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Category: Politics

शीला दीक्षित ने बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों की बौछार से बचने के लिए स्वयम नए विवाद के रूप में एक ढाल ईजाद की

दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों की बौछार से बचने के लिए स्वयम नए विवाद के रूप में एक ढाल ईजाद की है| इसके लिए उन्होंने एक ऐसे राजनीतिक साए को मीडिया के समक्ष पेश किया है जिसका वजूद या नाम तक बताने से उन्हें परहेज हैं| मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित आज कल दिल्ली में बिजली और पानी के बिलों में धांधली के आरोपों से गले तक घिरी हैं|आये दिन आम आदमी पार्टी[आप] और भाजपा नए खुलास एकाराने में लगे हुए हैं|ऐसे में उन्होंने एक नए विवाद को स्वयम ही हवा दे दी है| उन्होंने कहा है कि हाल में एक शख्स ने मुझे [शीला]दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस का टिकट पाने के लिए घूस की पेशकश की। शीला ने कहा कि घूस की पेशकश करने वालों को कुछ नहीं होता, जबकि भ्रष्ट तो वे भी होते हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित का यह तीसरा कार्यकाल है। चौथी बार उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है।
सी एम् ने यह खुलासा करके मीडिया और विपक्ष को एक नया मुद्दा जरूर दे दिया है इस खुलासे पर दिल्ली की सियासत एक बार फिर गरम हो गई है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने कार्रवाई करने के बजाय मीडिया में बयान देने को लेकर शीला की नीयत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं|

आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया

ने सवाल किया है कि शीला किस कारण घूस देने वाले का नाम नहीं बता रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे करप्ट लोगों को कड़ी सजा मिले, इसके लिए जरूरी है कि उसका नाम बताया जाए।

दिल्ली विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष प्रो. विजय कुमार मलहोत्रा

ने कहा है कि श्रीमती शीला दीक्षित का यह बयान कांग्रेस संस्कृति को बेनकाब करता है। पहली बार एक मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार किया है। रिश्वत लेना अपराध है तो रिश्वत देना भी अपराध है और उस अपराध को छिपाना भी अपराध है। किसी अपराधी को बचाने का काम मुख्यमंत्री करे तो निन्दनीय होने के साथ-साथ अनैतिक व कानून विरोधी भी है। आखिर रिश्वत की पेशकश करने वाला व्यक्ति अभी कांग्रेस में किस पद पर है यह खुलासा होना चाहिए।।एक दैनिक अखबार में दिए इंटरव्यू में शीला ने बताया कि एक शख्स उसने मिलने उनके दफ्तर में आया और उन्हें पैसों के एवज में विधानसभा चुनाव में टिकट देने की पेशकश की।
गौरतलब है कि श्रीमती शीला दीक्षित का यह बयान उस समय आया है जब उनकी सरकार बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों से गले तक घिरी हैं आये दिन नए खुलासे किये जा रहे हैं| ऐसे में अपनी पार्टी से सम्बंधित एक और नए विवाद को स्वयम जन्म देना बेवजह नहीं हो सकता जबकि सी एम् ने कहा है कि घूस की पेशकश करने वाले अपराधी का कुछ नहीं बिगड़ता इसके बावजूद उन्होंने घूस देने वाले का नाम नहीं बताया। दबाब बढने पर अब इस मुद्दे को तत्कालीन पी एम् राजीव गांधी [अब स्वर्गीय]के कार्यकाल से जुडा बताया जा रहा है|

वी के मल्हौत्रा आई ओ सी की मीटिंग के बाद अपनी अगली रणनीति का एलान करेंगे: Boycott Of I O A in LAUSANNE

