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Russian President Putin condoled death of 18 Indian Navymen of submarine INS Sindhurakshak.

[New Delhi] Russian President Vladimir Putin condoled death of Indian Navymen of submarine INS Sindhurakshak
Russian President Vladimir Putin has condoled the death of Indian Navymen in the explosion in and sinking of submarine INS Sindhurakshak. This Submarine was repaired /updated in Russia recently.

Government Of India has issued the List of 18 Duty Personnel ,trapped, Inside the unfortunate Submarine I N S Sindhurakshak at the time of Incident but Government has not yet declared the death of these unfortunate trapped personnel .
Diving and salvage operations are continuing round the clock. but trapped personnel have not yet been sighted or recovered.
The diving efforts are hampered by poor visibility inside submarine (which is filled with water), extremely restricted spaces and displacement of most equipment from their original location.In the light Of these developments,,miracle is awaited

President Obama strongly condemned the violence against civilians in the Burning Egypt

President Barack Obama , this morning ,strongly condemned the violence against civilians in the Burning Egypt and opposed the pursuit of martial law,He also cancelled the biannual joint military training exercise with the Egypt
.Obama ,today, issued a statement on the unfolding situation in Egypt and called for an end to violence.He said
[1]”The United States strongly condemns the steps that have been taken by Egypt’s interim government and security forces,” he said. [2]”We deplore violence against civilians. We support universal rights essential to human dignity, including the right to peaceful protest.
[3] We oppose the pursuit of martial law, which denies those rights to citizens under the principle that security trumps individual freedom, or that might makes right.
[4]And today the United States extends its condolences to the families of those who were killed and those who were wounded.”
[5]The President announced that he is canceling the biannual joint military training exercise that U.S. forces hold with Egyptian counterparts and weighing the implications of the Egyptian interim government’s actions as the United States considers further steps that we may take.He said that U S A is being blamed for intervention but it would not help . America has long outstanding relations with Egypt We would like Egypt to succeed and prosper Egyptians deserve better than what we’ve seen,”
Courtesy White House

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई
पूरे देश में आज [ गुरुवार को] बड़े हर्षोल्लास के साथ 67वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।भुज के लालन कॉलेज से लेकर दिल्ली के लाल किले तक राजनीतिक आतिश बाजी भी हुई | पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में हर्षोल्लास का माहौल है । सड़कों पर आजादी के तराने गाए जा रहे हैं। मिठाईयां बांटी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े व जवान सबके हाथों में तिरंगा दिख रहा है। हर जगह उमंग और उल्लास का माहौल है। राज्य के मुख्यमंत्रियों ने भी राजधानी में गर्व से तिरंगा झंडा फहराया। छत्तीसगढ़ और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने अपने राज्यों के राजधानी में तिरंगा झंडा फहराया और राज्य की जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।लाल किले से पी एम् ने जहाँ लग भग आधे घंटे में अपनी सरकार के दस साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया तो वही नरेन्द्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से पीएम के भाषण की धज्जियां उड़ाने के लिए लग भग एक घंटे का समय लिया
.प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यूपीए की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि अभी कुछ ही फासला तय किया है पर मंजिल बहुत दूर है. वहीं, मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन पूरी तरह से राजनीतिक था. जिसमें भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर पीएम और कांग्रेस पार्टी पर सीधा हमला बोला गया.
बी बी सी के जुबैर के अनुसार पीएम के भाषण में एक जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स की झलक थी तो मोदी के भाषण में भावी पीएम की ललक थी|
|कश्मीर के मुख्य मंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने किश्तवाड़ की सांप्रदायिक हिंसा पर लगातार आलोचना झेलने से दुखी होकर सवाल दागा कि आखिर कश्मीरियों के साथ अलग व्यवहार क्यों किया जाता है। उमर ने कहा कि हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है कि जैसे कि हम भारत की मुख्यधारा का हिस्सा ही न हों।
गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से देश को संबोधित करते हुए बहस के लिए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को ही खुली चुनौती दे डाली।उन्होंने पी एम् से कहा कि आप तो देश चला रहे हैं। लेकिन गुजरात और दिल्ली की रेस हो जाए, पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं? मोदी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री को सभी अहम मुद्दों पर बहस की चुनौती देता हूं।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी के पीएम मनमोहन सिंह की आलोचना पर उन्हें नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसी राजनेता को दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
भाजपा से छिटके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान से ही नरेंद्र मोदी को गुजरात के औद्योगिक विकास के मॉडल पर घेरा। उन्होंने अपने इनक्लूजिव ग्रोथ मॉडल को मोदी के विकास के मॉडल से बेहतर बताया और कहा कि उनका मॉडल सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।
कांग्रेस के नेता और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने ,आदतन ,मोदी को ‘खलनायक’ बताने में देर नही लगाई ।
सीनियर कांग्रेस नेता और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि हर आदमी अपने घर में शेर होता है।
photo caption
Tricolour balloons released in the sky after the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh’s address to the Nation from Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

गरीबों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर का ऋण

गरीबों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर का ऋण
भारत ने विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर के ऋण एवं परियोजना समझौतों पर हस्ताक्षर किए है जिसका उपयोग कम आय वर्ग के लिए आवास वित्त परियोजना के लिए किया जाएगा|

