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Category: Unrest Strikes

जेड सिक्युरिटी हटा कर सेना अपने पूर्व जनरल वी के सिंह को सहायक उपलब्ध करा कर शिष्टाचार निभाएगी

Retd.General V K Singh

आर्मी जनरल से सोशल एक्टिविस्ट बने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह से बेशक जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था हटा लेने की घोषणा कर दी गई है मगर भारतीय सेना अपने सेना के ‘‘शिष्टाचार’’ को निभाते हुए अपने इस अधिकारी को सेना कुछ सहायक उपलब्ध कराएगी जो रोजाना के कामकाज में उनकी मदद करेंगे ।
समाचार एजेंसी भाषा ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जनरल वीके सिंह को सहायक के रूप में कुछ कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे जो रोजाना के कामकाज में उनकी सहायता करेंगे । यह शिष्टाचार पूर्व सेना प्रमुखों और रेजीमेंटों के पूर्व कर्नलों को मिलता है । लेकिन श्री सिंह के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होंगे ।

ठण्ड से दम तोड़ता आम गरीब आदमी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता हैCold Waives Needs Much Attention

पहाडी हवाओं पर तैरती आ रही ठंड का कहर लगातार जारी है।मेरठ के पोश और सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आ रहे बेगम पुल पर भी एक व्यक्ति ठण्ड से जकड गया और व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए प्राण त्याग गया|पिछले दिनों कोहरे के कारण हुई दुर्घटनाओं में कई जाने गई तो अब ठण्ड के कहर से लोग दम तोड़ रहे हैं| इस जानलेवा ठंड से 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के जिलों में ३८

Unknown Person Died Due To Cold waives in Meerut


लोग दम तोड़ चुके हैं। सबसे अधिक मौत बीते दिन हुई हैं|अभी ठण्ड का प्रकोप कम होने के बजाये बढने के दावे किये जा रहे हैं |बुधवार को ही मेरठ में न्यूनतम ७.३ डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया और आगे इसके और गिराने की संभावना व्यक्त की जा रही है|
मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में ठंड की सर्द लहर और कहर बरपाएगी ।। अत्यधिक ठंड़ का कहर भदोही में दिखा है जहां पांच लोगों की मौत हो गई है। बलिया में चार तो इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बाराबंकी, चंदौली और आजमगढ़ में तीन-तीन मौतें हुई हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, मऊ और श्रावस्ती में एक-एक मृत पाए गए हैं। राज्य में अधिकांश जगहों पर पारा गिरकर चार डिग्री से भी कम हो गया है।कोहरे से ज्यादा कहर ठंड़ की सर्द हवाओं से है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिन और खतरनाक होंगे किसी भी तरह की राहत नहीं मिलने वाली है।
देश में केंद्र और राज्य सरकारें आम गरीब आदमी के लिए समर्पित भाव से काम करने का दावा कर रही हैं|राज्य सरकार की तरफ से गरीबों के लिए शेल्टर होम और अलाव की व्यवस्था की गई है| स्वयम सेवी संस्थाएं भी कम्बल बाँट रही है मगर ठण्ड से हो रही ये मौतों का बढ़ता ग्राफ तमाम दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है|

राष्‍ट्रीय विकास परिषद की बैठक में डाक्टर मनमोहन सिंह ने मुख्य मंत्रियों से महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरतने को कहा

डाक्टर मनमोहन सिंह P M Of INDIA Dr Manmohan singh

राष्‍ट्रीय विकास परिषद [एन डी सी] की आज गुरुवार को आहत बैठक में प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। राष्‍ट्रीय राजधानी में चलती चार्टर्ड स्कूल बस में गैंगरेप की वारदात से लोगों में आए उबाल के बाद सरकार गंभीरता से सक्रिय होती नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री ने आज एनडीसी की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है। सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और महिलाओं के साथ संगीन यौन अपराध के मामलों में दंड के स्तर की समीक्षा करने का निर्णय किया है। उन्‍होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को पकड़ लिया गया है, कानून उनसे तेजी से निपटेगा। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के साथ की जाएगी। जस्टिस वर्मा की अध्‍यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी कानून को और कारगर बनाने पर सुझाव देगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है और सरकार इस दिशा में समुचित कदम उठा रही है। उन्होंने समाज को भी महिलाओं के प्रति जागरूकता को जरुरी बताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति समाज ईमानदार नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को अहम बताया |
बैठक में शिरकत कर रहे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सभी मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मंदी से उबरने के लिए आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर भी जोर दिया