इंटरनेशनल ओलिंपिक एसोसिएशन के भारत में कार्यवाहक अध्यक्ष डा. वी के मल्हौत्रा अपनी अगली रणनीति आई ओ सी की मीटिंग के बाद[ कल] उजागर करेंगे|श्री मल्हौत्रा ने बताया कि उन्होंने अपनी पूर्व घोषणा का अनुपालन करते हुए आई ओ सी की मीटिंग का बहिष्कार जारी रखा है |अभय सिंह चौटाला प्रकरण को लेकर श्री मल्हौत्रा एसोसिएशन की मीटिंग अटेंड करने नही गए हैं| नाराज मल्हौत्रा के अनुसार चौटाला द्वारा कराये गए चुनावों में जीते बत्रा और आनंद को जब मीटिंग में बुला लिया गया हैतब उनका[मल्हौत्रा] मीटिंग में जाने का कोई ओचित्य नहीं रह जाता | आर्चरी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह+स्क्वाश के रामचंद्रन+कयाकिंग[Kayaking] और कनोएइङ्ग[Canoeing] के एस रघुनाथन आदि का सहयोग मल्हौत्रा को मिल सकता है|आई ओ ऐ के महासचिव रंधीर सिंह भी इंटरनेशनल एसोसिएशन से नाराज चल रहे हैं| पदाधिकारी की आयु और कार्यावधि को सिमित किये जाने से यह नाराजगी चल रही है|
अन्तराष्ट्रीय संस्था द्वारा चौटाला प्रकरण में १५ मई को आर के आनंद+और एन के बत्रा की उपस्थिति पर लिए गए निर्णय से नाराज श्री मल्हौत्रा ने आई ओ सी पर दौहरा माप दंड अपनाने का आरोप लगाते हुए |पश्चमी स्विटजर लैंड की सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र लुसाने[LAUSANNE ]में आयोजित मीटिंग का बहिष्कार किया है| सरकार की नई स्पोर्ट्स [विशेष कर तीरंदाजी] नीति और अन्तराष्ट्रीय ओलिंपिक एसोसिएशन के एक समय में लिए गए चुने गए भारतीय पदाधिकारियों के खिलाफ निर्णय से वरिष्ठ स्पोर्ट्स प्रोमोटर्स के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है|

नरेन्द्र मोदी के एन आर आई से संवाद को लेकर भाजपा में केन्द्रीय न्रेत्तव फिर चर्चा में आया

गुजरात के सबसे विवादित मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी आज कल फिर विवादों में घिरे हैं और इन विवादों के कारण विरोधियों के बीच भी चर्चा का विषय बने हुए हैं |वर्तमान विवाद या चर्चा गुजरात के दंगों के परिपेक्ष्य में बनी मोदी की हिंदूवादी छवि को लेकर नही वरन अब विडियो के माध्यम से भारतीय प्रवासियों के साथ हो रहे मोदी के संवाद हैं| अब मोदी की साम्प्रदाईक छवि नही वरन केन्द्रीय न्रेतत्व की क्षमता को केन्द्रित करके मोदी की चर्चा की जाने लगी है|
बीती आधी रात को अहमदाबाद से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मोदी ने अमेरिका लगभग १८ शहरों में बसे भारतीय प्रवासियों से संवाद कायम किया|इस अवसर पर उन्होंने अपने प्रदेश में विकास के ढोल पीटने के साथ ही केंद्र सरकार की निति विशेष कर विदेश नीति के विरुद्ध बिगुल बजा दिया है|
सरबजीत सिंह की पाकिस्तान के लखपत कोट जेल में ह्त्या के लेकर पाकिस्तान के साथ संबंधों से लेकर चाइना के दबाब में अपनी ही भूमि से अपनी सेनाओं की वापिसी को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर जम कर प्रहार किये | भाजपा की नई उम्मीद बन कर उभर रहे नरेन्द्र मोदी ने अपने विरोधियों को भी निशाने पर लेते हुए अप्रवासी भारतीयों को बताया के कुछ लोग उनके गुजरात में विकास मॉडल को झुटलाने के लिए साम्प्रदाईक और सेक्युलर के विवाद को हवा देने लगते हैं|और नरेन्द्र मोदी के विकास को झुटला कर स्वयम सेक्युलर बनने का ढोंग करते फिर रहे हैं|
इस अवसर पर मोदी ने भारतीय परम्पराओं को आधार बनाया और देश के पर्यावरण के सुधार के लिए गंगा +जमुना आदि नदियों के महत्त्व को स्वीकार करने और नदियों को उनका दर्ज़ा दिए जाने के वकालत की| संयुक्त परिवार को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी बताते हुए कहा के अमेरिका में भी अब परिवार सुधार के लिए आवाजें उठने लगी है|
मोदी ने अपने धुरंधर विरोधी जे दी यू के नितीश कुमार के बिहारीवादी नारे का जवाब एक कदम आगे जाते हुए देते हुए कहा के देश के बाहर रहने वाला प्रत्येक गुजराती भारत का राजदूत है| इसीलिए भारत से बहार रहते हुए प्रत्येक गुजराती स्वयम को भारत का राजदूत समझे|
बेशक नरेन्द्र मोदी को एक विशेष लाबी के दबाब में अमेरिका जाने का विश नहीं दिया गया है लेकिन इसके बावजूद अब इसी तरह विडियो क्न्फ्रेंसिंग करके वहां के एन आर आई के साथ संवाद कायम करने का रास्ता निकाल लिया गया है|यह उपाय ज्यादा प्रभावकारी हो रहा है क्योंकि भारतीय मीडिया और राजनीति इस पर केन्द्रित होने लगी है|अब कहा जाने लगा है के नरेन्द्र मोदी भाजपा में केन्द्रीय न्रेतत्व को कब्जाना चाहते हैं इसीलिए यूं पी ऐ पर भी एटैक कर रहे हैं|

