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राष्‍ट्रीय विकास परिषद की बैठक में डाक्टर मनमोहन सिंह ने मुख्य मंत्रियों से महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरतने को कहा

डाक्टर मनमोहन सिंह P M Of INDIA Dr Manmohan singh

राष्‍ट्रीय विकास परिषद [एन डी सी] की आज गुरुवार को आहत बैठक में प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। राष्‍ट्रीय राजधानी में चलती चार्टर्ड स्कूल बस में गैंगरेप की वारदात से लोगों में आए उबाल के बाद सरकार गंभीरता से सक्रिय होती नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री ने आज एनडीसी की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है। सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और महिलाओं के साथ संगीन यौन अपराध के मामलों में दंड के स्तर की समीक्षा करने का निर्णय किया है। उन्‍होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को पकड़ लिया गया है, कानून उनसे तेजी से निपटेगा। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के साथ की जाएगी। जस्टिस वर्मा की अध्‍यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी कानून को और कारगर बनाने पर सुझाव देगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है और सरकार इस दिशा में समुचित कदम उठा रही है। उन्होंने समाज को भी महिलाओं के प्रति जागरूकता को जरुरी बताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति समाज ईमानदार नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को अहम बताया |
बैठक में शिरकत कर रहे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सभी मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मंदी से उबरने के लिए आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर भी जोर दिया

जनरल से एक्टिविस्ट बने वी के सिंह से Z Category वापिस होगी

केंद्र सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मुहय्या करवाया गया

Retd. General V kK S ingh &Baba Ram dev

Category सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है. श्री सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं. सूत्रों सेप्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है.सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को रक्षा मंत्री एके एंटनी से नौ महीने का सेवा विस्तार मांगे जाने के बाद 30 नवंबर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में ठहरने की अनुमति मिली थी.|
दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में बाबा रामदेव के साथ जनरल सिंह का नाम भी दर्ज किया है.अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया.|
सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है.नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी.अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वह अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए
इस मामले में .बताया जा रहा है कि जनरल सिंह कोई राजनीती नही कोई अपराध नहीं वरन सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हैंऔर जेड प्लस सिक्युरिटी तो विपक्ष के नेताओं को भी मिला है इसका मतलब है उन्हें किसी मुद्दे पर बात करने का हक नहीं है| सेवाकाल में जनरल द्वारा केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और जनरल कोर्ट भी गए थे लगता है की केंद्र सरकार ने मौजूदा डेवलपमेंट को जनरल के विरुद्ध एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में देर नहीं लगाई है| एक तरफ तो कांस्टेबिल सुभाष तोमर की ह्त्या में अरविन्द केजरीवाल की “आप” के कार्यकर्ता चमन को आरोपित करके आप पर निशाना साधा गया है तो इसके साथ ही जनरल वी के सिंह की सरकार विरोधी उडान को भी हतोत्साहित करने का प्रयास किया है| फिलहाल जनरल ने सिक्योरिटी विड्रावल के तरीकों पर निराशा प्रगट कर दी हैक्योंकि यह सुविधा पूर्व में जीवन पर्यंत की गई सेवा के फलस्वरूप दी जाती है| वैसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन की एक्टिविस्ट किरण बेदी का कहना है की जनरल को सुरक्षा की क्या जरुरत है?

एल के अडवाणी के नज़रिए से तवलीन सिंह की १० जनपथी “दरबार”

पत्रकार तवलीन सिंह द्वारा गांधी परिवार पर लिखित पुस्तक ‘दरबार‘ पर एल के अडवाणी ने अपने ब्लॉग में प्रतिक्रिया देते हुए पुस्तक को अत्यन्त ही रोचक पठनीय बताया है|इस पुस्तक में पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गे राजिव गाँधी के उत्थान और फिर पतनके माध्यम से 10 जनपथ[कांग्रेस अध्यक्ष] की रहस्यात्मकता या गुप्तता” को उजागर करने का प्रयास किया गया है|

एल के अडवाणी के नज़रिए से तवलीन सिंह की १० जनपथी “दरबार”