चलती बस में गैंग रेप पीड़ित युवती को बेहतर इलाज़ के लिए बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेजा गया

दस दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बस में गैंग रेप पीड़ित युवती की हालत काबू से बाहर होने पर बेहतर इलाज के लिए बुधवार को बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेज दिया गया है।इस एक कदम से सरकार ने पीडिता के प्रति जनाक्रोश को सम्मान देते हुए मानवीय संवेदनाओं का भी पालन किया है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार रात सफदरजंग अस्पताल से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस युवती को आईजीआई एयरपोर्ट ले गई। जहां से उसे लेकर विशेष एयर एंबुलेंस में सिंगापुर रवाना कर दिया गया| इससे पहले युवती को विदेश भेजने की बात गोपनीयरखने के लिए [१]बुधवार को युवती का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया था। साथ ही[२] सफदरजंग अस्पताल से मीडियाकर्मियों को भी हटा दिया गया था।
युवती के साथ उसके माता-पिता, दोनों भाई और मेदांता के हार्ट स्पेशियलिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन के अलावा युवती का यहां इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी गई है। युवती को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में इलाज की बेहतरीन सुविधाएं हैं और दुनिया भर से जाने माने लोग भी इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां युवती की सेहत में सुधार लाने के साथ ही उसकी आंत के ट्रांसप्लांट की कोशिश भी की जाएगी।दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित इस विषय में पहले ही प्रतिबद्धता दर्शा चुकी हैं|
इससे पहले बुधवार को युवती की हालत पर कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को कहाथा कि विदेश में पीडिता का बेहतर इलाज कराने पर विचार किया जाना चाहिए।

चलती बस में गैंग रेप पीड़ित युवती को बेहतर इलाज़ के लिए बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेजा गया

इसके बाद ही युवती को सिंगापुर ले जाने की तैयारियां शुरू हो गईं। तत्काल युवती और उसके परिवार का पासपोर्ट बनवाया गया। पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात के लिए आईसीयू में ही छात्रा के फोटो लिए गए।
रात करीब पौने ग्यारह बजे मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस सफदरजंग अस्पताल से युवती को लेकर निकली तो खुलासा हुआ कि उसे विदेश ले जाया जा रहा है। युवती को आंत ट्रांसप्लांट के लिए पहले अमेरिका ले जाने की बात चल रही थी। लेकिन अमेरिका से मना होने के बाद उसे सिंगापुर ले जाया गया।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि युवती को मंगलवार रात दिल की परेशानी हुई थी। इससे डॉक्टर घबरा गए थे। हवाई यात्रा के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहन को उसके चेकअप के लिए बुलाया गया था। त्रेहन ने जांच की और विदेश ले जाने के लिए अनुमति दे दी। जीबी पंत अस्पताल के आईजी सर्जरी के अनिल अग्रवाल को भी जांच के लिए बुलाया गया था।
सिंगापुर की विशेषता
भारत से सिंगापुर की यात्रा में कम समय लगता है। युवती की बेहद नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर उसके लिए ज्यादा लंबी यात्रा नहीं चाहते थे। इसके अलावा अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल को एशिया में सबसे बेहतरीन अस्पताल में माना जाता है।
माउंट एलिजाबेथ अस्पताल
सिंगापुर के पार्कवे हेल्थ ग्रुप का 373 बेड वाला माउंट एलिजाबेथ एक स्पेशिलिटी अस्पताल है।यहां पर ब्लेडलेस कैटरेक्ट सर्जरी, प्रोस्टेट कैंसर, थायराइड और कोलोरेक्टल कैंसर की रोबोटिक सर्जरी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण, प्रतिरोपण की अत्याधुनिक सुविधा मौजूद है। पूर्व सपा नेता सांसद अमर सिंह और विश्व विख्यात अभिनेता रजनीकांत का इलाज भी सिंगापुर के इसी अस्पताल में हुआ था। दोनों को सिंगापुर के इस अस्पताल ने नई जिंदगी दी है ।

