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Category: Social Cause

President of India, Shri Pranab Mukherjee greeted fellow citizens on the occasion of Idu’l Fitr

The President of India, Shri Pranab Mukherjee has greeted fellow citizens on the occasion of Idu’l Fitr.
In his message the President has said, “I extend my greetings and best wishes to my fellow citizens on the auspicious occasion of Idu’ l Fitr.
Idu’l Fitr marks the culmination of the period of fasting and prayer during the holy month of ‘Ramzan’, and infuses in us a sense of brotherhood and spirit of joy. This festival with its spirit of giving and sharing inspires all to work towards building a harmonious, peaceful and prosperous society. Let us re-dedicate ourselves on this day to the service of humanity and to elevate the life of poor and the needy.
May Idu’ l Fitr instill in all of us a sense of the essential unity of all faiths and pride in the composite culture of India”.

अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों की दो विकेट्स और गिराए: राय बरेली के दो जिला पूर्ती अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने राय बरेली का औचक निरीक्षण किया | इस अवसर पर उन्होंने जिला पूर्ती विभाग में कमियां पाई और दो अधिकारियों को निलंबित किया एक शिक्षा अधिकारी को ट्रांफर भी किया अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों की दो विकेट्स गिराते हुए राय बरेली के जिला पूर्ती अधिकारी विद्या राम अहिरवार और पूर्ती निरीक्षक सुशील चन्द्र बाजपाई को निलंबित करने के आदेश जारी किये| इन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है|
इन अधिकारियों पर उचित दर दुकानों के समुचित निरीक्षण/पर्यवेक्षण में शिथिलता बरतने +आवश्यक वस्तुओं के वितरण में लापरवाही का आरोप लगाया गया है|इसके आलावा राय बरेली के ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया को अन्यत्र ट्रांसफर कर दिया गया है|
छेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान माध्यमिक विद्यालय रैन में मिड डे मील में दी जा रही कढ़ी+चावल को भी चखा | सी एम् के साथ कारगर मंत्री चौ. राजेंद्र सिंह चौधरी +मुख्य सचिव जावेद उस्मानी+राकेश गर्ग आदि भी मौजूद थे|

डॉ मन मोहन सिंह ने देश को उल्‍लासपूर्ण ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं और ‘ निशुल्‍क हेल्‍पलाइन खिदमत’ का तोहफा दिया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने देश को उल्‍लासपूर्ण ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं और ‘खिदमत’ नाम की एक निशुल्‍क हेल्‍पलाइन-तोहफे के रूप में दी
अपने संदेश में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति पर मनाया जाने वाला ईद का त्‍योहार खुशियां बांटने और भाई-चारे का प्रतीक है।प्रधानमंत्री ने कहा कि वे कामना करते हैं कि यह त्योहार देशवासियों के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां लाए।ईद के दिन रमज़ान के मुबारक महीने का समापन होता है|ईद-उल फितर के अवसर पर केंद्र सरकार के दि‍ल्‍ली स्थि‍त केंद्र सरकार के सभी कार्यालय 9 अगस्‍त, 2013(शुक्रवार) को बंद रहेंगे।

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

[२]उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी ने ईद-उल फितर के मुबारक मौके पर सभी नागरिकों का अभिनंदन किया है। । अपने संदेश में श्री एम हामिद अंसारी ने कहा कि यह त्‍यौहार पवित्रता और खुशी का त्‍यौहार है और यह अपने भाईचारे, प्‍यार और दया के संदेश के जरिए पूरे देश को एकजुट करता है
[३]केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ने ईद-उल-फितर के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। अपने संदेश में उन्‍होंने बताया कि ईद- श्रद्धा, शांति और भाईचारे का त्‍यौहार है। इस अवसर पर उन्‍होंने मुसलमानों से अनुरोध किया है कि वे रमजान के रोजे रखने की शक्ति प्रदान करने के लिए खुदा का शुक्र अदा करें और समुदाय के ऐसे लोगों की सहायता करें जो इसके हकदार हैं। उन्‍होंने सर्वशक्तिमान अल्‍लाह से राष्‍ट्र में समृद्धि तथा शांति बनाए रखने की प्रार्थना की।
 केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत करते हुए

केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत करते हुए


इसके साथ ही उन्होंने ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत भी की‘ यह सूचना के माध्‍यम से अल्‍पसंख्‍यकों को सशक्‍त बनाएगी |
‘ केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्यमंत्री श्री खान ने आज यहां ‘खिदमत’ नाम की एक समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन-1XXX-XX-2001 शुरू की।
‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन भारत के अल्‍पसंख्‍यकों को समर्पित करते हुए उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह समाज के सभी वर्गों विशेषकर वंचित वर्गों के समावेशी विकास का राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी का सपना साकार करेगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री के. रहमान खान ने कहा कि यह सेवा ताजा सूचना के माध्‍यम से अल्‍पसंख्‍यकों को सशक्‍त बनाएगी। यह हेल्‍पलाइन अब चालू हो चुकी है। शुरूआत में यह हेल्‍पलाइन सभी कार्यदिवसों के दौरान सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक खुली रहेगी। श्री खान ने कहा कि इसकी सफलता और मांग को देखते हुए इसे नई सुविधाओं से युक्‍त करके 24×7 भी बनाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि बदलते भारत में जब फोन सेवाएं और मोबाइल देश के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह समर्पित हेल्‍पलाइन संभवत: विकास और कल्‍याणकारी कार्यक्रमों के बारे में सूचना देने का बेहतर विचार साबित हो सकती हैं।
उन्‍होंने कहा कि समय पर मिली सही जानकारी ताकत होती है। श्री खान ने कहा कि ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से मंत्रालय ने सभी स्‍तरों के अल्‍पसंख्‍यकों को समान रूप से शक्ति सम्‍पन्‍न बनाने का प्रयास किया है।
अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय ने अल्‍पसंख्‍यकों के बुनियादी विकास, शैक्षिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और वक्‍फ विकास के लिए अनेक विकास और कल्‍याणकारी योजनाओं का प्रतिपादन और कार्यान्‍वयन किया है।
विभिन्‍न कार्यक्रमों और योजनाओं को कार्यान्वित करते समय व्यवहारिक दिक्‍कतों के अलावा मंत्रालय को महसूस हुआ कि कार्यक्रमों/योजनाओं के बारे में लक्षित आबादी में जानकारी का अभाव सबसे बड़ी रूकावट है। पिछले कुछ वर्षों से मंत्रालय ने हालांकि नियमित रूप से प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और नये मीडिया माध्‍यमों के जरिए मल्‍टी मीडिया प्रचार शुरू किया है। इसके बावजूद कार्यक्रमों की पहुंच व्‍यापक बनाए जाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने यह समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन इसलिए शुरू की है, क्‍योंकि उसका मानना है कि लक्षित आबादी को एक मंच की जरूरत है। यहाँ से वे आसान भाषा में बातचीत के माध्‍यम से नई जानकारी प्राप्‍त कर सके और उनकी अधिकांश जिज्ञासाएं शांत हो सके।
इस हेल्‍पलाइन की शुरूआत के साथ ही किसी गांव या दूरदराज के इलाके में बैठा कोई छात्र छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में तत्‍काल सूचना प्राप्‍त कर सकता है। किसी बेरोजगार अल्‍पसंख्‍यक नौजवान को मंत्रालय की ओर से चलाए जाने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा रोजगार के अवसरों के बारे में तत्‍काल जानकारी प्राप्‍त हो सकती है।

सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया

सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया यह मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है।

The Union Minister for Communications and Information Technology, Shri Kapil Sibal releasing the Open Data Apps for Innovation in Governance at a function, in New Delhi on August 08, 2013.

The Union Minister for Communications and Information Technology, Shri Kapil Sibal releasing the Open Data Apps for Innovation in Governance at a function, in New Delhi on August 08, 2013.

