ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री प्रदीप जैन ने आज [सोमवार]संसद में मनरेगा की शिकायतों को स्वीकार किया और कहा कि उनके मंत्रालय को देश से काफी संख्या में मनरेगा के क्रियान्वयन के बारे में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में [१]जॉब कार्ड नहीं उपलब्ध कराना, [२]कोष का दुरुपयोग,[३] ठेकेदारों को शामिल करना,[४] हाजरी में धोखेबाजी,[५] कम मजदूरी का भुगतान, [६]मजदूरी का भुगतान न करना, [७]मशीनरी का उपयोग, [८]भुगतान में देरी आदि शामिल हैं लेकिन इन शिकायतों के लिए उन्होंने प्रदेश सरकारों को जिम्मेदार ठहराया |उन्होंने बताया कि कानून के क्रियान्वयन की जिम्मेदरी राज्य सरकारों की है और कानून के प्रावधान के अनुसार योजनाएं राज्य सरकारों द्वारा तैयार की जाती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में प्राप्त सभी शिकायतों को संबंधित राज्य सरकारों के पास जांच और उचित कार्रवाई करने के वास्ते भेज दिया जाता है। राज्य सरकारों को उनके मंत्रालय के पास कार्रवाई रिपोर्ट भेजना जरूरी है।
इसके अलावा श्री जैन ने बताया कि एक लाख से अधिक परिवारों ने 26 जुलाई 2013 तक 100 दिन का रोजगार पूरा किया और इस बीच तीन लाख 31 हजार नये जॉब कार्ड जारी किये गये। श्री जैन ने एक लिखित उत्तर में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार के व्यस्क सदस्य को 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी प्रदान की गई है।