गरीबों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर का ऋण

गरीबों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर का ऋण

भारत में कम आय वर्ग के लिए आवास वित्त परियोजना हेतु विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता और परियोजना समझौतों पर कल नई दिल्ली में भारत सरकार/राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) और विश्व बैंक की ओर से हस्ताक्षर किए गए।
ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री निलय मितेश और विश्व बैंक की ओर से आपरेशन एडवाइजर (इंडिया) श्री माइकल हैनी, ने हस्ताक्षर किए। परियोजना समझौते पर राष्ट्रीय आवास बैंक की ओर से अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर वी वर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा राष्ट्रीय आवास बैंक के प्रतिनिधि और वित्त मंत्रालय तथा विश्व बैंक के अधिकारी मौजूद थे।
परियोजना का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों की पहुंच स्थायी आवास वित्त सुविधाओं तक कायम करना है ताकि वे अपने मकानों का निर्माण और उन्नयन कर सकें।
परियोजना के तीन घटक बताये गए हैं:
[अ]राष्ट्रीय आवास बैंक को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सक्षम मध्यस्थ संस्थानों के जरिए स्थायी और सस्ते आवास के लिए वित्तीय सहायता+ सक्षम प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों द्वारा प्राथमिक ऋण लेने वालों को मकान बनाने या अपने मकानों का उन्नयन करने के लिए कम आय वर्ग को दिए गए आवास ऋणों का पुनर्वित्त पोषण।
[१] राष्ट्रीय आवास बैंक, सक्षम मध्यस्थ संस्थानों, और सक्षम प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों की क्षमता बढ़ाना और
[२] परियोजना कार्यान्वयन।
[३] इस परियोजना के अंत में यह उम्मीद की जाएगी कि कम आय समूह को ऋण देने वाले प्राथमिक ऋणदाताओं की संख्या बढ़े, उन्हें दिए जाने वाले ऋण की [आ]सीमा का विस्तार हो और ऐसे ऋण लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ाई जा सके।
इस परियोजना का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों को ऋण देने वाले संस्थानों को प्रोत्साहित करना है ताकि ऋणदाता की लागत में लगभग 200-300 आधार अंकों की कमी लाई जा सके।
[इ]यह एक वित्तीय मध्यस्थ ऋण है जिसकी कार्यान्वयन की अवधि पांच वर्ष होगी। इसमें राष्ट्रीय आवास बैंक कार्यान्वयन एजेंसी है।

जलमग्न हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक पर फंसे १८ कार्मिकों की तलाश अभी जारी है

जलमग्न हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक पर फंसे १८ कार्मिकों की तलाश में अभी प्रयास जारी हैनौसेना की हथियारलैस पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक पर गोताखोरी अभियान जारी है|१४ अगस्त की शाम तक चलाये गए अभियान की जानकारी देते हुए बताया गया है कि १८ कार्मिक दुर्घटना के समय पनडुब्‍बी के भीतर थेइनकी तलाश के लिए प्रयास जारी है लेकिन इन्हें अभी तक ढूंढा या निकाला नहीं जा सका है| इसके लिए अब हैवी ड्यूटी पम्‍पों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है|
[1]. नौसेना के गोताखोरों ने कल शाम 14 अगस्‍त को आईएनएस सिंधुरक्षक में प्रवेश किया और उसमें फंसे हुए 18 कार्मिकों की स्थिति का पता लगाने के लिए दिन-रात अपने प्रयास जारी रखे। ये कार्मिक दुर्घटना के समय पनडुब्‍बी के भीतर थे।
[2]. फंसे हुए कार्मिकों को अभी तक ढूंढा या निकाला नहीं जा सका है। पनडुब्‍बी (जिसमें पानी भर गया है) के भीतर रोशनी कम होने, अत्‍यंत सीमित स्‍थान रहने और उसके ज्‍यादातर उपकरणों के अपने स्‍थान से अस्‍त व्‍यस्‍त होने के कारण गोताखोरों के प्रयासों में रुकावट आ रही है। विस्‍फोट की अग्नि से पनडुब्‍बी का भीतरी हिस्‍सा पिघल गया है, जिससे पनडुब्‍बी के झोल विकृत हो गए हैं और उसके हिस्‍सों में पहुंचने में रुकावट आ रही है।
[3]. पनडुब्‍बी से पानी बाहर निकालने के लिए हैवी ड्यूटी पम्‍पों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। विस्‍फोट के कारण भारी मात्रा में समुद्र का जल पनडुब्‍बी में प्रवेश कर गया है।
[4]. गोताखोरी और बचाव अभियान दिन-रात जारी है।
गौरतलब है कि मुम्बई के कोलाबा डॉक यार्ड में नौसेना की एक हथियारलैस पनडुब्बी में विस्फोट के बाद आग लगी और वह डूब गई। इस हादसे में तीन अधिकारियों समेत 18 नौसैनिकों के फंसे होने की आशंका जताई गई है|।
दुर्घटना के कारणों की छानबीन के लिए नोसेना ने एक बोर्ड ऑफ इंक्‍वायरी का गठन कर दिया है जिसकी रिपोर्ट एक माह में आने की उम्मीद है|.
आईएनएस सिंधुरक्षक में लगी आग को नौसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस पनडुब्बी की खास बात यह है कि हाल ही में पनडुब्बी सिंधुरक्षक का रूस में आधुनिकीकरण हुआ था। इसमें करीब 480 करोड़ रुपये खर्च हुए। सिंधुरक्षक में रूसी मिसाइल सिस्टम भी लगाया गया है। भारतीय नौसेना के लिए यह काफी अहम है।
photo caption
The Chief of Naval Staff Admiral DK Joshi briefing the Defence Minister, Shri A. K. Antony about the sinking of INS Sindhurakshak submarine following an explosion, in Mumbai on August 14, 2013.
The Chief Minister, Maharashtra, Shri Prithviraj Chauhan is also seen.