भारत सरकार राष्ट्रीय डाटा शेयरिंग और एक्सेसिबिलिटी नीति (एनडीएसएपी) के तहत विभिन्न विभागों से विशाल सरकारी डाटाबेस जारी करने की प्रक्रिया में है ताकि सरकारी सूचना की डिलीवरी बढ़े, नवाचार की गति तेज हो तथा गवर्नेन्स में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक की भागीदारी को बढ़ावा मिले | मुक्त सरकारी डाटा के जरिए नवाचार को बढ़ावा देने और मुक्त डाटा इकोसिस्टम बनाने के लिए स्टार्ट-अप एवं डेवलपर समुदाय को जोड़ने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) ने नैसकॉम के सहयोग से आज यहां ”गवर्नेन्स में नवाचार के लिए ओपन डाटाएप्स” पर सम्मेलन आयोजित किया |सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने किया
श्री सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का भी विमोचन किया जो मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है। इस पोर्टल का मुक्त डाटा पर के नूतन एप्स के जरिए सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारत की मुक्त सरकारी डाटा पहल न सिर्फ गवर्नेन्स में ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक को अधिक संलग्न करने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह नवाचार के लिए मंच के रूप में भी काम करेगा।
एनआइसी और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पोर्टल (http://data.gov.in) बनाया है तथा इसे देश की ओपन सरकारी पहल के रूप में लागू किया जा रहा है। अब तक 49 विभागों से 3500 से अधिक डाटासेट इस पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं तथा रोजाना यह संख्या बढ़ती जा रही है। प्रायोगिक परियोजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और एनआइसी ओपन डाटा के इस्तेमाल से मोबाइल एवं वैब एप्स के विकास के लिए विद्यार्थियों की क्षमता का पता लगाने का प्रयास करेंगे।
फोटो कैप्शन Union Minister Shri Kapil Sibal releasing the “Data Portal India”, at the inauguration of the conference on “Open Data Apps for Innovation in Governance”, in New Delhi on August 08, 2013.

रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में अपने पूर्व ब्यान में आज संशोधन करके संसद में आये गतिरोध को समाप्त किया

रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी ने एल ओ सी के समीप भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में अपने पूर्व ब्यान में आज संशोधन करके संसद में आये गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास किया | आज के ब्यान में जहाँ एक तरफ उन्होंने देश की क्षमता का प्रदर्शन किया वहीं पाकिस्तान को भी चेतावनी दी| रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि नियंत्रण रेखा के नजदीक भारतीय गश्ती दल पर 6 अगस्त, 2013 को किए गए नृशंस और अकारण हमले ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। जब मैंने सदन में इस घटना की जानकारी दी, तब यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह उन तथ्यों की जानकारी दे, जो उस समय उसके पास मौजूद थे और मेरा बयान उपलब्ध सूचना पर आधारित था।
सेना अध्यक्ष ने उस इलाके का अब दौरा कर लिया है और मामले की विस्तार से तहकीकात की है । अब यह स्पष्ट है कि हमले में पाकिस्तानी सेना से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त जवान शामिल थे, जिन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर के इलाके से नियंत्रण रेखा को पार करके हमारे बहादुर जवानों को मार दिया। हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना की सहायता, सुविधा और अक्सर उसके प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए बिना नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से कुछ नहीं हो सकता।
पाकिस्तान में जो लोग इस दुखद घटना और इस वर्ष के शुरू में दो जवानों की जघन्य हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें हर कीमत पर सजा़ मिलनी चाहिए। पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क, संगठनों और बुनियादी ढांचे को समाप्त करने के लिए स्पष्ट दृढ़ता दिखानी चाहिए और ऐसे प्रयास करने चाहिए जिनसे नवंबर, 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निश्चित तौर पर पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों और नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार पर असर पड़ेगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे संयम को कमजोरी नहीं समझना चाहिए और हमारी सशस्त्र सेना की क्षमता को तथा हमारे इस दृढ़ निश्चय को कि हम नियंत्रण रेखा का उल्लंघन नहीं होने देंगे, कम करके नहीं आंका जाना चाहिए था।

