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Category: Unrest Strikes

ओसामा बिन लादेन सम्बन्धी न्यायिक आयोग ने गैर कानूनी संबंधों को उजागर किया :सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृष्ण अडवाणी ने अपने ब्लॉग में ओसामा बिन लादेन सम्बन्धी पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की मीडिया में लीक हुई गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर सीमा अधिकारियों की अकुशलता +शासन +प्रशासन की मिली भगत,+अमेरिकी और आई एस आई के सहयोग + सबंधों को उजागर किया है| प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
वह मई, 2011 की शुरुआत थी जब सील टीम सिक्स (SEAL TEAM SIX) के रेड स्क्वाड्रन के चुनींदा 24 जवानों ने पाकिस्तान के एबटावाद स्थित ठिकाने पर धावा बोला था जहां अनेक वर्षों से ओसामा बिन लादेन छुपा हुआ था।
उपरोक्त घटना को, पाकिस्तान में सन् 1971, जब न केवल पाकिस्तान को प्रमुख युध्द में औपचारिक रुप से पराजय झेलनी पड़ी अपितु पाकिस्तान के विघटन से एक नए स्वतंत्र देश-बंगलादेश का भी जन्म हुआ था-के बाद सर्वाधिक बुरे राष्ट्रीय अपमान के रुप में वर्णित किया गया।
अमेरिकी सैनिकों द्वारा ओबामा को मारे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति जावेद इकबाल की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय जांच आयोग गठित किया। अन्य तीन सदस्यों में अशरफ जहांगीर काजी भी शामिल थे जो कुछ वर्ष पूर्व नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त थे।
आयोग ने 336 पृष्ठों वाली अपनी रिपोर्ट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को 4 जनवरी, 2013 को सौंपी। उन्होंने तुरंत रिपोर्ट को ‘गुप्त‘ करार दे दिया। लेकिन 8 जुलाई को अंग्रेजी टेलीविजन अल जजीरा ने किसी प्रकार इस रिपोर्ट की एक प्रति हासिल कर प्रकाशित कर दिया। स्पष्टतया, अल जजीरा की रिपोर्ट के आधार पर दि न्यूयार्क टाइम्स, दि गार्डियन, और कुछ दूसरे पश्चिमी समाचार पत्रों ने भी रिपोर्ट का एक सारांश प्रकाशित किया। अपने ब्लॉग के नियमित पाठकों के लिए मैं दि न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। दि सन्डे गार्डियन की रेजिडेंट सम्पादक सीमा मुस्तफा द्वारा, स्टेटस्मैन (भारत) में इस रिपोर्ट को दो किश्तों में जुलाई 20 और 21 में प्रकाशित किया।
न्यूयार्क टाइम्स के लंदन स्थित डेक्लान वाल्स की यह रिपोर्ट निम्न है:
लंदन – सोमवार (8 जुलाई) को मीडिया को ‘लीक‘ की गई एक हानिकारक पाकिस्तानी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक ”सामूहिक अक्षमता और उपेक्षा” के चलते लगभग एक दशक तक ओसामा बिन लादेन निर्बाध रुप से पाकिस्तान में रहा।
सर्वोच्च न्यायालय के एक जज की अध्यक्षता वाले चार सदस्यीय एबटाबाद कमीशन ने देश के शीर्ष गुप्तचर अधिकारियों सहित 201 लोगों से बातचीत की और 2 मई, 2011 को अमेरिकी धावे से जुड़ी घटनाओं को जोड़ने की कोशिश की है, जिसमें अलकायदा का सरगना बिन लादेन मारा गया और पाकिस्तानी सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
हालांकि कमीशन की रिपोर्ट 6 मास पूर्व पूरी हो गई थी परन्तु पाकिस्तानी सरकार ने इसे दबा दिया था और पहली ‘लीक‘ प्रति सोमवार को अल जजीरा ने सार्वजनिक की।