वड्डे [डाडा] एल के आडवाणी की सुनो और मान लो वरना कर्नाटक के बाद नई संसद के चुनावों में सबको आश्चर्य होगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया ये हसाड़े लाल कृषण आडवाणी को क्या घरेड पड़ गई|ओये एक तरफ तो दक्षिण [कर्नाटका]में हमारी एक मात्र सरकार में ढेह ढेरी हो गई और दूसरी तरफ आडवाणी इस जख्म पर नमक छिड़कते हुए कह रहे हैं कि अगर भाजपा कर्नाटका में जीत जाती तो उन्हें आश्चर्य होता| ओये संसद के लिए चुनाव सर पर आन खड़े हुए हैं ऐसे में ऐसी बातें कहीं चुनावों में ऐसा वैसा ही न करदें

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी भ्रष्टाचार के आरोपी तत्कालीन मुख्य मंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ आपकी पार्टी ने एक्शन लेने में जो ढिल मिठयाईयाँ दिखाई हैं उसका नतीजा तो उसी वक्त दिखने लग गया था लेकिन आप लोगों ने अपने घर के सबसे बड़े की बात नहीं मानी और येद्दियुरप्पा को पार्टी से निकालने के बजाय उसे स्वयम बाहर निकल कर अपनी पार्टी बनाने का गौरव प्रदान कर दिया और इसीलिए अब आपको रोना पड़ रहा है| भई बुजुर्गों ने कहा है कि वक्त बेवक्त के लिए एक बुजुर्ग जरूर साथ रखना और उसकी बिन माँगी सलाह को भी मानना चाहिए |ऐसे ही एक बुजुर्ग ने फरमाया है कि बड़े लक्ष्य को पाने के लिए छोटा मोटा स्वार्थ छोड़ देना चाहिए |झल्लेविचारानुसार आपजी के घर के वड्डे डाडा अडवाणी ने फिर से बिन मांगे सलाह को हवा दी है कि जब कर्नाटका की सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जा सकती है तो फिर इसी मुद्दे पर केंद्र की सरकार क्यों नही जा सकती अर्थार्त अभी भी समय है येद्दियुरप्पा मोह त्याग कर इसी को मुद्दा बना लेना नई लोक सभा के चुनावों में लाभ कारी होगा

दोषियों को तत्काल सजा के बजाय केवल मंत्रियों के बदलने मात्र से भ्रष्टाचार समाप्त नही होगा

