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भूकम्प को “सर पर आई बला” मान कर मात्र टालने की मनोवृति से बाहर निकल कर ही भविष्य में मुक्ति सम्भव है

[नई दिल्ली]भूकम्प को “सर पर आई बला” मान कर मात्र टालने की मनोवृति से बाहर निकल कर ही भविष्य में मुक्ति सम्भव है नेपाल में आये भूकम्प से भारत के सीमावर्ती प्रदेशों में भी तबाही हुई है फ़िलहाल पीएम की ततपरता से और सांसदों के सहयोग से समूचा भारत इस विपदा से जूझता नजर आ रहा है लेकिन दुर्भाग्य से सर पर आई बला को टालने के ही प्रयास होते ज्यादा दिख रहे हैं|अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने १० लाख #की सहायता की घोषणा की है तो भारत के सासंदों ने सर्वसम्माप्ति से एक माह का वेतन देने की घोषणा की है तो दैनिक सवेरा के पत्रकारों ने भी २ करोड़ की राशि का योगदान दिया|धार्मिक नेता भी आगे आ रहे हैं |मोरारी बापू ने ५१ लाख रुपयों का दानकिया है |पी एम नरेंद्र मोदी ने एक माह का वेतन देने की घोषणा कर दी है |कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी+सपा के मुलायम सिंह यादव ने भी इस योगदान के प्रति सहमति जताई है |
केंद्र और राज्य सरकारें भी पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रही हैं राष्ट्रीय आपदा कोष [PMNRF]से मरने वालों के लिए छह लाख [४+२]रुपये और घायलों के लिए ५० हजार दिए जाने की बात कही गई है |इन राहत कार्यों से किसी को कोई इंकार नहीं है इसके पीछे छुपी परोपकार की भावना से भी कोई इंकार है लेकिन समस्या का फौरी इलाज ही होता दिख रहा है |कुकुरमुत्तों से उग रहे कंक्रीट के जंगल+अनियमित सघन कालोनियां भूकम्प के झटके झेलने को सक्षम नहीं हैं|यहाँ तक के नई कालोनियां के मात्र दावे ही नजर आ रहे हैं |पुराने जर्जर भवनों के पुनर्द्धारकी योजनाओं से हर कोई बचता फिर रहा है |अनियमित+असुरक्षित+गैर कानूनी कालोनियों के वैकल्पिक व्यवस्था के बजाय मात्र उन्हें रेगुलराइस करने की राजनीती ही परवान चढ़ती जा रही है|
ऐसा नहीं की समाज इस सत्य से +समस्या से अनजान है शायद इसीलिए अब आरटीआई के सहारे व्यवस्थापकों को कटघरे में खड़ा किया जाने लगा है
सूचना प्राप्ति कानून के अंतर्गत रु.१०/- का पोस्टल आर्डर भेज कर जवाब माँगा जाने लगा है|आर टी आई एक्टिविस्ट ग्रुप ट्रैप ने भी यूं पी के मुख्य मंत्री से डिस्ट्रिक्ट डिसास्टर मैनेजमेंट प्लान की जानकारी मांगी है |एक्टिविस्ट खेमानी ने प्रदेश सरकार से पुछा है कि खेमानी के अनुसार केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में (DDMP)बनाने के निर्देश सन २०१४ में प्रदान किये गए थे एवम इस मद में केन्द्रीय सरकार करोडो रुपयों का फंड राज्य सरकारों को प्रदान करती है चूँकि यह हमारी स्वतंत्रता एवम जीवन से सम्बंधित है सूचना कानून की धारा ७ (१) के अनुसार ४८ घंटे में सूचना प्रदान करने का आग्रह किया गया है इनमे से कुछ निम्न हैं
१] डिस्ट्रिक्ट डिसास्टर मैनेजमेंट प्लान (DDMP) के अंतर्गत जिले में आवंटित एवम प्राप्त रकम की राशि सन २०१३, २०१४ एवम २०१५ प्रदान करे
२] डिस्ट्रिक्ट डिसास्टर मैनेजमेंट प्लान (DDMP) के अंतर्गत जिले में प्रशिक्षण दिए गए सभी व्यक्तियों की सूचि, उनके विभाग सहित प्रदान करे|
यहाँ यह बतलाना भी जरूरी है कि हरियाणा के बहुचर्तित वरिष्ठ आई ऐ एस अधिकारी अशोक खेमका ने भी ट्वीट करके व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की हैश्री खेमका ने नेशनल कैपिटल रीजन [एन सीआर ]में भूकम्प रोधी बिल्डिंग्स निर्माण को कानूनी जरूरत बनाये जाने और भूकम्प को पूर्व सूचना पर शोध को जरूरी बताया है