प्रधानमंत्री ने लाल कि‍ले की प्राचीर से दस बार भाइयो -बहनों का संबोधन दोहराया और दस साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh performing parikrama at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh performing parikrama at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने आज स्‍वतंत्रता दि‍वस 2013 के अवसर पर लाल कि‍ले की प्राचीर से देश को संबोधि‍त कि‍या । इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दस बार भाइयो -बहनों का संबोधन दोहराया और अपने दस साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया|उन्होंने उतराखंड+पनडुब्बी दुर्घटना+पर दुःख व्यक्त किया और बिहार की घटना की पुनरावृति नही होने की कामना भी की| प्रस्तुत है प्रधान मंत्री का संबोधन
“मेरे प्यारे भारतवासियो,
भाइयो-बहनो और प्यारे बच्चो,
मैं आप सभी को इस स्वाधीनता दिवस पर बधाई देता हूँ। आज यकीनन ही खुशी का दिन है। लेकिन आज़ादी के इस त्यौहार पर हमारे दिलों में इस बात का दर्द भी है कि उत्तराखण्ड के हमारे भाई-बहनों को करीब दो महीने पहले भारी तबाही का सामना करना पड़ा। हमारी संवेदना और सहानुभूति उन सभी परिवारों के साथ है जिनको जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा । मैं आज उत्तराखण्ड की जनता को यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस मुश्किल की घड़ी में सारा देश उनके साथ है। हमारी सरकार जल्द से जल्द लोगों के उजड़े हुए घर दोबारा बसाने और बर्बाद हुए Infrastructure को फिर से बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रही है।
उत्तराखण्ड में कठिन परिस्थितियों में हमारी फौज़, अर्धसैनिक बलों और केन्द्र और राज्य सरकार के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने आम लोगों के साथ मिलकर, घिरे हुए लोगों को राहत पहुंचाने का जो काम किया, वह तारीफ के काबिल है। हम ख़ास तौर पर Air Force, ITBP और NDRF के उन अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने दूसरों को बचाने में अपनी जान कुर्बान कर दी।
हमें इस बात का भी बेहद अफसोस है कि कल एक दुर्घटना में हमने अपनी पनडुब्बी INS Sindhurakshak को खो दिया। इस हादसे में 18 बहादुर नौसैनिकों के शहीद होने की आशंका है। यह नुकसान इसलिए और भी दर्दनाक है क्योंकि अभी हाल में हमारी Navy ने अपनी पहली Nuclear पनडुब्बी Arihant और Aircraft Carrier, INS Vikrant के रूप में दो बड़ी कामयाबियां हासिल की थीं।
हम शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। साथ-साथ Navy की सफलताओं के लिए उन्हें मुबारकबाद भी देते हैं।
भाइयो और बहनो,
1947 में महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में हमने आज़ादी हासिल की। उसके बाद के अपने सफर पर अगर हम ग़ौर करें तो पाएंगे कि हर दस साल पर हमारे देश में बड़े बदलाव आए हैं।
1950 के दशक में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के नेतृत्व में एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में भारत ने अपने पहले कदम रखे। देश में Atomic Energy Commission, योजना आयोग और निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं की स्थापना की गई जिन्होंने आगे चलकर राष्ट्र निर्माण के काम में बहुत बड़ा योगदान दिया। पहली बार आम चुनाव कराए गए और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए पहली पंचवर्षीय योजना बनाने का सिलसिला शुरू किया गया।
1960 के दशक में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने नए-नए उद्योग और कारखाने लगवाए, नई सिंचाई परियोजनाएं शुरू की और नए विश्वविद्यालय खोले। राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और Technology के महत्व पर ज़ोर देकर उन्होंने इस प्राचीन देश को एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया।
1970 के दशक में इंदिरा जी ने हमारे राष्ट्र का आत्मविश्वास बढ़ाया। इस दौरान हमने अंतरिक्ष में अपना पहला उपग्रह छोड़ा। हरित क्रांति ने पहली बार हमें अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्रदान की।
राजीव गांधी जी ने अगले दशक में तकनीकी और आर्थिक आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान Information Technology के क्षेत्र में हमारी प्रगति की नींव रखी गई।
पंचायती राज संस्थाओं के महत्व पर ज़ोर दिया गया जिसकी वजह से आगे चलकर इन संस्थाओं को मज़बूत और अधिकार संपन्न बनाने के लिए हमारे संविधान में संशोधन हुआ।
साल 1991 में हमने श्री नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़े आर्थिक संकट का सामना बख़ूबी किया और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए आर्थिक सुधारों को अपनाया। उस समय इन सुधारों का कई राजनैतिक दलों ने विरोध किया। लेकिन ये सुधार राष्ट्र हित में थे और इसीलिए बाद में आने वाली सभी सरकारों ने उनको जारी रखा। साल 1991 से लेकर आज तक सुधारों की ये प्रक्रिया आगे बढ़ती रही है।भाइयो और बहनो,
मेरा मानना है कि पिछला दशक भी हमारे देश के इतिहास में बहुत बड़े बदलावों का दशक रहा है। देश की आर्थिक समृद्धि जितनी इस दशक में बढ़ी है उतनी पहले किसी दशक में नहीं बढ़ी। लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा मिला है और समाज के बहुत से वर्ग विकास की प्रक्रिया से पहली बार जुड़े हैं। आम आदमी को नए अधिकार मिले हैं जिनकी बदौलत उसकी सामाजिक और आर्थिक ताकत बढ़ी है।
भाइयो और बहनो,
