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Category: Politics

एल के अडवाणी अपनी पहली अयोध्या यात्रा से देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भी लाना चाहते थे :सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

भारतीय जनता पार्टी [भाजपा]के वयोवृद्ध नेता और पत्रकार लाल कृषण आडवाणी अपनी पहली अयोध्या यात्रा से देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद लाना चाहते थे| यह स्पष्टि करण उन्होंने अपने ब्लॉग के टेलपीस (पश्च्यलेख) में किया है |
अडवाणी ने अपनी पहली अयोध्या यात्रा के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए बताया कि इस यात्रा के माध्यम से सांस्कृतिक राष्ट्रवादको मजबूत करना भी एक लक्ष्य था | उन्होंने कहा “ऊपरी तौर पर, मेरी पहली यात्रा, सोमनाथ से अयोध्या तक को माना जाता है कि यह विश्व हिन्दू परिषद द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई। परन्तु भाजपा के लिए, इस अभियान के दो स्पष्ट राजनीतिक उद्देश्य भी थे।
(1) असली सेक्युलरिज्म और छद्म सेक्युलरिज्म के बीच बहस चलाना, और
(2) सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे को मजबूत करना।”
आज के ब्लॉग में मैंने पूर्व ब्लॉग में लिखे गए असली सेक्युलरिज्म सम्बन्धी मार्क टुली के विचारों को हवाला दिया। संस्कृति और धर्म के बारे में उन्होंने ”नो फुल स्टॉप्स इन इण्डिया” पुस्तक में जो लिखा है, मैं उसे यहाँ उदृत किया जा रहा है
मार्क टुली लिखते हैं:
“किन्हीं लोगों की संस्कृति और पहचान को नष्ट करने का सर्वाधिक अच्छा तरीका है उनके धर्म और उसकी भाषा को उपेक्षित करना। हम, ब्रिटिशों ने भारत के शासक के रूप में और अब विश्व की प्रभुत्व वाली संस्कृति के रूप में कर रहे हैं। यह सत्य है कि भारत के ब्रिटिश शासक हिन्दुओं के बारे में, विशेष रूप से विद्रोह के बाद ज्यादा सचेत थे। हमने भारत को ईसाइयत में बदलने का प्रयास नहीं किया। लेकिन हमने यह आभास पैदा कर दिया कि हमारा धर्म हिन्दूइज्म से श्रेष्ठ है। कलकत्ता में एक बच्चे के रूप में मुझे स्मरण है कि हमें सिखाया जाता था कि मुस्लिम हिन्दुओं की तुलना में श्रेष्ठ हैं क्योंकि कम से कम वे मूर्तिपूजा नहीं करते।
स्वतंत्रता के समय, भारत ने आधुनिक पश्चिमी विचार को अपनाया कि सामान्य ज्ञान बताता है कि धर्म को सम्पूर्ण रूप से निजी दायरे तक सीमित रखना चाहिए और इसे सभी सार्वजनिक जीवन से दूर रखना होगा। तथ्य यह है कि पश्चिम में बहुसंख्या में लोग धर्म को अपने तक सीमित रखते हैं। ‘आधुनिक‘ भारतीय अपरिहार्य रूप से हमारा उदाहरण अपनाते हैं और जो कोई भी सार्वजनिक जीवन से सभी रूपों में धर्म को अलग रखने में विश्वास नहीं करते, को ‘साम्प्रदायिक‘ माना जाता है, पूर्ण रूप से उनके अपने समुदाय से। अभिजात वर्ग का तथाकथित सेक्युलरिज्म, अपरिहार्य रूप से धर्म के प्रति अनादर के रूप में होता है। लेकिन बहुसंख्यक भारतीयों जो आधुनिकता के लाभों का आनन्द नहीं लेते, अभी भी मानते हैं कि धर्म – उनके जीवन के महत्वपूर्ण तत्वों में से सर्वाधिक जरूरी है।”

चुनावों में मीडिया की भूमिका पर चुनाव आयोग ने कड़े दिशा निर्देश जारी किये: उल्लंघन पर दो साल की कैद और सजा

