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बराक ओबामा ने हेल्थ केयर यौजना को लेकर विपक्षी रिपलिकंस की जम कर आलोचना की;Week’s Address Of Barack Obama

प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने आज अपने साप्ताहिक संबोधन में हेल्थ केयर यौजना को लेकर विपक्षी रिपलिकंस की जम कर आलोचना की| ओबामा ने कहा कि अफोर्डेबल केयर एक्ट को प्रभावी बना कर मिलियंस अमेरिकन को लाभ पहुँचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन इन तमाम उपायों को असफल बनाने में कांग्रेस में कुछ रिपब्लिकन्स द्वारा अनावश्यक रुकावटें डाली जा रही है|यहाँ तक कि देश वासिओं को गुमराह भी किया जा रहा है|इन रिपब्लिकन्स द्वारा धमकी दी जा रही है कि यदि वे लोग इस हेल्थ केयर लॉ को बंद नही करा पाए तो सरकार को ही बंद करा देंगे|
बराक ओबामा ने कहा कि हेल्थ इन्शुरन्स जन हित के लिए है इसीलिए इसके साथ कोई अप्रिय राजनीती नहीं खेली जानी चाहिए| उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों तक इस सुविधा को पहुँचाने के लिए भरसक प्रयास करेगी|

पी एम् ने आर बी आई पर पुस्तक का विमोचन किया और आर्थिक नीति निर्माण, में नए सिरे से सोचने की जरूरत पर बल दिया

 भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने वृहत आर्थिक नीति निर्माण, लक्ष्य और इन्स्ट्रमेंट्स में नए सिरे से सोचने की जरूरत पर बल दिया |
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास स्वतंत्रता के समय से ही हमारे देश की वृद्धि का इतिहास है। रिजर्व बैंक ने देश के लिए गौरवमयी भूमिका निभाई है। इसने मौद्रिक नीति तैयार करने, क्रेडिट नीति तैयार करने और यदि मुझे सही याद है तो खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट की आपूर्ति को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रिजर्व बैंक ने महान विशेषता के साथ हमारे देश की सेवा की है। लेकिन मुझे लगता है कि बेहतरीन कार्य तो अभी होना है।
डॉ. सुब्बाराव [पूर्व] नीति-निर्माण में विविध पहलुओं को स्पर्श किया है तथा मैं यह कहने का साहस करता हूं कि डॉ. रघुरमन राजन[वर्तमान गवर्नर ] हमारे देश के समक्ष बेहद मुश्किल हालात में नई कार्रवाई करने के लिए अपने पूर्ववर्ती के अनुभव का लाभ उठाएंगे। हम यथास्थिति से कदापि संतुष्ट नहीं हो सकते। जब मैं गवर्नर बना था तो मुझे मौद्रिक नीति के बारे ज्यादा ज्ञान नहीं था और इसलिए मैंने स्वर्गीय प्रोफेसर चक्रवर्ती को मौद्रिक नीति के कामकाज, लक्ष्यों और माध्यमों एवं उपायों की देखरेख के लिए समिति का नेतृत्व करने को कहा तथा वह रिपोर्ट कुछ समय के लिए बहुत प्रभावशाली रही। और अब मुझे लगता है कि यह सोचने का समय आ गया है जब हमें उन कुछ क्षेत्रों पर फिर से विचार करना चाहिए – वैश्विक अर्थव्यवस्था में, वित्तीय रूप से दबाव की अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति की संभावनाओं और सीमाओं पर। मैं सोचता हूं कि यह एक विषय है। लेकिन वृहत आर्थिक नीति निर्माण, लक्ष्य और इन्स्ट्रमेंट्स अन्य क्षेत्र हैं जहां नए सिरे से सोचने की जरूरत है तथा मुझे आशा है कि भविष्य के गवर्नर खासतौर से डॉ. रघुराम राजन इन कुछ मुश्किल क्षेत्रों का पुनरावलोकन करेंगे।
मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं, तथा यदि हमें देश में व्यापक स्तर पर सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव लाने हैं तो कम से कम कुछ प्रोफेशनलों एवं राष्ट्रीय सर्वसम्मति की जरूरत है क्योंकि भारत बहुत जटिल है।
पी एम् ने डॉ. सुब्बाराव को पूरे समर्पण के साथ रिजर्व बैंक और देश की सेवा करने के लिए धन्यवाद दिया और उनके स्थान पर नए गवर्नर डॉ. रघुराम राजन का यह कहते हुए स्वागत किया कि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त बहुत विशिष्ट अर्थशास्त्री हैं। मुझे आशा है कि भारतीय रिजर्व बैंक उनके कार्यकाल में और भी शानदार उपलब्धि हासिल करेगा।
फोटो कैप्शन
[१] आर बी आई के इतिहास पर चौथे खंड[ Volume IV ] का नई दिल्ली में १७ अगस्त को विमोचन करते हुए प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह
[२] डॉ मन मोहन सिंह के साथ डॉ डी सुब्बाराव+बिमल जलान

India Greets Persians On The auspicious occasion of the Parsi New Year, ‘Navroz’[ Nowruz ]

President Pranab Mukherjee

President Pranab Mukherjee

The President+ Vice President and the Prime Minister today greeted the Parsis on the occasion of their New Year ‘Navroz'[ Nowruz], by saying “Navroz symbolises new beginnings and is seen as a harbinger of peace and prosperity.
” President of India shri Pranab Mukherjee. said “This festival reminds us of the rich diversity and inclusiveness of our culture,
Shri Mukherjee said: “On the auspicious occasion , I extend my greetings and good wishes to all my fellow citizens particularly my Parsi brothers and sisters.
Navroz symbolizes new beginnings and is seen as a harbinger of peace and prosperity. The festival reminds us of the rich diversity and inclusiveness of our culture.
May this festival bring peace and prosperity in the lives of all people and reinforce our commitment to synthesis, harmony and goodwill towards all”.

