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किंग फिशर ने तीन महीने के वेतन का चारा लगा कर एयर लाइन्स के हड़ताली कर्मियों को लुभाया

किंग फिशर एयर लाइन्स के मालिक विजय माल्या है| जैसा कंपनी के नाम से दिखाई देता है इन्हें फिशिंग [मच्छी पकड़ना]का शौक जरूर होगा|जहाँ तक मेरी जानकारी है विकसित देशों में रिटायर्ड लोग फिशिंग में समय व्यतीत करते हैं लेकिन माल्या साहब अभी रिटायर नहीं हुए हैं फिर भी फिशिंग से एयर लाइन्स के संकट से उबरना चाहते हैं| शायद इसीलिए विजय माल्या ने हडताली लगभग ४००० स्टाफ को एक महीने का वेतन का चारा डाल कर अपने जल में फांसने क प्रयत्न किया है| हड़ताली स्टाफ से हुई आज की मीटिंग में कम्पनी ने दिवाली तक तीन महीने का वेतन चुकाने का आश्वासन दे दिया है इसमें से एक महीने का वेतन २४ घंटों में दे दिया जाएगा| कंपनी के पास पहले ६६ विमान थे और ६००० कर्मचारी थे अब मात्र सिर्फ 10 विमान परिचालन की स्थिति में हैं और कर्मिओं की संख्या ४००० बताई जा रही है| |इनमे से भी अनेक विमानों की हालत उडान के लायक नहीं समझी जा रही|

वेतन संकट

शुरू में ६००० के स्टाफ को 58 करोड़ का वेतन प्रति माह दिया जाना था| गौरतलब है कि इससे पूर्व भी इसी प्रकार का चारा लगा कर कांटा डाला गया था मगर असलियत का पता चलते ही कर्मियों ने फिर से हड़ताल कर दी|अभी तक लगभग ४००० कर्मिओं को पिछले ७ महीने से वेतन नहीं मिला है|

किंग फिशर ने तीन महीने के वेतन का चारा लगा कर हड़ताली कर्मियों को लुभाया

पूर्व में भी वित्तीय संकट के चलते अगस्त २०११ और फिर अक्टूबर से जनवरी २०१२ के वेतन संवितरण में परेशानी हुई|

वित्तीय स्थिति

भारतीय स्टेट बैंक सहित कुल 17 बैंकों के समूह का एयरलाइन पर 7,000 करोड़ रुपए का बकाया है। ८० करोड़ रुपयों के लेनदार फेडरल बैंक ने गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) में पूरा प्रावधान कर दिया।किंगफिशर एयरलाइंस पर 8,000 करोड़ रुपए के नुकसान और 7,524 करोड़ रुपए के ऋण का बोझ है। स्टेट बैंक कि अध्यक्षता वाली 17 बैंकरों के कंसोर्टियम ने किंगफिशर एयरलाइंस की उपर्युक्त प्रॉपर्टी के मूल्यांकन का काम एचडीएफसी सिक्योरिटीज को सौंपा है। लायसेंस निरस्त होने पर जहां कंपनी के शेयर गिरे वहीं बैंकर्स ने भी चिंता व्यक्त करने शुरू कर दी है| कर्ज़ देने वाले बैंक मुख्यत निम्न हैं
स्टेट बैंक आफ इंडिया=बैंक आफ बड़ोदा +पी एन बी+ आई डी बी आई+सेन्ट्रल बैंक+बी ओ आई+ कारपोरेशन बैंक+ आदि

प्रोपर्टी कीनिलामी

विजय माल्या की इस संकटग्रस्त एयरलाइन के कर्जदाताओं ने गुरुवार को यह संकेत दिया कि वे किंगफिशर की मुंबई और गोवा स्थित प्रॉपर्टी को बेच सकते हैं। इन प्रॉपर्टी की बिक्री से किंगफिशर एयरलाइंस के कर्जदाताओं को 120 करोड़ रुपये मिलेंगे। हालांकि, किंगफिशर एयरलाइंस पर 7500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का कर्ज बोझ है। ऐसे में प्रोपर्टी को बीच कर बामुश्किल लगभग २०% कर्ज़ की ही अदायगी हो पायेगी|
किंगफिशर का कहना है कि उसने खुद कुछ माह पहले अंधेरी+गोवा की प्रॉपर्टी बैंकों को बेचने की पेशकश की थी। इन दोनों प्रॉपर्टी मे मुंबई स्थित ‘द किंगफिशर हाउस’ और गोवा स्थित एक विल्ला शामिल हैं।
अब सवाल यह उठता है कि सी बी डी टी +डी जी सी ऐ +स्टाफ +पेमेंट आफ ऐ टी ऍफ़ +लीज+एयर पोर्ट फीस के पेमेंट करने लायक स्थिति तभी हो सकती है जब कोई विदेशी निवेशक का कंपनी के प्रति इंटरेस्ट जगे और तभी सिविल एविएशन मंत्रालय उड़ान की आज्ञा भी देगा| लेकिन अभी किंग फिशर के लिए ये सब मुमकिन नहीं दिख रहा यहाँ तक कि विजय माल्या भी अपनी दूसरी कंपनियों से इस क्रैश हुई रखी एयर लाइंस को बैल आउट देने कोई रूचि नहीं दिखा रहे |इस अवसर मुझे एक पुराना किस्सा याद आता हैएक नवाब साहब सैर के लिए निकले थोड़ी दूर ही गए थे कि पीछे से एक सेवक आया और चिल्लाने लगा नवाब साहब जल्दी चलिए घर में आग लग गई है|इस पर नवाब साहब ने अपने छडी घुमाते हुए कहा कि एक मकान के लिए हम अपनी जीवन भर की चाल नहीं बदल सकते सो खरामा खरामा घर की तरफ चल दिए

Comments

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