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दिल्ली में अभी भी ६८५ झुग्गी बस्तियां हैं और पिछले तीन सालों में एक भी स्लम बस्ती को सूची से हटाया नहीं जा सका है

दिल्ली के विकास के तमाम दावों की पोल खोलते हुए आज सरकार ने यह स्वीकार किया कि दिल्ली में अभी भी ६८५ झुग्गी बस्तियां हैं और पिछले तीन सालों में एक भी स्लम बस्ती को सूची से हटाय नहीं जा सका है|
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दशक के दौरान झुग्गी बस्तियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है इसके उपरांत भी अभी तक २२ लाख की आबादी 685 झुग्‍गी-झोपड़ी बस्तियों में रहने को अभिशिप्त है यहाँ तक कि पिछले तीन सालों में एक झुग्गी बस्ती तक भी स्लम सूची से हटाई नही जा सकी है|
केन्‍द्रीय शहरी वि‍कास राज्‍य मंत्री श्रीमती दीपा दासमुंशी ने आज राज्‍य सभा में एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में यह तो दावा किया कि‍ नई दिल्ली में पिछले दस सालों में कोई नई झुग्गी बस्ती नही बसाई गई लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले तीन सालों में एक झुग्गी बस्ती को सूची से हटाया भी नहीं गया है| राज्य मंत्री ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद+ दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी)+ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दि‍ल्‍ली सरकार + दिल्ली छावनी बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 10 सालों में दिल्ली में कोई नई झुग्गी बस्ती नही बसी है | पि‍छले तीन वर्षों के दौरान कोई भी क्षेत्र स्लम के रूप में अधिसूचित नहीं कि‍या गया है और न ही सूची से हटाया गया है।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अनुमान के अनुसार वर्तमान में 685 झुग्‍गी-झोपड़ी बस्‍ति‍यां हैं, जिसकी‍ आबादी लगभग 20-22 लाख है।