The Vice President of India Shri M. Hamid Ansari

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी


has greeted the citizens on this auspicious occasion by saying ” Navroz, is celebrated with gaiety and enthusiasm in our country, It is an important symbol of our rich heritage and a vibrant composite culture.
shri ansari said “I convey my greetings and good wishes to all our citizens on the auspicious occasion of Navroz, which marks the beginning of the Parsi New Year.
May this joyous occasion bring peace, progress and happiness in our lives.”
डॉ मन मोहन सिंह

डॉ मन मोहन सिंह

Prime Minister, Dr. Manmohan Singh,

has greeted the nation on the joyous occasion of Navroz,
In his message, the Prime Minster said that Navroz is a celebration of nature and is dedicated to renewal, righteous living and harmony. It marks the unity in diversity of Indian culture with the focus on human values.
May the occasion bring well-being and happiness to all Parsis and the entire nation, he added.
Nowruz is a Persian New YearThis festival is celebrated and observed principally in Iran and has spread in many other parts of the world, including parts of Central Asia+ Caucasus+Northwestern China+ the Crimea and some groups in the Balkans. In India Most Of This Community Is Settled In Maharashtra and Gujrat
In Iran.Nowruz is an official holiday lasting for 13 days during which most national functions including schools are off and festivities take place.
Nowruz marks the first day of spring and the beginning of the year in the Iranian calendar.
UN’s General Assembly in 2010 recognized the International Day of Nowruz, describing it as a spring festival of Persian origin which has been celebrated for over 3,000 years.

 Happy Navroz’[ Nowruz ]

Happy Navroz’[ Nowruz ]

राष्ट्रपति ने वि‍शेष आवश्यकता वाले बच्चों को समर्थन और अवसर देने की आवश्यकता पर बल दिया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वि‍शेष आवश्यकता वाले बच्चों को बराबर का समर्थन और अवसर देने की आवश्यकता पर बल दिया |
उन्होंने कहा कि समर्थन और अवसर देने से वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चे भी उतने ही अच्‍छे होते है, जि‍तने दूसरे सामान्य बच्‍चे|
सरकार वि‍कलांग लोगों को समान अवसर प्रदान करने की दि‍शा में काम कर रही है। नागरि‍कों को भी सरकार के साथ इस काम में हाथ बटाना चाहि‍ए।
राष्‍ट्रपति‍ श्री प्रणब मुखर्जी ने स्‍वतंत्रता दि‍वस पर राष्‍ट्रपति‍ भवन के वि‍शेष बच्‍चों से बातचीत की।
राष्‍ट्रपति‍ ने बच्‍चों से कहा कि‍ समर्थन और अवसर देने से वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चे उतने ही अच्‍छे होते है, जि‍तने दूसरे बच्‍चे। वि‍शेष आवश्‍यकता वाले बच्‍चों के साथ संवेदना दि‍खानी पड़ती है, उनमें अपनी योग्‍यता साबि‍त करने की भरपूर क्षमता होती है।
प्रत्‍येक बच्‍चा ईश्‍वर का रूप होता है और वि‍शेष बच्‍चे उससे अलग नहीं होते। राष्‍ट्रपति‍ने कहा कि‍ हमें इस बात का वि‍श्‍वास होना चाहि‍ए कि‍ कोई भी व्यक्ति कुछ बनना चाहता है, वह बनने की क्षमता रखता है। जरूरत उसे अवसर देने की होती है।
राष्‍ट्रपति‍ ने अभि‍भावकों से कहा कि‍ वे अपने संघर्ष में अकेले नहीं है, बच्‍चों के पालन-पोषण में पूरा राष्‍ट्रपति‍ भवन उनके साथ है। उन्‍होंने कहा कि‍ वि‍कलांग बच्‍चों के पालन-पोषण में जि‍न कठि‍नाइयों का सामना करना पड़ता है, उसे समझने की जरूरत है। श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि‍ वे चाहेंगे कि‍ वि‍शेष जरूरतों के लायक बच्‍चों और बड़ों की देखभाल में राष्‍ट्रपति‍ भवन एक मॉडल बने और बाकी देश के लि‍ए उदाहरण साबि‍त हो। राष्‍ट्रपति‍ ने कहा कि‍ वे चाहेंगे कि‍ राष्‍ट्रपति‍ भवन शांति‍, सौहार्द, मि‍त्रता और एकता का उदाहरण बनें।
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति‍ की सचि‍व श्रीमती ओमि‍ता पॉल ने कहा कि‍ वि‍शेष जरूरत वाले राष्‍ट्रपति‍भवन के बच्‍चों के साथ राष्‍ट्रपति‍की बातचीत वि‍शेष बच्‍चों की मौजूदगी को मान्‍यता देने का एक प्रयास है। पहली बार यह पहल हुई है।
बच्‍चों की देखभाल के लि‍ए ‘रि‍स्‍पाइट केयर सेंटर’ स्‍थापि‍त कि‍या जा रहा है ताकि‍पेशेवर लोग वि‍शेष बच्‍चों की देखभाल कर सकें। इस बात का प्रयास कि‍या जाएगा कि‍प्रत्‍येक बच्‍चा स्‍कूल जाने की उम्र में स्‍कूल पहुंचे और शि‍क्षा प्राप्‍त करे। वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चों के अभि‍भावकों/परि‍वारों के प्रशि‍क्षण के लि‍ए कार्यशालाएं आयोजि‍त की जाएंगी। एक सोशल क्‍लब बनाया जाएगा जहां वि‍शेष जरूरतों वाले वयस्‍क संगठि‍त रूप से समय-समय पर फि‍ल्‍म देखने जैसी गति‍वि‍धि‍यां कर सकें।

