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Category: Social Cause

Union Minister Kapil Sibal Today launched the Urdu Pedia and Urdu Tools,

The Union Minister Shri Kapil Sibal launching the Urdu Pedia and Urdu Tools, at a function, in New Delhi on August 03, 2013.

The Union Minister Shri Kapil Sibal launching the Urdu Pedia and Urdu Tools, at a function, in New Delhi on August 03, 2013.

,Union Minister Kapil Sibal Today launched the Urdu Pedia and Urdu Tools.
In The Conference Hall Of Zakir Hussain Delhi College At Jawahar Lal Nehru Marg, New Delhi ,a Launching Function Was Organised ,In Which The Union Minister for Communications +Information Technology +Law +Justice shri Sibal Launched These Useful Tools Shri Sibal Addressed The Visitors and expressed the Importance Of These Latest Tools .
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[1].The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal addressing at the launch of the Urdu Pedia and Urdu Tools, in New Delhi on August 03, 2013.

एच आई वी पीड़ित माताओं के शिशुओ के लिए बिहार में मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना होगी Breast Feeding Week

बिहार सरकार एच आई वी[ HIV ] पीड़ित माताओं के शिशुओं के लिए मदर्स मिल्क बैंक[ MothersMilkBank ] की स्थापना करेगी|
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास ने प्रेस वार्ता में इस प्रतिबद्धता को उजागर किया|
उन्होंने कहा कि शिशु के लिए माता का दूध श्रेष्ठ होता है|उन्होंने इसे स्वास्थ्य प्रक्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य बताया| इसके उपरान्त भी एच आई वी जैसे संक्रमण रोग से पीड़ित माताओं द्वारा स्तन पान कराना सम्भव नहीं होता इसीलिए मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है|
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमे १७० देश भाग ले रहे हैं इसी क्रम में यह प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया |उन्होंने स्तनपान को बढ़ावा देने की अपील भी की| प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बहुआयामी रणनीति का प्रारूप तैयार करने के लिए कोर कमिटी के गठन की सूचना भी दी|
आई एम् ऐ अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन प्रसाद+डॉ संजीव रंजन प्रसाद+डॉ एस पी श्रीवास्तव+सेव दी चिल्ड्रन्स के सदस्य भी उपस्थित थे|

देश में 18.7 मि‍लि‍यन आवासीय इकाईयों की कमी है इसीलिए सस्‍ते मकान बनाईये: डॉ. गि‍रि‍जा व्‍यास

देश में 18.7 मि‍लि‍यन आवासीय इकाईयों की कमी है इसीलिए सस्‍ते मकान बनाईये: डॉ. गि‍रि‍जा व्‍यास
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री ने रि‍यल एस्‍टेट सेक्‍टर से वहन करने योग्‍य सस्‍ते मकान बनाने को कहा
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री डॉ. गि‍रि‍जा व्‍यास से रि‍यल एस्‍टेट सेक्‍टर से कहा है कि‍ वह पूंजी और टेक्‍नोलॉजी के जरि‍ए बड़े पैमाने पर सस्‍ते और वहन करने योग्‍य मूल्‍य पर मकान बनाकर समावेशी भारत के नि‍र्माण में सरकार की मदद करें।
डॉ. व्‍यास भारतीय उद्योग परि‍संघ(सीआईआई) द्वारा आयोजि‍त 9वें रि‍यल एस्‍टेट सम्‍मेलन को संबोधि‍त कर रही थी। उन्‍होनें कहा कि‍भारत में 18.7 मि‍लि‍यन आवासीय इकाईयों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लि‍ए बड़े पैमाने पर टेक्‍नोलॉजी का सहारा लि‍या जा सकता है। डॉ. व्‍यास ने बताया कि‍रि‍यल एस्‍टेट(वि‍नि‍यम और वि‍कास) वि‍धेयक, 2013 को कैबि‍नेट ने मंजूरी दे दी है और इसे संसद के मानसून सत्र में पेश कि‍ए जाने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने कहा कि‍इस वि‍धेयक से रि‍यल एस्‍टेट सेक्‍टर में एक ओर पेशेवर दक्षता बढ़ेगी तो दूसरी ओर घरेलू और वि‍देशी नि‍वेश भी आएगा।
भारत में रि‍यल एस्‍टेट सेक्‍टर के वि‍कास ने सरकार द्वारा की गई पहल की चर्चा करते हुए आवास और शहरी गरीबी उपशमन सचि‍व श्री ए. के. मि‍श्रा ने कहा कि‍पि‍छले दशक में इस क्षेत्र का काफी वि‍कास हुआ है। मंजूरी में वि‍लंब के बारे में उन्‍होंने कहा कि‍राज्‍य सरकारों के साथ वि‍चार-वि‍मर्श कर के मंजूरी प्रक्रि‍या तेज करने के लि‍ए मंत्रालय द्वारा अनेक कदम उठाए गए है।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Housing & Urban Poverty Alleviation, Dr. Girija Vyas addressing the 9th Edition of Conference on Real Estate Vision for Real Estate, Housing and Retail, in New Delhi on August 02, 2013