कांस्टेबिल सुभाष तोमर की मौत के जुर्म में पकडे गए आठ युवको पर गैंग रेप के साथ ही फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकद्दमा चलाओ :केजरीवाल

दिल्ली पोलिस कांस्टेबिल सुभाष तोमर की मौत के जुर्म में पकडे गए आठ युवको पर गैंग रेप के साथ ही फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकद्दमा चलाओ :केजरीवाल

यह मांग आज “आप “के नेता अरविन्द केजरीवाल ने कौशाम्बी में की |इससे गलत फंसाए गए निर्दोष युवकों को भी जल्द न्याय मिल सकेगा|
श्री केजरीवाल ने आज पोलिस की ऍफ़ आई आर की कमजोरी और कोर्ट की आपत्तियों के हवाले से बताया कि कांस्टेबिल श्री सुभाष तोमर की मौत वाकई दुखद है|और इसके लिए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन अगर किसी निर्दोष को झूठे मुकद्दमे में फंसा कर उनका कैरियर बर्बाद करने के किसी भी प्रयास का जम कर विरोध किया जायेगा|उन्होंने आरोप लगे किपोलिस द्वारा अब पोस्ट ऍफ़ आई आर सबूत घड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं|
गौरतलब है कि गैग रेप के मामले में चल रहे आन्दोलन के कारण कुछ हिंसा भड़कने पर युवा और पोलिस कर्मी घायल हो गए थे|इनमे से कांस्टेबिल सुभाष तोमर को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज़ के बावजूद भी श्री तोमर की मृत्यु हो गई|सुभाष की हत्या के प्रयास के आरोप में दफा ३०७ के अंतर्गत आठ युवाओं को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया |सरकार की तरफ से इन आठ युवकों में से एक चमन को अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का स्पोर्टर बताया जा रहा है |
इन आरोपों का खंडन करते हुए आज अरविन्द केजरीवाल ने कौशाम्बी में प्रेस कांफ्रेंस करके पोलिस की कार्यवाही पर आरोपों की झड़ी लगा दी | केजरीवाल और मनीष सिशोदिया ने कहा कि पोलिस ने जिन आठ युवकों पर धारा ३०७ का मुकद्दमा थोपा है वह पूर्णतया आधारहीन और फेब्रिकेटेड है|पोलिस द्वारा दर्ज़ कराई गई ऍफ़ आई आर में भी कोई तथ्य नहीं दिए गए हैं|कोर्ट ने भी मुकद्दमे में कोई जान नहीं देखते हुए अधिकाँश को जमानत दे दीहै| [धारा ३०७ में आसानी से जमानत मंजूर नहीं होती] मार्ग बंद होने के कारण कुछ जमानती नहीं आ पाए |उन्होंने कहा कि आठ में से एक चमन का नाम लेकर हिंसा भड़काने के लिए “आप “बाबा राम देव और जनरल वी के सिंह पर आरोप लगाये जा रहे हैं हमारा[केजरीवाल] का आन्दोलन पिछले डेड साल से चल रहा है मगर हमेशा शांतिपूर्वक रहा है अब हम [केजरीवाल ]पर आरोप लगा कर न जाने पोलिस कौन सा हिसाब बराबर करने पर तुली हैं
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पोलिस और सरकार द्वारा यह कहा जा रहा है कि आठों आरोपियों की जमानत “आप ” के मनीष सिशोदिया ने ली है तो यह आरोप भी सरासर गलत है जिनकी भी जमानत हुई है उनके रिश्तेदारों ने ही कराई है|उनके साथ आरोपियों के वकील भी थे |