इस प्रसारण संस्था ने 336 पृष्ठों की रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया, इसमें यह भी स्वीकारा गया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी के मुखिया की गवाही वाला एक पृष्ठ इसमें नहीं है जिसमें प्रतीत होता है कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के सुरक्षा सहयोग के तत्वों को समाहित किया गया है।
कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान के टेलीकॉम रेग्यूलेटर ने पाकिस्तान के भीतर अल जजीरा की बेवसाइट को देखने से बचाने हेतु ठप्प कर दिया।
कुछ मामलों में कमीशन अपेक्षाओं के अनुरुप दिखा। अपनी रिपोर्ट में इसने अफगानिस्तान के टोरा बोरा में अमेरिकी हमले के बाद 2002 के मध्य में पाकिस्तान न आए बिन लादेन को पकड़ने में पाकिस्तान की असफलता के लिए षडयंत्र के बजाय अक्षमता का सहारा लिया है।
लेकिन अन्य संदर्भों में रिपोर्ट आश्चर्यजनक रही। इसमें प्रमुख सरकारी अधिकारियों के भावात्मक संशयवाद सम्बन्धी झलक है, जो कुछ सुरक्षा अधिकारियों द्वारा चोरी-छिपे मदद करने की संभावनाओं की बात कहती है।
यह कहती है कि ”कुछ स्तरों पर मिली भगत, सहयोग और संबंध को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है”।
रिपोर्ट, बिन लादेन जिसने अमेरिकी सैनिकों के हाथों में पड़ने से पूर्व सन् 2002-2011 के बीच 6 ठिकाने बदले थे, के दौर के उसके जीवन की ललचाने वाले नये खुलासे करती है। बताया जाता है कि अनेक बार अलकायदा के मुखिया ने अपनी दाढ़ी साफ करा रखी थी और पाकिस्तान या अमेरिकी सेना के हाथों में आने से बचने के लिए ‘काऊ ब्याय हैट‘ भी पहनना जारी किया था।
एक बार उस वाहन को तेजी से चलाने के जुर्म में रोका गया था जिसमें वह बैठा था मगर पुलिस अधिकारी उसे पहचानने में असमर्थ रहे और उसे जाने दिया।
रिपोर्ट ने पाकिस्तानी अधिकारियों की खिंचाई की है कि उन्होंने देश में सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी के ऑपरेशन्स करना बंद कर दिए हैं और नाना प्रकार से अमेरिकी कार्रवाई को गैर कानूनी या अनैतिक ठहराया है। इसके अनुसार सी.आई.ए. ने प्रमुख सहायक एजेंसियों की कायदा के मुखिया की जासूसी के लिए उपयोग किया, ‘किराए के ठगों‘ को साधा और पाकिस्तानी सरकार में अपने सहयोगियों को पूरी तरह से धोखा दिया।
रिपोर्ट कहती है: ”अमेरिका ने एक अपराधिक ठग की तरह काम किया है।”
अपनी अनियंत्रित भाषा और संस्थागत दवाबों के चलते रिपोर्ट पाकिस्तान में बिन लादेन के इधर-उधर छुपने की अवधि का सर्वाधिक सम्पूर्ण अधिकारिक वर्णन और अमेरिकी नेवी सील के हमले जिसने उसकी जान ली, को प्रस्तुत करती है।
चार सदस्यीय कमीशन में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जावेद इकबाल, एक सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, एक सेवानिवृत कूटनीतिक और एक सेवानिवृत सैन्य जनरल हैं। इसकी पहली बैठक अमेरिकी हमले के दो महीने बाद जुलाई, 2011 में हुई और इसकी 52 सुनवाई हुई तथा सात बार यह इलाके में गए।
अमेरिकी अधिकारियों ने कमीशन के साथ कोई सहयोग नहीं किया और सोमवार को विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पास्की ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यद्यपि कमीशन की भारी भरकम रिपोर्ट पढ़ने को नहीं मिली है परन्तु उन्होंने कहा कि प्रकाशित सारांशों से प्रतीत होता है कि दस्तावेज बताते हैं कि ”पाकिस्तानी कुछ तो जानते हैं कि कैसे बिन लादेन का वहां अंत हुआ।”
