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धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाला कार्यालय भी कर्मचारियों की कमी से अभिशिप्त है

धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाला कार्यालय भी कर्मचारियों की कमी से अभिशिप्त है
देश में बेशक धोखाधड़ी के गंभीर मामलों का ग्राफ ऊपर जा रहा है लेकिन धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाले कार्यालय में कर्मचारियों की बेहद कमी होती जा रही है |वर्तमान में लगभग ५०%कर्मियों की कमी स्वीकार की जा चुकी है| इस कमी को दूर करने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन करने का प्रस्‍ताव अभी तक कार्मिक मंत्रालय में लंबित है|
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री सचिन पायलट ने आज राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि धोखाधड़ी के गंभीर मामलों के जांच कार्यालय में कर्मचारियों की काफी कमी है। 95 तकनीकी कर्मचारियों के मुकाबले 53 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। इनके अलावा रिक्‍त स्‍थानों पर काम करने के लिए अनुबंध पर सात कर्मचारी रखे गए हैं।
श्री पायलट ने कहा कि इस कार्यालय के गठन के समय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार कार्यालय में कर्मचारी मुख्‍य रूप से प्रतिनियुक्ति पर रखे जाते हैं। सरकार विभिन्‍न संगठनों से कर्मचारी लेने के प्रयास कर रही है। इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिए जाते हैं।
श्री पायलट ने कहा कि कर्मचारियों की कमी को दूर करने के‍ लिए कार्मिक मंत्रालय को भर्ती नियमों में संशोधन करने का प्रस्‍ताव भेजा गया है, ताकि प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी न मिलने की स्थिति में इनकी सीधी भर्ती की जा सके। अवकाश प्राप्‍त सरकारी अधिकारियों को कन्‍सलटेंट के रूप में रखने के बारे में भी अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।