दिल्ली में केंद्र की पोलिस और शीला दीक्षित सरकार में आकंडा ३६ की और

गैंग रेप को लेकर भड़के आन्दोलन को अब एक नए मोड़ की और ले जाने के आरोप लगने लगे हैं|आज गैंग रेप पीड़ित के बयान को लेकर एसडीएम और पुलिस ऑफिसरों से बहस के समाचार आने शुरू हो गए हैं| इस विभत्स,घिनौने,जघन्य गैंग रेप के बाद जनाक्रोश मुख्यतः दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित की तरफ हुआ शीला दीक्षित के खिलाफ राजनीतिक माहौल भी बनने लगा| लेकिन श्रीमती दीक्षित और उनके सांसद पुत्र ने दिल्ली में पोलिस व्यवस्था के लिए केंद्र को दोषी ठहराना शुरू किया और सीधेपोलिस कमिश्नर पर निशाना साध दिया| मुख्य मंत्री के सांसद पुत्र जब बीते दिन आन्दोलनकारियों के बीच पहुंचे तो पोलिस ने उन्हें उचित भाव नहीं दिया जिसके फलस्वरूप सांसद की कार में तोड़ फोड़ की गई और उसके साथ भी बदसलूकी की आ रही हैं|इसके बाद तो पोलिस पर दिल्ली की सरकार के हमले तेज़ होगये|अब गैंग रेप की पीडिता के बयाँ लेने गई एस डी एम् उषा चतुर्वेदी ने एक पोलिस की कार्यवाही को कटघरे में खडा करने वाला ब्यान दे दिया है| प्राप्त जानकारी के अनुसार सफदरजंग अस्पताल में गैंग रेप पीड़ित के बयान लेने पहुंचीं विवेक विहार की एसडीएम ऊषा चतुर्वेदी का आरोप है कि पुलिस ऑफसरों ने बयान लेने के दौरान दखलंदाजी की।पोलिस ने एक प्रश्नोत्तरी दे कर उसके मुताबिक़ ब्यान दर्ज़ करने को दबाब बनाया था| इस बात की लिखित शिकायत एसडीएम ने डिप्टी कमिश्नर से से की, जिन्होंने इसे गृहमंत्री और उप राज्यपाल को भेज दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस मामले में पुलिस ऑफिसरों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग केंद्रीय गृहमंत्री से दोहराई है।

दिल्ली में केंद्र की पोलिस और शीला दीक्षित सरकार में आकंडा ३६ की और


बताया जारहा है की एसडीएम शुक्रवार की रात गैंग रेप पीड़ित के बयानों की विडियोग्रफी कराना चाह रही थीं, जबकि पीड़ित के परिजनों ने विडियोग्रफी से इनकार किया था, जिसका समर्थन मौके पर मौजूद डीसीपी छाया शर्मा और दो एसीपी ने कर दिया। इसी बात को लेकर एसडीएम और पुलिस ऑफिसरों के बीच तीखी बहस हो गई।
असलियत तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगी मगर फिलहाल पोलिस की कार्यवाही शक के घेरे में दिख रही है| पहले तो पोलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में से धटना वाले इलाके में लापरवाही के दोषी पोलिस अफसरों के नाम ही गायब कार दिए गए |कोर्ट की फटकार और जनांदोलन के के फलस्वरूप आठ पोलिस अधिकारियों के निलंबन की प्रक्रिया शुरू की गई| प्रदर्शन स्थल पर वाटर केनोन+आंसू गैस+और लाठी चार्ज के द्रश्य मीडिया और सोशल साईट्स पर में छाए हुए हैं| इसके बाद अब एस डी एम् का यह आरोप अपने आप में समस्या को टेकल करने में प्रशासनिक असमर्थता दर्शाता है| इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्री का ब्यान “सरकार को आन्दोलन कारियों से मिलने के कोई जरुरत नहीं है”ने आग में घी का काम किया है| नतीजे कुछ भी आयें फ़िलहाल तो शीला दीक्षित की सरकार से अरविन्द केजरीवाल सरीखे नए नए बने राजनीतिकों से दूरी बना ही ली गई है|