कई स्थानों पर पाकिस्तानी रिपोर्ट अमेरिकीयों द्वारा लादेन को पकड़े जाने से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों की असफलता पर कुपित होती और हताशा प्रकट करती है।
इसमें उन सीमा अधिकारियों की अकुशलता को रेखांकित किया गया है जिन्होंने उसकी एक पत्नी को ईरान जाने दिया, म्युनिसिपल अधिकारी जो उसके घर पर हो रहे असामान्य निर्माण पहचानने में असफल रहे, वे गुप्तचर अधिकारी जिन्होंने सूचनाओं को अपने पास ही रखा और उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अकुशलता का उल्लेख किया है जो ‘कर्तव्य पालन करने से वंचित रहने के गंभीर दोषी‘ पाए गए।
कमीशन ने उन सैन्य अधिकरियों से बातचीत की है जो पाकिस्तानी वायुसीमा में अमेरिकी विमानों के घुसने से बेखबर रहे और पाया कि 2 मई की रात को अमेरिकीयों द्वारा बिन लादेन के शव को विमान में ले जाने के 24 मिनट के भीतर पहले पाकिस्तानी लड़ाकू जेट फौरन रवाना हुआ।
रिपोर्ट कहती है यदि इसे विनम्रता से कहा जाए तो यह यदि अविश्वसनीय नहीं अपितु अकुशलता की स्थिति ज्यादा है तो विस्मयकारक है।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि सेना की शक्तिशाली इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस निदेशालय ”ओबीएल को पकड़ने में पूर्णतया असफल” रहा है और इसमें तत्कालीन खुफिया एजेंसी के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा की विस्तृत गवाही भी है।
osama-compoundकमीशन रेखांकित करता है कि कैसे आई.एस.आई. अधिकांशतया नागरिक नियंत्रण से बाहर ही ऑपरेट करती है। बदले में जनरल पाशा उत्तर देते हैं कि सी.आई.ए. ने सन् 2001 के बाद बिन लादेन के बारे में सिर्फ असंबध्द गुप्तचर सूचनाएं ही सांझा की। रिपोर्ट में लिखा है कि एबटाबाद पर धावा करने से पूर्व अमेरिकीयों ने बिन लादेन के चार शहरों-सरगोधा, लाहौर, सियालकोट और गिलगिट में होने की गलत सूचना दी।
जनरल पाशा को उदृत किया गया है कि ”अमेरिकी अहंकार की कोई सीमा नहीं है”। साथ ही साथ यह कि ”पाकिस्तान एक असफल राष्ट्र था, यहां तक कि हम अभी भी एक असफल राष्ट्र नहीं हैं”। अल जजीरा द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में गायब गवाही सम्बन्धी पृष्ठ जनरल पाशा की गवाही से सम्बन्धित हैं। अपनी बेवसाइट पर अल जजीरा लिखता है कि संदर्भ की जांच से यह लगता है कि गायब सामग्री देश के सैन्य नेता जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा ”सितम्बर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिका से की गई सात मांगों की सूची है।
पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों ने अल जजीरा की रिपोर्ट की सत्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सोमवार को भी, दि एसोसिएटिड प्रेस ने प्रकाशित किया है कि अमेरिका के स्टेट्स स्पेशल ऑपरेशन के शीर्ष कमांडर ने आदेश दिए कि बिन लादेन पर हमले सम्बन्धी सैन्य फाईलें रक्षा विभाग के कम्प्यूटरों से साफ कर दी जाएं और सी.आई.ए. को भेज दीं जहां उन्हें ज्यादा आसानी से जनता की नजरों से बचाया जा सकता है।
वाशिंगटन से इरिक सम्मिट ने इस हेतु सहयोग किया

