसी महत्त्व कांक्षी यौजना के प्रभारी
जय राम रमेश सरीखे कांग्रेसी फंस गए हैं |ठीक है में समझाता हूँ सबसे पहले तो
[१] जय राम रमेश ने यह मान लिया है कि अयोध्या में राम मंदिर ही था क्योंकि अगर किसी दूसरे धर्म के विषय में कम से कम चुनावों के समय ऐसी बात कहने से पहले इनके मंत्री पद का राम राम कर दिया जाता |
[२] अयोध्या से करोड़ों लोगों कि भावनाएं जुडी हैं ऐसे में वहां शौचालय बनाने की वकालत करने वाला या तो स्वयम पीड़ित है या फिर मानसिक रूप से बीमार झल्लेविचरनुसार जय राम रमेश इनमे से किसी भी केटेगरी में नहीं आते हैं| जाहिर है ऐसे में उन्होंने महज सुर्खियाँ बटोरने के लिए अयोध्या में महा-शौचालय बनाने की वकालत की है और अगर ये सच है तो सेठ जी इस शौचालय से हिन्दुओ के विरुद्ध तुष्टिकरण की बू आती है क्यों ठीक है ना ठीक ?
राबडी देवी के हीरो लालू यादव सहित दो मुख्य मंत्रियों को चारा घोटाला में ५-४ साल की कैद और २५-२ लाख रुपयों का जुर्माना
बिहार में चारा घोटाला में प्रदेश के दो पूर्व मुख्य मंत्रियों को जेल|
सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में आज राष्ट्रीय जनता दल[ RJD ] के प्रमुखऔर बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव को पांच साल की कैद और 25 लाख रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को चार साल की कैद और दो लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनायी। इस सरे घटना क्रम को आरजेडी अध्यक्ष और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादवके विरुद्ध राजनीतिक साजिश बताते हुए उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने कहा है कि वह[लालू] हीरो हैं और हीरो रहेंगे।
रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष सीबीआई अदालत का यह फैसला सुनाया गया |
कांग्रेस के राज्य सभा सांसद रशीद मसूद के बाद लालूप्रसाद यादव दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं, जिनकी संसद सदस्यता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक खत्म हो जाएगी| अब लालू को ऊंची अदालत से ही राहत की उम्मीद है| घोटाले के अन्य आरोपी बी एन शर्मा + के एम प्रसाद को पांच साल जेल और डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है| जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्रा को चार साल की सजा सुनाई गई है|
कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए लालू के वकील ने कहा, अपराधी को जेल में रखने का मकसद उसमें सुधार लाना होता है| इसीलिए लालू को जेल में रखने का फायदा नहीं है| गौरतलब है कि 17 साल पुराने चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी. इसमें लालू पर चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने का मामला भी था,कोर्ट ने उन्हें 30 सितंबर को ही दोषी ठहरा दिया था तभी से ही लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं|
शटडाउन के बावजूद ओबामा हेल्थ केयर प्लान में पहले दिन ही ६ मिलियंस से अधिक अमेरिकन्स रूचि दिखा चुके हैं
अमेरिकन प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने अपनी कार्यपालिका को जीवन दान देने के लिए विधायिका विशेष कर रिपब्लिकन्स पर दबाब बनाना जारी रखा है|शट डाउन के दुसरे दिन ओबामा ने रिपब्लिकन्स को घेरने के लिए सभी तरफ से आक्रमण शुरू कर दिए है| व्हाईट हाउस के नथानिएल लुबिन[ Nathaniel Lubin ] ने अपने ब्लॉग में बताया है कि रिपब्लिकन द्वारा थोपे गए शट डाउन के बावजूद ओबामाकेयर के अंतर्गत हेल्थ इन्स्युरेंस स्कीम को लागू कर दिया गया है| ४.७ मिल्लियंस [ 4.7 million ] लोगों ने शुरुआत में ही रूचि दिखाई जबकि बुधवार की दोपहर तक न्यू हेल्थ इन्शुरन्स मार्किटप्लेस [ new Health Insurance Marketplaces ] की जानकारी के लिए हेल्थ केयर साईट पर [HealthCare.gov. ]आने वालों की यह संख्या ६.१ मिलियंस तक पहुँच गई| इससे इस यौजना की लोक प्रियता और आवश्यकता उजागर होती है|इसके साथ ही व्हाईट हाउस की वेबसाईट को खोलते ही पड़ने में आता है कि कांग्रेस सरकार को फंड जारी करने में नाकाम रही है इसीलिए इस वेबसाईट को अपडेट नहीं किया जा सकता|
प्रेजिडेंट ओबामा ने भी आक्रमण की कमान कसते हुए विपक्षी रिपब्लिकन्स पर शट डाउन की जिम्मेदारी डाली उन्होंने विपक्ष को जन भावना का विरोधी करार दिया| बुद्ध वार को ही एक अन्तराष्ट्रीय न्यूज चैनल सी एन बी सी पर बोलते हुए हाउस स्पीकर जॉन बोएह्नेर[ JohnBoehner] और विपक्षी रिपब्लिकन्स को वाल स्ट्रीट का दुश्मन करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ीउन्होंने कहा कि इस बंदी का असर देश की अर्थ व्यवस्था पर पडेगा|
इसके अलावा विकसित देशों ने अमेरिका जाने वाले अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी करनी शुरू कर दी है इस कड़ी में ब्रिटेन और जर्मनी ने पहल दर्ज़ करा दी है
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बकवास विधेयक को फाड़ने का क्रेडिट तो जनता ही देगी इसीलिए अपने दागी सांसदों को पार्टी से कब तक बाहर निकालोगे?
