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राष्ट्रपति ने वि‍शेष आवश्यकता वाले बच्चों को समर्थन और अवसर देने की आवश्यकता पर बल दिया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वि‍शेष आवश्यकता वाले बच्चों को बराबर का समर्थन और अवसर देने की आवश्यकता पर बल दिया |
उन्होंने कहा कि समर्थन और अवसर देने से वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चे भी उतने ही अच्‍छे होते है, जि‍तने दूसरे सामान्य बच्‍चे|
सरकार वि‍कलांग लोगों को समान अवसर प्रदान करने की दि‍शा में काम कर रही है। नागरि‍कों को भी सरकार के साथ इस काम में हाथ बटाना चाहि‍ए।
राष्‍ट्रपति‍ श्री प्रणब मुखर्जी ने स्‍वतंत्रता दि‍वस पर राष्‍ट्रपति‍ भवन के वि‍शेष बच्‍चों से बातचीत की।
राष्‍ट्रपति‍ ने बच्‍चों से कहा कि‍ समर्थन और अवसर देने से वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चे उतने ही अच्‍छे होते है, जि‍तने दूसरे बच्‍चे। वि‍शेष आवश्‍यकता वाले बच्‍चों के साथ संवेदना दि‍खानी पड़ती है, उनमें अपनी योग्‍यता साबि‍त करने की भरपूर क्षमता होती है।
प्रत्‍येक बच्‍चा ईश्‍वर का रूप होता है और वि‍शेष बच्‍चे उससे अलग नहीं होते। राष्‍ट्रपति‍ने कहा कि‍ हमें इस बात का वि‍श्‍वास होना चाहि‍ए कि‍ कोई भी व्यक्ति कुछ बनना चाहता है, वह बनने की क्षमता रखता है। जरूरत उसे अवसर देने की होती है।
राष्‍ट्रपति‍ ने अभि‍भावकों से कहा कि‍ वे अपने संघर्ष में अकेले नहीं है, बच्‍चों के पालन-पोषण में पूरा राष्‍ट्रपति‍ भवन उनके साथ है। उन्‍होंने कहा कि‍ वि‍कलांग बच्‍चों के पालन-पोषण में जि‍न कठि‍नाइयों का सामना करना पड़ता है, उसे समझने की जरूरत है। श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि‍ वे चाहेंगे कि‍ वि‍शेष जरूरतों के लायक बच्‍चों और बड़ों की देखभाल में राष्‍ट्रपति‍ भवन एक मॉडल बने और बाकी देश के लि‍ए उदाहरण साबि‍त हो। राष्‍ट्रपति‍ ने कहा कि‍ वे चाहेंगे कि‍ राष्‍ट्रपति‍ भवन शांति‍, सौहार्द, मि‍त्रता और एकता का उदाहरण बनें।
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति‍ की सचि‍व श्रीमती ओमि‍ता पॉल ने कहा कि‍ वि‍शेष जरूरत वाले राष्‍ट्रपति‍भवन के बच्‍चों के साथ राष्‍ट्रपति‍की बातचीत वि‍शेष बच्‍चों की मौजूदगी को मान्‍यता देने का एक प्रयास है। पहली बार यह पहल हुई है।
बच्‍चों की देखभाल के लि‍ए ‘रि‍स्‍पाइट केयर सेंटर’ स्‍थापि‍त कि‍या जा रहा है ताकि‍पेशेवर लोग वि‍शेष बच्‍चों की देखभाल कर सकें। इस बात का प्रयास कि‍या जाएगा कि‍प्रत्‍येक बच्‍चा स्‍कूल जाने की उम्र में स्‍कूल पहुंचे और शि‍क्षा प्राप्‍त करे। वि‍शेष जरूरतों वाले बच्‍चों के अभि‍भावकों/परि‍वारों के प्रशि‍क्षण के लि‍ए कार्यशालाएं आयोजि‍त की जाएंगी। एक सोशल क्‍लब बनाया जाएगा जहां वि‍शेष जरूरतों वाले वयस्‍क संगठि‍त रूप से समय-समय पर फि‍ल्‍म देखने जैसी गति‍वि‍धि‍यां कर सकें।