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समाज में सरकार के डर को दूर करने के लिए२३ मार्च से होगा अरविन्द केजरीवाल का उपवास और अवज्ञा आन्दोलन

समाज में सरकार के डर को दूर करने के लिए२३ मार्च से होगा अरविन्द केजरीवाल का उपवास और अवज्ञा आन्दोलन

समाज में सरकार के डर को दूर करने के लिए२३ मार्च से होगा अरविन्द केजरीवाल का उपवास और अवज्ञा आन्दोलन

विसंगतियों के विरुद्ध अवज्ञा आन्दोलन के लिए समाज को जागरूक किया जाना जरुरी है|लेकिन समाज में सरकार का प्रति अनावश्यक डर बैठा हुआ है |लोगों के दिलों में बैठे इसी अनावश्यक डर को दूर करने लिए “आप” के सर्वोच्च नेता अरविन्द अरविन्द केजरीवाल 23 मार्च से दिल्ली में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे। यह उपवास बिजली के बढ़े हुए बिलों के लिए होगा|यद्यपि यह एलान बीते दिन कर दिया गया था मगर सत्ता पर बैठे नेताओं की तरफ से इस घोषणा का मजाक उड़ाते हुए कहा गया कि अरविन्द केजरीवाल का ग्रुप पहले भी कई बार आमरण अनशन कर चुके हैं मगर उसका कोई इफेक्ट नहीं हुआ|इस पर प्रतिक्रया जानने के लिए जब आप के कार्यालय फोन किया गया तो मीडिया को देख रहीं अस्वती मुरलीधरन ने बताया कि पहले अन्ना हजारे के साथ भी अनशन किया जा चुका है मगर सरकार ने हमेशा धोखा दिया है|आश्वासन के बावजूद भी जन लोकपाल नहीं लाया गया |अब संसद में जो लोक पाल लाया जा रहा है वह जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता|इसी परिपेक्ष्य में अब हमें इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं रह गई है| उन्होंने कहा कि वर्तमान में जनता सरकार की दमन कारी नीतियों से बेहद डरी हुई है उस डर को दूर करने के लिए ही यह उपवास किया जाएगा|
इससे पुर्व बीते दिन सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह बिजली और पानी की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बिजली कंपनियों के साथ मिली हुई हैं। उसी का परिणाम है कि बिजली कंपनियां मनमाना ढंग से बिल बढ़ा रही हैं। उन्होंने लोगों से इसके खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग बिजली बिल देना बंद करें।
अरविंद ने कहा है कि दिल्ली में पानी और बिजली के बिल बढ़ने का सिर्फ एक कारण है करप्शन। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता डरी हुई है और एकजुट नहीं है। इसी का फायदा सरकार उठा रही है।उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी और बिजली के बिल नाजायज तरीके से आ रहे हैं। जनता महंगाई की वजह से कराह उठी है।
अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि मजदूर की बिजली ४६००/= का भुगतान नहीं होने पर काट दी जाती है। मंत्रियों और सांसदों के ऊपर लाखों का बकाया है फिर भी उनसे कोई बकाया की रकम मांगता नहीं।

Comments

  1. Insaan says:

    तथाकथित स्वतंत्र भारत में भूख हड़ताल से कोई समस्या नहीं हल होने वाली| आये दिन अनशन और न जाने किन किन परिस्थितियों से पीछा छुड़ा १९४७ में फिरंगी बड़ी चतुराई से भारत से कूच कर इस पर दूर से प्रभुत्व बनाये हुए हैं| तब से गरीबी और लाचारी में भूख और कुपोषण के कारण सैंकडों हजारों भारतीयों के मरने के उपरांत भारत में अनिश्चित कालीन अनशन की क्या महत्वता रह जाती है?
    भ्रष्टाचार में लिप्त बिजली की बढ़ती दरों की समस्या और उसका समाधान क्योंकर दिल्ली शासन और दिल्ली-वासियों तक सीमित रहे? लोकतंत्र में देश की कानून व्यवस्था, जांच व विनियामक विभागों को हस्तक्षेप करना चाहिए| अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी इन विभागों द्वारा हस्तक्षेप करने की मांग रखते केंद्रीय सरकार पर दबाव डाल दिल्ली-वासियों के हित में वांछित परिणाम प्राप्त कर सकती है| अत: अरविंद केजरीवाल को अनिश्चित कालीन अनशन की कोई आवश्यकता नहीं है|

    1. Jamos says:

      Thanks for endorsing your valuable comments Please keep visiting the site