पञ्च राज्यों में होने वाले चुनावों में मीडिया की भूमिका पर चुनाव आयोग ने कड़े दिशा निर्देश जारी किये हैं|
राजस्थान+ मध्यप्रदेश+ छत्तीसगढ़+ मिजोरम + राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव-2013 कराये जाने हैं | जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में उल्लिखित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज /चुनाव सामग्री को प्रदर्शित करने पर पाबन्दी लगा दी गई है|
चुनाव आयोग द्वारा जारी डायरेक्टिव के अनुसार जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए तय समय से 48 घंटे पूर्व अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी प्रकार के उपकरण के साथ-साथ किसी अन्य माध्यम द्वारा चुनाव सामग्री को प्रदर्शित करने की मनाही है। कथित 126 धारा के संबंधित अंशों को नीचे उद्धृत किया गया है-
“मतदान होने के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं पर रोक”
(1) कोई व्यक्ति –
(ए)किसी चुनाव में मतदान के लिए तय निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सिनेमा, टेलीविजन या इसी तरह के प्रचार माध्यम द्वारा जनता में किसी तरह की प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं करेगा।
(बी) किसी मतदान क्षेत्र में मतदान के लिए निर्धारित अवधि से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान ऐसी किसी सामग्री को प्रदर्शित नहीं करेगा:
(2)जो व्यक्ति उप-धारा-1 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह अधिकतम दो साल तक की
अवधि की सज़ा या जुर्माना या दोनों प्रकार के दंड का भागी होगा।
(3)इस धारा में ‘चुनाव सामग्री’ की अभिव्यक्ति का अर्थ है, किसी चुनाव के परिणाम को परिकलित या प्रभावित करने के आशय वाली सामग्री
{२}. चुनाव के दौरान पैनल चर्चा/बहस और अन्य समाचारों एवं समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसार में टीवी चैनलों द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्त धारा 126 के प्रावधानों के उल्लंघन के कुछ आरोप लगते रहे हैं। आयोग ने विगत में यह स्पष्ट किया है कि कथित धारा 126 में टेलीविजन या इसी प्रकार के उपकरणों सहित अन्य माध्यमों द्वारा किसी चुनाव क्षेत्र में मतदान के लिए तय अवधि से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान किसी चुनाव सामग्री के प्रदर्शन पर प्रतिबंध है। इस धारा में चुनाव सामग्री को किसी चुनाव के प्रभाव को परिकलित या प्रभावित करने के आशय वाली सामग्री के रुप में परिभाषित किया गया है। धारा 126 के उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन होने पर अधिकतम दो वर्ष तक की अवधि की सज़ा या जुर्माना या दोनों दंड दिए जाने का प्रावधान है।
{३}. इस संबंध में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126-ए की और ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें उल्लिखित अवधि के दौरान पहले चरण में मतदान शुरू होने के लिए निर्धारित समय में और सभी राज्यों में आखिरी चरण में मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के आधे घंटे बाद एक्जिट पोल आयोजित करने और उनके परिणाम प्रसारित करने पर प्रतिबंध है।
{४}. आयोग एक बार फिर यह दोहराता है कि टीवी /रेडियो चैनल और केबल नेटवर्क यह सुनिश्चित करें कि धारा 126 में निर्दिष्ट 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीकास्ट/प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषयवस्तु में पैनल व्यक्तियों/प्रतिभागियों के विचारों / अपील सहित ऐसी कोई सामग्री नहीं होनी चाहिए, जो किसी पार्टी विशेष या उम्मीदवार (रों) की संभावनाओं को प्रोत्साहित करने वाली / पक्षपातपूर्ण या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करती हो।
{५}. धारा 126 या धारा 126-ए के अंतर्गत आने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/ रेडियो/केबल/एफएम चैनल प्रसारण संबंधित घटनाओं को आयोजित करने के लिए राज्य/जिला/स्थानीय पदाधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन वे घटनाएं शालीनता, साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियम) अधिनियम के अधीन उल्लिखित आचरण एवं व्यवहार के मॉडल कोड के प्रावधानों की भी पुष्टि करें। उन्हें पेड़-न्यूज एवं संबंधित मामलों के संबंध में आयोग के दिनांक 27 अगस्त 2012 के दिशा निर्देशों के प्रावधानों के अंतर्गत बने रहना भी अपेक्षित है। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते समय कानून एवं व्यवस्था सहित सभी संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखेंगे।
{६}. समस्त मीडिया का ध्यान चुनाव के दौरान भारतीय प्रेस परिषद द्वारा जारी निम्नलिखित दिशा निर्देशों के अनुपालन की ओर आकर्षित किया जाता है-
(1) चुनाव और उम्मीदवारों के बारे में उद्देश्यपूर्ण रिपोर्ट देना प्रेस का कर्तव्य है। चुनाव के दौरान समाचार पत्रों से गलत चुनाव अभियान, किसी व्यक्ति/पार्टी या घटना के बारे में अतिश्‍यो क्तिपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित करने की उम्मीद नहीं है। प्रचलन के अनुसार नजदीकी मुकाबले के दो या तीन उम्मीदवार मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हैं। वास्तविक अभियान की रिपोर्ट करते समय समाचार पत्र को उम्मीदवार द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे को नहीं छोड़ना चाहिए और उसके विरोधी पर हमला नहीं बोलना चाहिए।
(2) चुनाव नियमों के अधीन साम्प्रदायिक या जाति के आधार पर चुनाव अभियान पर प्रतिबंध है। इसलिए प्रेस को ऐसी रिपोर्ट नहीं करनी चाहिए, जो धर्म, वंश, जाति, सम्प्रदाय या भाषा के आधार पर जनता के बीच नफरत या दुश्मनी की भावना को बढ़ावा देती हों।
(3) प्रेस को चुनाव में किसी उम्मीदवार की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए उम्मीदवार या उसके संबंधी के चरित्र और व्यक्तिगत आचरण या किसी उम्मीदवार की नाम वापसी या उसकी उम्मीदवारी के संबंध में कोई झूठा या आलोचनात्मक बयान प्रकाशित करने से बचना चाहिए।
(4) प्रेस किसी उम्मीदवार या पार्टी को प्रोजेक्ट करने के लिए किसी प्रकार का वित्तीय या अन्य प्रलोभन स्वीकार नहीं करेगा। वह किसी उम्मीदवार या पार्टी की ओर से दिए गए आतिथ्य या अन्य सुविधाओं को स्वीकार नहीं करेगा।
(5) प्रेस से किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी का प्रचार करने की उम्मीद नहीं है। अगर ऐसा किया जाता है तो उसे अन्य उम्मीदवार/पार्टी को इसका जवाब देना होगा।
(6) प्रेस किसी व्यक्ति /शासन करने वाली सरकार की उपलब्धियों के संबंध में राष्ट्रीय कोषागार की लागत से प्राप्त होने वाले विज्ञापन को स्वीकार/प्रकाशित नहीं करेगा।
(7) प्रेस निर्वाचन आयोग/निर्वाचन अधिकारियों या मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निर्देशों/आदेशों/अनुदेशों का अनुपालन करेगा।