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युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर गंभीर चिंता जताई

[नई दिल्ली,]युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर आज गंभीर चिंता जताई है |
मथुरा से लोकसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोकदल [ रालोद] के युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में जल्दी-जल्दी व्यवधान डालने वाली ‘व्यवधान संस्कृति’ पर, जो आजकल बहुधा देखने में आ रही है, खेद प्रकट किया है।
श्री जयन्त चौधरी ने आज गुरुवार को कहा, ‘‘लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डाला जाना कोई अच्छा संकेत नहीं है। लोकसभा को भलीभांति चलने देना चाहिए, ताकि कानून निर्माताओं को जनता से सम्बद्ध और समाज में बदलाव लाने वाले मुद्दों पर विमर्श करने का अवसर मिल सके।
श्री जयन्त चौधरी ने बताया कि लोकसभा के चालू मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर दो बिल पेश करेंगे। पहला बिल
[१] यमुना नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोग के गठन को लेकर होगा एवं
[२]दूसरा बिल ‘वैकल्पिक ऊर्जा’ को बढ़ावा देने के लिए कोष इकट्ठा करने के उद्देश्य को लेकर होगा।इस रोजाना के व्यवधान से जनहित के इतने महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा नही हो पा रही है|
श्री चौधरी नदी बेसिन प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन द्वारा यमुना नदी के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु राष्ट्रीय यमुना नदी बेसिन आयोग की स्थापना के लिए बिल प्रस्तुत करेंगे। बिल का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर अधिकाधिक समेकित दृष्टिकोण के साथ नदी संरक्षण को बढ़ावा देना है।
यह बिल मथुरा की जनता एवं इस विषय के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श का नतीजा है।
श्री जयंत चौधरी पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चरण सिंह के पौत्र और वर्तमान रालोद के अध्यक्ष चो.अजित सिंह के पुत्र हैं और इस १६ कार्यदिवस वाले मानसून सत्र में पहले तीन दिन व्यवधान की भेंट चडने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है|

बराक ओबामा ने हाऊसिंग सम्बंधित जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए आन लाइन प्रश्नों के उत्तर दिए

प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने अमेरिका में हाऊसिंग सम्बंधित जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए आन लाइन प्रश्नों के उत्तर दिए
लास एंजलस [ Los Angeles ] जिल्लो सी ई ओ स्पेंसर रस्कोफ्फ़ [ Zillow CEO Spencer Raskoff ] के साथ बैठ कर देश भर से आये हाउसिंग सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर दिए देकर लोगों की जिज्ञासा शांत करने का प्रयास किया|
बीते दिन प्रेजिडेंट ओबामा ने फ़ीनिक्स में मिडिल क्लास के लिए निजी आवास को जरुरी बताए हुए इस दिशा में और बहुत कार्य करने का आश्वासन दिया था|
उन्होंने बाते कि बेशक २००८ के पश्चात से हाऊसिंग मार्किट में प्रगृति हुई हैं प्रॉपर्टी के दाम बढे हैं लेकिन इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है| अपने लिए पहला मकान खरीदने के लिए वाले अमेरिकन्स को हर संभव सहायता प्रदान की जानी है|
इसी कड़ी में आज मकान मालिक+ किराये दार+ खरीददारों ने मॉर्गेज इंटरेस्ट रेट्स +रेफिनान्सिंग आदि से सम्बंधित प्रश्न किये
फ्लोरिडा से एंड्रू [ Andrew ] ने पूछा कि पिछले तीन महीने से बढ रहे इंटरेस्ट रेट्स का हाऊसिंग रिकवरी पर क्या प्रभाव पड़ेगा|
लुसिआना से जिल [ Jill from Louisiana ] ने दूसरी बार मकान खरीदे जाने पर सुविधाओं कि जानकारी प्राप्त की|
ट्विटर[ Twitter ] के माध्यम से कोलिन ने #MyRefi or #HARP3? के लाभ की जानकारी चाही| ? एरिज़ोना के जैसन [Jason from Arizona ]:ने अपने पड़ोसी की फॉर क्लोजर [ foreclosure ] से सम्बंधित समस्या को उठाया|