प्रस्तुत है अडवानी के ब्लाग से उद्दत दरबार पर उनकी यह प्रतिक्रया ।
तहलका जैसी पत्रिकाओं ने प्रकाशित किया है कि यह पुस्तक गांधी परिवार के विरूध्द ”पुराने हिसाब किताब चुकाने” के उद्देश्य से लिखी गई एक गपशप है। जबकि दूसरी और दि एशियन एज ने पुस्तक की समीक्षा ‘दिल्ली दरबार के रहस्यपूर्ण वातावरण से पर्दा उठना‘ (Unraveling the mystique of Delhi’s Durbar) शीर्षक से प्रकाशित की है। हालांकि कोई भी इससे इंकार नहीं कर सकता कि तवलीन की नवीनतम पुस्तक अत्यन्त ही रोचक पठनीय है।
‘एशियन एज‘ में समीक्षक अशोक मलिक की यह टिप्पणी बिल्कुल सही है कि अपनी सारी पहुंच के बावजूद राजधानी में राजनीतिक पत्रकार अक्सर लुटियन्स दिल्ली के लिए अंतत: बाहरी ही रहते हैं। कम से कम 10 जनपथ के संदर्भ में यह शत-प्रतिशत सत्य है।
अनगिनत समस्याओं वाला भारत एक विशाल देश है। संविधान और कानून सरकार को देश का शासन प्रभावी ढंग से चलाने की सभी जिम्मेदारी प्रदान करते हैं। जैसाकि सभी लोकतंत्रों में लोकतांत्रिक तंत्र का मुखिया प्रधानमंत्री होता है। लेकिन देश में सभी जानते हैं कि आज के भारत में मुखिया प्रधानमंत्री नहीं अपितु कांग्रेस अध्यक्ष हैं। यही वह स्थिति है जो इन दिनों देश की अनेक समस्याओं की मूल जड़ है।
यह पुस्तक अपने पाठकों को बताती है कि एक समय था जब इसकी लेखक का न केवल राजीव गांधी के साथ अपितु श्रीमती सोनिया गांधी के साथ भी घनिष्ठ सम्बन्ध था। तब अचानक यह निकटता समाप्त हो गई। अशोक मलिक लिखते हैं : तवलीन की पुस्तक हमें ”10 जनपथ की रहस्यात्मकता या गुप्तता” को समझने में सहायता करती है।
मलिक द्वारा ”इंदिरा गांधी हत्याकाण्ड में राजीव के और सोनिया के सामाजिक मित्रों को फंसाने के विचित्र दुष्टताभरे अभियान” की ओर इंगित करने ने ‘मुझे पुस्तक के अध्याय 14 के उन सभी आठ पृष्ठों को पढ़ने को बाध्य किया‘ जिनपर मलिक की टिप्पणी आधारित है। तवलीन से भी इस सम्बन्ध में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आई0बी0) ने पूछताछ की थी। इस प्रकरण के सम्बन्ध में तवलीन का अंतिम पैराग्राफ हमारी गुप्तचर एजेंसियों की काफी निंदा करता है:

”जांच के अंत में, हमारी गुप्तचर एजेंसियों के स्तर के बारे में मुझे गंभीर चिंता हुई। इसलिए मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ जब कुछ महीने बाद यह जांच कि भारत के प्रधानमंत्री की हत्या में कोई बड़ा षडयंत्र था, को चुपचाप समाप्त होने दिया गया।”
312 पृष्ठों वाले इस संस्मरण की शुरूआत में लेखक का चार पृष्ठीय ‘नोट‘ है। इस पुस्तक में तवलीन सिंह की टिप्पणियों से आप असहमत हो सकते हैं और उनके कुछ निष्कर्षों को चुनौती दे सकते हैं। लेकिन मुझे उनके इस शुरूआती ‘नोट‘ में दम लगता है जिसे इस अंतिम पैराग्राफ में सारगर्भित ढंग से समाहित किया गया है:
”दरबार लिखना मुश्किल था। राजीव गांधी की मृत्यु के तुरंत बाद मैंने इसे लिखना शुरू किया। मैं उन्हें तब से जानती थी जब वह एक राजनीतिज्ञ नहीं थे और अपने को मैंने इस अनोखी स्थिति में पाया कि उन्हें यह बता सकूं कि कैसे भारतीय इतिहास में सर्वाधिक प्रचण्ड बहुमत वाला प्रधानमंत्री अंत में कैसे निराशाजनक स्थिति में पहुंचा। केवल इसलिए नहीं कि मैं भी उस छोटे से सामाजिक ग्रुप का हिस्सा थी जिसमें वह भी थे, लेकिन इसलिए कि एक पत्रकार के रूप में मेरा कैरियर इस तरह से बदला कि मैंने उस भारत को देखा जो राजीव के एक राजनीतिज्ञ के रूप में लगभग समानांतर चलता रहा था। तब मुझे लगा कि उन्होंने भारत की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया लेकिन जब मैं इस पुस्तक को लिखने बैठी तो मुझे अहसास हुआ कि वही अकेले नहीं थे जिन्होंने भारत को शर्मिंदा किया। एक समूचे सत्तारूढ़ वर्ग ने ऐसा किया। वह सत्तारूढ़ वर्ग जिससे मैं भी सम्बन्धित हूं।