साध्वी उमा भारती ने केदारनाथ धाम में श्रावण के पहले सोमवार की पूजा

भाजपा नेत्री और साध्वी उमा भारती ने आज गुरुपूर्णिमा के अवसर पर केदार नाथ धाम में पूजा अर्चना की उनके साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्य मंत्री कोशियारी भी थे| उमा भारती को उत्तराखंड में आई त्रासदी का आंकलन और पीड़ितों के पुनुर्वास यौजना की समिति का संयोजक भी बनाया गया है| आज श्रावण मॉस का पहला सोमवार है नतीजतन साध्वी ने आज केदार नाथ धाम में पूजा अर्चना की और पार्टीद्वारा दिए दाईत्व को निभाने के लिए श्री गणेश भी किया

यूं पी में तो बिजली के लिए मारा मारी है और अखिलेश यादव चले हैं दूसरे चार प्रदेशों के घर रोशन करने


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां
ओये हसाड़े मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने जो कहा कर के दिखा दिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिल कर एतिहासिक आगरा में ७६५ के वी सिंगल सर्किट आगरा मेरठ पारेषण लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया और ६ हज़ार मेगावाट एच वी डी सी पारेषण लाइन का शिलान्यास कर दिया है | ओये अब तो इस से दिल्ली+हरियाणा+पंजाब+राजस्थान को भी विद्युत लाभ मिलेगा|

झल्ला

ओ मेरे चतुर नेता जी लगता है कि आप पुराणी कहावत भूल गए|ओ जी में याद करवा देता हूँ |

घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने

नही समझे अरे भाई खा रहे हो मूंगफली और डकार ले रहे हो बादामो के |
हें अपने यूं पी में तो शाम होते ही बिजली के लिए मारा मारी शुरू हो जाती है और आप चले हो दूसरे चार प्रदेशों के घर रोशन करने |अरे भाई जी चैरिटी बिगिन्स एट होम्स इसीलिए पहले अपने घर की सोचो

भाजपा ने अपने महासचिव, वी रमेश ,की निर्मम हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] की तमिलनाडू की इकाई के महासचिव वी रमेश की निर्मम हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है|
भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने ३ सदस्यीय समिति का गठन किया है|राज्य सभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर इस समिति के संयोजक होंगे|पार्टी की अन्य प्रवक्ता श्री मति निर्मला सीतारमण और कर्नाटका से भाजपा सांसद अनंत इसमें बतौर सदस्य होंगे|
गौरतलब है कि बीते एक वर्ष में भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] के तमिल नाडू[सलेम] में कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमले किये जा रहे हैं|पार्टी के जनरल सेक्रेटरी वी रमेश [ Shri V Ramesh ]की १९ जुलाई की रात को निर्मम ह्त्या कर दी गई | इससे पूर्व भाजपा के ही राज्य [मेडिकल सेल ]सचिव डॉ अरविन्द रेड्डी [Dr. Arvind Reddy,] की भी इसी प्रकार निर्मम हत्या हुई थी भाजपा ने इस निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है|पार्टी प्रवक्ता श्री मति निर्मला ने कहा कि श्री रमेश पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे| पार्टी के महासचिव होने के साथ ही प्रदेश कोर कमेटी के सक्रीय कर्मठ सदस्य भी थे|सशक्त लेखक और ओजस्वी वक्ता थे
परमाकुदी[ Paramakudi ] के पूर्व काउंसलर |मुरुगन आदि अनेको नेताओं परषड्यंत्र के रूप में एटैक किये जा रहे हैं| पार्टी ने यह कह कर इसकी निदा कि है कि जनता में भय पैदा करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं पर अटैक किये जा रहे हैं जो कि बेहद निंदनीय है| इन हमलों को लेकर भाजपा ने तमिल नाडू में बंद का भी ऐलान किया है|

