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पी एम् की राहुल गाँधी के प्रति निष्ठा के प्रदर्शन से भारतीय राजनीती तो वास्तव में जलेबी की तरह ही गोल होती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बुद्धि जीवी

ओये झल्लेया हसाड़े सोने देश ये में कौन सी भेडी हवा बहने लग गई है?| पहले राहुल गाँधी ने कहा कि वोह प्रधान मंत्री की रेस में शामिल नहीं है फिर सर्वाधिक चर्चित नरेंदर मोदी ने भी हाथ खड़े करके कह दिया कि २०१७ तक उन्हें गुजरात की सेवा करनी है|यहाँ तक तो ठीक था मगर आज प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने रूस से लौटते समय अपने स्पेशल प्लेन से स्वयम कह दिया है कि अपनी पार्टी के युवा नेता राहुल गाँधी के न्रेतत्व में उनकी पूर्ण निष्ठा है और राहुल गाँधी के न्रेतत्व में काम करके उन्हें ख़ुशी होगी|ओये हुन हसाड़े मुल्क का क्या होगा?क्या राहुल गाँधी जैसे ही प्रधान मंत्री के पद पर थोपे जाते रहेंगे ?

झल्ला

सर जी हसाड़े पी एम् की राहुल गाँधी के प्रति निष्ठा के प्रदर्शन से भारतीय राजनीती तो वास्तव में जलेबी की तरह ही गोल होती जा रही है|अब इससे ,माफ़ करना,सामाजिक मधुमेह तो होवे ही होवे |

डॉ मनमोहन सिंह ने स्वयम को खुली किताब बताया और राहुल गाँधी के प्रति निष्ठां व्यक्त की

: प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज कहा, ‘‘मैं एक खुली किताब हूं’’और संसद से कुछ भी छुपाने की उनकी कोई इच्छा नहीं है | उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने किसी को भी उनके आचरण पर गौर करने से रोका नहीं है।
डॉ सिंह ने यह बात रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में जी.20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश वापसी के दौरान एयर इंडिया के अपने विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत में कही।
पी एम् ने राहुल गाँधी के प्रति निष्ठां व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे राहुल गाँधी के न्रेतत्व में काम करके बहुत खुशी मिलेगी:
सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल अगले लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए ‘सबसे उपयुक्त व्यक्ति’ होंगे।रूस में आठवें जी 20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज स्वदेश के लिए रवाना हो गए।इस सम्मेलन के दौरान उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से उभरते हुए बाजारों में मजबूत विकास को बहाल करने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाने को कहा है ।

२ दिवसीय बालीबाल प्रतियोगिता में डी ऐ वी ने सरधना के द्रौण इंटर कालेज को २५-१२ से हराया

राधा गोबिंद इंजीनियरिंग कालेज में आयोजित २ दिवसीय बालीबाल प्रतियोगिता में आज डी ऐ वी ने सरधना के द्रौण इंटर कालेज को २५-१२ से उद्घाटन मैचमें हराया| १५ टीमो वाली इस प्रतियोगिता का उद्घाटन चेयर मैन योगेश त्यागी ने बाल की सर्विस करके किया| मेरठ बार एसोशियेशन के पूर्व अध्यक्ष अजय त्यागी+एच आर सिंह+राजेश तिवारी+डॉ सिम्मी+डॉ अमित शर्मा+मोहित शर्मा+अतुल शर्मा स्याल आदि उपस्थित थे|

Dr Man mohan singh Sung The Syrian Song Of Lyricist Russian President Vladimir Putin

Dr Man mohan singh Sung The Syrian Song Of Lyricist Russian President Vladimir Putin , Indian Prime minister Dr Man Mohan Singh Said Any action in Syria should be under UN framework.America President Barack Obama has differnt view and seeking support for attack on Syria.
In St Petersburg PM said that whatever action is required in Syria should be under UN framework, amid growing pressure on US Prez Barack Obama from his Russian counterpart & other world leaders not to attack Arab country.
Syrian issue dominated long dinner meeting of G20 leaders including Obama last night hosted by Russian Prez Vladimir Putin at end of 1st day”s deliberations during which Singh made this intervention.
It Shows that India is not in favour of armed action for regime change in Syria And Indian P M also condemed the use of chemical weapons in Syria.