जैसे कहानी आगे बढ़ती है यह मानों मेरे अपने जीवन का दर्पण है, राजनीतिज्ञ के रूप में राजीव के संक्षिप्त जीवन और कैसे वंशानुगत लोकतंत्र के बीज बोए गए-का ही यह एक संस्मरण नहीं है बल्कि एक पत्रकार के रूप में मेरा भी है। मैंने पाया कि पत्रकारिता की स्पष्ट दृष्टि ने उस देश को समझने के मेरे नजरिए को बदला जिसमें मैं अपने सारे जीवन भर रही हूं। और इसने मूलभूत रूप से उस नजरिए को बदला जिसमें मैं उन लोगों को देख सकी जिनके साथ मैं पली-बढ़ी। मैंने देखा कि कैसे वे भारत से अलिप्त हैं, उसकी संस्कृति और इतिहास उनके लिए कैसे विदेशी हैं, और इसी के चलते वे पुनर्जागरण और परिवर्तन लाने में असफल रहे। मैंने देखा कि एक पत्रकार के रूप में मेरे जीवन ने उन द्वारों को खोला जिनसे मुझे लगातार शर्म महसूस हुई कि कैसे मेरे जैसे लोगों ने भारत के साथ विश्वासघात किया है। मैं मानती हूं कि इसी के चलते भारत को उसके सत्तारूढ़ वर्ग ने शर्मिंदा किया है और वह वैसा देश नहीं बन पाया जैसा उसे बनना चाहिए था। यदि हम कम विदेशी होते और भारत की भाषाओं और साहित्य की महान संपदा, राजनीति और शासन सम्बन्धी उसके प्राचीन मूलग्रंथों और उसके ग्रंथों के बारे में और ज्यादा सचेत होते तो हम अनेक चीजों में परिवर्तन कर पाते लेकिन हम असफल रहे और अपने बच्चों कीे उनके ही देश में अपनी तरह, विदेशियों की तरह पाला। सभी विदेशी चीजों पर मंत्रमुग्ध और सभी भारतीय चीजों का तिरस्कार।
एक नया सत्तारूढ़ वर्ग धीरे से पुराने का स्थान ले रहा है। एक नयी, अभद्र राजनीतिज्ञों का वर्ग सत्ता पर नियंत्रण हेतु सामने आ रहा है। किसानों और चपरासियों के बच्चे और उन जातियों जो कभी अस्पृश्य माने जाते थे, की संतानें भारत के कुछ बड़े प्रदेशों पर शासन कर चुके हैं। लेकिन पुराने सत्तारूढ़ की बराबरी की चेष्टा में वे अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं और उन्हें पश्चिम के विश्वविद्यालयों में भेजते हैं। इसमें भी कोई हर्जा नहीं है बशर्ते कि वे उन्हें अपनी भाषाओं और संस्कृति से विमुख नहीं करते हों।
एक भारतीय पुनर्जागरण की संभावना, जैसाकि पहली पीढ़ी के उन भारतीयों जो उपनिवेश के बाद के भारत में पली-बढ़ी है, हमारी हो सकती थी और सिमटती और दूर होती जा रही है। सत्तारूढ़ वर्ग के हाथों में एक राजनीतिक हथियार-वंशवाद, देश जिसकी आत्मा पहले से ही शताब्दियों से गहरे ढंग से दागदार है के नए उपनिवेश का मुख्य स्त्रोत बनता जा रहा है। यह वह मुख्य कारण है जिसके चलते तेजी से विस्तारित और फैलते शिक्षित मध्यम वर्ग का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं से मोहभंग होता जा रहा है।
तवलीन की इन पंक्तियों ने मुझे लार्ड मैकाले द्वारा फरवरी 1835 में ब्रिटिश संसद में की गई टिप्पणियों का स्मरण करा दिया:

