रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा:डॉलर के मुकाबिले ६५ से भी नीचे गिरा
रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा | गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही भारी गिरावट के साथ भारतीय रुपया डॉलर के सामने ६५/= के स्तर से भी नीचे गिर गया|
बीते दिन [बुधवार] को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 64.11 के स्तर पर बंद हुआ था और आज शुरूआती सत्र में 1.4 % की गिरावट के साथ रुपया ६५/= के स्तर को भी पार कर गया।
भारतीय रिजर्व बैंक[ RBI ] ने मंगलवार को 8,000 करोड़ रुपये के बांड पुनर्खरीद सहित नकदी नरम करने के कई उपायों के रूप में ब्रेक लगाने का प्रयास किया था लेकिन इसके बावजूद रुपये में गिरावट नहीं रुक पाई|
रुपये की कमजोरी से भारतीय शेयर बाजार भी लगातार औंधे मुंह गिर रहे हैं। आज भी शेयरा बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, हालांकि बाद में बाजार थोड़ा संभलता दिखा
रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा:डॉलर के मुकाबिले ६५ से भी नीचे गिरा
बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने, रक्षा बंधन पर , पेड़ों को रक्षा सूत्र बाँध कर वृक्षों की रक्षा का संकल्प दिलाया
बिहार की राजधानी पटना में रक्षा बंधन के पवित्र त्यौहार को एक अनूठे ढंग से मनाया गया | इस अवसर पर वृक्षों की रक्षा का संकल्प लिया गया|
मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने राजधानी वाटिका में पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधाऔर पेड़ों कि रक्षा का संकल्प दिलाया| इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने पीपल और पाकड़ आदि पौधों का रौपण भी किया| उनके साथ मंत्री मंडल के अनेकों मंत्री और कन्फ़ेड आदि संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे|
समाहरणालय में भी वृक्षों को राखी बांध कर अनूठा रक्षा बंधन मनाया गया|
जिलाधिकारी, सुपौल की अध्यक्षता में मनाये गए इस वृक्ष सुरक्षा दिवस पर वृक्षों को राखी बांधी गई| इस अवसर पर वृक्षों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पेड, पौधे ,वृक्ष हैं तो हम हैं|उन्होंने धरती बचाने के लिए पेड लगाने का आह्वाहन किया| उनके साथ अनेकों स्थानीय अधिकारी भी उपस्थित थे|
चीनियों ने अरुणाचल के चागलागम इलाके में छोलदारी लगा कर चार दिन की चांदनी लूटी और लौट गए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
एक चिंतित फौजी
ओये झल्लेया ये हसाड़े बार्डर पर क्या मखौल हो रहा है?पहले पाकिस्तान फिर तालिबान और अब चीन ने हसाडी फौजों के साथ आंख मिचौली का खेल खेलना शुरू कर दिया है| 15 अप्रैल को चीनी सैनिक लद्दाख के दिपसांग इलाके में केवल 19 किमी भीतर तक घुसे तो अब अरुणाचल के चागलागम इलाके में 20 किमी भीतर तक घुस आए और लगातार चार दिन तक डेरे डाले रहे| ओये चीन शायद भूल गया है कि अभी हमने सुपर एयरक्राफ्ट आईएएफ सी 130जे-30 को अक्साई चीन की हवाईपट्टी दौलत बेग ओल्डी पर ऐतिहासिक लैंड करवा कर उच्चाई पर लैंडिंग का विश्व कीर्तिमान बनाया है|
झल्ला
ओये जवाना ये चीनी अब अफीमी नहीं रहे इन्हें मालूम चल गया है कि हसाड़े मुल्क में स्वतंत्रता दिवस पर चार दिन की सरकारी चांदनी रहती है इसीलिए चीन से आये इन टूरिस्ट फोजियों ने ११ अगस्त को भारत की सीमा में आकर छोलदारी लगाईं और चार दिन की चांदनी लूट कर १५ अगस्त को वापिस चले गए|इसीलिए लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह और विपक्षी नरेंदर मोदी ने अपने भाषणों में भी चीन के इस टूरिज्म को गंभीरता से नहीं लिया |वैसे अगर इतिहास में जाएँ तो पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु ने पहले चीन के बड़े आक्रमण में हथियाई गई भारतीय भूमि को यह कह कर छोड़ दिया था कि वोह तो बंजर भूमि है |
मीडिया को कंट्रोल करने के लिए, मनीष तिवारी अलोकतांत्रिक प्रक्रिया में, सर्वसत्तावादी उपाय अपना रहे हैं :एडिटर्स गिल्ड
[नई दिल्ली]मनीष तिवारी , मीडिया को कंट्रोल करने के लिए, अलोकतांत्रिक प्रक्रिया में, सर्वसत्तावादी उपाय अपना रहे हैं :एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स ‘ गिल्ड ने आज सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी द्वारा पत्रकारों के लिए सुझाये गए लाइसेंसिंग की अनिवार्यता की जम कर आलोचना की|मनीष तिवारी के इस सुझाव को अलोकतांत्रिक [ undemocratic ] प्रक्रिया बताते हुए मीडिया को कंट्रोल करने की एक सर्वसत्तावादी [totalitarian ] मानसिकता बताया |
इससे पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मीडिया के लिए भी लाईसेंस प्रणाली शुरू किये जाने पर बल देते हुए कहा था के मीडिया उद्योग को बार काउंसिल द्वारा आयोजित परीक्षा की तर्ज पर पत्रकारों के लिए साझा परीक्षा आयोजित करने पर विचार करना चाहिए| इसके बाद उन्हें इस पेशे के लिए लाइसेंस दिया जा सके। तिवारी ने भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू के विचारों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि अच्छा शुरुआती बिन्दु यह होगा कि पाठ्यक्रम तय करके संस्थानों को आदर्श बनाने के बजाय, संभवत: मीडिया उद्योग कम से कम साझा परीक्षा कराने के बारे में सोच सकता है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि बार काउंसिल, मेडिकल या अन्य पेशेवर संस्थानों की परीक्षाएं होती हैं, जिसमें परीक्षा के बाद लाइसेंस जारी किया जाता है, जो आपको पेशे में काम करने के सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और वकीलों को पेशे के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है और ऐसा मीडिया उद्योग को आदर्श स्तर पर लाने के लिए किया जा सकता है|