मई 2004 में पहली UPA सरकार सत्ता में आई थी। तब से लेकर आज तक हमने एक प्रगतिशील और आधुनिक भारत बनाने के लिए लगन और ईमानदारी से काम किया है।
हमने एक खुशहाल भारत की कल्पना की है। एक ऐसा भारत जो सदियों से चले आ रहे गरीबी, भूख और बीमारी के बोझ से मुक्ति पा चुका हो। जहाँ शिक्षा के उजाले से अज्ञानता और अंधविश्वास के अंधेरे दूर हो चुके हों।
जहां सामाजिक समानता हो और सबको एक जैसे आर्थिक अवसर प्राप्त हों। जहाँ समाज के किसी भी तबके को अन्याय और शोषण का सामना न करना पड़े।
हमने एक ऐसे भारत का सपना देखा है जहाँ नौजवानों को रोज़गार के ऐसे अवसर मिलें जिनके जरिए वह राष्ट्र निर्माण के महान काम में योगदान कर सकें।
हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आवाज़ बुलंद करनी चाही है। हमने एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसे सारी दुनिया आदर और सम्मान के साथ देखे।
इन सपनों को साकार करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। लेकिन सफर लंबा है, अभी बहुत फासला और तय करना है।
भाइयो और बहनों,
अभी कुछ दिन पहले हमने Food Security कानून बनाने की दिशा में एक Ordinance जारी किया है। Food Security Bill अब संसद के सामने है और हमें उम्मीद है यह जल्द ही पास हो जाएगा। इस कानून का फायदा हमारे गांवों की 75 प्रतिशत और शहरों की आधी आबादी को पहुंचेगा। इसके तहत 81 करोड़ भारतीयों को 3 रुपये प्रति किलो चावल, 2 रुपये प्रति किलो गेहूं और 1 रुपये प्रति किलो मोटा अनाज मिल पाएगा। यह दुनिया भर में इस तरह का सबसे बड़ा प्रयास है।
हम अपने किसानों की मेहनत की वजह से ही इस कानून को लागू कर पाए हैं। साल 2011-12 में हमारी अनाज पैदावार 25.9 करोड़ टन रही, जो एक रिकार्ड है।
बिना तेज़ कृषि विकास के हम अपने गांवों में खुशहाली पहुंचाने का मक़सद हासिल नहीं कर सकते हैं। पैदावार बढ़ाने और किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए हमने लगातार कोशिशें की है। फसलों के खरीद मूल्यों में पिछले 9 सालों में पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ोत्तरी की गई है। गेहूं और धान के खरीद मूल्य दुगुने से भी अधिक किए गए हैं। कई ऐसे राज्यों में जहां पहले अनाज की कमी रहती थी आज उनकी अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पैदावार हो रही है।
11 वीं पंच-वर्षीय योजना के दौरान कृषि विकास की औसत सालाना दर 3.6 प्रतिशत रही है जो 9वीं और 10वीं योजना, दोनों से ज्यादा है।
अब ग्रामीण इलाकों में खुशहाली बढ़ने के साफ संकेत दिखाई देने लगे हैं। साल 2004 से लेकर 2011 तक प्रतिव्यक्ति उपभोग किया जा रहा सामान और सुविधाएं पहले के मुकाबले चार गुना तेजी से बढ़े हैं।
ग्रामीण मजदूरी दर में भी कहीं अधिक तेजी से वृद्धि हुई है। मनरेगा की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों गरीब लोगों को रोज़गार मिल रहा है।
गरीबी को नापना एक मुश्किल काम है। गरीबी की परिभाषा को लेकर लोगों के अलग-अलग मत हैं। लेकिन हम गरीबी की चाहे कोई भी परिभाषा अपनाएं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 2004 के बाद गरीबी कम होने की गति तेज़ हुई है।
कई ऐसे राज्य, जो बहुत समय से पिछड़े माने जाते थे और जिनमें से कुछ को “बीमारू” कहा जाता था, आज तेज़ी से विकास कर रहे हैं।
भारत में हर बच्चे को शिक्षा के अवसर देने के लिए हमने शिक्षा का अधिकार कानून बनाया है। आज देश में लगभग सभी बच्चे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले नौ सालों में दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है। गरीबों और कमजोर तबकों के बच्चों को शिक्षा के अवसरों का फायदा दिलाने के लिए हमने बड़े पैमाने पर वज़ीफों के कार्यक्रम शुरू किए हैं। आज देश भर में 2 करोड़ से ज़्यादा बच्चों को केन्द्र सरकार द्वारा वज़ीफे दिए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नए संस्थान खोले गए हैं। जैसे 8 नए IIT, 7 नए IIM, 16 नई Central Universities और 10 नए NIT । Scientific Research को बढ़ावा देने के लिए भी नई संस्थाएं खोली गई हैं। Science की पढ़ाई में ज्यादा छात्रों को शामिल करने के लिए और विदेशों से भारतीय Scientists की वापसी आसान करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
लेकिन शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बहुत सारे स्कूलों में अभी भी पीने का साफ पानी, शौचालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। शिक्षा की Quality को बेहतर बनाने की ज़रूरत है। इसके लिए अध्यापकों की training पर ज़्यादा जोर दिया जाना आवश्यक है।
Mid-day-Meal योजना में रोज करीब 11 करोड़ बच्चों को स्कूलों में दोपहर का खाना दिया जा रहा है। यह योजना बच्चों की पढ़ाई और पोषण दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन इसको बेहतर तरह से लागू करना भी बहुत ज़रूरी है। बिहार में पिछले दिनों जो दर्दनाक हादसा हुआ वह देश में कहीं भी दोबारा नहीं होना चाहिए।
2005 में हमने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरूआत की थी। इस मिशन के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। देश में Maternal Mortality Rate और Infant Mortality Rate दोनों तेज़ी से घटे हैं। पहले से कहीं अधिक बच्चों का जन्म आज अस्पतालों में होता है। टीकाकरण के प्रतिशत में भी काफी वृद्धि हुई है।
पिछले दो सालों से हमारे देश में पोलियो का कोई भी केस सामने नहीं आया है। हमें एक ऐसे रोग को मिटाने में कामयाबी मिली है जो लाखों लोगों को अपंग बना दिया करता था।