“आप” ने कामन मेडिकल एंट्रेंस पर कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्य पूर्ण बताया और पुनर्विचार की मांग की

कामन मेडिकल एंट्रेंस की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आम आदमी पार्टी [आप]ने दुर्भाग्य पूर्ण बताया और इस पर पुनर्विचार की मांग की है| आप पार्टी ने मांग की है कि सरकार और एम् सी आई + [ National Eligibility cum Entrance Exam ] द्वारा इस फैसले पर पुनर्विचार करा कर एक कानून बनाया जाना चाहिए|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि आउट गोइंग चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने अपनी सेवानिवृति से कुछ घंटे पूर्व ही यह निर्णय दिया है|जस्टिस दवे द्वारा इस पर आपत्ति भी की गई है| इस फैसले के पीछे षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए पार्टी का कहना है कि इस फैसले के कई दिन पहले ही प्राईवेट कालेजों द्वारा इसे लेकर प्रचार शुरू कर दिया गयाथा |
इस फैसले के लागू होने से प्राईवेट मेडिकल कालेजों को अपने यहाँ सीटों की खरीद फरोख्त की आजादी मिल जायेगी जिसकी रोकथाम के लिए एम् सी आई और सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जानी चाहिए|

मिड डे मील की असंतोषजनक गुणवत्ता के विषय में बिहार सरकार को आगाह किया गया था : मानव संसाधन विकास मंत्रालय

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर में मध्‍याह्न भोजन योजना की गुणवत्‍ता की देखरेख के लिए एक नई समिति के गठन की घोषणा की है ।
बिहार में निर्धन भूखे छात्रों की मौत पर मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम.एम.पल्‍लम राजू ने नई दिल्‍ली में आज स्‍कूलों में मध्‍याह्न भोजन लेने के बाद यह घोषणा की।
प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्‍होंने माना कि बिहार को 12 जिलों में सरकारी स्‍कूलों में परोसे गये भोजन की असंतोषजनक गुणवत्‍ता के बारे में सतर्क किया गया था लेकिन इसके साथ ही जोर देते हुए यह भी कहा कि इस घटना का उपयोग आरोप-प्रत्‍यारोप करने के लिए नहीं होना चाहिए
डॉ. राजू ने कहा कि देश में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मध्‍याह्न भोजन योजना बहुत महत्‍वपूर्ण है। सवालों का जवाब देते हुए, उन्‍होंने माना कि बिहार को 12 जिलों में सरकारी स्‍कूलों में परोसे गये भोजन की असंतोषजनक गुणवत्‍ता के बारे में सतर्क किया गया था तथा उनमें सारण जिला भी बुरी तरह प्रभावित था।

बी एस एन एल के हडताली कर्मियों की अधिकाँश मांगें मान ली गई : अनिश्चित कालीन हड़ताल समाप्त

बी एस एन एल के हडताली कर्मियों की आज अधिकाँश मांगें माने जाने के फलस्वरूप घोषित अनिश्चित कालीन हड़ताल समाप्त हो गई|
जी एम् संजीव त्यागी ने आज हड़ताली कर्मियों से दोपहर ३ से ४ बजे तक वार्त की| चर्चा में अधिकाँश मांगें मान ली गई|युनियन के जिला सचिव नरेश पाल ने बताया के आज सुबह अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू की गई थी उसके पश्चात् जी एम् संजीव त्यागी ने दोपहर तीन बजे वार्ता के लिए आमंत्रित किया|इस [१]वार्ता में संवेदन शील[ Sensitive ] सीटों पर तैनाती को लेकर उठे विवाद को समाप्त करने के लिए विवादित ट्रांफर ऑर्डर्स को निरस्त करने पर सहमती बन गई है|
[२]फोन मैकेनिक आदि कर्मियों को की तैनाती को लेकर बनाये गए नियमों का पालन करते हुए दो साल के टेंयौर[ Tenure ] का पालन किया जाएगा|
३३३ सदस्यों वाली इस इकाई के सचिव ने इस वार्ता पर संतोष व्यक्त किया है|
सतीश कुमार शर्मा+नरेश पाल+आर पी तिवारी+रणबीर सिंह+राधे श्याम+सलेक चाँद+कांशी राम+आदि उपस्थित थे|