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने आखिर कर दो पंजाबी मंत्रियों का इस्तीफा ले ही लिया रेल मंत्री पवन बंसल के स्थान पर सी पी जोशी और कानून मंत्रालय अश्विनी कुमार से छीन कर कपिल सिब्बल को दे दिया गया है|यह अतिरिक्त प्रभार है| इस पर अलग अलग राय आ रही हैं| कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखने को लेकर हमलों का सामना कर रहे अश्वनी कुमार ने आज दावा किया कि उन्होंने ‘अनावश्यक’ विवाद को खत्म करने के लिए इस्तीफा दिया है उनका कहना है कि कोयला घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट को देखने के मामले में उच्चतम नयायालय ने उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का तात्पर्य यह स्वीकार करना नहीं है कि ‘कुछ गलत किया गया’।मेरी [अश्विनी कुमार]अंतरात्मा साफ है और मेरा मानना है कि मैं दोषमुक्त साबित हूंगा |उधर पवन बंसल का अपने बचाव में कहना है कि रेल मंत्रालय में सेंसिटिव [क्रीमी]पोस्टिंग में पैसे के लेन देन में उनका दामन पाक साफ़ है| भाजपा के अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने प्रधान मंत्री के अर्थ शास्त्र कि क़ाबलियत पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को बचाने के लिए ही दोनों केन्द्रीय मंत्रियों की बलि दी गई है।इससे पूर्व २ जी स्पेक्ट्रम मामले में भी ऐ राजा को आगे किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कायम है और संसद में संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री के इस्तीफे तथा संप्रग सरकार को हटाने के लिए पार्टी 27 मई से 2 जून तक सड़कों पर उतरेगी और जेल भरो आंदोलन चलायेगी।
उधर आम आदमी पार्टी मंत्री मंडल के फेर बदल को अलग ही रूप में देख रही है पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष शिशोदिया ने कहा है कि इस प्रकार के बदलाव से भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नही लगने वाली है|ये लोग एक जगह से हतहा कर दूसरी जगह लगा दिए जाते हैं और फिर चुनावों में जीत कर आ जाते हैं भ्रष्टाचार वहीं का वहीं रह जाता है|भ्रष्टाचारियों को सजा देने वाला कोई नहीं है|