नक्सली समस्या को सुलझाने के लिए वन वासियों की आर्थिक स्थिति सुधारी जायेगी : 967.28 करोड़ रूपये का प्रावधान

नक्सली समस्या को सुलझाने के लिए वन वासियों की आर्थिक स्थिति सुधारी जायेगी |लघु वन उपजों का लाभप्रद मूल्‍य दिलाया जाएगा
वनवासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के जरिए लघु वन उपज की विपणन व्‍यवस्‍था की जायेगी|
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक केंद्र प्रायोजित स्‍कीम के जरिए लघु वन उपजों के विकास के लिए विपणन व्‍यवस्‍था शुरू करने और उसके लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य प्रारंभ करने का अनुमोदन किया है।
यह परियोजना लघु वन उपज इकट्ठा करने वाले वनवासियों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी और खासतौर से उन आदिवासी लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगी जो अधिकांशत: नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं।
इस स्‍कीम के जरिए आदिवासी लोगों को उनके द्वारा इकट्ठे किए गए लघु वन उपजों का लाभप्रद मूल्‍य दिलाया जाएगा। वनों से प्राप्‍त होने वाली सामान्‍य उपजों पर लगभग दस करोड़ जनसंख्‍या अपने भोजन, आश्रय, दवाओं और नकद आय के लिए निर्भर है।
इस स्‍कीम के लिए 967.28 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 249.50 करोड़ रूपये देगी और बाकी राशि राज्‍यों द्वारा चालू योजना अवधि में अपने अंशदान के रूप में उपलब्‍ध कराई जाएगी। इस योजना से आंध्रप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, गुजरात, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र ओडीशा, राजस्‍थान और झारखंड को लाभ होगा। जिन 12 लघु वन उपजों को इस स्‍कीम के अंतर्गत लाया जा रहा है उनमें तेंदूपत्‍ता, बांस, करंज, महुआ के बीज, साल के पत्‍ते, साल के बीज, चिरोंजी, लाख, प्राकृतिक शहद, इमली और गोंद शामिल हैं। आदिवासी मामलों का मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल एजेंसी होगा और वही इन उपजों का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य भी तय करेगा।
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के अपने स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन में एलान किया था कि लघु वन उपज पर निर्भर लोगों को उनके द्वारा इकट्ठे किये गये पदार्थों का लाभप्रद मूल्‍य दिलाने के लिए एक स्‍कीम शुरू की जाएगी।

सीमा सुरक्षा बल के लिए 3664.61 करोड़ रुपये मंजूर

सीमा सुरक्षा बल के लिए 3664.61 करोड़ रुपये मंजूर
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के अधीन 3664.61 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत से सीमा सुरक्षा बल के विभिन्न प्रतिष्ठानों में अवसंरचना विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सीमा सुरक्षा बल

सीमा सुरक्षा बल

इन निर्माण कार्यों में 111 बैरेक, 10300 आवास, लगभग 210 कार्यालय भवन और दो कम्पोजिट अस्पतालों का निर्माण शामिल है।
इस मंजूरी से प्रशिक्षण केन्द्रों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सीमा सुरक्षाबलों की एक मुख्य मांग को पूरा किया जा सकेगा|

Employees , Of Water Resources Ministry ,Contributed One Day Salary in PM Relief Fund

Employees Of Water Resources Ministry Contributed One Day Salary in PM Relief Fund
A cheque worth RS. 2,64,556/-[Two Lakh Sixth Four Thousands Five Hundreds And Fifty Six] was presented today by Shri N.S. Samant, Joint Secretary in the M/o Water Resources to Union Water Resources Minister Shri Harish Rawat in his office.
It Has Been Informed That The said amount is one day salary and has been voluntarily contributed by the employees of Ministry of Water Resources in the Prime Minister’s Relief Fund for Uttarakhand Rehabilitation.
photo caption
The Union Minister for Water Resources, Shri Harish Rawat receiving a cheque worth Rs. 2.64 Lakh from the Joint Secretary in the M/o Water Resources, Shri N.S. Samant, as one day salary towards the Prime Minister’s National Relief Fund for Uttarakhand in New Delhi on August 02, 2013. The Secretary, Ministry of Water Resources, Shri Alok Rawat is also seen.