मनीष तिवारी ने लुधियाना में आकाशवाणी के एफएम गोल्ड रेडियो स्टेशन का उद्घाटन किया

मनीष तिवारी ने लुधियाना को आकाशवाणी के एफएम गोल्ड रेडियो स्टेशन देकर अपने शहर लुधिआना को देश के चार मेट्रो शहरों के बराबर ला दिया |
उन्होंने लुधियाना में पासपोर्ट का क्षेत्रीय कार्यालय खुलवाने और नई दिल्ली के बीच नई शताब्दी चलवाने का आश्वासन भी दिया |
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज लुधियाना में आकाशवाणी के एफएम गोल्ड रेडियो का उद्घाटन किया। इसके साथ ही लुधियाना चार मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के बाद एफएम गोल्ड रेडियो वाला देश का पांचवां शहर हो गया है।
इस मौके पर गुरु नानक देव भवन के सभागार में बड़ी संख्या में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए श्री तिवारी ने बताया कि पंजाब के बड़े और अहम औद्योगिक केंद्र लुधियाना में स्थानीय रेडियो केंद्र की मांग काफी समय से लंबित पड़ी थी जो आज पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लुधियाना रेडियो केंद्र का दायरा 20 किलोमीटर ही है जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा और यहां से स्टूडियो आधारित कार्यक्रम बनाए जाएंगे और प्रसारित किए जाएंगे। एफएम गोल्‍ड लुधियाना का प्रसारण 100.01 मेगा हर्ट्ज पर सुना जा सकता है।
श्री तिवारी ने महज 4 महीने की अवधि में एफएम गोल्ड को साकार करने के लिए प्रसार भारती के अधिकारियों और अभियंताओं को बधाई दी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि नया रेडियो केंद्र लुधियाना जैसे शहर में एक नई शुरूआत का संदेशवाहक बनेगा जो पंजाब का एक अहम शहर होते भी अपने एफएम रेडियो से अब तक वंचित था।
इस कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में फतेहगढ़ साहिब से सांसद सुखदेव सिंह लिबरा, प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार, और आकाशवाणी के महानिदेशक एल डी मंडोली भी शामिल रहे। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा श्री सुरिंदर डावर, श्री मोहम्मद सादिक़ (दोनों विधायक), श्री पवन दिवान डीसीसी (यू) अध्यक्ष, पूर्व राज्य मंत्री श्री मल्कियत सिंह डाखा, मलकित सिंह बिरनी, और इशर सिंह मेहरबान, पूर्व विधायक जगदेव सिंह जस्सोवाल भी मौजूद थे।
लुधियाना में भावी नागरीय सुविधाओं के बारे उन्होंने बताया कि मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में बदलने के लिए उन्होंने संबंधित मंत्रालय के सामने बात रखी है ताकि आवेदकों को पासपोर्ट के लिए चंडीगढ़ या जालंधर नहीं जाना पड़े। श्री तिवारी ने लुधियाना से नई दिल्ली वाया अंबाला एक नई शताब्दी ट्रेन शुरू करने का भी वायदा किया। उन्होंने बताया कि ये मसला पहले ही रेलवे मंत्रालय के सामने रख दिया गया है ।
श्री तिवारी ने केंद्र की ओर से लुधियाना को मिल रही अन्य सेवाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2010 में ही दिल्ली और लुधियाना के बीच हवाई सेवाएं मिल गईं थी लेकिन राज्य सरकार की ओर से कुछ जरूरी आवश्यकताएं पूरी नहीं कर पाने की वजह से हवाई सेवाएं जारी नहीं रखी जा सकीं। इस मौके पर श्री तिवारी ने यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के 81 करोड़ आबादी को क्रमश: 3, 2, और 1 रुपये में ही चावल, गेहूं और मोटे अनाज मिल सकेंगे।
इस मौके पर प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने घोषणा की कि दो महीने के भीतर ही स्थानीय एफएम गोल्ड रेडियो में तैयार स्थानीय कार्यक्रम इसी केंद्र से प्रसारित किए जाएंगे जो शुरूआती दौर में एक घंटे के होंगे और सुबह और शाम के समय प्रसारित होंगे।श्री तिवारी ने अवैध खनन+केबिल माफिया+ और गुजरात में सिखों के उत्पीडन पर चुप्पी के लिए प्रदेश सरकार की जम कर आलोचना भी की

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच के लिए प्रदेश सरकार की फ़िलहाल कोई रूचि नही:रालोद

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]के राष्ट्रीय महा सचिव सांसद जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच के लिए प्रदेश सरकार की फ़िलहाल कोई रूचि नही है इसीलिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को अभी तक कोई द्रष्टिकोण नही भेजा है | यह केन्द्रीय कानून मंत्री के हवाले से बताया गया है|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने 09 अप्रैल 2013 को तत्कालीन केन्द्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के संबंध में पत्र लिखा था। इस पत्र का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने उक्त कार्रवाई से अवगत कराते हुए कहा है अभी प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
रालोद के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की शाखा[बेंच] की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री तथा मुख्य न्यायाधीश से विचार मांगे हैं| पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मांग पर विचार करने तथा शाखा की स्थापना पर अपना दृष्टिकोण भेजने के लिए पत्र लिखा है।
जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराया है |
गौरतलब है के मेरठ या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेंच की स्थापना की मांग लम्बे अरसे से की जा रही है इसके लिए वकीलों के आलावा वहां के नागरिक भी आन्दोलन करते आ रहे हैं | रालोद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के लिए संघर्षरत है। इस संबंध में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह तथा सांसद श्री जयन्त चौधरी ने पिछले माह केन्द्रीय कानून मंत्री श्री कपिल सिबल से मुलाकात की थी। सांसद श्री जयन्त चौधरी ने इस मांग को संसद में भी प्रमुखता से उठाया है।