भाजपा ने रायबरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को इतिहास पढ़ाया और महाराष्ट्रियन भावनाओं को भी उकसाया

भाजपा ने आज राय बरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को महिला शिक्षा का इतिहास पढ़ाया +महाराष्ट्रीय भावनाओं को उकसाया | भाजापा ने बताया कि श्री मति सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र राय बरेली में ५०० करोड़ रुपयों की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री श्री मति इंदिरा गांधी के नाम पर खुलने वाला महिला विश्वविद्यालय पहला महिला विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि पुणे की एसएनडीटी[SNDT] यूनिवर्सिटी है | इसे भारत रत्न डॉ केशव डी कर्वे ने १९१६ में दी इंडियन वुमन यूनिवर्सिटी के नाम से स्थापित किया था| यहाँ के वार्षिकोत्सव में महात्मा गाँधी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई थी| इसके पश्चात डॉ राधा कृष्णन +डॉ शंकर दयाल शर्मा+पंडित जवाहर लाल नेहरू+ श्री मति इंदिरा गाँधी आदि जैसी विभूतियों द्वारा यहाँ के अनेकों महत्वपूर्ण फंक्शन अटैंड किये गए हैं|
पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री नाइक ने कहा कि सरकार की यह घोषणा भारत में शैक्षणिक इतिहास के बारे में उसकी अज्ञानता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने संसदीय छेत्र में यह यूनिवर्सिटी खोली जा रही है और इसे पहली महिला यूनिवर्सिटी कहा जा रहा है|
भाजपा के राम नाईक ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के भारी भरकम नेता केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी उलाहना देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के ये नेता भी दिल्ली की सत्ता सुख में अपने छेत्र के सुनहरे इतिहास को भी भुला चुके हैं|
श्री नाईक ने बताया कि पुणे की पहली महिला यूनिवर्सिटी से महिलाओं का सशक्तिकरण शुरू हो गया था|चूंकि श्री मति इंदिरा गाँधी के नाम पर अनेको संस्थाएं हैं इसीलिए राय बरेली में खुलने वाली यूनिवर्सिटी को श्री मति सावित्री बाई फुले ,भागिनी निवेदिता,डॉ अन्दिता जोशी, श्रीमती रमाबाई रानाडे जैसी महिलाओं के नाम दिए जाने चाहिए| इन्होने भी महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है |
गौर तलब है कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने रायबरेली में दो विश्वविद्यालयों को खोलने की मंजूरी दी थी। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर एक महिला विश्वविद्यालय है इसे पहला महिला विश्व विद्यालय बताया गया है| ।
राम नाईक भाजपा के वरिस्थ नेता हैं और भाजपा नीत एन डी ऐ की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे हैं लेकिन फ़िल्मी एक्टर गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर इन्हें हराया था |