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 3 विधान सभाओं के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की

आम आदमी पार्टी ने आज 3 विधानसभा (रोहिणी, देवली और कालकाजी) के प्रत्याशियों की घोषणा कर रही है. आम आदमी पार्टी नवम्बर में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में रोहिणी से आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश गर्ग, कालकाजी से गुरुवाणी का पाठ करने वाले और ऑटो चालक भाग सिंह तथा देवली से 25 साल के पोस्ट ग्रेजुएट युवा प्रकाश झरवाल को मैदान में उतारेगी.
[1]कालकाजी के उम्मेदवार भाग सिंह दिल्ली में ऑटो चलाते हैं. इनकी पहचान गुरुवाणी गाने वाले सरदारजी की है इन्होने संघर्ष का जीवन देखा है. पंजाब से दिल्ली आने के बाद उन्होंने घरों में घास छीलने का काम करते हुए स्नातक तक पढ़ाई पूरी की. नौकरी नहीं मिल सकी तो जीवनयापन के लिए ऑटो चलाना शुरू किया. जनलोकपाल आंदोलन में अपनी उपस्थिति नियमित तौर पर दर्ज कराते रहे लेकिन दामिनी आंदोलन के पुलिसिया बर्बरता से उनके मन को झकझोरा और व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष में पूरी तरह से जुड़ गए.
[२]देवली से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रकाश झरवाल एक मल्टीनेशनल कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर रह चुके है. 25 साल के प्रकाश छात्र जीवन से ही जागरूकता अभियान चलाते रहे हैं. अपने क्षेत्र में रहने वाले ऐसे लोग जो सरकारी योजनाओं के लाभ से सिर्फ इसलिए वंचित रह जाते हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं, ऐसे लोगों की मदद करना प्रकाश का स्कूली जीवन से ही एक जुनून रहा है. जनलोकपाल आंदोलन में एक वॉलेंटियर की तरह कार्य किया और पार्टी के गठन के बाद भी लगातार सक्रिय रहे हैं.
[३]रोहिणी से “आप” उम्मीदवार राजेश गर्ग की छवि एक ऐसे आरटीआई कार्यकर्ता की है जो आम लोगों से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाते हैं. आम जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के कारण उनके खिलाफ कई मुकदमे दायर कर दिए गए आम आदमी पार्टी से जुड़ने से पहले राजेश कांग्रेस के साथ थे.
इन 3 सीटो के प्रत्याशियो के साथ, आम आदमी पार्टी अभी तक कुल 45 सीटों पर अपने उम्मेदवारो की घोषणा कर चुकी है. हाल ही में किये गए स्वतन्त्र सर्वेक्षणों के अनुसार “आप” इस बार कांग्रेस और बीजेपी को जमकर टक्कर देगी. आम आदमी पार्टी द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार इस बार दिल्ली में “आप” पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है.

रेहड़ी-पटरी वालों के अर्थ व्यवस्था में योगदान को महत्व देते हुए लोकसभा ने इन्हें भय प्रताड़ना से बचाने के लिए स्‍ट्रीट वेंडर्स विधेयक 2012 पारित किया