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई
पूरे देश में आज [ गुरुवार को] बड़े हर्षोल्लास के साथ 67वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।भुज के लालन कॉलेज से लेकर दिल्ली के लाल किले तक राजनीतिक आतिश बाजी भी हुई | पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में हर्षोल्लास का माहौल है । सड़कों पर आजादी के तराने गाए जा रहे हैं। मिठाईयां बांटी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े व जवान सबके हाथों में तिरंगा दिख रहा है। हर जगह उमंग और उल्लास का माहौल है। राज्य के मुख्यमंत्रियों ने भी राजधानी में गर्व से तिरंगा झंडा फहराया। छत्तीसगढ़ और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने अपने राज्यों के राजधानी में तिरंगा झंडा फहराया और राज्य की जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।लाल किले से पी एम् ने जहाँ लग भग आधे घंटे में अपनी सरकार के दस साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया तो वही नरेन्द्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से पीएम के भाषण की धज्जियां उड़ाने के लिए लग भग एक घंटे का समय लिया
.प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यूपीए की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि अभी कुछ ही फासला तय किया है पर मंजिल बहुत दूर है. वहीं, मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन पूरी तरह से राजनीतिक था. जिसमें भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर पीएम और कांग्रेस पार्टी पर सीधा हमला बोला गया.
बी बी सी के जुबैर के अनुसार पीएम के भाषण में एक जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स की झलक थी तो मोदी के भाषण में भावी पीएम की ललक थी|
|कश्मीर के मुख्य मंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने किश्तवाड़ की सांप्रदायिक हिंसा पर लगातार आलोचना झेलने से दुखी होकर सवाल दागा कि आखिर कश्मीरियों के साथ अलग व्यवहार क्यों किया जाता है। उमर ने कहा कि हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है कि जैसे कि हम भारत की मुख्यधारा का हिस्सा ही न हों।
गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से देश को संबोधित करते हुए बहस के लिए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को ही खुली चुनौती दे डाली।उन्होंने पी एम् से कहा कि आप तो देश चला रहे हैं। लेकिन गुजरात और दिल्ली की रेस हो जाए, पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं? मोदी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री को सभी अहम मुद्दों पर बहस की चुनौती देता हूं।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी के पीएम मनमोहन सिंह की आलोचना पर उन्हें नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसी राजनेता को दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
भाजपा से छिटके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान से ही नरेंद्र मोदी को गुजरात के औद्योगिक विकास के मॉडल पर घेरा। उन्होंने अपने इनक्लूजिव ग्रोथ मॉडल को मोदी के विकास के मॉडल से बेहतर बताया और कहा कि उनका मॉडल सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।
कांग्रेस के नेता और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने ,आदतन ,मोदी को ‘खलनायक’ बताने में देर नही लगाई ।
सीनियर कांग्रेस नेता और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि हर आदमी अपने घर में शेर होता है।
photo caption
Tricolour balloons released in the sky after the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh’s address to the Nation from Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