अपने मंत्रियों की करतूतों से शासक वस्त्रहीन हैं : सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने ब्लाग के माध्यम से वर्तमान शासक को वस्त्रहीन बताने के लिए एक रोचक कहानी और एक साप्ताहिक के सम्पादकीय का उल्लेख किया है|गौरतलब है कि पूर्व में एल के अडवाणी भारत के पी एम् डाक्टर मन मोहन सिंह को कमजोर +दब्बू और अपनी पार्टी अध्यक्षा के हाथों की कठपुतली बता चुके हैं|प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
हंस एंडरसन की रोचक कहानी ‘दि एम्परर्स् न्यू क्लोज़ (सम्राट के नए वस्त्र)[Emperor’s New Clothes ]मैंने पहली बार स्कूल के दिनों में पढ़ी थी।
एंडरसन की कहानी दो बुनकरों के बारे थी जिन्होंने सम्राट को एक नए वस्त्र की पोशाक देने का वायदा किया था जो सर्वथा सुंदर होने के साथ ही उसकी उल्लेखनीय विशेषता होगी कि वह अदृश्य रहेगी जिसे अक्षम्य रूप से कोई मूर्ख नहीं देख सकेगा और अयोग्य अपने पद पर नहीं रह पाएगा।
इन दोनों बुनकरों जो वास्तव में ठग थे, को सुनकर सम्राट जो हमेशा अच्छे और मंहगे वस्त्रों का शौकीन था ने सोचा ”यदि मैं इस कपड़े की बनाई गई पोशाक पहनूंगा तो मैं पता लगा संकूगा कि मेरे राज में कौन व्यक्ति अपने पद के योग्य है और मैं चतुरों और मूर्खों में भेद कर सकूंगा।”
कहानी का चरमोत्कर्ष तब आया जब सम्राट अपनी ‘नई पोशाक‘ को धारण कर अपनी प्रजा के सामने निकला, इनमें से अनेकों ने उसकी इस कथित असाधारण पोशाक की भूरि-भूरि प्रशंसा की परन्तु तभी एक बच्चा चिल्लाया कि ”लेकिन उन्होंने (सम्राट) तो कोई वस्त्र पहना ही नहीं है!”
* * *सीबीआई द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में यह स्वीकार किए जाने कि उन्होंने इन दोनों घोटालों सम्बन्धी जांच रिपोर्ट को विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साझा किया, पर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके इस कृत्य के लिए उसे काफी लताड़ा है।
सीबीआई को ‘एक पिंजरे में बंद तोते‘ की तरह बताते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने 8 मई के अपने निर्देश में सीबीआई को सभी ”दवाबों और खींचतान के विरुध्द डट कर खड़े होने को कहा। न्यायमूर्ति लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई के इस निवेदन पर सवाल उठाए कि भले ही विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के ईशारे पर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है, परन्तु रिपोर्ट का मुख्य अंश नहीं बदला गया है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने आदेश में कहा है कि ”सरकारी अधिकारियों के सुझाव पर रिपोर्ट का मुख्य तत्व (दिल) बदला गया।”
सरकार के कार्यकलापों के विरुध्द विपक्ष के आक्रोश को व्यापक स्तर पर मीडिया ने भी प्रकट किया। संसद के सदनों को सामान्य रुप से चलाने हेतु विपक्ष की कम से कम मांग यह थी कि विधि मंत्री को त्याग पत्र देना चाहिए और रेलवे मंत्री को बर्खास्त किया जाए।
संसद में इस वर्ष का बजट सत्र अपने अंतिम सप्ताह में पहुंच चुका था। कई दिनों से संसद में कामकाज नहीं हो सका था क्योंकि लगभग समूचा विपक्ष ‘कोयलागेट‘ और ‘रेलगेट‘ जैसे महाघोटालों के लिए सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहा था, विशेष तौर पर प्रधानमंत्री (जब यह कोयला खदानों का आवंटन किया गया तब वह कोयला मंत्री थे), विधि मंत्री और रेलवे मंत्री के इस्तीफे की मांग।
बेशर्मी से अपने दोनों मत्रियों का बचाव करते हुए, विशेष रुप से विधि मंत्री का, जिन्हें सरकार से हटाने से प्रधानमंत्री का पद पर बने रहना असम्भव हो जाता, सरकार ने संसद की कार्यवाही 10 मई के बजाय दो दिन पूर्व यानी 8 मई को ही अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दी।
समाचारपत्रों और टीवी चैनलों द्वारा की गई निंदात्मक टिप्पणियों में, मैं मेल टुडे में आर. प्रसाद के कार्टून से विशेष रुप से प्रभावित हुआ जोकि उपरोक्त वर्णित हंस एंडरसन की रोचक कहानी पर आधारित है। मुझे पता नहीं कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्षा ने इसे देखा है या नहीं।
इस कार्टून ने मुझे 1975-1977 के आपातकाल के दौरान अबू द्वारा बनाए गए कार्टून का स्मरण करा दिया जिसमें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को एक बाथ टब में लेटे दिखाया गया और वह उनको हस्ताक्षर के लिए दस्तावेज दे रहे अपने सहायक को कह रहे हैं ”यदि और अधिक अध्यादेश हैं तो उन्हें थोड़ा इंतजार करने के लिए कहिए!” सरकार या आपातकाल के आलोचक अनेक समाचारपत्रों और पत्रिकाओं को या तो प्रतिबंधित कर दिया गया या जबरदस्ती बंद करा दिया गया। परन्तु उन दिनों प्रकाशित होने वाली एक मात्र कार्टून पत्रिका ‘शकरर्स वीकली‘ ने स्वयं ही प्रकाशन बंद करने का निर्णय लिया। 31 अगस्त, 1975 को अपने अंतिम सम्पादकीय ‘फेयरवेल‘ (विदाई) शीर्षक से सम्पादक ने निम्नलिखित शानदार लेख लिखा :
सम्पादकीय में आपातस्थिति का नाम तक नहीं लिया गया, लेकिन उस समय के तानाशाही शासन की इससे ज्यादा कटु निंदा और नहीं हो सकती थी। सम्पादकीय निम्न है:-

