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आप पार्टी महिला सुरक्षा दल के माध्यम से दिल्ली में सिस्टम बदलेगी

आये दिन धरना प्रदर्शन करके सरकार की नाक में दम करने वाली आम आदमी पार्टी[आप]ने अब दिल्ली में महिला सुरक्षा दल बनाने की घोषणा की है| सिस्टम को बदलने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम कहा जा सकता है|पार्टी का दावा है कि दिल्ली पुलिस रेपिस्ट के भीतर डर पैदा करने की जगह उसे निश्चिंत बनाती है. अपनी बच्चियों-बेटियों को सुरक्षित रखना है तो केवल दिल्ली पुलिस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता. अब समय आ गया है कि दिल्ली के नागरिक, नेताओं की जी-हुजूरी करने को ही अपना फ़र्ज़ समझने वाली, पुलिस के ऊपर सीधा नियंत्रण करें.इसके लिए पार्टी ने तय किया है कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए हर कालेज और विधानसभा स्तर पर नागरिकों का एक महिला सुरक्षा दल खड़ा किया जायेगा. इस दल के निम्न काम होंगे –
[1.] कालेज या विधानसभा में किसी भी महिला या लड़की के साथ कोई गलत हरकत होती है, और पुलिस अपना काम ठीक से नहीं करती है, तो उस विधानसभा का यह महिला सुरक्षा दल पुलिस से संपर्क करेगी यदि पुलिस नहीं मानती है तो दवाब डालकर, धरना प्रदर्शन कर कार्रवाई के लिए मजबूर किया जाएगा.
[२]. पीडिता को जरुरत के अनुसार अच्छे अस्पताल दिलवाने में भी मदद की जायेगी.|
गौरतलब है कि गांधी नगर में पांच साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार के मामले से पूरा देश सदमे में है। दामिनी के[१६/१२] बलात्कार के बाद देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री से लेकर संसद तक ने सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त बनाने के कई दावे किए थे, तमाम नेताओं ने आंसू बहाए थे, शीला दीक्षित ने रैली निकाली थी, जस्टिस वर्मा कमीशन बना[जस्टिस वर्मा कि मृत्यु हो गई], संसद में बहस हुई, एक कानून भी बना. लेकिन इस सबके बावजूद गांधीनगर की घटना प्रमाण है कि हमारा सिस्टम कतई नहीं बदला है। हमारी पुलिस बलात्कारियों से ज्यादा क्रूर और संवेदनहीन है और हमारे नेता खुद को असहाय साबित कर चुकी है.