रेहड़ी-पटरी वालों के अर्थ व्यवस्था में योगदान को महत्व देते हुए लोकसभा ने इन्हें भय प्रताड़ना से बचाने के लिए स्‍ट्रीट वेंडर्स विधेयक 2012 पारित किया
लोकसभा ने आज स्‍ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्‍ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक 2012 पारित कर दिया। विधेयक में स्‍ट्रीट वेंडरों के जीविका अधिकार, उनकी सामाजिक सुरक्षा, देश में शहरी स्‍ट्रीट वेंडिंग का विनियमन तथा इनसे जुड़े मामलों का प्रावधान है।
आवास तथा शहरी उपशमन मंत्री डॉक्‍टर गिरिजा व्‍यास ने सदन के विचार के लिए विधेयक प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि स्‍ट्रीट वेंडर्स शहरी अर्थव्‍यवस्‍था के प्रमुख अंग होते हैं। यह न केवल स्‍व-रोजगार का साधन है बल्कि शहरी आबादी को विशेषकर आम आदमी को वहन करने योग्‍य लागत तथा सुविधा के साथ सेवा देना भी है। स्‍ट्रीट वेंडर्स वो लोग होते हैं जो औपचारिक क्षेत्र में नियमित काम नहीं पा सकते क्‍योंकि उनका शिक्षा और कौशल का स्‍तर बहुत ही कम होता है। वे अपनी जीविका की समस्‍या मामूली वित्‍तीय संसाधन और परिश्रम से दूर करते हैं।
शहरीकरण और शहरी क्षेत्र में हुए विकास के कारण स्‍ट्रीट वेंडरों की आबादी बढ़ सकती है।
डॉक्‍टर व्‍यास ने कहा कि यह महत्‍वपूर्ण है कि वेंडरों को जीवनयापन के लिए अच्‍छा और प्रताड़ना रहित माहौल उपलब्‍ध कराया जाए। 11वीं और 12वी पंचवर्षीय योजना में समावेशी विकास रणनीति के तहत स्‍ट्रीट वेंडरों के आर्थिक विकास की परिकल्‍पना की गयी है।
स्‍ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्‍ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक 2012 की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं –
विधेयक के प्रावधानों का उद्देश्‍य स्‍ट्रीट वेंडरों को उचित और पारदर्शी माहौल में बिना किसी भय प्रताड़ना के कारोबार करने का माहौल तैयार करना है।
1. विधेयक में प्रत्‍येक स्‍थानीय क्षेत्र में शहरी वेंडिंग प्राधिकार के गठन का प्रावधान है। यह बिल के प्रावधानों को लागू करने की धुरी है।
2. स्‍ट्रीट वेंडिंग से जुड़ी गतिविधियों जैसे बाजार का निर्धारण, वेंडिंग क्षेत्र की पहचान, स्‍ट्रीट वेंडिंग योजना की तैयारी तथा स्‍ट्रीट वेंडरों के सर्वेक्षण में भागीदारी पूर्वक निर्णय लेने के लिए टाउन वेंर्डिंग कमेटी (टीवीसी) में अधिकारियों, गैर-अधिकारियों, महिला वेंडर सहित वेंडरों के प्रतिनिधित्‍व की आवश्‍यकता है, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्‍य पिछड़े वर्ग तथा अशक्‍त लोगों का प्रतिनिधित्‍व हो। विधेयक में यह व्‍यवस्‍था है कि टीवीसी के 40 प्रतिशत सदस्‍य चुनाव के जरिए स्‍ट्रीट वेंडरों में से ही होंगे। इनमें से एक तिहाई महिलाएं हों।
3. बिल में सभी वर्तमान स्‍ट्रीट वेंडरों के सर्वेक्षण और प्रत्‍येक पांच वर्ष में पुनर्सर्वेक्षण की व्‍यवस्‍था है, जिसमें सर्वे में चिह्नित स्‍ट्रीट वेंडरों को प्रमाणपत्र जारी करना शामिल है। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्‍य पिछड़े वर्ग तथा अशक्‍त लोगों की प्राथमिकता की बात भी है।
4. सर्वे में चिह्नित सभी वर्तमान स्‍ट्रीट वेंडरों को वेंडिंग क्षेत्र में शामिल किए जाएंगे, शर्त यह है कि वार्ड या क्षेत्र या शहर की आबादी का 2.5 प्रतिशत वेंडिंग जोन हो।
5. वेंडिंग जोन की क्षमता से अधिक जहां चिह्नित स्‍ट्रीट वेंडर्स हैं वहां टीवीसी लॉटरी निकालकर उस वेंडिंग जोन के लिए प्रमाणपत्र जारी करेगी। शेष बचे लोगों को पड़ोस के वेंडिंग जोन में समायोजित किया जाएगा।
6. इस कानून के प्रभाव में आने के पहले जिन्‍हें वेंडिंग सर्टिफिकेट/लाइसेंस जारी किए गए हैं वे सर्टिफिकेट में दर्ज अवधि तक उस श्रेणी के स्‍ट्रीट वेंडर माने जाएंगे।
7. बिल में यह व्‍यवस्‍था है कि सर्वे पूरा होने तथा स्‍ट्रीट वेंडरों को सर्टिफिकेट जारी होने तक किसी भी स्‍ट्रीट वेंडर को उस स्‍थान से हटाया नहीं जाएगा।
8. यदि किसी रेहड़ी पटरी और खोमचे वाले को प्रमाणपत्र जारी किया गया है और उसका निधन हो जाता है या वह बीमार है या वह स्‍थाई रूप से अशक्‍त हो जाता है तो उसके परिवार के सदस्‍य यानी उसकी पत्‍नी या निर्भर बच्‍चे को रेहड़ी पटरी और खोमचे चलाने का अधिकार होगा। यह अधिकार तब तक होगा जब तक प्रमाणपत्र की वैधता है।
9. इस तरह विधेयक में रेहड़ी पटरी और खोमचे वालों को परेशानी से सुरक्षित रखने तथा उसकी जीविका को बढ़ावा देने का उपाय कर सबको शामिल किया गया है।