Nitaqat’ policy has No significant adverse impact on Indian Workers ,with valid papers,In Saudi Arabia

Nitaqat’ policy[ New Labour Policy of Saudi Arabia ] has No significant adverse impact on Indian Workers who are working with valid documents .This Assurance was given by Union Minister for Overseas Indian Affairs, Shri Vayalar Ravi in his reply to a written question in the Lok Sabha today.
The grace period for implementation of the ‘Nitaqat’ policy of Saudi Arabia has been extended twice,-first to [1]3rd July 2013 and then [2]to 3rd November 2013 and hence, the policy has not had any significant adverse impact on Indian workers except on those who were working there without valid papers.
The grace period allows even workers without valid papers to have their status regularized.
3428 persons had been issued Emergency Certificates (ECs) by the Indian Missions in United Arab Emirates when Amnesty had been proclaimed from December 2012 to February 2013.7923 Indians left United Arab Emirates(UAE) during the Amnesty period.
Subsequent to the stricter enforcement in Saudi Arabia, the Embassy of India and its consulate have so far issued over 68,500 Emergency Certificates (ECs) to enable affected Indian workers to come back to India
. Applications for ECs continue to be received as the Amnesty period has been extended up to 3rd November,2013. Since the end of first Amnesty period, the Embassy of India and its Consulate have further issued over 1500 ECs.
The Ministry of Overseas Indian Affairs had called meetings of Ministers/representatives of major labour sending states twice, the first on 09.4.2013 and the second on 25.6.2013. The State Governments were requested to formulate rehabilitation programs for returnees from the Gulf, using existing State and Central Government programs where possible.
The Ministry had separately launched Mahatma Gandhi Pravasi Suraksha Yojana (MGPSY) on a pilot basis to encourage and enable Overseas Indian workers having Emigration Check Required (ECR) passports going to ECR countries, to save for their return and resettlement, save for their old age and obtain a Life Insurance cover against natural death during the period of coverage.

Ministry of Environment & Forests has started digging into the illegal sand Mining of Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh

Ministry of Environment & Forests has started digging into the illegal sand Mining of Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh.
Illegal Sand Mining ,apart from the environment & ecology , has serious political and administrative repercussions. A Committee to Enquire into the Alleged illegal sand Mining in Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh has been Constituted .The ,time framed,Findings of which may reduce the Adverse impacts on environment & ecology +Political+Administration .
During the last few days, various media reports have been highlighting the menace of alleged illegal sand mining in Gautam Budh Nagar,of Uttar Pradesh. This question has been raised on the floors of Parliament also.