”मैंने पूरे भारत की यात्रा की और ऐसा व्यक्ति नहीं देखा जो कि भिखारी हो या चोर हो। इस तरह की संपत्ति मैंने इस देश में देखी है, इतने ऊंचे नैतिक मूल्य, लोगों की इतनी क्षमता, मुझे नहीं लगता कि कभी हम इस देश को जीत सकते हैं, जब तक कि हम इस देश की रीढ़ को नहीं तोड़ देते, जो कि उसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में है। इसलिए मैं प्रस्ताव करता हूं कि हमें इसकी पुरानी और प्राचीन शिक्षा-व्यवस्था, इसकी संस्कृति को बदलना होगा। इसके लिए यदि हम भारतीयों को यह सोचना सिखा दें कि जो भी विदेशी है और अंग्रेज है, वह उसके लिए अच्छा और बेहतर है, तो इस तरह से वे अपना आत्मसम्मान खो देंगे, अपनी संस्कृति खो देंगे और वे वही बन जाएंगे जैसा हम चाहते हैं-एक बिल्कुल गुलाम देश।”
मैकाले द्वारा अपनाई गई उपनिवेशवादी नीति अंग्रेजों द्वारा भारत लागू शिक्षा व्यवस्था में विद्यमान थी। इसका प्रभाव स्वतंत्रता के बाद भी बना हुआ है। वे लोग जो केवल हिंदी या कोई भारतीय भाषा बोलते हैं और अच्छी अंग्रेजी नही बोल पाते, उन्हें हमारे देश में निकृष्ट समझा जाता है। मैंने अक्सर इस तथ्य को समझने के लिए अपना उदाहरण दिया है। मैं अपने जीवन के आरंभिक बीस वर्षों में-जो मैंने सिंध में बिताए-बहुत कम हिंदी जानता था। राजस्थान आने के बाद मैंने परिश्रमपूर्वक इसका अध्ययन किया। लेकिन मुझे वर्ष 1957 में दिल्ली आने पर यह अनुभव हुआ कि अंग्रेजी भारत में उंचा स्थान कैसे रखती है
उदाहरण के लिए, जब भी टेलीफोन की घंटी बजती थी और मैं इसे उठाता था, मेरा पहला वाक्य होता था आज भी है-‘हां, जी’ जिसके जवाब में अक्सर उधर से पूछा जाता था, ‘साहब घर में हैं?’ यह मान लिया जाता था कि घर से कोई नौकर बोल रहा है। और मैं उनसे कहता था, ‘आपको आडवाणी से बात करनी है तो मैं बोल रहा हूं।‘