प्रधानमंत्री ने लाल कि‍ले की प्राचीर से दस बार भाइयो -बहनों का संबोधन दोहराया और दस साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh performing parikrama at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh performing parikrama at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने आज स्‍वतंत्रता दि‍वस 2013 के अवसर पर लाल कि‍ले की प्राचीर से देश को संबोधि‍त कि‍या । इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दस बार भाइयो -बहनों का संबोधन दोहराया और अपने दस साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया|उन्होंने उतराखंड+पनडुब्बी दुर्घटना+पर दुःख व्यक्त किया और बिहार की घटना की पुनरावृति नही होने की कामना भी की| प्रस्तुत है प्रधान मंत्री का संबोधन
“मेरे प्यारे भारतवासियो,
भाइयो-बहनो और प्यारे बच्चो,
मैं आप सभी को इस स्वाधीनता दिवस पर बधाई देता हूँ। आज यकीनन ही खुशी का दिन है। लेकिन आज़ादी के इस त्यौहार पर हमारे दिलों में इस बात का दर्द भी है कि उत्तराखण्ड के हमारे भाई-बहनों को करीब दो महीने पहले भारी तबाही का सामना करना पड़ा। हमारी संवेदना और सहानुभूति उन सभी परिवारों के साथ है जिनको जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा । मैं आज उत्तराखण्ड की जनता को यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस मुश्किल की घड़ी में सारा देश उनके साथ है। हमारी सरकार जल्द से जल्द लोगों के उजड़े हुए घर दोबारा बसाने और बर्बाद हुए Infrastructure को फिर से बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रही है।
उत्तराखण्ड में कठिन परिस्थितियों में हमारी फौज़, अर्धसैनिक बलों और केन्द्र और राज्य सरकार के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने आम लोगों के साथ मिलकर, घिरे हुए लोगों को राहत पहुंचाने का जो काम किया, वह तारीफ के काबिल है। हम ख़ास तौर पर Air Force, ITBP और NDRF के उन अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने दूसरों को बचाने में अपनी जान कुर्बान कर दी।
हमें इस बात का भी बेहद अफसोस है कि कल एक दुर्घटना में हमने अपनी पनडुब्बी INS Sindhurakshak को खो दिया। इस हादसे में 18 बहादुर नौसैनिकों के शहीद होने की आशंका है। यह नुकसान इसलिए और भी दर्दनाक है क्योंकि अभी हाल में हमारी Navy ने अपनी पहली Nuclear पनडुब्बी Arihant और Aircraft Carrier, INS Vikrant के रूप में दो बड़ी कामयाबियां हासिल की थीं।
हम शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। साथ-साथ Navy की सफलताओं के लिए उन्हें मुबारकबाद भी देते हैं।
भाइयो और बहनो,
1947 में महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में हमने आज़ादी हासिल की। उसके बाद के अपने सफर पर अगर हम ग़ौर करें तो पाएंगे कि हर दस साल पर हमारे देश में बड़े बदलाव आए हैं।
1950 के दशक में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के नेतृत्व में एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में भारत ने अपने पहले कदम रखे। देश में Atomic Energy Commission, योजना आयोग और निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं की स्थापना की गई जिन्होंने आगे चलकर राष्ट्र निर्माण के काम में बहुत बड़ा योगदान दिया। पहली बार आम चुनाव कराए गए और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए पहली पंचवर्षीय योजना बनाने का सिलसिला शुरू किया गया।
1960 के दशक में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने नए-नए उद्योग और कारखाने लगवाए, नई सिंचाई परियोजनाएं शुरू की और नए विश्वविद्यालय खोले। राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और Technology के महत्व पर ज़ोर देकर उन्होंने इस प्राचीन देश को एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया।
1970 के दशक में इंदिरा जी ने हमारे राष्ट्र का आत्मविश्वास बढ़ाया। इस दौरान हमने अंतरिक्ष में अपना पहला उपग्रह छोड़ा। हरित क्रांति ने पहली बार हमें अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्रदान की।
राजीव गांधी जी ने अगले दशक में तकनीकी और आर्थिक आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान Information Technology के क्षेत्र में हमारी प्रगति की नींव रखी गई।
पंचायती राज संस्थाओं के महत्व पर ज़ोर दिया गया जिसकी वजह से आगे चलकर इन संस्थाओं को मज़बूत और अधिकार संपन्न बनाने के लिए हमारे संविधान में संशोधन हुआ।
साल 1991 में हमने श्री नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़े आर्थिक संकट का सामना बख़ूबी किया और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए आर्थिक सुधारों को अपनाया। उस समय इन सुधारों का कई राजनैतिक दलों ने विरोध किया। लेकिन ये सुधार राष्ट्र हित में थे और इसीलिए बाद में आने वाली सभी सरकारों ने उनको जारी रखा। साल 1991 से लेकर आज तक सुधारों की ये प्रक्रिया आगे बढ़ती रही है।भाइयो और बहनो,
मेरा मानना है कि पिछला दशक भी हमारे देश के इतिहास में बहुत बड़े बदलावों का दशक रहा है। देश की आर्थिक समृद्धि जितनी इस दशक में बढ़ी है उतनी पहले किसी दशक में नहीं बढ़ी। लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा मिला है और समाज के बहुत से वर्ग विकास की प्रक्रिया से पहली बार जुड़े हैं। आम आदमी को नए अधिकार मिले हैं जिनकी बदौलत उसकी सामाजिक और आर्थिक ताकत बढ़ी है।
भाइयो और बहनो,
मई 2004 में पहली UPA सरकार सत्ता में आई थी। तब से लेकर आज तक हमने एक प्रगतिशील और आधुनिक भारत बनाने के लिए लगन और ईमानदारी से काम किया है।
हमने एक खुशहाल भारत की कल्पना की है। एक ऐसा भारत जो सदियों से चले आ रहे गरीबी, भूख और बीमारी के बोझ से मुक्ति पा चुका हो। जहाँ शिक्षा के उजाले से अज्ञानता और अंधविश्वास के अंधेरे दूर हो चुके हों।
जहां सामाजिक समानता हो और सबको एक जैसे आर्थिक अवसर प्राप्त हों। जहाँ समाज के किसी भी तबके को अन्याय और शोषण का सामना न करना पड़े।
हमने एक ऐसे भारत का सपना देखा है जहाँ नौजवानों को रोज़गार के ऐसे अवसर मिलें जिनके जरिए वह राष्ट्र निर्माण के महान काम में योगदान कर सकें।
हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आवाज़ बुलंद करनी चाही है। हमने एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसे सारी दुनिया आदर और सम्मान के साथ देखे।
इन सपनों को साकार करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। लेकिन सफर लंबा है, अभी बहुत फासला और तय करना है।
भाइयो और बहनों,
अभी कुछ दिन पहले हमने Food Security कानून बनाने की दिशा में एक Ordinance जारी किया है। Food Security Bill अब संसद के सामने है और हमें उम्मीद है यह जल्द ही पास हो जाएगा। इस कानून का फायदा हमारे गांवों की 75 प्रतिशत और शहरों की आधी आबादी को पहुंचेगा। इसके तहत 81 करोड़ भारतीयों को 3 रुपये प्रति किलो चावल, 2 रुपये प्रति किलो गेहूं और 1 रुपये प्रति किलो मोटा अनाज मिल पाएगा। यह दुनिया भर में इस तरह का सबसे बड़ा प्रयास है।
हम अपने किसानों की मेहनत की वजह से ही इस कानून को लागू कर पाए हैं। साल 2011-12 में हमारी अनाज पैदावार 25.9 करोड़ टन रही, जो एक रिकार्ड है।