Logo Of Ministry of Environment & Forests

Logo Of Ministry of Environment & Forests

S D M Durga Shakti Nagpal Tried TO Tame the sand mafia in Goutam Budh Nagar but samajvadi government ,in the state, has suspended this 28 years young officer .It Is Alleged that several false cases are being fabricated against the young officer.She is now charge sheet-ed.The State Ministers and samajvadi parliamentarians are showing their Rulers arrogance.
It is well known fact that Illegal mining has serious environmental and ecological repercussions. Pursuant to orders of the Hon’ble Supreme Court date 27.02.2012 in SLP ( C) Nos. 19628-19629 of 2009 titled Deepak Kumar etc. Vs State of Haryana & Ors., the handling of prior environment clearance cases of mining of minor minerals, including sand, of lease area upto 5 ha was delegated by this Ministry to the concerned State Environment Impact Assessment Authorities (SEIAAs) vide OM No.L­ 11011/47/2011-lA.ll(M) dated 18.05.2012.
The cases of mining of minor minerals, involving lease area between 5 ha to 50 ha were already being handled by the SEIAAs even before the issuance of this O.M. MoEF deals with the cases of environment clearance in respect of projects of mining of minor minerals with lease area equal to or above 50 ha. No sand mining from any mining lease area EQUAL TO OR ABOVE 50 HA. No sand mining from any mining lease area can take place without obtaining prior environment clearance.
With a view to enquiring into the allegations of illegal sand mining widely reported in the electronic as well as the print media, with visuals of heavy machinery being used in illegal sand mining in Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh, in order to ascertain the factual position and with a view to suggesting further course of action in the matter, Ministry of Environment & Forests has constituted the following committee under the chairpersonship of Dr. Saroj, Director, MoEF:-
1. Dr. Saroj, Director, MoEF
2. Shri G.C. Meena, Deputy Collector of Mines, Incharge Dehradun office of IBM, Dehradun
3. Shri K. K. Garg, Director, Regional Office of MoEF, LucknowThe secretarial assistance to the Committee will be provided by the Regional Office of MoEF, Lucknow. The Committee will submit its report to the Ministry by 9.8.2013.
Arrogant State Govt Is Showing Eyes To the I A S LOBBY+ Leaders of Opposition+ Central Govt. Now Govt At Center has now turned the Ball in its own court . It Is Learned that the report of this committee would ,certainly, Demolish the Empire of Such Mafias in the state..

केवल 5 अगस्त 2013 को ही 6.92 लाख ई आयकर रिटर्न दाखिल किए गए

कुल प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में 10.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 1,16,645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले वित्‍त वर्ष में इसी अवधि में यह 1,05,684 करोड़ रुपये था।
[१] ई-आयकर रिटर्न ==123.03 लाख
[२]प्रत्यक्ष कर संग्रहण==1,57,169 करोड़ रुपये
[३]निगमित कर संग्रहण ==92,115 करोड़ रुपये
[४] कुल प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण ==1,16,645 करोड़ रुपये
[५]प्रतिभूति कारोबार कर (एसटीटी)==1267 करोड़ रुपये
[६]सम्‍पत्ति कर============ 201 करोड़ रुपये
केवल 5 अगस्त 2013 को ही 6.92 लाख ई आयकर रिटर्न दाखिल किए गए:कुल 123.03 लाख ई-आयकर रिटर्न
इस वर्ष 123.03 लाख ई-आयकर रिटर्न दाखिल किए गए जो पिछले वर्ष दाखिल 73.11 लाख ई-आयकर रिटर्नों की तुलना में 68.3 % अधिक है। बड़ी संख्‍या में लोगों द्वारा ई-आयकर रिटर्न दाखिल करने के कारण सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 5 अगस्‍त कर दी थी। अकेले 5 अगस्त 2013 को 6.92 लाख ईआयकर रिटर्न दाखिल किए गए:|
[२]इसके आलावा प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 13.27 %की बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई है|
वित्‍त वर्ष 2013-14 के अप्रैल-जुलाई में कुल प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में 13.27 % की बढ़ोतरी
वित्‍त वर्ष 2013-14 के अप्रैल-जुलाई माह के दौरान कुल प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में 13.27 %की बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 1,38,751 करोड़ रुपये का कर संग्रहण किया गया था जो इस वर्ष बढ़कर 1,57,169 करोड़ रुपये हो गया।
[३]निगमित कर संग्रहण में भी 9.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो वित्‍त वर्ष 2013-14 में अप्रैल जुलाई के दौरान 92,115 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 83,932 करोड़ रुपये था। व्‍यक्तिगत आय कर 19.32 प्रतिशत बढ़कर 63,583 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले वर्ष यह 53,289 करोड़ रुपये था।
[४]कुल प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में 10.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 1,16,645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले वित्‍त वर्ष में इसी अवधि में यह 1,05,684 करोड़ रुपये था।
[५]प्रतिभूति कारोबार कर (एसटीटी) 1267 करोड़ रुपये था।
[६] सम्‍पत्ति कर में 38.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 201 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान यह 145 करोड़ रुपये था।