शुक्र है कि इन्होने केवल न्याय माँगा रोटी नहीं मांगी वरना सीरिया की तरह मिसाईल ही चलवा देते


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सोश्लाईट

ओये झाल्लेया व्हाट इज दिस ?ये हसाड़े हुकुमरानो को क्या हो गया है ? एक तरफ तो प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह, उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर,राष्ट्रपति के बेटी और स्वयम सोनिया गांधी भी डेमेज कंट्रोल के लिए बाहर आ रही है और ये मंत्री संतरी सभी घाव पर नमल छिड़कने का काम कर रहे हैं|ओये अब ये गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी कहने लग गए हैं कि गैंग रेप के विरोध में निहत्थे, अराजनीतिक,शान्ति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हज़ारोंयुवाओं से मिलना उन्हें सांत्वना देना इनकी सरकार के लिए कोई जरूरी नहीं है|ऐसे प्रदर्शन तो होते रहते हैं और होते रहेंगे और कल को माओ वादियों का आन्दोलन हो जाएगा तो क्या उनसे भी मिलना होगा?सत्ता मद में चूर इन्हें पक्ष और विपक्ष कुछ नहीं दिख रहा| लगता है कि इन्हें संसद में अपने बहुमत का घमंड ही ले डूबेगा|

शुक्र है रोटी नहीं मांगी वरना सीरिया की तरह मिसाईल ही चलवा देते

झल्ला

भाई अपनी अपनी समझ है |अभी तक तो ये लोग गैग रेप के दोषियों के लिए फांसी की मांग पर ही बगले झांक रहे थे अब सत्ता मद में शान्ति पूर्वक आन्दोलन करनेवाले और माओवादियों में अंतर भी भूल गए|और वैसे माओ वादी भी तो भारतीय ही हैं इन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए भी तो सैंकड़ों पापड बैले ही जाते हैं|
लेकिन दुर्भाग्य से पहले दोषी पोलिस वालों को बचाने का प्रयास किया गया उसके बाद आन्दोलन की आग जब भड़क गई तो लाठी चार्ज,पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े गए \इस कवायद में एक निर्दोष पोलिस कर्मी भी बेचारा मार गया| जब इनसे भी भीड़ तितर बितर नहीं हुई तो आनन् फानन में धारा १४४ लगा कर कर्फियु जैसे हालात पैदा कर दिय गए|
न्याय मांगने वालों से भी आपके गृह मंत्री मिलना जरूरी नहीं समझते |शुक्र है कि इन्होने केवल न्याय माँगा रोटी नहीं मांगी वरना सीरिया के प्रेजिडेंट अल बशर अल असद की तरह मिसाईल [एरियल एटैक] ही चलवा देते

मेरठ के विशाल और भव्य मायावती स्टाईल पार्कों से सुरक्षा कर्मी नदारद

चलती चार्टर्ड बस में एक फ़िजिओथेरेपिस्त महिला के साथ किये गए जघन्य सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध पूरे देश में आक्रोश की सुनामी आई हुई है| मेरठ से लेकर अमेरिकी मीडिया तक कानून और सुरक्षा व्यवस्था में लचरता पर चिंता व्यक्त की जा रही है और लचरता के इस अभिशाप को समाप्त करने के लिए सर्वत्र मांग की जा रहे है प्रदेश के युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने भे ब्लाताकार की भर्त्सना करके पांच लाख रुपयों की मदद पीडिता को देने कीघोषणा कर दी है सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कवायाद शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं|स्कूली बसों में सुरक्षा व्यवस्था की जाँच चल रही है मगर चिराग के नीचे के अँधेरे को नज़रंदाज़ किया जा रहा है|
सुरक्षा के इंतज़ाम देखने को आज गंगानगर और रक्षा पुरम के पार्कों को देखने पर यहीइ अन्धेरा दिखाई दिया|