बिना तेज़ कृषि विकास के हम अपने गांवों में खुशहाली पहुंचाने का मक़सद हासिल नहीं कर सकते हैं। पैदावार बढ़ाने और किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए हमने लगातार कोशिशें की है। फसलों के खरीद मूल्यों में पिछले 9 सालों में पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ोत्तरी की गई है। गेहूं और धान के खरीद मूल्य दुगुने से भी अधिक किए गए हैं। कई ऐसे राज्यों में जहां पहले अनाज की कमी रहती थी आज उनकी अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पैदावार हो रही है।
11 वीं पंच-वर्षीय योजना के दौरान कृषि विकास की औसत सालाना दर 3.6 प्रतिशत रही है जो 9वीं और 10वीं योजना, दोनों से ज्यादा है।
अब ग्रामीण इलाकों में खुशहाली बढ़ने के साफ संकेत दिखाई देने लगे हैं। साल 2004 से लेकर 2011 तक प्रतिव्यक्ति उपभोग किया जा रहा सामान और सुविधाएं पहले के मुकाबले चार गुना तेजी से बढ़े हैं।
ग्रामीण मजदूरी दर में भी कहीं अधिक तेजी से वृद्धि हुई है। मनरेगा की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों गरीब लोगों को रोज़गार मिल रहा है।
गरीबी को नापना एक मुश्किल काम है। गरीबी की परिभाषा को लेकर लोगों के अलग-अलग मत हैं। लेकिन हम गरीबी की चाहे कोई भी परिभाषा अपनाएं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 2004 के बाद गरीबी कम होने की गति तेज़ हुई है।
कई ऐसे राज्य, जो बहुत समय से पिछड़े माने जाते थे और जिनमें से कुछ को “बीमारू” कहा जाता था, आज तेज़ी से विकास कर रहे हैं।
भारत में हर बच्चे को शिक्षा के अवसर देने के लिए हमने शिक्षा का अधिकार कानून बनाया है। आज देश में लगभग सभी बच्चे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले नौ सालों में दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है। गरीबों और कमजोर तबकों के बच्चों को शिक्षा के अवसरों का फायदा दिलाने के लिए हमने बड़े पैमाने पर वज़ीफों के कार्यक्रम शुरू किए हैं। आज देश भर में 2 करोड़ से ज़्यादा बच्चों को केन्द्र सरकार द्वारा वज़ीफे दिए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नए संस्थान खोले गए हैं। जैसे 8 नए IIT, 7 नए IIM, 16 नई Central Universities और 10 नए NIT । Scientific Research को बढ़ावा देने के लिए भी नई संस्थाएं खोली गई हैं। Science की पढ़ाई में ज्यादा छात्रों को शामिल करने के लिए और विदेशों से भारतीय Scientists की वापसी आसान करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
लेकिन शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बहुत सारे स्कूलों में अभी भी पीने का साफ पानी, शौचालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। शिक्षा की Quality को बेहतर बनाने की ज़रूरत है। इसके लिए अध्यापकों की training पर ज़्यादा जोर दिया जाना आवश्यक है।
Mid-day-Meal योजना में रोज करीब 11 करोड़ बच्चों को स्कूलों में दोपहर का खाना दिया जा रहा है। यह योजना बच्चों की पढ़ाई और पोषण दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन इसको बेहतर तरह से लागू करना भी बहुत ज़रूरी है। बिहार में पिछले दिनों जो दर्दनाक हादसा हुआ वह देश में कहीं भी दोबारा नहीं होना चाहिए।
2005 में हमने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरूआत की थी। इस मिशन के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। देश में Maternal Mortality Rate और Infant Mortality Rate दोनों तेज़ी से घटे हैं। पहले से कहीं अधिक बच्चों का जन्म आज अस्पतालों में होता है। टीकाकरण के प्रतिशत में भी काफी वृद्धि हुई है।
पिछले दो सालों से हमारे देश में पोलियो का कोई भी केस सामने नहीं आया है। हमें एक ऐसे रोग को मिटाने में कामयाबी मिली है जो लाखों लोगों को अपंग बना दिया करता था।
हमारे ग़रीब भाई-बहनों को अस्पतालों में इलाज के लिए मुफ्त बीमा सुविधा प्रदान कराने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अब साढ़े तीन करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचा रही है।
हमने शहरी क्षेत्रों में भी Health Mission लागू किया है जिससे इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और उनमें सुधार आएगा। महिलाओं की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए, हमने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से संबंधित कानून को मज़बूत बनाया है।
Infrastructure यानि सड़कों, रेलगाड़ी, बिजली उत्पादन, Civil Aviation, बंदरगाहों और Telecom जैसे क्षेत्रों में भी पिछले 9 सालों में काफी तरक्की हुई है। गांवों को जोड़ने वाली प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई हैं। सैंतीस हजार Kilometer से ज़्यादा नए Highway बनाए गए हैं जिनसे व्यापार और यात्रा अब ज़्यादा आसान हो गए हैं। चालीस से ज़्यादा हवाई अड्डों का निर्माण या नवीनीकरण किया गया है। सन् 2004 में सिर्फ 7 प्रतिशत लागों के पास telephone connection थे। आज 73 प्रतिशत लोगों को यह सुविधा प्राप्त है। ग्रामीण इलाकों में यह प्रतिशत 2 से बढ़कर 40 हो गया है। बिजली उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
भाइयो और बहनो,
हाल के महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में यह बात चर्चा में रही है कि पिछले साल हमारी विकास दर कम होकर 5% रह गई है। यह बात सच है और हम इस हालत में सुधार लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ हमारा देश ही अकेला आर्थिक कठिनाईयों का सामना नहीं कर रहा है। पूरी विश्व अर्थव्यवस्था के लिए पिछला साल मुश्किल भरा रहा है। यूरोप के बड़े देशों में इस वक्त मंदी चल रही है। दुनिया भर में हर जगह निर्यात बाज़ारों की स्थिति में गिरावट आई है। सभी विकासशील देशों को मंदी का सामना करना पड़ा है।
मेरा मानना है कि भारत में धीमे विकास का दौर बहुत दिन नहीं चलेगा। पिछले 9 सालों में हमारी अर्थव्यवस्था में औसतन 7.9 प्रतिशत सालाना की बढ़ोत्तरी हुई है। विकास की यह रफ्तार अब तक किसी भी दशक में हुई प्रगति से कहीं ज्यादा है। भाइयो और बहनो,
आज दुनिया के देश एक दूसरे से जितना जुड़े हुए हैं उतना पहले कभी नहीं रहे। हमने अपनी विदेश नीति के जरिए यह कोशिश की है कि भारत को इस बात का पूरा फायदा मिले। दुनिया की बड़ी ताकतों से पिछले 9 सालों में हमारे संबंध लगातार सुधरे हैं। पूर्व और दक्षिण पूर्व Asia में स्थित दस ASEAN राष्ट्रों के साथ हमारी Look East Policy के अच्छे नतीजे सामने आए हैं, खासकर आर्थिक मामलों में। हमारी यह भी कोशिश रही है कि पड़ोसी देशों के साथ हमारी दोस्ती बढ़े। लेकिन पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर होने के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपनी सरज़मीन और अपने नियंत्रण वाली ज़मीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए न होने दे।
राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में भी स्थिति में सुधार हुआ है। 2012 में और इस साल कुछ राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की चिंताजनक घटनाओं के बावजूद, पिछले 9 साल सांप्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से अच्छे गुजरे हैं। आतंकवादी और नक्सली हिंसा में भी कमी आई है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में हमें लगातार सावधानी बरतने की ज़रूरत है। समय-समय पर हो रहे नक्सली हमलों को पूरी तरह रोकने में हम सफल नहीं हो पाए हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली 25 मई को जो नक्सली हिंसा हुई वह भारत के लोकतंत्र पर एक सीधा हमला था। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर हाल में हमारे जवानों पर कायरतापूर्ण हमला किया गया। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हम हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
भाइयो और बहनो,
सरकार के काम को ज़्यादा संवेदनशील, पारदर्शी, और ईमानदार बनाने के लिए हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें से मैं सिर्फ दो का ज़िक्र यहां करना चाहूंगा।
RTI कानून के जरिए आम आदमी को अब सरकारी कामकाज के बारे में पहले से कहीं ज़्यादा जानकारी मिल रही है। इस कानून का इस्तेमाल एक बड़े पैमाने पर, हर स्तर पर हो रहा है। यह कानून अक्सर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को सामने लाता है और सुधार का रास्ता खोलता है। मुझे यकीन है कि आने वाले समय में RTI की वजह से सरकारी कामकाज में और सुधार आएगा ।
हमने संसद में लोकपाल बिल प्रस्तुत किया है। लोक सभा ने इसे pass कर दिया है और अब इस पर राज्य सभा विचार कर रही है। यह कानून हमारी राजनैतिक व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
भाइयो और बहनो,
हमने पिछले दशक में एक लंबा सफर तय किया है। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बदलाव का जो सिलसिला हमने शुरू किया है उसे आने वाले वक्त में जारी रखा जाएगा।
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, तेज़ आर्थिक विकास हमारे देश के लिए बेहद ज़रूरी है। गरीबी दूर करना, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा करना – यह सब तेज़ आर्थिक विकास के बगैर मुमकिन नहीं है। पिछले 9 साल में हमने आर्थिक विकास की जो औसत रफ्तार हासिल की है उससे हमारे देश की क्षमताओं का पता चलता है। लेकिन इस वक्त देश के आर्थिक विकास की दर में कमी आई है। हम इस कमी को दूर करने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं।
उद्योगों के लिए सरकारी मंज़ूरियों की प्रक्रिया को तेज़ करने, देश में उद्योग और व्यापार के लिए बेहतर माहौल बनाने और निवेश को बढ़ाने के लिए हमने हाल ही में कई कदम उठाए हैं। बड़ी परियोजनाओं की मंजूरियों की प्रक्रिया में मदद करने के लिए एक विशेष cell की स्थापना की गई है। Cabinet Committee on Investment रुकी हुई परियोजनाओं की अड़चनें दूर करने का काम कर रही है।
बिजली उत्पादन बढ़ाने के रास्ते में कोयले की आपूर्ति एक समस्या बन गई थी। इसको हमने काफी हद तक सुलझा लिया है।
आने वाले महीनों में Infrastructure के क्षेत्र में बहुत सी बड़ी परियोजनाओं पर हम काम शुरू करने वाले हैं। इनमें 2 नए बंदरगाह, 8 नए हवाईअड्डे, नए Industrial Corridors और रेल परियोजनाएं शामिल हैं।
Foreign Direct Investment को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में हमने कई क्षेत्रों में ऐसे निवेश की सीमा बढ़ाई है और इसकी प्रक्रिया को आसान बनाया है।
निवेश बढ़ाने की इन कोशिशों के अच्छे नतीजे हमें अगले कुछ महीनों में साफ देखने को मिलेंगे। इससे आर्थिक विकास की रफ्तार तेज़ होगी, रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और infrastructure में भी सुधार आएगा।
भाइयो और बहनो,
Food Security कानून बनने के बाद उसे प्रभावी ढंग से लागू करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक रहेगी। इस दिशा में हमने राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। Public Distribution System के Computerization के काम में तेज़ी लाई जाएगी।
Mid-day-Meal Scheme में सुधार लाए जाएंगे। बच्चों को स्कूल में मिल रहा भोजन पौष्टिक होने के साथ-साथ साफ सुथरे ढंग से बना हुआ होना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए हम ठोस कदम उठाएंगे।
Skill Development के क्षेत्र में शुरुआत में हम उतनी अच्छी प्रगति नहीं कर पाए जितनी चाहते थे, लेकिन अब इसमें तेज़ी आई है। हमने कुछ महीने पहले National Skill Development Authority का गठन किया है। हम जल्द ही एक नई योजना शुरू करेंगे जिसके तहत उन नौजवानों को लगभग 10 हज़ार रुपये की राशि दी जाएगी, जिन्होंने सफलतापूर्वक नई Skills हासिल की हैं। इस योजना से अगले 12 महीने में करीब 10 लाख नौजवानों को फायदा पहुंचेगा।
अल्पसंख्यकों के लिए बनाए गए Multi-Sectoral Development Programme में हाल ही में सुधार लाए गए हैं। अब इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।Minor Forest Produce के लिए खरीद मूल्य निर्धारित करने की स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। इससे हमारे आदिवासी भाई-बहनों को लघु वन उपज के सही दाम मिलेंगे। इस योजना को हम जल्द-से-जल्द लागू करेंगे।
आदिवासी भाई-बहनों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति और उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर के बारे में सही जानकारी हासिल करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। समिति की Report से हमें उनके लिए बेहतर योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
हम अपने देश में बहुत सी समस्याओं को बेहतर Technology के ज़रिए हल कर सकते हैं। इसकी एक मिसाल है आधार योजना। इस योजना के तहत इस साल के आख़िर तक पचास करोड़ लोगों को अपनी पहचान साबित करने का जरिया मिलेगा और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उनको सहूलियत पहुंचेगी। इसके ज़रिए हम करोड़ों लोगों को पहली बार बैंकों की सुविधाओं का लाभ दे पाएंगे।
भाइयो और बहनो,
एक आधुनिक, प्रगतिशील और Secular देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमज़ोर करती है। हमें इसे रोकना होगा। हमें अपनी संस्कृति की उन परंपराओं को मज़बूत करना होगा, जो हमें अन्य विचारधाराओं के प्रति सहनशील होना और उनका सम्मान करना सिखाती हैं। मैं आज सभी राजनैतिक दलों, समाज के सभी वर्गों और आम जनता से इस दिशा में प्रयास करने की अपील करता हूँ ।
भाइयो और बहनो,
कुछ देर पहले मैंने कहा था कि आज़ादी के बाद के हर दशक में भारत में बड़े परिवर्तन आये हैं। हमें आज यह सोचना है कि आने वाले दस सालों में हम किस तरह का परिवर्तन चाहते हैं। पिछले दस सालों में जैसी प्रगति हमने की है यदि हम उसे आगे भी जारी रखें तो वह वक्त दूर नहीं जब भारत को ग़रीबी, भूख, बीमारी और अशिक्षा से complete मुक्ति मिल जाएगी। हमारा भारत खुशहाल होगा और उसकी खुशहाली में सभी नागरिक बराबर के शरीक होंगे चाहे उनका धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा कुछ भी हो।
इसके लिए हम सबको मिलकर देश में राजनैतिक स्थिरता, सामाजिक एकता और सुरक्षा का माहौल भी बनाना होगा।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाने के लिए अपने आपको फिर से समर्पित करें।
प्यारे बच्चों, अब आप मेरे साथ मिलकर तीन बार बोलिए…
जय हिन्द – जय हिन्द – जय हिन्द ।”
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh paying floral tributes at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विभिन्न भाषाओँ के विद्वानों को सम्मान -प्रमाणपत्र प्रदान किये