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया देख तो ये हसाड़े साथ क्या जुल्म हो रहा है?ओये हमने इतनी मुश्किल से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम[दागी सांसदों से सम्बंधित] को फाड़ कर नरेंदर मोदी के सामने राहुल गाँधी को निकाला |अपनी सरकार की परवाह किये बगैर हमने लोक तंत्र की रक्षा के लिए इस बकवास विधेयक को वापिस ले लिया लेकिन यार ये भाजपाई[BJP] +सपाई[SP ]+राक्पई [ NCP ]+के साथ साथ अब नेशनल नेशनल कांफ्रेंस वाले भी क्रेडिट लेने के लिए तिकड़म लगाने लग गए हैं|
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी असली क्रेडिट तो चुनावों में जनता ही देगी|इसीलिए अपनी बातों पर कायम रहते हुए कितने दागी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाओगे पहले यह बताओ
बकवास अध्यादेश तो वापिस हो गया अब इसके लिए क्रेडिट लेने के होड़ लगी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम[दागी सांसदों से सम्बंधित] से संबंधित अध्यादेश और विधेयक वापस लेने का फैसला किया है इससे एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को सम्मान और लोकतंत्र पर लगे काले धब्बों को कुछ हद तक धोया जा सकेगा लेकिन अब एक नई बहस शुरू हो गई है इसके लिए क्रेडिट लेने के बहस |यह स्वाभाविक भी है राजनीतिक श्रेय लेने के लिए अपने ढंग से दलीले देने में जुट गए है|जनता तो शायद क्रेडिट तभी देगी जब पार्टियाँ चुनावों में टिकट बांटने में अपनी विचार धारा को प्रकट करेंगी |
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के उद्देश्य से प्रस्तावित अध्यादेश के बारे में व्यक्त की गई विभिन्न चिंताओं को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह अध्यादेश और तत्संबंधी विधेयक वापस लेने का निर्णय किया है। प्रस्तावित अध्यादेश की वैधता और उपयुक्तता को लेकर व्यक्त की जा रही इन चिंताओं के मध्य नजर सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश को कैबिनेट ने वापस लेने की घोषणा कर दी गई है|
बुधवार की शाम 6 बजे सिर्फ 15 मिनट के लिए केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में यूपीए के सहयोगी दलों की नराजगी को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इतना ही नहीं,अब दागी नेताओं को बचाने वाले बिल को भी वापस लिया जाएगा|
कैबिनेट की बैठक के बाद बताया गया कि यह फैसला कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। चूंकि यह बिल फ़िलहाल संसद की धरोहर है इसीलिए संसद के अगले सत्र के दौरान संबंधित बिल भी तय प्रक्रिया के मुताबिक वापस ले लिया जाएगा|अब कांग्रेस और भाजपा इसके लिए क्रेडिट लेने में जुट गए हैं जिसका विरोध भी शुरू हो चुका है|गौरतलब है की कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस अध्यादेश को बकवास बता कर इसे फाड़ने की मांग की थी जिसके पश्चात कांग्रेस और सरकार ने आर्डिनेंस को वापिस लेने की कवायद शुरू की|उधर भाजपा और आप पार्टी भी इसे अपनी सफलता बता रही हैं|एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी ने भी निभाई हैउन्होंने इस बिल पर अनेको सवाल उठा कर इसे वापिस लौटाने का निर्णय लिया संबवत जिसके पश्चात राजनीतिक हलचल तेज हुई| |
उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाज वादी पार्टी [सपा] के नेता नरेश अग्रवाल ने तो अध्यादेश और बिल की वापिसी को ही लोक तंत्र के लिए खतरा बता दिया है|
इस नए घटना क्रम के फल स्वरुप एनसीपी नेता डी.पी. त्रिपाठी राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कह चुके हैं कि उनकी पार्टी सरकार की सहयोगी है और वे राहुल गांधी के अनुयायी नहीं हैं। नैशनल कॉन्फ्रेंस ने इस मसले पर यूपीए समन्वय समिति की बैठक बुलाने की मांग की है।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में शरद पवार ने इसका थोडा़ विरोध किया, लेकिन आखिरकार बैठक में सर्वसम्मति से अध्यादेश वैपस लेने का फैसला किया गया।
बताते चलें के वाच डॉग एसोशिएशन [ watchdog Association of Democratic Reforms (ADR) ] के अनुसार फिलहाल ७० से अधिक सांसद [एम् पी]दागी की श्रेणी में आते हैं और अपनी सदस्यता खो सकते हैं|| इनमे से १८ भाजपा के हैं+कांग्रेस के १४ दागी सांसद हैं+ समाजवादी पार्टी के ८ + बहुजन समाज वादी पार्टी [BSP ] के ६+ऐ आई डी एम् के के ४+ जे दी यूं के ३+ वामपंथी ३ के अलावा १७ अन्य दलों से बताये गए हैं|
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