AKHILESH YADAV V/S MAYAVATI

मवाना रोड स्थित गंगानगर में तीन और रक्षापुरम में भी तीन विशाल भव्य मायावती स्टाईल पार्क है|इनकी सुरक्षा के लिए प्रति पार्क चार सुरक्षा कर्मी की तैनाती की जाती है अर्थार्त २४ सुरक्षा कर्मी लगाए जाते है|इन्हें प्रति कर्मी ३७५०/=दिए जाते हैं|यानि ९००००/=रुपये प्रति माह का खर्च है|आज सुबह यहाँ एक भी सुरक्षा कर्मी दिखाई नहीं दिया| घने कोहरे में भी स्वास्थ्य लाभ लेने आये मार्निंग वाकर्स को गंगानगर के पार्क से यह कह कर जाने को कहा गया की कोई गार्ड नहीं है ताला लगाना है |
गौरतलब है कीइन पार्क का निर्माण मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कार्या था और इसका जीर्णोधार मायावती की सरकार में किया गया है|कहने का अभिप्राय है के इस पार्क में दो दो मुख्य मंत्रियों के प्रतिष्ठा जुडी है और आज कल सुरक्षा के लिए इंतज़ाम किये जा रहे हैं मगर सरकारी तंत्र में यह अन्धकार वाकई चिंता और जांच का विषय है|
ताला लगाने वाले से जब इसका कारण पूछा तो उसने बताया की साहब में तो केवल माली हूँ और यहाँ सुरक्षा कर्मी आउट सोर्सिंग से आते हैं इनके लिए अभी एम् डी ऐ से टेंडर पास नहीं हुए हैं|

दुर्भाग्य से आज फिर न्याय के लिए उठी आवाज को ताकत से दबा कर देश को एक नए असंतोष के मार्ग पर धकेल दिया गया

दुर्भाग्य से आज फिर उठी न्याय के लिए आवाज को दबा दिया गया | अधिकारों के लिए चले आंदोलन को लठिया दिया गया|जनाक्रोश का सामना करने में असक्षम न्रेत्त्व ने ताकत का सहारा लिया और

दुर्भाग्य से आज फिर उठी न्याय के लिए उठी आवाज को ताकत से दबा कर देश को एक नए असंतोष के मार्ग पर धकेल दिया गया