10. विधेयक में स्‍थान बदलने, स्‍थान से हटाने और सामान की जब्‍ती को निर्दिष्‍ट किया गया है और यह रेहड़ी पटरी और खोमचे वालों के लिए सुलभ है। स्‍थानीय अधिकारियों द्वारा रेहड़ी पटरी और खोमचे वाले को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर भेजने के मामले में टीवीसी की सिफारिश का प्रावधान है।
11. रेहडी-पटरी वालों का स्‍थान में परिवर्तन अंतिम उपाय के रूप में होगा। इसी तरह रेहडी-पटरी वालों को एक स्‍थान से हटाकर दूसरे स्‍थान पर ले जाने के मामले में विधेयक की दूसरी अनुसूची में व्‍यवस्‍था है। इस व्‍यवस्‍था के तहत कहा गया है कि विस्‍थापन जहां तक संभव हो टाला जाना चाहिए, विस्‍थापन के काम को लागू करने में रेहडी-पटरी वालो तथा उनके प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए, उनका विस्‍थापन इस तरह किया जाना चाहिए ताकि वे अपनी आजीविका और जीवन स्‍तर को सुधार सकें और पहली जगह के बराबर वास्‍तव में काम-काज कर सकें। जिस बाजार में रेहडी-पटरी वाले 50 वर्ष से ऊपर अपना कारोबार कर रहे हैं उस बाजार को विरासत बाजार घोषित किया जाना चाहिए और इन बाजारों के रेहडी-पटरी विस्‍थापित नहीं किया जाना चाहिए।
12) जरूरत है कि टीवीसी की सिफारिश पर शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए पर्याप्त जगह और अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अधिकारी 5 सालों में एक बार योजना बनाएं ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें. यह खास तौर से इस बात का प्रावधान करता है कि नो-वेंडर क्षेत्र की घोषणा खास नियमों के आधार पर की जाए, जैसे – सर्वेक्षण के तहत चिन्हित् कोई मौजूदा प्राकृतिक बाजार, या मौजूदा सामान्य बाजार को नो-वेंडिग जोन घोषित नहीं किया जाएगाः नो वेंडिगं जोन इस तरह से बनाया जाएगा जिससे कम से कम संख्या में स्ट्रीट वेंडरों को विस्थापित किया जाए- नो वेंडिंग जोन की घोषणा तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि सर्वेक्षण नहीं किया जाए. इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि यह विधेयक स्ट्रीट वेंडरों के हितों की पर्याप्त सुरक्षा करता है.
13)विधेयक का जोर ‘प्राकृतिक बाजार’ पर है जिसे विधेयक के भीतर परिभाषित किया गया है. विधेयक में प्रावधान है कि पूरी योजना इस बात को सुनिश्चित करे कि स्ट्रीट वेंडर के लिए जगह या क्षेत्र की व्यवस्था उचित हो और प्राकृतिक बाजार के स्वभाव के अनुरुप हो. इस तरह, प्राकृतिक स्थान, जहां खरीददार और दूकानदार का निरंतर मिलना होता है, उसे विधेयक में संरक्षित किया गया है.
14) विधेयक में स्ट्रीट वेंडर की शिकायतों को दूर करने के दिशा में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सेवानिवृत न्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विवाद निवारण तंत्र की स्थापना का प्रावधान है.
15) यह विधेयक जब्त की गई विनाशशील और गैरविनाशशील वस्तुओं को छुड़ाने के लिए निश्चित समय अवधि प्रदान करती है. विनाशशील वस्तुओं के मामले में, स्थानीय अधिकारी को दो कामकाजी दिनों में माल को छोड़ना होगा और नष्ट होने वाली वस्तुओं के मामले में उसी दिन उस माल को छोड़ना होगा, जिस दिन दावा किया गया है.
16) इस विधेयक में स्ट्रीट वेंडरों के लिए सरकार द्वारा किए जाने वासे रहे प्रोत्साहन उपायों, कर्जे की उपलब्धता, बीमा और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अन्य कल्याणकारी योजनाओं, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया है.
17) विधेयक की धारा 29 स्ट्रीट वेंडरों के पुलिस और अन्य अधिकारियों के उत्पीड़न से संरक्षण प्रदान करती है और यह अधिभावी धारा का प्रावधान करती है जो सुनिश्चित करता है कि वे किसी अन्य कानून के तहत भी बिना किसी उत्पीड़न के भय से अपना काम करें.
18) यह विधेयक विशेष तौर से इस बात का प्रावधान करता है कि विधेयक के तहत नियमों को इसके प्रारंभ होने के एक वर्ष के भीतर अधिसूचित किया जाना जरूरी होगा. और योजना के कार्यान्वयन में देरी को रोकने के लिए इसके प्रारंभ होने के छह महीने के भीतर अधिसूचित करना होगा.
विधेयक का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है ताकि वे अपना काम गरिमा के साथ कर सके. यह विधेयक लगभग एक करोड़ परिवारों को आजीविका की सुरक्षा देने के उद्देश्य से तैयार किया है.
आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई पृष्ठभूमि इस प्रकार है:
ग्रामीण समाज में रेहड़ी-पटरी वालों के महत्वपूर्ण योगदान के मद्देनजर तथा उन्हें जनता को कोई बाधा पहुंचाए बिना तथा कानून के समक्ष नागरिकों को बराबरी एवं कोई भी कारोबार करने के अधिकार के बारे में भारत के संविधान की भावना के अनुसार सम्मानित कार्य के लिए माहौल बनाने के जरिए सम्मानित आजीविका कमाने में समर्थ बनाने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय शहरी रेहड़ी-पटरी विक्रेता नीति, 2004 संशोधित की है तथा राष्ट्रीय शहरी रेहड़ी-पटरी विक्रेता नीति, 2009 बनाई है।
23 फरवरी, 2009 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद कार्यान्वयन के लिए संशोधित नीति सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रसारित की गई। संशोधित नीति में बिना किसी शोषण के ईमानदारी से जीवन जीने में रेहड़ी-पटरी वालों को समर्थ बनाने के लिए कानूनी ढांचे की जरूरत रेखांकित की गई थी। तदनुसार भारत सरकार ने मॉडल रेहड़ी-पटरी विक्रेता (आजीविका का संरक्षण रेहड़ी-पटरी विक्रय का नियमन) विधेयक, 2009 तैयार किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 फरवरी, 2009 को इस मॉडल विधेयक को मंजूरी दी और इस विषय पर विचार जानने के लिए सभी राज्यों को प्रसारित किया गया।
आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय को केंद्रीय कानून बनाने के लिए रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं और उनके संगठनों से निरंतर अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो। इसलिए रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के योगदान को राष्ट्रीय मान्यता देने के लिए तथा सभी राज्यों में रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के लिए कानूनी ढांचे में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए रेहड़ी-पटरी विक्रय के लिए केंद्रीय कानून बनाने की आवश्कता समझी गई।
रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के लिए राष्ट्रीय नीति और कानून बनाने की जरूरत पर 4 से 5 मार्च, 2011 को पटना में क्षेत्रीय विचार-विमर्श का अयोजन किया गया। इसी सिलसिले में 24 सितंबर, 2011 को मुंबई में और 18 नवंबर, 2011 को दिल्ली में विचार-विमर्श किया गया। इनमें राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों, स्वयं सेवी संगठनों, सिविल सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की एसोसिएशन के सदस्य शामिल हुए।
23 दिसंबर, 2011 को दिल्ली में राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया गया ताकि विभिन्न हितधारकों और रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के संगठनों के प्रतिनिधियों के विचार और दृष्टिकोण एवं सुझावों की जानकारी हो सके। तदनुसार नया कानून बनाने के लिए रेहड़ी-पटरी विक्रेता (आजीविका का संरक्षण तथा रेहड़ी-पटरी विक्रय का नियमन) विधेयक, 2012 तैयार किया गया। यह विधेयक देश में आजीविका अधिकारों की सुरक्षा, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की सामाजिक सुरक्षा, शहरी रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के नियमन और उनसे संबंधित मामलों के बारे में सुरक्षा उपलब्ध कराता है। विधेयक का मसौदा 29.02.2012 को टिप्पणियों के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रसारित किया गया। 28 अप्रैल, 2012 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आवास/ग्रामीण विकास मंत्रालयों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इस पर विचार-विमर्श किया गया और इसे व्यापक समर्थन मिला।
रेहड़ी-पटरी विक्रेता (आजीविका का संरक्षण तथा रेहड़ी-पटरी विक्रय का नियमन) विधेयक, 2012 को 17 अगस्त, 2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी तथा 6 सितंबर, 2012 को इसे लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक 10 सितंबर, 2012 को ग्रामीण विकास संबंधी स्थायी समिति को भेज दिया गया। समिति ने यह विधेयक अपनी 23वीं रिपोर्ट के साथ लोक सभा को भेज दिया। 13 मार्च, 2013 को इसे राज्य सभा में पटल पर रखा गया। स्थायी समिति ने इस विधेयक में 26 सिफारिशें की। मंत्रालय ने उन सिफारिशों पर विचार किया और 17 सिफारिशें पूरी तरह स्वीकार कर ली, 3 सिफारिशें आंशिक रूप से या संशोधन के साथ स्वीकार की गईं तथा 6 सिफारिशें स्वीकार नहीं करने का प्रस्ताव है।