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विभिन्न भाषाओँ में महत्त्व पूर्ण यौगदन देने के लिए विद्वानों को सम्मान -प्रमाणपत्र प्रदान किये
[अ ]

संस्‍कृत

[1]. प्रोफेसर सुब्‍बारावव पेरी[2]. डॉ. कृष्‍ण लाल[3]. डॉ. हंसाबेन एन. हिंडोचा[4]. प्रोफेसर (डा.) चन्‍द्र कांत शुक्‍ला[[5]. प्रोफेसर मल्लिकार्जुन बी. पराड्डी[6]. श्री मोहन गुप्‍ता[7]. प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी[8]. प्रोफेसर अलेखा चन्‍द्र सारंगी
[9]. पदम शास्‍त्री (पदम दत्‍त ओझा शास्‍त्री)[10]. ड गणेशी लाल सुथार[11] डा. प्रशस्‍य मित्रा शास्‍त्री[12]. श्री भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्‍त्री’
[13]. प्रोफेसर जय शंकर लाल त्रिपाठी

संस्‍कृत (अंतर्राष्‍ट्रीय)1. डॉ. रॉबर्ट पी. गोल्‍डमेन

[आ]फारसी

[१]. प्रोफेसर (श्रीमती) क़मर गफ्फार2. श्री एम.एच. सिद्दकी

[इ]अरबी

[१]. श्री मोहम्‍मद अज़ीमुद्दीन[२]. प्रोफेसर जिक्‍रूर रहमान[३]. प्रोफेसर अहमद नसीम सिद्दकी
[ई]]

पाली/प्राकृत

[१]. प्रोफेसर भिक्षु सत्‍यपाल
[उ]इसके अतिरिक्‍त, महामहिम राष्‍ट्रपति संस्‍कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के निम्‍नलिखित विद्वानों को महर्षि वदरायन व्‍यास सम्‍मान भी प्रदान करते हैं :संस्‍कृत[१]. डॉ. बलराम शुक्‍ला
[2.] डॉ. धनंजय वायुदेव द्विवेदी
[३]. श्री के. वेंकटेश मूर्ति
[४]. प्रोफेसर नीरज शर्मा
[५]. डॉ. उपेन्‍द्र कुमार त्रिपाठी
फारसी[१]. श्री शबीब अनवर अल्‍वी
अरबी[१]. डॉ. अशफ़ाक अहमद
पाली/प्राकृत1. डॉ. अनेकांत कुमार जैन यह सम्‍मान स्‍वतंत्रता दिवस पर वर्ष में एक बार संस्कृत , फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के क्षेत्रों मेंमहत्‍वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।

लोकसभा ने पारित किया ,आतंकवाद के लिए ,पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

लोकसभा ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया
सदन में ये प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने रखा था। प्रस्ताव में जम्‍मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ‌पाकिस्तान द्वारा की जा रही गोलीबारी की निंदा की गई है।
गौर तलब है कि प‌ाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की कार्यवाही की आलोचना की थी। जिसके विरोध में भाजपा ने आज पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की थी।
,इससे पूर्व भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वार्ता की नए सिरे से पेशकश को ठुकराया दिया।
नई दिल्ली ने वार्ता से पहले पुंछ हमला और मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को दंडित करने और सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन बंद करने की शर्त रखी है।
भारत की ओर से यह तीखी प्रतिक्रिया विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पाकिस्तान सरकार को पुंछ हमले की जिम्मेदारी लेने की नसीहत देने के बाद आई है।
बहरहाल भारत के इस कड़े रुख से अगले महीने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की न्यूयार्क में होने वाली संभावित मुलाकात पर भी सस्पेंस गहरा गया हैउधर पाकिस्तान ने भी एक नया शगूफा छोड़ते हुए कहा है कि भारत में नई सरकार बनाने पर वार्ता शुरू की जायेगी|