भाजपा के सदस्यों ने २ जी पर बनी जे पी सी की रिपोर्ट को असत्य बता कर रिपोर्ट पर ६ पेजों के असहमति पत्र दाखिल किये

भाजपा के छह सदस्यों ने आज जे पी सी की रिपोर्ट पर असहमति पत्र दाखिल किये |आज प्रेस कांफ्रेंस में यशवंत सिन्हा+जसवंत सिंह+रविशंकर प्रसाद+गोपी नाथ मुंडे+हरिन पाठक ने जे पी सी पर अपने असहमति[ Dessent ] की जानकारी दी|यशवंत सिन्हा ने बताया कि यदपि पार्लियामेंट के पटल पर रखे जाने से पूर्व इस पर चर्चा करान नियम के विरुद्ध है लेकिन जे पी सी के अध्यक्ष चाको ने इसकी शुरुआत करते हुए मीडिया में जानकारियाँ लीक करनी सुरु कर दी इसीलिए मजबूरन आज यह प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ी है| उन्होंने बताया कि जी पी सी ने अरबों रुपये के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए असत्य+अर्ध सत्य+ धोखा धडी को आधार बना कर रिपोर्ट बनाई है इसीलिए भाजपा के सदस्यों ने इस पर डिसेंट नोट दिया है| टेलीकम्यूनिकेशन की दरो को निर्धारित किये जाने पर कैग की आपत्तियों पर घेरे में आई केंद्र सरकार के विरुद्ध जी पी सी की कमिटी में यह मामला विचाराधीन था सात माह पश्चात इस की बैठक २७ सितम्बर को बुलाई गई और २ जी स्पेक्ट्रम के घोटाले पर पर्दा डाला गया है|