हमारे ग़रीब भाई-बहनों को अस्पतालों में इलाज के लिए मुफ्त बीमा सुविधा प्रदान कराने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अब साढ़े तीन करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचा रही है।
हमने शहरी क्षेत्रों में भी Health Mission लागू किया है जिससे इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और उनमें सुधार आएगा। महिलाओं की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए, हमने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से संबंधित कानून को मज़बूत बनाया है।
Infrastructure यानि सड़कों, रेलगाड़ी, बिजली उत्पादन, Civil Aviation, बंदरगाहों और Telecom जैसे क्षेत्रों में भी पिछले 9 सालों में काफी तरक्की हुई है। गांवों को जोड़ने वाली प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई हैं। सैंतीस हजार Kilometer से ज़्यादा नए Highway बनाए गए हैं जिनसे व्यापार और यात्रा अब ज़्यादा आसान हो गए हैं। चालीस से ज़्यादा हवाई अड्डों का निर्माण या नवीनीकरण किया गया है। सन् 2004 में सिर्फ 7 प्रतिशत लागों के पास telephone connection थे। आज 73 प्रतिशत लोगों को यह सुविधा प्राप्त है। ग्रामीण इलाकों में यह प्रतिशत 2 से बढ़कर 40 हो गया है। बिजली उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
भाइयो और बहनो,
हाल के महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में यह बात चर्चा में रही है कि पिछले साल हमारी विकास दर कम होकर 5% रह गई है। यह बात सच है और हम इस हालत में सुधार लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ हमारा देश ही अकेला आर्थिक कठिनाईयों का सामना नहीं कर रहा है। पूरी विश्व अर्थव्यवस्था के लिए पिछला साल मुश्किल भरा रहा है। यूरोप के बड़े देशों में इस वक्त मंदी चल रही है। दुनिया भर में हर जगह निर्यात बाज़ारों की स्थिति में गिरावट आई है। सभी विकासशील देशों को मंदी का सामना करना पड़ा है।
मेरा मानना है कि भारत में धीमे विकास का दौर बहुत दिन नहीं चलेगा। पिछले 9 सालों में हमारी अर्थव्यवस्था में औसतन 7.9 प्रतिशत सालाना की बढ़ोत्तरी हुई है। विकास की यह रफ्तार अब तक किसी भी दशक में हुई प्रगति से कहीं ज्यादा है। भाइयो और बहनो,
आज दुनिया के देश एक दूसरे से जितना जुड़े हुए हैं उतना पहले कभी नहीं रहे। हमने अपनी विदेश नीति के जरिए यह कोशिश की है कि भारत को इस बात का पूरा फायदा मिले। दुनिया की बड़ी ताकतों से पिछले 9 सालों में हमारे संबंध लगातार सुधरे हैं। पूर्व और दक्षिण पूर्व Asia में स्थित दस ASEAN राष्ट्रों के साथ हमारी Look East Policy के अच्छे नतीजे सामने आए हैं, खासकर आर्थिक मामलों में। हमारी यह भी कोशिश रही है कि पड़ोसी देशों के साथ हमारी दोस्ती बढ़े। लेकिन पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर होने के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपनी सरज़मीन और अपने नियंत्रण वाली ज़मीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए न होने दे।
राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में भी स्थिति में सुधार हुआ है। 2012 में और इस साल कुछ राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की चिंताजनक घटनाओं के बावजूद, पिछले 9 साल सांप्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से अच्छे गुजरे हैं। आतंकवादी और नक्सली हिंसा में भी कमी आई है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में हमें लगातार सावधानी बरतने की ज़रूरत है। समय-समय पर हो रहे नक्सली हमलों को पूरी तरह रोकने में हम सफल नहीं हो पाए हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली 25 मई को जो नक्सली हिंसा हुई वह भारत के लोकतंत्र पर एक सीधा हमला था। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर हाल में हमारे जवानों पर कायरतापूर्ण हमला किया गया। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हम हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
भाइयो और बहनो,
सरकार के काम को ज़्यादा संवेदनशील, पारदर्शी, और ईमानदार बनाने के लिए हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें से मैं सिर्फ दो का ज़िक्र यहां करना चाहूंगा।
RTI कानून के जरिए आम आदमी को अब सरकारी कामकाज के बारे में पहले से कहीं ज़्यादा जानकारी मिल रही है। इस कानून का इस्तेमाल एक बड़े पैमाने पर, हर स्तर पर हो रहा है। यह कानून अक्सर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को सामने लाता है और सुधार का रास्ता खोलता है। मुझे यकीन है कि आने वाले समय में RTI की वजह से सरकारी कामकाज में और सुधार आएगा ।
हमने संसद में लोकपाल बिल प्रस्तुत किया है। लोक सभा ने इसे pass कर दिया है और अब इस पर राज्य सभा विचार कर रही है। यह कानून हमारी राजनैतिक व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
भाइयो और बहनो,
हमने पिछले दशक में एक लंबा सफर तय किया है। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बदलाव का जो सिलसिला हमने शुरू किया है उसे आने वाले वक्त में जारी रखा जाएगा।
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, तेज़ आर्थिक विकास हमारे देश के लिए बेहद ज़रूरी है। गरीबी दूर करना, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा करना – यह सब तेज़ आर्थिक विकास के बगैर मुमकिन नहीं है। पिछले 9 साल में हमने आर्थिक विकास की जो औसत रफ्तार हासिल की है उससे हमारे देश की क्षमताओं का पता चलता है। लेकिन इस वक्त देश के आर्थिक विकास की दर में कमी आई है। हम इस कमी को दूर करने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं।