राष्ट्रपति भवन देखने के लिए पंजीकरण फीस का भुगतान ऑन लाइन ई- सुविधा से संभव

राष्ट्रपति भवन देखने के लिए पंजीकरण फीस का भुगतान ऑन लाइन ई-भुगतान सुविधा से संभव होगा
भारत का राष्ट्रपति भवन देखना हो तो पंजीकरण के लिए आवश्यक फीस का भुगतान ऑन लाइन ई-भुगतान सुविधा से किया जा सकेगा |12 वर्ष से कम उम्र के बच्‍चोंके लिए पंजीकरण निशुल्क होगा|| ई-भुगतान सुविधा की यह शुरूआत आज राष्‍ट्रपति की सचिव श्रीमती ओमिता पॉल ने की।
01 सितम्‍बर, 2013 से राष्‍ट्रपति भवन देखने के लिए साधारण पंजीकरण शुल्‍क देना होगा।
[1]. अकेले या तीस से कम के समूह से प्रति व्‍यक्ति 25 रूपये की दर से लि‍ए जाएंगे।
[2]. 30 व्‍यक्तियों के समूह से एकमुश्‍त 600 रूपये लि‍ए जाएंगे।
[3]. 30 व्‍यक्तियों से अधिक के समूह से 30 लोगों तक 600 रूपये और प्रत्‍येक अतिरिक्‍त व्‍यक्ति के लिए 25 रूपये की दर से लि‍ए जाएंगे।
4]. 12 वर्ष से कम उम्र के बच्‍चों से पंजीकरण शुल्‍क नहीं लि‍या जाऐगा।
राष्‍ट्रपति भवन को देखने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा 1 जनवरी, 2013 से शुरू की गई। अब तक 47 हजार लोग इस सुविधा से लाभ उठाकर राष्‍ट्रपति भवन देख चुके है। इसके लि‍ए पंजीकरण एक माह पहले कराया जा सकता है और सितम्‍बर, 2013 के लिए पंजीकरण इस समय खुला है।
पंजीकरण शुल्‍क का भुगतान राष्‍ट्रपति भवन के स्‍वागत कार्यालय में भी कि‍या जा सकता है।

बिहार सरकार ने भी बांटे टेबलेट पी सी

बिहार सरकार ने भी टेबलेट पी सी बांटें |
बिहार सरकार ने भी अपनी गिरती छवि सुधारने के लिए टेबलेट पी सी का सहारा लिया लेकिन उत्तर प्रदेश से थोडा भिन्न रूप अख्तियार करते हुए छात्रों के बजाये ये इलेक्ट्रोनिक उपकरण ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं को दिए गए हैं |
पटना के विश्वैशवरैया भवन में ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह ने टेबलेट वितरित किये और ग्रामीण सड़को की गुणवत्ता सुधारने और उस पर नजर रखने में पी सी को उपयोगी बताया |
गौरतलब है कि राज्य में 54500 कि मी कि लम्बी के पथों की स्वीकृति दी गई है|इसमें से ४०००० कि मी के पथों को पूर्ण भी कर लिया गया है सडकों के निर्माण की गति ४५ कि मी प्रतिदिन बताई गई है|
बताते चलें कि बीते माह के पहले सप्ताह में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने ,प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बिहार में 5700 किलोमीटर सडकों के निर्माण के लिए , 4130 करोड रुपये की मंजूरी दी थी |
इस विषय में बिहार सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में लाभार्थी अभियंता और वितरित किये जाने वाले टेबलेट पी सी संख्या का खुलासा नहीं किया है|

रालोद के सांसद जयन्त चौधरी ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन पर यूपी सरकार की निन्दा की