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

दारू किंग विजय माल्या की कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी है। इससे पहले भी कंपनी ने दोबारा उड़ान भरने की योजना विमानन नियामक के समक्ष पेश की थी जिसे खामियों के चलते डीजीसीए ने खारिज कर दिया था। विजय माल्या की इस एयरलाइंस का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है।और इस कम्पनी का लायसेंस ३१ दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है|अब लायसेंस के पुनरुद्धार[रिन्यू ]कराये बगैर उड़ान संभव नहीं होगी|इसीलिए अब कंपनी बचाने के लिए वित्तीय व्यवस्था करने के साथ अपना लायसेंस बचाना भी जरुरी है|
पिछले हफ्ते ही कंपनी ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है। डीजीसीए ने लाइसेंस नवीनीकरण से पहले कंपनी से पुनरुद्धार योजना मांगी थी। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि किंगफिशर ने उड़ान लाइसेंस दोबारा हासिल करने की पहली शर्त के तहत यह योजना पेश की है। इससे पहले परिचालन ठप्प होने की वजह से डीजीसीए ने 20 अक्टूबर को लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था। उस समय भी नियामक ने एयरलाइंस से परिचालन एवं वित्तीय समस्याओं के संदर्भ में विस्तृत योजना जमा कराने को कहा था। मगर वह ऐसा करने में असफल रही थी।
तब नियामक ने लाइसेंस बहाली के लिए कंपनी को सभी हितधारकों का बकाया भुगतान करने को कहा था। मगर कंपनी इसमें भी नाकाम रही है। सूत्रों के मुताबिक किंगफिशर का लाइसेंस खतरे में है। आमतौर पर पांच साल के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण होता है। मगर किंगफिशर के मामले में स्थिति बिल्कुल अलग है। ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि डीजीसीए पुनरुद्धार योजना को मंजूरी देगा।
कुछ दिनों पहले विजय माल्या ने 17 बैंकों के कंसोर्टियम को बताया था कि वे एयरलाइंस का सीमित परिचालन शुरू करने के लिए 425 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इन बैंकों का किंगफिशर पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज है।किंग फ़िशर अभी तक विदेशी निवेशकों को आकर्षित नहीं का पाई है पहले रियाद की एक कम्पनी द्वारा ३००० करोड़ के निवेश की बात कही जा रही थी मगर अभी तक वह फायनल नहीं हुई है| यूं बी ग्रुप द्वारा सवा छह सो करोड़ का निवेश करने के बात कही जा रही है मगर विदेशी निवेश के अभाव में यह पूंजी भी अपर्याप्त समझी जा रही है|

कोहरे से सड़क और वायु यातायात प्रभावित हुआ

Air India flight Canceled

पहाड़ों से तैरती आ रही बर्फानी हवाओं ने उत्तर भारत में भी कोहरे की चादर ओड़ा दी है|इस से मेरठ और आसपास के एरिया में सामान्य जन जीवन तो प्रभावित हुआ ही है इसके साथ हीकई ट्रेन लेट चल रहे है तो दिल्ली एयर पोर्ट से कई उडाने लेट हुई और रद्द भी करनी पड़ी है|संगम में अगर सात घंटे तो नौचंदी एक्सप्रेस के लिए तीन घंटे देरी एनाउंस हुई है| एयर इंडिया ने चंडीगढ़ दिल्ली फ्लाईट ऐ आई ८६४/८६३ को आज सोमवार के लिए रद्द कर दिया|

शेयर बाज़ार ने झटका खाया: sensex down with 211.92 Points and nifty 68.70

देश के शेयर बाजारों में आज शुक्रवार को गिरावट दर्ज़ की गई| प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 211.92 अंकों की गिरावट के साथ 19,242.00 पर और निफ्टी 68.70 अंकों की गिरावट के साथ 5,847.70 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 59.37 अंकों की गिरावट के साथ 19,394.55 पर खुला और 211.92 अंकों यानी 1.09 फीसदी की गिरावट के साथ 19,242.00 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,394.55 के ऊपरी और 19,221.12 के निचले स्तर को छुआ।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 28.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,888.00 पर खुला और 68.70 अंकों यानी 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 5,847.70 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,888.00 के ऊपरी और 5,841.65 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। रियल्टी (3.51 फीसदी), धातु (1.80 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.70 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.66 फीसदी) और बिजली (1.63 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई। आज के कारोबार में रियल्टी और धातु क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा

शेयर बाज़ार ने झटका खाया:

५५.०६ रही
[१] सेंसेक्स 211.92 अंकों की गिरावट के साथ 19,242.00
[२]>निफ्टी 68.70 अंकों की गिरावट के साथ 5,847.70
[३]बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 59.37 अंकों की गिरावट के साथ 19,394.55 पर खुला और 211.92 अंकों यानी 1.09 फीसदी की गिरावट के साथ 19,242.00 पर बंद हुआ।
[४]सेंसेक्स ने 19,394.55 के ऊपरी और 19,221.१२
[५]नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 28.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,888.00 पर खुला और 68.70 अंकों यानी 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 5,847.70

नए साल में असान्जे की विकिलीक्स विश्व में खलबली मचाएगी:WikiLeaks again Equiped with 10 Lakhs Documents