“हमारे पहले सम्पादकीय में हमने रेखांकित किया था कि हमारा काम हमारे पाठकों को हंसाना होगा – दुनिया पर, आडम्बरपूर्ण नेताओं, कपटपूर्ण आचरण, कमजोरियों और अपने पर। पर ऐसे हास्य को समझने वाले और विनोदी स्वभाव रखने वाले लोग कैसे होते है? ये ऐसे लोग हैं जो व्यवहार में निश्चित सभ्यता व लोकाचार रखते हैं तथा जहां सहिष्णुता और दयालुपन का भाव होता है। अधिनायकवाद हंसी को नहीं बर्दाश्त करता क्योंकि लोग तानाशाह पर हसेंगे और वह नहीं चलेगा। हिटलर के सभी वर्षों में, कभी प्रहसन नहीं बना, कोई अच्छा कार्टून नहीं था, न ही पैरोडी थी या मजाकिया नकल भी नहीं थी।
इस दृष्टि से, दुनिया और दु:खद रुप से भारत असंवेदनशील, गंभीर और असहनशील होता जा रहा है। हास्य जब भी हो तो संपुटित होता है भाषा अपने आप में काम करने लगती है। प्रत्येक व्यवसाय अपनी शब्दावली विकसित कर रहा है। अर्थशास्त्री बंधुओं के समाज से बाहर एक अर्थशास्त्री अजनबी है, अनजाने क्षेत्र में हिचकिचाकर बोल रहा है, अपने बारे में अनिश्चित, गैर-आर्थिक भाषा से भयभीत है। यही वकीलों, डाक्टरों, अध्यापकों, पत्रकारों और उनके जैसों का हाल है।
इससे ज्यादा खराब यह है कि मानवीय कल्पना वीभत्स और विकृत में परिवर्तित होती प्रतीत होती है। पुस्तकें और फिल्में या तो हिंसा या सेक्स के भटकाव पर हैं। अनचाही घटनाओं और कृत्यों से लगने वाले झटके के बिना लोग जागरूक होते नहीं दिखते। लिखित शब्दों और समाज पर सिनेमा का अर्न्तसंवाद हो या न हो, समाज इन प्रवृत्तियों को अभिव्यक्त करता है। लूट-मार, अपहरण आदि अपराध नित्य हो रहे हैं और राजनीतिक कलेवर चढ़ा कर इन्हें सामाजिक स्वीकार्यता भी दी जा रही है।
परन्तु ”शंकरर्स वीकली” एक पक्की आशावादी है। हम निश्चिंत हैं कि वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद, दुनिया खुशहाल और अधिक तनाव रहित स्थान बनेगी। मनुष्य की आत्मा अंतत: सभी मौत की शक्तियों पर हावी होगी और जीवन इतना पल्लवित होगा जहां मानवता अपना उच्चतम उद्देश्य हासिल करेगी। कुछ इसे भगवान पुकारते हैं। हमें इसे मानव नियति कहना पसंद करते हैं। और इसी विचार के साथ हम आप से विदा ले रहे हैं और आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।”

हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा पर अब यौन अपराध का भी आरोप