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भाजपा ने चिंता व्यक्त की

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दिनों दिन बिगड़ने पर कांग्रेस के पश्चात अब भाजपा ने भी चिंता व्यक्त की |भाजपा प्रवक्ता, टेक्नोक्रेट, डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने पार्टी की सामान्य ब्रीफिंग में समाज वादी पार्टी की यूं पी में सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की समस्या नैसर्गिक रूप से सपा के साथ जुड़ी रहती है लेकिन इस बार तो सभी उम्मीदें ध्वस्त हो चुकी हैं| गुना और बलिया के विधायक से लेकर मंत्री आज़म खान +शिव पाल यादव+ और यहाँ तक कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं |
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि बी एस पी के भ्रष्टाचार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता ने सपा को सत्ता सौंपी थी लेकिन मात्र डेड़ वर्षों में ही व्यवस्था बद से बत्तर हो गई है | युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार से उम्मीदें समाप्त हो गई हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि सरकर के छह शक्ति केंद्र बने हुए हैं |शिव पाल यादव कहते हैं कि थानों पर समाज वादियों का कब्जा है|आज़म खान कहते हैं कि उन्होंने ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराई और दूसरों ने पैसे देकर उनकी ऍफ़ आई आर को कही रफा दफा करवा लिया|पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह कहते हैं कि यदि में सत्ता में होता तो तत्काल सभी कुछ ठीक कर लेता|
डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि सपा केंद्र में कांग्रेस की सरकर को सहयोग दे रही है ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस भी सपा को सपोर्ट करने को बाध्य है ऐसे में इन दोनों पार्टियों से कोई उम्मीद नही है इसीलिए लोक सभा के चुनावों में दोनों को उखाड़ फैंकना जरुरी है |इससे पूर्व कांग्रेस कि नेत्री रीता बहुगुणा जोशी भी यह ओपचारिकता निभा चुकी हैं

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

बरसात जहाँ सूर्य की तपिस से थोड़ी राहत देती हैं वहीं शहरी विकास के चक्के भी जाम करदेती है इसके अलावा हर बार की तरह एक बार फिर महत्वपूर्ण तरीके से स्थानीय व्यवस्था की पोल भी खोल कर रख देती है |
भारत और अमेरिका दोनों देशों में बारिश हो रही है लेकिन देखा जाता है कि अमेरिका की बारिश छोटे छोटे शहरों में गर्मी से राहत दे रही है और सडकों को धो धा कर साफ़ सुथरा कर रही है लेकिन इंडिया के उत्तर प्रदेश में इसका उलट ही हो रहा है मेरठ का उदहारण दिया जा सकता है|
थोड़ी देर कि बरसात ने नगर निगम और छावनी परिषद् के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी|शुक्रवार की सुबह हुई बरसात ने जो पानी बरसाया उसे निकलने के लिए नाली नालों में रास्ता नही मिला जाहिर इससे यहाँ वहां जल भराव दिखाई देने लगे|मार्ग के गड्डे+सीवर+नालों और सड़क के लेवल में कोई अंतर शेष नही रह गया| पॉश कालोनियों में बेगम बाग़ +थापर नगर बच्चा पार्क के आलावा अल्पसंख्यक बाहुल्य जली कोठी+जिला अस्पतालके सामने +कमोबेश यही स्थिति राही यहाँ तक कि हमेशा की तरह व्यवस्थापक विभाग भी पानी पानी हो गए |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है


अभी पिछले दिनों ही नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े अभियान चलाने के दावे किये गए थे| यहाँ भाजपा मेयर+विधायक+सांसद भाजपा के हैं लेकिन सरकार सपा के हाथों में हैं| हमेशा कि तरह आज कल भी नमाज अदा करने के जगह को लेकर दोनों मुख्य समुदायों के धार्मिक+सामाजिक+राजनीतिक नेता गण आमने सामने आ रहे हैं लेकिन व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिए कोई दिखाई नही दे रहा |
मुझे याद आ रहा है कि बीती सदी के नौवें दशक में में एक छेत्री दैनिक अख़बार के साथ भी जुड़ा था उस समय भी बारिश आती थी और अख़बार के लोकल पेज पर इन शीर्षकों से दो ख़बरें जरूर छपती थी[१]बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी[२]बारिश से कई इलाकों की बिजली ठप्प |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

आज नई सदी के दूसरे दशक में हम रह रहे हैं और हमारे फोटो ग्राफर की फोटोज यही कह रही हैं कि जल थल एक समाना