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धूप में फ्रूट को सुखा रहा हूँ ड्राई कर रहा हूँ फिर खा रहा हूँ क्या गलत कर रहा हूँ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक मितर प्यारा

ओये झल्लेया तेरी मति मारी गई है |इतनी कड़क धूप में पसीनो पसीन हो रखा है और ऊपर से तू झल्लों की तरह बादाम + काजू तोड़े जा रहा है| सेव +अनार+मौसमी छिले जा रहा है|ये काम तो तू छावं में भी कर सकता है|

धूप में फ्रूट को सुखा रहा हूँ ड्राई कर रहा हूँ फिर खा रहा हूँ |क्या गलत कर रहा हूँ

झल्ला

आ यारा आजा बैठ जा|दरअसल पिछले एक हफ्ते से मुझे जुखाम शुकाम ने जकड़ा हुआ है| नुक्कड़ के हकीम ताराचंद जी ने कहा है की दवा शवा के चक्कर में मत पड़ो
बस ड्राई फ्रूट खाओ|इसीलिए यारा ये सब घरैड है|पहले धूप में फ्रूट को सुखा रहा हूँ ड्राई कर रहा हूँ फिर खा रहा हूँ |क्या गलत कर रहा हूँ ???