पूर्व विमान परिचालिका को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में जेल जाने वाले वाले हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री औए एक निजी एयर लाइन्स एमडीएलआर के मालिक गोपाल कांडा पर अब यौन अपराध का आरोप भी लगाया गया है| कांडा के साथ सहयोगी अरुणा चड्डा को भी दोषी करार दिया गया है| हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और उसकी सहयोगी अरूणा चड्ढा के खिलाफ शुक्रवार को आरोप पत्र दायर किया गया।कांडा को मंत्री मंडल से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है|
राजधानी की एक निचली अदालत में दायर आरोप-पत्र में कांडा के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या बलात्कार+ अप्राकृतिक यौनाचार +आत्महत्या के लिए उकसाने की साजिश रचने आदि के आरोप लगाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीया परिचालिका ने गत वर्ष पांच अगस्त को पंखे से लटककर अपनी जान दे दी थी।इसके आरोप में कांडा और चड्ढा गत वर्ष अगस्त से न्यायिक हिरासत में हैं।इनकी हिरासत के दौरान ही परिचालिका की माता ने भी आत्महत्या कर ली थी|
अदालत के आज के आदेश के बाद आत्महत्या का मामला यौन अपराध के मामले में बदल गया है जिसके फलस्वरूप जिला न्यायाधीश ने मामले को यौन अपराधों से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही त्वरित अदालत के पास भेज दिया है। अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने के लिए 27 मई की तारीख मुकर्रर की गई है |
दिल्ली पुलिस ने पूर्व में अपने आरोपपत्र में बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप नहीं लगाये थे। कांडा की एमडीएलआर एयरलाइन्स में काम करने वाली पूर्व एयरहोस्टेस 5 अगस्त को अपने अशोक विहार स्थित घर में मृत मिली थी। उसने अपने 4 अगस्त के सुसाइड नोट में कहा था कि वह 46 वर्षीय कांडा और 40 वर्षीय अएणा चडढा के उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर रही है। मामला दर्ज होने के बाद कांडा को हरियाणा के गह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था ।

डा. मन मोहन सिंह ने पवन बंसल से रेल और अश्विनी कुमार से कानून मंत्रालय छीन ही लिए

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को गवाने के पश्चात यूं पी ऐ को होश आ ही गया और पी एम् ने अपनी पार्टी अध्यक्ष के साथ मंत्रणा करके अपने दो आरोपी वरिष्ठ मंत्रियों को बाहर कर दिया है| पी एम् द्वारा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है| केबिनेट की मीटिंग से बंसल की अनुपस्थिति के पश्चात ही उनकी बर्खास्तगी की अटकलें लगाई जाने लगी थी| पीएम निवास से निकलते वक्त पवन बंसल ने मीडिया में खुद इस्तीफे की बात स्वीकार की। शुक्रवार शाम सोनिया गांधी और पीएम के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई थी जिसके आधार पर मंत्रियों की बर्खास्तगी की ख़बरें आने लग गई थी|
रेलवे में वरिष्ठ पदों पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और केनरा बैंक से अवैध लेन देन का पर्दाफाश होने के बाद से ही इन दोनों का जाना तय माना जा रहा था और मीडिया के दबाब के चलते आखिरकार रात नौ बजे उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम को सौंप ही दिया |
अश्वनी कुमार को भी पीएम निवास बुलाया गया था। पवन बंसल के पीएम निवास से निकलने के करीब एक घंटे बाद अश्वनी कुमार ने भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
रेल भवन में शायद आखिरी बार आने के बाद पवन बंसल केवल एक घंटे में ही अपने दफ्तर में रुके थे।
रेल मंत्रालय बचाने के लिए पवन बंसल ने शुक्रवार शाम को अपने निवास पर तंत्र मंत्र + टोटके का सहारा भी लिया गया । पवन बंसल ने रेल भवन जाने के लिए घर से निकलने से पहले एक बकरे को कुछ खिलाया, उसे सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
गौरतलब है के इन मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद नही चलने दी अब जबकि संसद सत्र की बर्बादी हो चुकी है तब जाकर यह फेस सेविंग कदम उठाया गया है|

विश्व प्रसिद्द ओघडनाथ मंदिर परिसर में आज सुबह शहीदों को श्रधान्जली और परिजनों को सम्मानित किया गया