Julian असान्जे

अमेरिका के गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक कर विश्व भर में खलबली मचाने वाली वेबसाइट विकिलीक्स अगले साल[२०१३] 10 लाख दस्तावेज जारी करेगी जिससे विश्व के सभी देश प्रभावित होंगे। जाहिर है की इससे भारत भी प्रभावित होगा| वेब साईट के संस्थापक जूलियन असांजे ने चार महीनो के बाद गुरुवार को लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास की बालकनी से जारी अपने ‘क्रिसमस संदेश’ में यह घोषणा की। गौरतलब है कि श्री असांजे ने स्वीडन प्रत्यर्पन से बचने के लिए पिछले छह महीने से इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली हुई है। उन्होंने कहा कि बातचीत के दरवाजे अभी खुले हुए हैं। उन्होंने यहां इकट्ठा हुए करीब 100 समर्थकों के सामने कहा, ‘अगला साल भी पिछले साल की तरह व्यस्त होगा। विकिलीक्स के पास जारी करने के लिए पहले से ही 10 लाख से अधिक दस्तावेज मौजूद हैं, ऐसे दस्तावेज जिनसे विश्व के सभी देश प्रभावित होंगे,[रिपीट ] विश्व के सभी देश।’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कंप्यूटर हैकर असांजे ने उन्हें शरण देने के लिए इक्वाडोर के राष्ट्रपति राफेल कोरिया का आभार प्रकट किया। असांजे ने कहा, ‘सच्चा लोकतंत्र व्हाइट हाउस या कैमरे नहीं हैं, सच्चा लोकतंत्र सच्चाई के साथ लैस होकर तहरीर से लंदन तक खड़े लोगों का विरोध है। इक्वाडोर के राजूदत की ओर से जारी बयान में असांजे को समर्थन जारी रखने की बात कही गई। असांज बलात्कार और यौन हिंसा के आरोप में स्वीडन प्रत्यार्पित किए जाने से बचने के लिए इक्वेडर के दूतावास मे शरण लिए हुए है जहां उन्हें छह महीने पूरे हो गए हैं.हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है| असांज ने ये भी कहा कि ‘उनके दरवाज़े हमेशा बातचीत और समझौता करने के लिए खुले हैं.’इसी बालकनी से 19 अगस्त को लोगों को संबोधित करने के बाद ये उनका पहला भाषण था
ऑस्ट्रेलिया के नागरिक एवं पूर्व कंप्यूटर हैकर असांजे ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति रफेल कोरया का उन्हें शरण देने और अमेरिकी और लंदन जैसे प्रभावशाली देशों का सामना करने के लिए शुक्रिया अदा किया।

नागरिक उड्डयन नियंत्रक ने बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू करने से इंकार किया::किसी को फेवर तो नहीं ?