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]भी आज दुर्गा शक्ति नागपाल के समर्थन में उतर आया है| रालोद के राष्ट्रीय महासचिव और मथुरा से सांसद जयन्त चौधरी ने नोयडा में एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन पर यूपी सरकार की निन्दा की|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद श्री जयन्त चौधरी ने गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को खनन माफियाओं पर लगाम लगाने पर निलंबित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा की है। उन्होंने कहा है कि खनन माफिया प्रदेश में लम्बे समय से हावी हैं। राज्य सरकार में इनकी धमक है। प्रशासन इन पर लगाम लगाने में असमर्थ है। यदि कोई ईमानदार अधिकारी इन पर कार्रवाई करता भी है तो ये माफिया राज्य सरकार पर दवाब बनाकर उसका तबादला या निलम्बन करा देते हैं।
श्री जयन्त चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में आए दिन ईमानदार अधिकारियों का स्थानांतरण कर प्रताडि़त किया जा रहा है। राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी। अपराधी एवं माफिया बेलगाम हैं और उन्हें राज्य सरकार की शह प्राप्त है। प्रदेश में पुलिस का राजनीतिकरण हो गया है। पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करने से कतराती है।
राष्ट्रीय लोकदल पुलिस एवं प्रशासन सुधार के लिए लगातार मांग करता रहा है। श्री जयन्त चौधरी ने प्रदेश सरकार से दुर्गा शक्ति नागपाल को बहाल करने की मांग की है।

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा के सभी १८ बैच रद्द

कैलाश मानसरोवर यात्रा, 2013 के समस्त 18 बैच रद्द कर दिए गए हैं| यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यह निर्णय लिया गया है|
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान के मध्य नजर यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यात्रा- 2013 के शेष सभी बैचों 15-18 को भी रद्द करने का निर्णय लिया है।इसे पूर्व जत्था संख्या १४ तक रद्द किये जा चुके हैं|
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए कुल 18 जत्थे ही जाने थे।

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

भारत सरकार के सौजन्य से हर वर्ष मई-जून में सैकड़ों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। इसका एक भाग चीन में पड़ता है | इसके लिए उन्हें भारत की सीमा लांघकर चीन में प्रवेश करना पड़ता है| कैलाश पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 20 हज़ार फीट है[भारत कोष]। इसलिए तीर्थयात्रियों को कई पर्वत-ऋंखलाएं पार करनी पड़ती हैं। यह यात्रा अत्यंत कठिन मानी जाती है। भारत कोष में वर्णित हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जिसको भोले बाबा का बुलावा होता है, वही इस यात्रा को कर सकता है। सामान्यतया यह यात्रा 28 दिन में पूरी होती है। भारतीय भू-भाग में चौथे दिन से पैदल यात्रा आरम्भ होती है। भारतीय सीमा में कुमाउँ मंडल विकास निगम इस यात्रा को संपन्न कराती है | अंतर्राष्ट्रीय नेपाल तिब्बत चीन से लगे उत्तराखण्ड के सीमावर्ती पिथौरागढ़ के धारचूला से कैलास मानसरोवर की तरफ जाने वाले दुर्गम पर्वतीय स्थानों पर सडकें न होने और 75 किलोमीटर पैदल मार्ग के अत्यधिक खतरनाक होने के कारण हिमालय के मध्य तीर्थों में सबसे कठिनतम भगवान शिव के इस पवित्र धाम की यह रोमांचकारी यात्रा भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों द्वारा आयोजित की जाती है। इस पवित्र यात्रा पर केवल भारत ही नहीं अन्य देशों के श्रद्धालु भी जाते हैं। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद हुये इस मार्ग को धार्मिक भावनाओं के मद्देनज़र दोनों देशों की सहमति से वर्ष 1981 में पुनः खोल दिया गया था।
भगवान शिव के आवास की मनोहरी झांकी के दर्शन और पवित्र मानसरोवर झील में स्नान के लिए श्रृद्धालूओं की सुविधानुसार 18 जत्‍थे बनाये गए थे
अब चूंकि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आई हुई है और यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान आ रहे हैं| इसीलिए यह पवित्र यात्रा रद्द की गई है |शिव तीर्थ केदार नाथ में आई त्रासदी के पश्चात शिव के ही मनोरम स्थल कैलाश मानसरोवर के दर्शन से भी श्र्धालूजन इस वर्ष वंचित ही रह जायेंगे