राष्ट्रपति ने दिल्‍ली+गुवाहाटी+इलाहाबाद +मणिपुर+ओडिशा में न्यायाधीशों के पद भार में परिवर्तन किये

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संविधान के अनुच्‍छेद- 222 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए इलाहाबाद +मणिपुर+दिल्‍ली+गुवाहाटी के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के पद भर में निम्न परिवर्तन किये गए हैं | यह कार्यवाही भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद की गई है|
[अ] [1]इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश का मणिपुर उच्‍च न्‍यायालय में स्‍थानान्‍तरण
इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश श्री लक्ष्‍मीकान्‍त महापात्रा का स्‍थानान्‍तरण मणिपुर उच्‍च न्‍यायायल के न्‍यायाधीश के तौर पर कर दियागया है। न्‍यायाधीश श्री लक्ष्‍मीकान्‍त महापात्रा को 24 अक्‍टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व मणिपुर उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[2]मणिपुर उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश का गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय में स्‍थानान्‍तरण
मणिपुर उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश श्री अभय मनोहर सप्रे का स्‍थानान्‍तरण गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायायल के मुख्‍य न्‍यायाधीश के तौर पर कर दिया है। न्‍यायाधीश श्री अभय मनोहर सप्रे को 24 अक्‍टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[३][]गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश का ओडिशा उच्‍च न्‍यायालय में स्‍थानान्‍तरण
संविधान के अनुच्‍छेद- 222 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्‍ट्रपति ने भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश श्री आदर्श कुमार गोयल का स्‍थानान्‍तरण ओडिशा उच्‍च न्‍यायायल के मुख्‍य न्‍यायाधीश के तौर पर कर दिया है। मुख्‍य न्‍यायाधीश श्री आदर्श कुमार गोयल को 24 अक्‍टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व ओडिशा उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[४]गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय में न्‍यायाधीश नियुक्‍त
संविधान के अनुच्‍छेद- 217 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्‍ट्रपति ने गुवाहाटी उच्‍च न्‍यायालय के अपर न्‍यायाधीश श्री प्रसान्‍त कुमार सेकिया की नियुक्ति उसी उच्‍च न्‍यायालय में न्‍यायाधीश के तौर पर की है। उनकी नियुक्ति पदभार संभालने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी।
[आ]उपरोक्त के अतिरिक्त
[]दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के चार अपर-न्‍यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ाया गया
दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के चार अपर-न्‍यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। संविधान के अनुच्‍छेद- 224 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्‍ट्रपति ने अग्रलिखित अपर-न्‍यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ा दिया है:
[]. दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय की अपर न्‍यायाधीश सुश्री मुक्‍ता गुप्‍ता का कार्यकाल 23 अक्‍टूबर, 2013 से 2 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया।
[]. दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के अपर न्‍यायाधीश श्री आर.वी. ईश्‍वर का कार्यकाल 17 अक्‍टूबर, 2013 से 28 अप्रैल, 2014 तक बढ़ाया गया।
[ ]. दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय की अपर न्‍यायाधीश श्रीमती प्रतिभा रानी और श्री सत पाल गर्ग का कार्यकाल 17 अक्‍टूबर, 2013 से 2 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया।

क्रिकेट में भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर ने टेस्‍ट क्रिकेट से सन्‍यास की घोषणा की :कृषि मंत्री शरद पवार ने सचिन को शुभकामनाएं दीं