हैंगर्स में पार्क्ड कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के लाइसेंस को रिन्यू करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। लेकिन नागरिक उड्डयन नियंत्रक [डीजीसीए] ने साफ कर दिया है कि बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा।इससे सवाल पैदा होना स्वाभाविक है कि क्या किसी दूसरी कमपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किंग फ़िशर एयर लाइन्स को उठाने नहीं दिया जा रहा|
किंगफिशर एयरलाइंस ने डीजीसीए को लाइसेंस रिन्यू का आवेदन दिया है लेकिन डीजीसीए ने कहा है कि बिना रिवाइवल प्लान के आवेदन देना केवल औपचारिकता है। 31 दिसंबर को किंगफिशर का फ्लाइंग लाइसेंस खत्म हो रहा है। 31 दिसंबर के बाद किंगफिशर को नए सिरे से फ्लाइट और ऑपरेटिंग मैनुअल पास कराना होगा।इस अवधि के पश्चात भी 2 साल तक किंगफिशर लाइसेंस रिन्यू करा सकती है|
लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस को अपने रिवाइवल प्लान में[१] फंड का प्रूफ, [२]कर्मचारियों के भुगतान का सबूत देना होगा। [३] एयरपोर्ट, तेल कंपनियों के बकाया भुगतान का एग्रीमेंट भी देना होगा।[४] दोबारा उड़ान में कोई बाधा नहीं आने का भरोसा देना होगा। रिवाइवल प्लान पर किंगफिशर ने चुप्पी साध रखी है। पहले किंगफिशर ने सीमित उड़ान शुरू करने का इरादा जताया था लेकिन इसके लाइसेंस की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है। इसकी वजह से डीजीसीए ने इसका उड़ान लाइसेंस अस्थाई रूप से निलंबित कर रखा है सूत्रों के मुताबिक बिना वित्तीय योजना पेश किए विजय माल्या की एयरलाइंस का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हो पाएगा। कंपनी 9,000 करोड़ रुपये के घाटे में है और इस पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
दारू किंग विजय माल्या की किंग फ़िशर एयर लाइन्स के ग्राउंड पर आ जाने का लाभ एयर इंडिया और निजी कम्पनी इंडिगो,जेट एयर वेज,स्पाईस जेट को मिल रहा है|किंग फ़िशर के मैदान से हटने से इंडिगो और एयर इंडिया पहले और दूसरे नंबर पर आगये हैं ऐसे में प्रतिस्पर्द्धी किंग फ़िशर के बाहर रहने में ही इंडिगो और एयर इंडिया का फायदा है|इसी प्रकार की नाजायज़ गतिविधियों के आरोप जर्मन के अन्तराष्ट्रीय फायनेंसर डी वी बी ने डी जी सी ऐ पर लगाये हैं|यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि एक तरफ तो इस फील्ड में विदेशी
निवेशकों के लिए बाज़ार को खोलने के दावे किये जा रहे हैं स्वयम एयर इंडिया के लिए बैल आउट पॅकेज लिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ हज़ारों कर्मियों के रोज़गार और बैंको के ७०००+करोड़ रुपयों को नज़रंदाज़ करके एक कम्पनी को ऊपर उठाने के लिए सहारा देने के बजाय उसे और नीचे गिराने का उपाय किया जा रहा है|

आज़म खान ने ट्रेन में कोच अटेंडेंट को मुर्गा बनाया

उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का विवादों से पुराना नाता है अब फिर एक नया विवाद इनके नाम के साथ जोड़ा जाने लगा है लेकिन ये विवाद किसी सेलेब्रेटी से जुदा नहीं है वरन सौ साल पूरे करने वाली पंजाब मेल के सी ग्रुप के एक कोच अटेंडेंट से जुड़ा है| प्राप्त जानकारी के अनुसार आज़म खान के खिलाफ मारपीट की शिकायत की गई है| जबकि आज़म खान ने केवल बहस होने की बात कही है| पंजाब मेल

Aazam Khan V/S Indian Railways

निर्मल मुर्मू द्वारा अमृतसर में रेलवे पुलिस से यह शिकायत की गई है|.रेलवे पुलिस ने शिकायत रामपुर जीआरपी को भेज दी है |निर्मल मुर्मू के मुताबिक आजम खान ने उनकी पिटाई की और कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई|
बताया गया है कि हावड़ा से अमृतसर जाने वाली पंजाब मेल[३००५अप] से वरिष्ठ मंत्री आजम खान 18 दिसंबर को लखनऊ से रामपुर जा रहे थे|
आजम खान ने इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने[मंत्री] ट्रेन में बिस्तर गंदा होने की बात जरूर कही थी जिस पर रेलवे स्टाफ के साथ उनकी बहस भी हुई थी

यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे वाहन उठवाये

यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे वाहन उठवाये Meerut Traffic

मेरठ के व्यस्तम पैंठ बाज़ार में यातायात को सुचारू करने के उद्देश्य से सड़क पर यातायात की बाधक बनी खडी गाड़ियों को उठवाया गया|लालकुर्ती थाना अंतर्गत पैंठ बाज़ार में एक पोलिस सहायता केंद्र बनाया गया है|यहाँ तैनात पोलिस अधिकारी और होम गार्ड्स के पास कोई विशेष कार्य तो था नहीं सो उन्होंने यातायात को ही सुधारने का बीड़ा उठा लिया |देखा तो इधर उधर जहाँ लोगों को पैदल चलने में परेशानी हो रहे थी वहां बीचो बीच खडी गाड़ियाँ यातायात को बाधित कर रहे थी सो दरोगा जी ने एक रिक्शा बुलवाया और शुरू करा दिया वाहन उठाओ अभियान | ये दीगर बात है कि थोड़े समय के पश्चात चेतावनी दे कर वहां रिलीज भी करते रहे