[मेरठ]विश्व प्रसिद्द ओघडनाथ [काली पलटन]मंदिर परिसर में आज सुबह शहीदों को श्रधान्जली दी गई और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया| शहीद दिवस पर आज जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिषद् द्वारा आयोजित एक गरिमामय समारोह में जिले के प्रतिष्ठित लोगों ने शहीद स्मारक पर अपनी श्रधा के पुष्प चड़ाए |
सांसद राजेंद्र अग्रवाल+ जिलाधिकारी नवदीप रिनवा+महापौर हरिकांत अहलुवालिया+ छावनी विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल +ऐ डीएम् सिटी सतीश दुबे+ मंजीत सिंह कोछड़ +राजेंद्र शर्मा[कांग्रेस]+दीपक शर्मा आदि ने शहीद स्मारक पर श्रधा सुमन अर्पित किये|

आम आदमी पार्टी का दिल्ली उद्योग व्यापार मंडल का गठन:ब्रजेश गोयल को समन्वयक और महेंद्र गोयल को अध्यक्ष बनाया

देश के व्यापारी को सत्ता का ऐसा माडल चाहिए जो व्यापारी को चोर न माने बल्कि उसे सम्मान दे.
आम आदमी पार्टी[आप] ने आज दिल्ली उद्योग व्यापार मंडल का गठन किया। जनलोकपाल आन्दोलन के समय से ही आन्दोलन से जुड़े हुए युवा व्यापारी ब्रजेश गोयल इसके समन्वयक बनाए गए हैं| और अन्ना आन्दोलन के समय से ही अन्ना की रसोई / आम आदमी रसोई चलाते आ रहे श्री महेंद्र गोयल इसके अध्यक्ष होंगे। चावड़ी बाज़ार में आयोजित एक व्यापारी सभा में टीम का गठन हुआ।
अरविन्द केजरीवाल ने स्वयम को व्यापारियों से जोड़ते हुए अपने परिवार के व्यापारिक रिश्तों का हवाला देते हुए कहा कि उनका परिवार भी व्यापारी जगत से जुडा है इसीलिए व्यापारियों कि समस्यायों के साथ उनके उत्पीडन को समझना और उनसे जुड़ना उनके लिए स्वाभाविक है| अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि आज 99% लोग ईमानदारी से काम करना और जीना चाहते हैं, लेकिन आज की राजनीति उन्हें भ्रष्टाचार करने पर मजबूर करती है। उन्होंने कहा कि हम सरकार का वो मॉडल लाना चाहते हैं, जिसमे आम व्यापारी सम्मान के साथ अपना काम कर सके और इज्ज़त के साथ जी सके। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर व्यवस्था ऐसी बनाई जाएगी जो आम व्यापारी को चोर न मानती हो, बल्कि ईमानदार मानकर चलती हो।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की नीतियों ने दिल्ली के व्यापारियों की कमर तोड दी है. डब्ल्यू.टी.ओ. के समझौते तहत इन्होंने चीन के लिए बाजार खोल दिए हैं . इसका नुकसान यह हुआ है कि देश के आम आदमी को चीन का दोयम दर्जे का घटिया माल मिल रहा है. वहीं छोटे व्यापारी या कुटीर उद्योग बर्बाद कर दिए गए हैं|
उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव बने अश्विनी जैन ने बताया कि “छोटे व्यापारियों की इस दुर्दशा को लेकर जब वे वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मिलने गए तो उन्होंने समस्या सुनने की बजाय मजाक उडाया और कहा कि छोटे व्यापार को भूल जाओ बडी इंडस्ट्री की बात करो.”
अरविन्द केजरीवाल के मार्गदर्शन में उद्योग व्यापार मंडल के दिल्ली प्रदेश का गठन हुआ और सभी ने संकल्प लिया कि आम आदमी पार्टी का सन्देश दिल्ली के हर दुकानदार तक पहुँचाया जाएगा। इस मौके पर अरविन्द केजरीवाल ने व्यापारियों के नाम एक खुली चिट्ठी भी जारी की इस चिट्ठी में उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों की समस्या को आम आदमी पार्टी के नज़र में उसका समाधान प्रस्तुत किया है। ये चिट्ठी दिल्ली के हर दुकानदार और व्यापारी तक पहुंचाई जाएगी।