उद्योगों के लिए सरकारी मंज़ूरियों की प्रक्रिया को तेज़ करने, देश में उद्योग और व्यापार के लिए बेहतर माहौल बनाने और निवेश को बढ़ाने के लिए हमने हाल ही में कई कदम उठाए हैं। बड़ी परियोजनाओं की मंजूरियों की प्रक्रिया में मदद करने के लिए एक विशेष cell की स्थापना की गई है। Cabinet Committee on Investment रुकी हुई परियोजनाओं की अड़चनें दूर करने का काम कर रही है।
बिजली उत्पादन बढ़ाने के रास्ते में कोयले की आपूर्ति एक समस्या बन गई थी। इसको हमने काफी हद तक सुलझा लिया है।
आने वाले महीनों में Infrastructure के क्षेत्र में बहुत सी बड़ी परियोजनाओं पर हम काम शुरू करने वाले हैं। इनमें 2 नए बंदरगाह, 8 नए हवाईअड्डे, नए Industrial Corridors और रेल परियोजनाएं शामिल हैं।
Foreign Direct Investment को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में हमने कई क्षेत्रों में ऐसे निवेश की सीमा बढ़ाई है और इसकी प्रक्रिया को आसान बनाया है।
निवेश बढ़ाने की इन कोशिशों के अच्छे नतीजे हमें अगले कुछ महीनों में साफ देखने को मिलेंगे। इससे आर्थिक विकास की रफ्तार तेज़ होगी, रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और infrastructure में भी सुधार आएगा।
भाइयो और बहनो,
Food Security कानून बनने के बाद उसे प्रभावी ढंग से लागू करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक रहेगी। इस दिशा में हमने राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। Public Distribution System के Computerization के काम में तेज़ी लाई जाएगी।
Mid-day-Meal Scheme में सुधार लाए जाएंगे। बच्चों को स्कूल में मिल रहा भोजन पौष्टिक होने के साथ-साथ साफ सुथरे ढंग से बना हुआ होना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए हम ठोस कदम उठाएंगे।
Skill Development के क्षेत्र में शुरुआत में हम उतनी अच्छी प्रगति नहीं कर पाए जितनी चाहते थे, लेकिन अब इसमें तेज़ी आई है। हमने कुछ महीने पहले National Skill Development Authority का गठन किया है। हम जल्द ही एक नई योजना शुरू करेंगे जिसके तहत उन नौजवानों को लगभग 10 हज़ार रुपये की राशि दी जाएगी, जिन्होंने सफलतापूर्वक नई Skills हासिल की हैं। इस योजना से अगले 12 महीने में करीब 10 लाख नौजवानों को फायदा पहुंचेगा।
अल्पसंख्यकों के लिए बनाए गए Multi-Sectoral Development Programme में हाल ही में सुधार लाए गए हैं। अब इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।Minor Forest Produce के लिए खरीद मूल्य निर्धारित करने की स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। इससे हमारे आदिवासी भाई-बहनों को लघु वन उपज के सही दाम मिलेंगे। इस योजना को हम जल्द-से-जल्द लागू करेंगे।
आदिवासी भाई-बहनों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति और उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर के बारे में सही जानकारी हासिल करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। समिति की Report से हमें उनके लिए बेहतर योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
हम अपने देश में बहुत सी समस्याओं को बेहतर Technology के ज़रिए हल कर सकते हैं। इसकी एक मिसाल है आधार योजना। इस योजना के तहत इस साल के आख़िर तक पचास करोड़ लोगों को अपनी पहचान साबित करने का जरिया मिलेगा और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उनको सहूलियत पहुंचेगी। इसके ज़रिए हम करोड़ों लोगों को पहली बार बैंकों की सुविधाओं का लाभ दे पाएंगे।
भाइयो और बहनो,
एक आधुनिक, प्रगतिशील और Secular देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमज़ोर करती है। हमें इसे रोकना होगा। हमें अपनी संस्कृति की उन परंपराओं को मज़बूत करना होगा, जो हमें अन्य विचारधाराओं के प्रति सहनशील होना और उनका सम्मान करना सिखाती हैं। मैं आज सभी राजनैतिक दलों, समाज के सभी वर्गों और आम जनता से इस दिशा में प्रयास करने की अपील करता हूँ ।
भाइयो और बहनो,
कुछ देर पहले मैंने कहा था कि आज़ादी के बाद के हर दशक में भारत में बड़े परिवर्तन आये हैं। हमें आज यह सोचना है कि आने वाले दस सालों में हम किस तरह का परिवर्तन चाहते हैं। पिछले दस सालों में जैसी प्रगति हमने की है यदि हम उसे आगे भी जारी रखें तो वह वक्त दूर नहीं जब भारत को ग़रीबी, भूख, बीमारी और अशिक्षा से complete मुक्ति मिल जाएगी। हमारा भारत खुशहाल होगा और उसकी खुशहाली में सभी नागरिक बराबर के शरीक होंगे चाहे उनका धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा कुछ भी हो।
इसके लिए हम सबको मिलकर देश में राजनैतिक स्थिरता, सामाजिक एकता और सुरक्षा का माहौल भी बनाना होगा।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाने के लिए अपने आपको फिर से समर्पित करें।
प्यारे बच्चों, अब आप मेरे साथ मिलकर तीन बार बोलिए…
जय हिन्द – जय हिन्द – जय हिन्द ।”
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh paying floral tributes at the Samadhi of Mahatma Gandhi, at Rajghat on the occasion of the 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विभिन्न भाषाओँ के विद्वानों को सम्मान -प्रमाणपत्र प्रदान किये