क्रिकेट खेल में भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर ने आज टेस्‍ट क्रिकेट से सन्‍यास लेने की घोषण की इस पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने सचिन को शुभकामनाएं दीं
कृषि मंत्री ने ‘आधुनिक क्रिकेट के डॉन ब्रैडमैन’ सचिन को शुभकामनाएं दी हैं।
सचिन तेंदुलकर के टेस्‍ट क्रिकेट से सन्‍यास लेने के फैसले पर उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि सचिन क्रिकेट के विकास में अपना योगदान देते रहेंगे।
श्री पवार ने अपने सन्देश में कहा ” सचिन तेंदुलकर का टेस्‍ट क्रिकेट से सन्‍यास लेने का फैसला न केवल भारतीय क्रिकेट के स्‍वर्णिम युग की बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट की समाप्ति है। उन्‍होंने क्रिकेट के मैदान में किसी महापुरुष की तरह लंबे डग भरे और उनकी लंबी पारी ने उनके खुद के लिए और खेल के लिए मिसाल कायम की। उनकी उपलब्धियां सभी क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और वह आने वाली पीढि़यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। एक खिलाड़ी के रुप में खेल के मैदान में और मैदान के बाहर उनका स्‍वभाव और उनका व्‍यक्तिव अनुकरणीय रहा। खेल के प्रति उनका समर्पण, प्रेम और उत्‍साह उनकी उपलब्धियों का प्रेरक बल रहा।
क्रिकेट खेलने वाले सभी देश उनका आदर करते हैं और सामाजिक और सांस्‍कृतिक सीमाओं से परे उनके प्रशंसकों की संख्‍या बहुत विशाल है। उनकी तुलना खेल की अनेक महान हस्तियों से की जाती है और उन्‍हें ‘आधुनिक क्रिकेट का डॉन ब्रैडमैन’ कहा जाता है। मुझे विश्‍वास है कि वे खुद को क्रिकेट के विकास से जोड़कर रखेंगे। हमारी शुभकामनाएं सदैव उनके साथ हैं”।

His Holiness Pope Francis congratulated Indian govt. for the Food Security Act

Prof Thomas presents booklet on Food Security to Pope Francis and obtained Blessings From The Religious Leader.
Minister for Consumer Affairs, Food & Public Distribution Prof. K.V.Thomas called on the Pope Francis at Vatican City today.
Indian Minister who is leading the delegation to the 40th FAO Conference on World Food Security at Rome today called on the Pope Francis at Vatican City and submitted a booklet on Food Security Act.
Pope congratulated Prof Thomas and the Government of India for the great initiative to eradicate hunger from India.
Photo caption
[1] The Minister of State (Independent Charge) for Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Professor K.V. Thomas presenting a booklet containing the salient features of the Food Security Act to His Holiness Pope Francis, at Vatican City, Rome on October 10, 2013.

राष्ट्रीय लोकदल के संगठनात्मक चुनाव करवाने के लिए पूर्व मंत्री सच्चिदानंद गुप्त को निर्वाचन अधिकारी बनाया

[नई दिल्ली]वर्ष 2013-16 की अवधि के लिए राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के संगठनात्मक चुनाव नवम्बर २०१३ तक कराये जाने हैं इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौधरी अजित सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री दीपचन्द्र डबास, पूर्व पार्षद को पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी और श्री सच्चिदानंद गुप्त, पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश को निर्वाचन अधिकारी मनोनीत किया है |
रालोद के राष्ट्रीय सचिव गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि संगठनात्मक चुनावों हेतु नए बने सक्रिय सदस्यों की सूची की तैयारी चल रही है।
राज्यों के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों के चुनाव 31 अक्टूबर 2013 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
इसे पूर्व २५ सितम्बर को रालोद के संगठनात्मक चुनाव करवाने के लिए दीपचन्द डबास, पूर्व पार्षद को पार्टी का राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी मनोनीत किया गया था
श्री डबास 80 के दशक में लोकदल के टिकट पर दिल्ली से पार्षद निर्वाचित हुए तथा निगम में लोकदल के नेता, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य एवं जनता दल में दिल्ली प्रदेश के महासचिव भी रहे हैं। श्री डबास दिल्ली प्रदेश राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

देसी और अमेरिकन सर्वोच्च बैंकों में महिलाओं को पहली बार सर्वोच्च जिम्मेदारी

राहुल गाँधी बेशक अपनी चुनावी जनसभाओं में महिलाओं को संसद में आरक्षण नहीं दिला पाने के लिए विपक्ष को कोसते फिर रहे हैं लेकिन वास्तव में देसी और अमेरिकन बैंकों में महिलाओं पर भरोसा किया जा रहा है और सर्वोच्च बैंकों में सर्वोच्च जिम्मेदारी दी जा रही है|
अमेरिका के फेडेरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष पद पर जेनट येलेन के नामांकन हुआ है तो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नए अध्यक्ष के रूप में अरुंधती भट्टाचार्य ने पदभार संभाल लिया है|ये दोनों पहली महिलाएं है जो इन संस्थाओं में शीर्ष पद पर पहुंची हैं|
[१] अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तमाम शट डाउन के बावजूद जेनट येलेन को अमेरिका की ‘सबसे महत्वपूर्ण अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं’ में से एक करार देते हुए उन्हें फेडेरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष के तौर पर नामांकित किया है।