सितारा होटलों द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली निशुल्क सुविधाओं को होटल की वैबसाइट पर भी अपलोड करना होगा

स्टार होटल्स द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली निशुल्क सुविधाओं को होटल की वैबसाइट पर भी अपलोड करना होगा |
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए होटल सेवाओं को ग्राहक केंद्रित बनाने के लिए होटल वर्गीकरण/पुनर्वर्गीकरण दिशानिर्देशों में संशोधन किये गए|
होटल सेवाओं को ग्राहक केंद्रित बनाने के लिए होटल वर्गीकरण/पुनर्वर्गीकरण दिशानिर्देशों में संशोधनों को पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. के. चिरंजीवी ने मंजूरी दे दी है। पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार उद्योग से सुझाव प्राप्त होने के बाद इन दिशानिर्देशों को यह मंजूरी दी गई है।
डॉ. के. चिरंजीवी के अनुसार दिशा निर्देशों में संशोधन का उद्देश्य होटलों में उच्च स्तर की सेवाएं उपलब्ध कराना तथा आगमन पर या उससे पहले वहां ग्राहक के अधिकारों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना भी है।
पर्यटन मंत्री ने आशा प्रकट की कि संशोधित दिशा निर्देशों से होटलों को ग्राहकों के अधिक अनुकूल और आतिथ्य सत्कार से भरपूर बनाया जा सकेगा। संशोधित दिशानिर्देशों में से मुख्य निम्न हैं हैं:-
[१]सभी स्टार होटलों को अपनी वैबसाइट पर पूरक आधार पर उपलब्ध सुविधाएं शीर्ष के तहत और मेहमानों को पूरक नाश्ते (भारतीय नाश्ता, कंटीनेंटल ब्रेकफास्ट या अमरीकी ब्रेकफास्ट जैसे वर्गीकरण का संकेत करते हुए), आयरन और आयरन बोर्ड सुविधा, शू पॉलिश सुविधा, शू हॉर्न और स्लिपर्स, डेंटल किट, शेविंग किट इत्यादि जैसी निशुल्क सुविधाओं के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए।
[२] यदि कोई सुविधा सिर्फ अनुरोध पर उपलब्ध कराई जाती है लेकिन कमरे के किराए में शामिल की जाती है तो पूरक आधार पर उपलब्ध सुविधाओं के शीर्ष के तहत होटल की वैबसाइट पर भी उसका उल्लेख करना चाहिए।
[३]सभी स्टार होटल पोस्ट-टॉयलट-पेपर हाइजीन सुविधाओं के आधार पर वाटर स्प्रे या वॉशलेट या अन्य आधुनिक पानी आधारित सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। यह शर्त सभी नए होटलों पर लागू होगी जो 1.4.2016 से पहले शुरू हो जाएंगे।