| कल चले शान्ति पूर्ण आन्दोलन के बाद आज सुबह से ही इसे कुचलने के लिए प्रशासनिक प्रयास तेज़ कर दिए गए |मेट्रो ट्रेन्स[८ मेट्रो स्टेशंस ] का संचालन रोका गया प्रदर्शन कारियों को हतोत्साहित करने के लिए धारा १४४ लगाई गई|यहाँ तक कि पानी की बौछारें पत्रकारों की तरफ की गई|जिससे आम पब्लिक के साथ साथ पोलिस +पत्रकार भी घायल हुए|
एक चलती बस में गैंगरेप की घटना पर दिल्ली में जारी विरोध-प्रदर्शनों ने रविवार को उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, पानी की बौछारें और पुलिस की लाठी फिर बरसी। नई दिल्ली में धारा 144 के बाद भी इंडिया गेट और जंतर-मंतर पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की बीच जबर्दस्त झड़प हुई। खबर है कि विरोध प्रदर्शन में३७ पोलिस कर्मी और अधिकारी भी घायल हुए|
इससे पहले लाठीचार्ज से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की जीप और एक गाड़ी को तोड़ दिया। यही नहीं 26 जनवरी के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को उखाड़कर आग के हवाले कर दिया है। रविवार को प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी और बाबा रामदेव के समर्थक भी शामिल हो गए। शनिवार को विरोध-प्रदर्शनों का केंद्र विजय चौक रहा, तो रविवार को इंडिया गेट पर वही नजारा रहा |बेशक आज ताकत के बल पर प्रदर्शन कारियों को इंडिया गेट से धकेल दिया गया मगर जनाक्रोश को समाप्त नहीं किया जा सका है यहाँ तक कि उसे कम भी नहीं किया जा सका है| अब इस में भी आप के अरविन्द केजरीवाल और बाबा राम देव के कूद पड़ने से राजनीति शुरू हो गई है|दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित और उनके सांसद पुत्र दोनों ने एक स्वर में पोलिस कमिश्नर को तत्काल हटाये जाने की मांग कर डाली है|
घटनाक्रम
[१] मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने रविवार देर शाम इस मामले पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। इसके बाद वह पूरी कैबिनेट के साथ गृह मंत्री शिंदे से मिलने गईं। उन्होंने इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर रोष जताते हुए दोषी ऑफिसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
[२] प्रदर्शन में एक एएसआई राजपाल सिंह और कॉन्स्टेबल के बुरी तरह घायल होने की खबर है। उन्हें राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि इससे
[३] पुलिस ने इंडिया गेट पर रिपोर्टिंग कर रहे मीडिया वालों को भी नहीं बख्शा। कैमरों को तोड़ा गया और रिपोर्टर्स पर पानी फेंका गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को भी वहां से खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया गया।
[४] इंडिया गेट पर जमे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने शाम साढ़े पांच बजे एक बार फिर लाठीचार्ज करना शुरू किया। इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बार फिर झड़प शुरू हो गई। पुलिस ने मीडिया को भी वहां से हटने के लिए कहा।
[५] रायसीना हिल्स और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के कुछ ही घंटों बाद इंडिया गेट से होते हुए रायसीना हिल्स की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोलों और पानी के बौछारो का उपयोग किया। आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे युवाओं के खिलाफ पुलिस ने रविवार को लगातार दूसरे दिन बल प्रयोग के अलावा आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों का उपयोग किया।
सोनिया-राहुल से मुलाकात प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सोनिया और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि न्याय जरूर मिलेगा। रायसीना हिल्स की ओर बढ़ने की कोशिश के दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पूर्वी दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित की कार घेर ली और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।
[६]रात से डटे प्रदर्शनकारी रायसीना हिल्स और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने आज सुबह हटा दिया। गैंग रेप की घटना का विरोध कर रहे कुछ प्रदर्शनकारी शनिवार को दिन में प्रदर्शन के बाद रात में इन इलाकों में रूक गए थे। रायसीना हिल्स इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों में ज्यादातर छात्र-छात्रायें शामिल हैं। इन लोगों ने कल दिन भर पुलिस से जूझने के बाद पूरी ठंडी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी। पुलिस आज तड़के एक अभियान में प्रदर्शनकारियों को बस में बैठाकर ले गई।
[७]धारा 144 लागू सुबह करीब छह बजकर 30 मिनट पर पुलिस बसों में भरकर रायसीना हिल्स आई। घने कोहरे के बीच पुलिस ने इलाके में धारा 144 के तहत चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाने की घोषणा करते हुए प्रदर्शनकारियों को बसों में भर दिया। रायसीना हिल्स में मौजूद 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घना कोहरा होने की वजह से अधिक प्रतिरोध नहीं कर सके। उन्होंने बस में नारेबाजी की।
इंडिया गेट पर जमा प्रदर्शनकारियों को सुबह 9 बजे कहा गया कि इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है और वे वहां से चले जाएं। धारा 144 के तहत 4 या इससे ज्यादा लोगों को एक [८]बाद में प्रदर्शनकारियों ने उन्हें लेकर जा रही बसों के टायरों की हवा निकाल दी और लड़कियों का समूह बसों के सामने लेट गया। महिला प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की,
[9] इंडिया गेट और रायसीना हिल्स के पास के 8 मेट्रो स्टेशनों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। कल रात सिर्फ चार मेट्रो स्टेशनों- पटेल चौक, केन्द्रीय सचिवालय, उद्योग भवन और रेस कोर्स रोड़ को बंद करने का निर्णय लिया गया था लेकिन आज सुबह बाराखम्भा रोड, मंडी हाउस, प्रगति मैदान और खान मार्केट मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया।
[10]केजरीवाल का प्रदर्शन इस बीच आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने इंडिया गेट के पास अशोक रोड स्थित हैदराबाद हाउस में धरना दिया। केजरीवाल ने कहा, सरकार की निष्क्रियता, उदासीनता और अहंकार बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। लेकिन मैं सबसे अपील करूंगा कि वे हिंसा न करें।’ उन्होंने कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब पूरी नई दिल्ली में धारा 144 लगाई गई हो। सरकार लोगों से डरी हुई है। सरकार लोगों के साथ युद्ध कर रही है। सरकार कैसे निहत्थे लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक रही है? धारा 144 केवल लोकतंत्र को बचाने के लिए लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए।उन्होंने बलात्कारियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आह्वान किया।
सफदरजंग अस्पताल के बाहर भी प्रदर्शन हुए। पीड़िता का इलाज इसी अस्पताल में चल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने अशोक रोड पर यातायात रोक कर दिया है और इंडिया गेट पर वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई हैं।
[11] बाबा राम देव के साथ पूर्व जनरल वी के सिंह भी आये | बाबा राम देव के खिलाफ दंगा भड़काने का केस दर्ज़ किया गया है|
[१२] एक गाड़ी को पलटे जाने को मुद्दा बना कर पोलिस ने दमनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी|
[१३] कल गृह मंत्री ने प्रदर्शन कारियों से सीधे संवाद स्थापित किये जाने के सुझाव को हवा में उड़ा दिया था लेकिन यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी ने कुशल न्रेत्त्व का प्रदर्शन करते हुए कल और आज भी प्रदर्शन कारियों के एक गुट से मिली और शान्ति स्थापित करने की अपील की मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बिना नेता के प्रदर्शन कारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए

चौधरी अजित सिंह पर १३ बर्खास्त पायलटों के टरमिनेशन आर्डर रद्द करने को दबाब

एयर इंडिया के १३ पायलटों के टरमिनेशन आर्डर को वापिस लेने के लिए इंडियन एयर लाइन्स पायलेट बाडी [आई सी पी ऐ] ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह से निवेदन किया है|इस बाडी ने मंत्री को अवगत कराया है कि निष्कासन से इन पायलटों को अपना घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है|

Civil Aviation Minister Choudhry Ajit Singh


एसोशियेशन ने कहा है कि सभी निष्कासित पायलटों को वापिस लिए जाने से वर्किंग एन्वायर्नमेंट सुधरेगा | इससे पूर्व भी अनेकों फोरम से ऐसे निवेदन किये जा चुके हैं |
गौरतलब है कि एयर लाईन्स मेनेजमेंट द्वारा ४०० पायलटों के दो महीने की हड़ताल पर जाने के कारण १०१ पायलटों को निष्कासित कर दिया गया था और उनकी गिल्ड की मान्यता भी रद्द कर दी गई थी| बाद में कोर्ट के आदेशानुसार सभी पायलटों को वापिस काम पर ले लिया गया था|लेकिन उनमे से १३ पायलटों को छोड़ दिया गया था| ये सभी १३ पायलट हड़ताली कोर कमेटी से जुड़े थे |
अब चूंकि ड्रीम लाईनर और लिए जाने हैं और ट्रेंड पायलट्स की स्वाभाविक जरुरत होगी ऐसे में वर्किंग एनवायरनमेंट को सुधारने के लिए इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना उचित ही होगा