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विभिन्न भाषाओँ में महत्त्व पूर्ण यौगदन देने के लिए विद्वानों को सम्मान -प्रमाणपत्र प्रदान किये
[अ ]

संस्‍कृत

[1]. प्रोफेसर सुब्‍बारावव पेरी[2]. डॉ. कृष्‍ण लाल[3]. डॉ. हंसाबेन एन. हिंडोचा[4]. प्रोफेसर (डा.) चन्‍द्र कांत शुक्‍ला[[5]. प्रोफेसर मल्लिकार्जुन बी. पराड्डी[6]. श्री मोहन गुप्‍ता[7]. प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी[8]. प्रोफेसर अलेखा चन्‍द्र सारंगी
[9]. पदम शास्‍त्री (पदम दत्‍त ओझा शास्‍त्री)[10]. ड गणेशी लाल सुथार[11] डा. प्रशस्‍य मित्रा शास्‍त्री[12]. श्री भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्‍त्री’
[13]. प्रोफेसर जय शंकर लाल त्रिपाठी

संस्‍कृत (अंतर्राष्‍ट्रीय)1. डॉ. रॉबर्ट पी. गोल्‍डमेन

[आ]फारसी

[१]. प्रोफेसर (श्रीमती) क़मर गफ्फार2. श्री एम.एच. सिद्दकी

[इ]अरबी

[१]. श्री मोहम्‍मद अज़ीमुद्दीन[२]. प्रोफेसर जिक्‍रूर रहमान[३]. प्रोफेसर अहमद नसीम सिद्दकी
[ई]]

पाली/प्राकृत

[१]. प्रोफेसर भिक्षु सत्‍यपाल
[उ]इसके अतिरिक्‍त, महामहिम राष्‍ट्रपति संस्‍कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के निम्‍नलिखित विद्वानों को महर्षि वदरायन व्‍यास सम्‍मान भी प्रदान करते हैं :संस्‍कृत[१]. डॉ. बलराम शुक्‍ला
[2.] डॉ. धनंजय वायुदेव द्विवेदी
[३]. श्री के. वेंकटेश मूर्ति
[४]. प्रोफेसर नीरज शर्मा
[५]. डॉ. उपेन्‍द्र कुमार त्रिपाठी
फारसी[१]. श्री शबीब अनवर अल्‍वी
अरबी[१]. डॉ. अशफ़ाक अहमद
पाली/प्राकृत1. डॉ. अनेकांत कुमार जैन यह सम्‍मान स्‍वतंत्रता दिवस पर वर्ष में एक बार संस्कृत , फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के क्षेत्रों मेंमहत्‍वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।

लोकसभा ने पारित किया ,आतंकवाद के लिए ,पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

लोकसभा ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया
सदन में ये प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने रखा था। प्रस्ताव में जम्‍मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ‌पाकिस्तान द्वारा की जा रही गोलीबारी की निंदा की गई है।
गौर तलब है कि प‌ाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की कार्यवाही की आलोचना की थी। जिसके विरोध में भाजपा ने आज पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की थी।
,इससे पूर्व भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वार्ता की नए सिरे से पेशकश को ठुकराया दिया।
नई दिल्ली ने वार्ता से पहले पुंछ हमला और मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को दंडित करने और सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन बंद करने की शर्त रखी है।
भारत की ओर से यह तीखी प्रतिक्रिया विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पाकिस्तान सरकार को पुंछ हमले की जिम्मेदारी लेने की नसीहत देने के बाद आई है।
बहरहाल भारत के इस कड़े रुख से अगले महीने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की न्यूयार्क में होने वाली संभावित मुलाकात पर भी सस्पेंस गहरा गया हैउधर पाकिस्तान ने भी एक नया शगूफा छोड़ते हुए कहा है कि भारत में नई सरकार बनाने पर वार्ता शुरू की जायेगी|

Government Of India has shown concern On The Welfare of Persons of Indian Origin Abroad

Government Of India has shown concern Of The Welfare of Persons of Indian Origin Abroad
Minister of Overseas Indian Affairs Shri Vayalar Ravi in a written reply to a question in Lok Sabha today said that The Government is very much concern of the welfare of persons of Indian origin abroad.
Indian Missions/Posts will remain in touch with the local authorities and sensitize them of their concern about attacks on Indian and their safety.
The Minister Stated that Indian missions render necessary/consular assistance to the victims/families.
The Indian Missions/Posts facilitate the transportation of the mortal remains of the body to India if necessary.
Assistance is also given from Indian Community Welfare fund by the Indian Missions/Posts where necessary.