JanetYellen

JanetYellen


अब सीनेट अगर 56 साल की येलेन के नामांकन की पुष्टि कर देता है तो वह प्रमुख बैंकर का पद ग्रहण करने वाली देश की पहली महिला होंगी।
ओबामा ने फेडरल रिजर्व के प्रमुख पद को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण नीति निर्माताओं में एक करार देते हुए बुधवार को कहा कि अमेरिकी आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने में येलेन की भूमिका प्रेरणादायी और अनुकरणीय रही है। वह इस भूमिका के लिए असाधारण रूप से योग्य हैं।
[२]अरुंधती भट्टाचार्य ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया। वह देश के इस सबसे बड़े बैंक में शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं।
इस पद पर आसीन होने से पहले 57 वर्षीया भट्टाचार्य एसबीआई की अप्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी थीं।।एसबीआई ने एक बयान में कहा, “अरुंधती भट्टाचार्य ने 7 अक्टूबर को भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया।”

बाबा रामदेव जी पतंजलि योग पीठ में चाणक्य राजनीती योग का प्रशिक्षण शुरू करवा लो शत प्रतिशत लाभ मिलेगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

बाबा राम देव भक्त

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी सरकार हसाड़े सच्चे ते सोणे फ़क़ीर बाबा जी के पीछे ही पड़ गई है ओये 15 विधानसभाओं में योग दीक्षा के कार्यक्रमों में नरेंद्र मोदी और रमन सिंह के पक्ष में बोलने को अपराध बताया जा रहा है |
[१]पहले चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में बाबा जी का राजकीय अतिथि का दर्जा छीन लिया
[२]बालोद ज़िले में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बाबा रामदेव के खिलाफ झूटी रिपोर्ट दर्ज़ करवा दी ,
भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का प्रचार करना महंगा पड़ा है।
[३]और तो और मंगलवार की शाम छत्तीसगढ़ से दिल्ली वापस लौटते समय रायपुर एयरपोर्ट पर बाबा जी के पीछे कांग्रेसी महिलाओं को चूड़ी +बिंदियों के साथ लगा दिया|बाबा जी को दूसरे गेट से बाहर आना पडा
[४]अब बाबा की योग शिविरों को चुनावी सभा बता कर उसे भाजपा के खर्च में शामिल किया जाएगा|

झल्ला

अरे बाबा जी ये तो राजनीती योग है अब इस यौगिक क्रिया में निपुणता पाए बगैर ही आपजी के बाबा जी ने अपने शिविरों में चाणक्य की भूमिका में उठक बैठक शुरू कर दी |अभी भी समय है पतंजलि योग पीठ में केन्द्रीय राजनीती योग का प्रशिक्षण शुरू करवा लो शत प्रतिशत लाभ मिलेगा |

ग्रामीण स्तर पर कार्यरत पत्रकारों की सुविधाएं बढ़ाने पर बिहार सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया

[पटना] पत्रकारों की ,[ विशेष तौर पर ग्रामीण छेत्रों में कार्यरत ] सुविधाएं बढ़ाने पर बिहार सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया है |सूचना एवं जन संपर्क मंत्री वृषिण पटेल ने पत्रकार कल्याण मंच के शिष्ट मंडल को यह आश्वासन दिया |श्री पटेल के अनुसार प्रखंड +ग्रामीण स्तर पर कार्यरत पत्रकार अवैतनिक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जन साधारण की समस्यायों को समाज और सरकार तक पहुंचाते हैं|
सरकार स्तर पर इन्हें मान्यता देने+बीमित करने+सरकारी बसून में स्थान आरक्षित करने की सुविधाएं दी जा सकती है|सचिव ब्रिजेश मेहरोत्रा को इस विषय में आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश भी दिए|
पत्रकारों के इस शिष्ट मंडल ने एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमे टोल टैक्स से मुक्ति+एक स्थान दिए जाने के साथ ही बच्चो को उच्च शिक्षा में आरक्षण एवं छात्रवृति की मांग की गई| निदेशक प्रभाकर झा+मंच के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह+महा सचिव मुमताज अहमद आदि उपस्थित थे|