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मेरठ के चिकित्सकों ने अपराध के नासूर की शल्य चिकित्सा के लिए प्रशासन को विरोध और एकजुटता के नश्तर और सहयोग की आक्सीजन प्रदान की

: शनिवार को अपरान्ह मेरठ के सैकड़ों चिकित्सकों ने अपराध के नासूर की शल्य चिकित्सा के लिए प्रशासन को विरोध और एकजुटता के नश्तर दिए और सहयोग की आक्सीजन प्रदान की | प्रसिद्ध अवम लोक प्रिय न्यूरोसर्जन डा. विनोद अरोड़ा के घर पर मंगलवार रात हुई बड़ी लूट के विरोध में शनिवार को डाक्टरों ने ओपीडी सेवाओं को बंद रखा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में डाक्टरों ने शहर में विरोध जुलूस निकाला। एंबुलेंस के हूटरों की आवाजों से सड़कें गूंजतीं रहीं। नर्सिग होम्स में मरीजों को चिकित्सा का लंबा इंतजार करना पड़ा। निजी चिकित्सा सेवाएं बंद होने के कारण सरकारी हेल्थ सेंटरों की ओपीडी में भारी इजाफा देखा गया |आइएमए हाल से करीब दस बजे से निकला मार्च दोपहर तीन बजे डीएम कार्यालय पर खत्म हुआ। बड़ी संख्या में महिला चिकित्सक और मेडिकल रिप्रेंजटेटिव भी मार्च शामिल हुए।
प्रात दस बजे आइएमए हाल में डाक्टरों का जमावड़ा हुआ। और बड़ी संख्या में चिकित्सक कमिश्नरी चौराहे पर भी इकट्ठा हुए |
बीते दिन तय रणनीति के अनुसार विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सभी नर्सिग होमों ने अपनी हरी और सफ़ेद रंगी एंबुलेंस भी भेज दी। आइएमए जिंदाबाद एवं डकैतों को शीघ्र पकड़ें, समेत कई नारों के बीच मार्च शुरू हुआ। आइएमए हॉल से ईब्ज चौराहा, ईके रोड, मेघदूत क्रासिंग, मवाना स्टैंड, कमिश्नर चौराहा, जेल चुंगी, विवि रोड एवं तेजगढ़ी चौराहे से निकला।

बेगमपुल चौराहे पर डाक्टरों ने वाहनों को आड़ा तिरछा खड़ाकर कैंट रोड को काफी देर तक जाम किया। मार्च के दौरान डाक्टरों के पीछे निजी गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई। रास्ते में मिलने वाले डिवाइडरों के कट में दोपहिया वाहनों को लगाकर जाम किया गया। सभी चौराहों पर डाक्टरों ने जमकर नारेबाजी की। मार्च पास्ट में भाग लेने वाले सैकड़ों लोगों के हाथों में तख्तियां रहीं, जिसमें डाक्टरों द्वारा रात में इमरजेंसी सेवाओं को अटेंड करने में असमर्थता जताई गई।

चिकित्सकों ने अपराध के नासूर की शल्य चिकित्सा के लिए प्रशासन को विरोध और एकजुटता के नश्तर और सहयोग की आक्सीजन प्रदान की

सेवा को हम हमेशा तैयार सुरक्षा हमारा अधिकार

आइएमए के पदाधिकारी डा. तनुराज सिरोही ने कहा कि उनका किसी से कोई दुराव नहीं है, किंतु आम आदमी की सुरक्षा भी दांव पर है। ऐसे में पुलिस प्रशासन को अपराधियों पर सख्ती बरतनी होगी। कई डाक्टरों की तख्ती पर पुलिस की सुस्ती को निशाना बनाकर भी स्लोगन लिखा गया। गढ़ रोड बस अड्डे से लेकर बच्चा पार्क तक डाक्टरों की भीड़ बढ़ती रही। डा. बीपी सिंघल ने कहा कि भविष्य में डाक्टरों पर ऐसे किसी भी हमले को रोकने के लिए प्रशासन से पुख्ता आश्वासन की जरूरत है। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए डाक्टरों ने मार्च को लेफ्ट लेन में ही सीमित रखा।
कमिश्नरी चौराहे पर महिलाएं भी पहुंचीं
डाक्टरों का मार्च पास्ट जैसे-जैसे कमिश्नरी चौराहे के पास पहुंचता गया, उनके परिजनों की संख्या बढ़ती गई। दोपहर करीब दो बजे कमिश्नरी चौराहे पर शहर के तमाम डाक्टर पहुंच गए, मार्च पास्ट को पीड़ित डा. विनोद अरोड़ा, डा. एसएम शर्मा, डा. दिनेश अग्रवाल एवं जेवीएस चिकारा ने प्रधान नेतृत्व दिया।डाक्टरों ने एस एस पी और डी एम् को ज्ञापन सौंप कर अपराधियों को पकड़ने और लूट के मॉल की बरामदगी की मांग की|प्रशासन ने मंगल वार तक केस खोलने का दावा किया है|