India & Japan Have Come Closure for Promotion Of stable and long term capital inflows

India & Japan Have Come Closure for promoting stable and long term capital inflows
India And Japan Both jointly have decided to expand bilateral currency swap arrangement from 15 to 50 billion US dollars.
In a Joint Press Statement Following Clauses Of This Agreement are Circulated:
(1) The two Governments decided to expand the current bilateral currency swap arrangement from 15 to 50 billion US dollars. The two Governments expect that this will contribute to the stability of global financial markets including emerging economies.
(2). The two Governments also reiterated the importance of continued reforms in financial and investment sectors for promoting stable and long term capital inflows into India.
(3) The two Governments believe that these policy measures will strengthen the bilateral financial cooperation between Japan and India.
Photo Caption
The Prime Minister, Dr Manmohan Singh meeting the Deputy Prime Minister and Minister of Finance, Japan, Mr. Taro Aso, on the side lines of the G-20 Summit, in St Petersburg, Russia on September 06, 2013

Income Tax Surveyors detected Hidden Income of Rs. 118 Crores From 4 leading Builder and Developer in Jaipur

Income Tax [IT] Surveyors has detected Undisclosed Income of Rs. 118 Crores in Jaipur.
A Survey action was conducted by the Income Tax Department at Jaipur on 03.09.2013 in the case of a leading Builder and Developer of Jaipur which resulted in the detection of the additional income of Rs. 95.14 crores.
The assessee not only admitted the said additional income but also furnished the post dated cheques of Rs. 39.21 crores towards his additional tax liability. Surprisingly no advance tax installment was paid by the said assessee in June, 2013.
Incriminating documents were impounded during the survey evidencing unaccounted receipts on sale of flats/offices, unaccounted payments for purchase of flats,+development expenses and other unaccounted cash transactions.
3 other survey actions at Jaipur in the cases of persons engaged in the real estate business resulted in further disclosure of additional income of Rs. 23 crores. In these cases also, the assessees have given post dated cheques for income tax payments towards their admitted tax liability.

उत्तराखंड में आई त्रासदी से क्षतिग्रस्त हुए श्री केदारनाथ मंदिर का भारतीय पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण और सरंक्षण करेगा

उत्तराखंड में आई त्रासदी से क्षतिग्रस्त हुए श्री केदारनाथ मंदिर का भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा|
केंद्रीय संस्कृत्ति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने आज मीडिया को यह जानकारी उपलब्ध कराई|उन्होंने बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हो रही अन्तर-मंत्रालय समूह (आईएमजी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है जिसके अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग क्षतिग्रस्त हुए श्री केदारनाथ मंदिर का सरंक्षण करेगा| इसलिए, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और भारतीय इंजीनियरिंग परियोजना लिमिटेड (ईपीआईएल) के सदस्यों की एक संयुक्त टीम ने मंदिर और इसके आस-पास के इलाके को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए 02-03 अगस्त के बीच केदारनाथ का दौरा किया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट इस बात की ओर संकेत करती है कि मंदिर की संपूर्ण बाह्य संरचना को संरक्षित करने की खास जरूरत है जबकि मंदिर के उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी हिस्से पर बाढ़ और शिलाखण्ड के गंभीर झटकों का असर हल्का हुआ है। उत्तरी हिस्से में किसी बड़े शिलाखण्ड के आकर टिक जाने के कारण पानी और पत्थर मंदिर के ढांचे को क्षतिग्रस्त नहीं कर सके और संभवतः इसी कारण मंदिर प्रत्यक्ष रूप से क्षतिग्रस्त होने से बच गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने राज्य सरकार, केदारनाथ विकास प्राधिकरण और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के परामर्श से श्री केदारनाथ मंदिर के संरक्षण का काम शुरू करने के लिए अपनी टीम भेजी है। एएसआई को सलाह दी गई है कि वह पहले चरण के लिए 9 सितंबर तक अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करे, और 11 सितंबर के बाद ही, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की केदारनाथ यात्रा संपन्न होने पर, संरक्षण का काम शुरू करे। शुरूआत में इस काम में मंदिर के भीतरी हिस्से की सफाई, बिखरे पत्थरों की पैकिंग और मंदिर के भीतरी शिलालेख का जायजा लेने का काम शामिल होगा।