अडवाणी ने थल सेना अध्यक्ष का अभिनन्दन किया और एल ओ सी पर गलत बयानी के लिए मंत्रियों की आलोचना भी की : सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा]के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने, सेना के नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी.) पर दिए प्रेस बयान की पुष्टि और रक्षामंत्री के वक्तव्य में विशेष रूप से इसे शामिल करवाने के लिए, थल सेना अध्यक्ष बी के सिंह को बधाई दी है लेकिन इसके साथ ही रक्षा मंत्री ऐ के अंटोनी द्वारा संसद में बयानों की गड़ बड़ी के लिए क्षमा याचना की आशा भी व्यक्त की है| प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
गत् सप्ताह 6 अगस्त को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद में हमारे चार नेताओं -राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और मुझे सूचित किया कि प्रधानमंत्री हमसे उस विषय पर विचार-विमर्श करना चाहते हैं जिसका उन्होंने अपनी बंगलादेश यात्रा पर जाने से पूर्व संक्षिप्त रूप से संदर्भ दिया था। यानी दोनों देशों के बीच सीमा समझौता। इस मुद्दे के संदर्भ में, बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने जसवंत सिंह और यशवंत सिन्हा सहित पश्चिम बंगाल और असम से अन्य अनेक नेताओं के एक बड़े भाजपा समूह के सामने सम्बन्धित तथ्यों को रखा था।
प्रधानमंत्री के साथ हमारी बैठक के निर्धारित समय सायं साढ़े पांच बजे से कुछ मिनट पूर्व मैं रेसकोर्स रोड पहुंच गया, लगभग उसी समय ए.के. एंटोनी भी पहुंचे। मैंने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं को बंगलादेश से सटे एनक्लेव्स के मुद्दे पर विचार-विमर्श हेतु बुलाया है। मैंने पूछा कि क्या वह भी इसी मुद्दे पर होने वाली बैठक में आए हैं। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें ‘बुलाया‘ गया है परन्तु उन्हें विषय के मामले में पता नहीं है।
यह उस दिन की बात है जिस दिन पाक सैनिकों और पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी.) पर हमारे पांच जवानों की हत्या की थी। यह उस दिन सुबह सेना के जारी प्रेस वक्तव्य में कहा गया था। हालांकि उस दिन दोपहर बाद सदन में वक्तव्य देते हुए रक्षा मंत्री ने उस घटना के बारे में सेना द्वारा दिए गए ब्यौरे को इस तरह से बदला कि इन हत्याओं का आरोप सिर्फ आतंकवादियों पर लगा। इस वक्तव्य ने न केवल संसद को क्रोधित किया अपितु शहीद जवानों के परिवारों को भी इस हद तक नाराज किया कि एक जवान की विधवा ने सरकार द्वारा प्रस्तावित 10 लाख रूपये के मुआवजे को भी लेने से मना कर दिया। एक समाचारपत्र की रिपोर्ट के मुताबिक विजय राय की पत्नी पुष्पा राय ने अपनी मनोव्यथा व्यक्त करते हुए कहा, ”क्या 10 लाख रूपये का मुआवजा मेरे पति को वापस ला सकता है? हमें मुआवजा नहीं चाहिए बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त सैन्य कार्रवाई चाहिए।”
प्रधानमंत्री के साथ हमारी बैठक में न केवल सलमान खुर्शीद अपितु ए.के. एंटोनी भी मौजूद थे। बंगलादेश एनक्लेव्स और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी हमले -दोनों मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। हमने दोनों मुद्दों पर दृढ़ता से अपना पक्ष रखा।
बंगलादेश सम्बन्धी मुद्दे पर हमने प्रधानमंत्री को बताया कि इस प्रस्ताव पर हमारी राज्य इकाइयों का मुखर विरोध है, इसलिए हम इस पर राजी नहीं हैं।
पाकिस्तान द्वारा हमारे जवानों के कत्लेआम पर भी हमारी इसी प्रकार की दृढ़ प्रतिक्रिया थी। प्रधानमंत्री के साथ इसी बैठक में उस दिन के रक्षा मंत्री के वक्तव्य के बारे में मैंने एक कठोर शब्द ‘गड़बड़ करना‘ उपयोग किया। मेरे मन में सदैव ए.के. एंटोनी के लिए गर्मजोशी और सम्मान रहा है। इसलिए उस दिन के उनके वक्तव्य पर मैं सचमुच काफी हैरान था। बाद में मुझे ज्ञात हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद को रक्षामंत्री से सेना के बयान को बदलने को राजी किया।
रेसकोर्स रोड की इस बैठक में यह सहमति बनी कि सेनाध्यक्ष से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद अगले दिन रक्षा मंत्री एक संशोधित बयान देंगे। सेनाध्यक्ष जम्मू गए ताकि वे घटना की जानकारी स्वयं ले सकें। हमने कहा कि हम संशोधित वक्तव्य की प्रतीक्षा करेंगे।
मैं सेनाध्यक्ष को बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने सेना के प्रेस बयान की न केवल पुष्टि की अपितु रक्षामंत्री के वक्तव्य में विशेष रूप से यह शामिल करने में सफलता पाई कि ”इस हमने में पाकिस्तानी सेना से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त जवान शामिल थे।” संसद में हम सबको इस पर प्रसन्नता महसूस हुई कि एंटोनी अपने संशोधित वक्तव्य में न केवल नियंत्रण रेखा तक सीमित रहे अपितु उन्होंने आगे बढ़कर यह दोहराया कि पाकिस्तान से तब तक सामान्य सम्बन्ध नहीं हो सकते जब तक कि वह इन तीन निम्न बातों को पूरा नहीं करता:
(1) आतंकवादी बुनियादी ढांचे को समाप्त किया जाए।
( 2) ऐसे प्रयास करने चाहिए जिनसे नवम्बर, 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के
जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो।
( 3) इस सप्ताह मारे गए हमारे जवानों के लिए पाकिस्तान में मौजूद जिम्मेदार और कुछ
समय पूर्व हमारे जवानों के धड़ काट कर ले जाने वालों को दण्डित नहीं किया जाता।
सामान्यतया, सेनाध्यक्ष को उपरोक्त दी गई बधाई के साथ मैं रक्षामंत्री को भी बधाई देता हूं। लेकिन तभी यदि वह 6 अगस्त के अपने वक्तव्य को औपचारिक रूप से वापस लेने का साहस दिखाते तथा सेना से माफी मांगते कि उन्होंने उनके ब्यौरे जो एकदम सही था, में भद्दे ढंग से बदलाव कर प्रस्तुत किया। कोई भी मंत्री सदन में ऐसी बात नहीं कह सकता जो झूठ हो। यदि गलत सूचना के चलते वह कुछ असत्य कहता है तो उसे कम से कम खेद तो प्रकट करना चाहिए।
मंत्री और सेना द्वारा अपनाए गये इस तरह के सख्त रवैये के बाद देश आशा करता है कि प्रधानमंत्री, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से शांति वार्ता करने की अपनी उत्सुकता त्याग देगें। इन दिनों समूचा विश्व देख रहा है कि कैसे स्नोडेन को शरण देने के बाद ओबामा ने पुतिन से निर्धारित अपनी मुलाकात ही रद्द कर दी!