Ad

डॉ मन मोहन सिंह ने सरकार के आर्डिनेंस की आलोचना कर रहे अपनी ही पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के विरोधी स्वरों को शक्ति प्रदान करते हुए पुनर्विचार का आश्वासन दिया

डॉ मन मोहन सिंह ने सरकार के आर्डिनेंस की आलोचना कर रहे अपनी ही पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के विरोधी स्वरों को शक्ति प्रदान करते हुए इस पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया |प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने अपनी सरकार द्वारा जारी आर्डिनेंस की आलोचना कर रहे अपनी ही पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के विरोधी स्वरों को शक्ति प्रदान की और स्वीकार किया कि कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त जन प्रतिनिधित्व कानून पर अध्यादेश और अधिक सार्वजनिक बहस का विषय है।
अमेरिका में अपने प्रवास के दौरान पी एम् ने कहा ” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी मुझे लिखा है और एक बयान भी जारी किया है। सरकार ने इन सभी घटनाक्रम को समझा है। इस उठाए गए मुद्दे पर मेरे भारत लौटने के बाद कैबिनेट में उपयुक्त विचार-विमर्श के बाद विचार होगा”
गौरतलब है कि दोषी सांसदों+विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलटने वाले यूं पी ऐ के अध्यादेश को कांग्रेस ने स्वयम ही बकवास बताया तो भाजपा ने इसे नाटक कहा है|इस विवादास्पद अध्यादेश पर अब राजनीती शुरु हो गई है|प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी ने भी अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पूर्व इसके ओचित्य पर कुछ प्रश्न उठाये हैं जिसे लेकर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली हास्यास्पद बन कर रह गई है|पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में इसके नकारात्मक असर को बेअसर करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस विवादित अध्यादेश को ‘बिल्कुल बकवास’ करार दिया है और अपनी ही सरकार की आलोचना भी कर डाली है जिसे अब पार्टी की लाइन बतया जा रहा है|