इससे पहले भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू ने भी पत्रकारों के लिए न्यूनतम योग्यता का मुद्दा उठाया था|
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में सीएमएस अकादमी द्वारा ‘भारत में समाचार माध्यमों की शिक्षा’ विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में व्यक्त किये गए मनीष तिवरी के सुझावों पर एडिटर्स गिल्ड की यह प्रतिक्रिया आई है|
केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही हटा भी लिया :अवसाद को लेकर भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है
केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही हटा भी लिया :अवसाद को लेकर भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित खबरों के आधार पर कार्यवाही करते हुए केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही दवाओं से संबंधित तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की विशेषज्ञ समिति की राय पर इस दवा के विनिर्माण तथा बिक्री से संबंधित निलंबन को वापिस लेने की सिफारिश कर दी गई है| इसके अलावा अवसाद को लेकर भारत में जनसंख्या आधारित कोई भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है|ये रहस्योद्घाटन केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोकसभा में प्रश्नों के के लिखित उत्तर में किया |
[अ]उन्होंने बताया कि दिनांक 18 जून, 2013 को अपने राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 379(ई) के तहत सरकार ने मानव प्रयोग के लिए पायोग्लिटाजोन दवा के विनिर्माण, इसकी बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। सरकार ने यह कदम चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित खबरों पर उठाया, जिसमें इस दवा के लगातार उपयोग पर स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की गई हैं। हालांकि दवाओं से संबंधित तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की राय पर इस दवा के विनिर्माण तथा बिक्री से संबंधित निलंबन को वापिस लेने की सिफारिश की । सलाहकार बोर्ड ने यह भी सिफारिश की कि इस दवा के विपणन की अनुमति दी जाए जिसमें एक चेतावनी का खाना बना हो, साथ ही इस दवा को फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम की निगरानी में रखा जाए। तदानुसार सरकार ने दिनांक 31 जुलाई, 2013 को जारी की गई राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 520(ई) के तहत इस दवा के विनिर्माण और बिक्री से संबंधित निलंबन को वापस ले लिया। इसके निलंबन से संबंधित कुछ शर्तें रखी गईं,[१] जिसके तहत विनिर्माताओं को दवा के पैकेट पर प्रचार संबंधी जानकारियां उपलब्ध करानी होगी।
इसकी जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि
अवसाद को लेकर भारत में जनसंख्या आधारित कोई भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है,
[आ]
जिससे यह पता लगाया जा सके कि देश में अवसाद के मामले और अवसादरोधी दवाओं के उपभोग में वृद्धि हो रही है। हालांकि भारत में 11 केन्द्रों पर एक साथ किए गए अध्ययन के दौरान यह पता चला कि किसी व्यक्ति विशेष के जीवनकाल के दौरान अवसाद प्रकरण का विकास 9 प्रतिशत (जीवनकाल में प्रसार) था। इस अध्ययन से यह भी पता चला कि किसी भी 12 महीने की अवधि के दौरान किसी भी समय गंभीर अवसाद प्रकरण 4.5 प्रतिशत (अवधि प्रसार) रहा।
स्वास्थ्य जो कि राज्य की विषय वस्तु है और वैसे लोगों की संख्या जो अवसाद से ग्रसित हैं उऩका विवरण केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यवार/केन्द्रशासित प्रदेशवार नहीं रखा जाता। अवसाद के लिए किसी एक कारण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अवसाद कई परिस्थितियों के कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिक, जैविक, मनोवैज्ञानिक और अन्य तनाव संबंधित परिस्थितियां शामिल हैं।
मानसिक विकारों की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 1982 से देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरूआत की है। इस बीमारी का पता लगाने, उसके प्रबंधन और इसका उचित इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) के तहत 30 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के 123 जिलों को लाया गया है।
वी नारायणसामी ने केन्द्रीय मंत्रालयों के संबंध में सूचना देने के लिए वेब पोर्टल जारी किया
वी नारायणसामी ने सूचना के अधिकार का वेब पोर्टल जारी किया |
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि ऑन लाइन वेब पोर्टल सूचना के अधिकार कानून में एक नया मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल जारी हो जाने के बाद नागरिकों की भागीदारी और अधिक होगी। पोर्टल जारी करने के दौरान उन्होंने कहा कि अभी यह सुविधा केन्द्रीय मंत्रालयों के संबंध में ही दी जा रही है, लेकिन जल्द ही इससे केन्द्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों को भी जोड़ दिया जाएगा। श्री सामी ने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे इसी प्रकार की सुविधाएं विकसित करें, ताकि सूचना के अधिकार के आवेदन पत्र ऑन लाइन प्राप्त किए जा सकें। उल्लेखनीय है कि ऑन लाइन वेब पोर्टल को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की पहल पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र ने विकसित किया है।
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Personnel, Public Grievances & Pensions and Prime Ministers Office, Shri V. Narayanasamy launching the RTI online Web Portal for all Central Ministries, in New Delhi on August 21, 2013.
भाजपा के महिला मोर्चा की सदस्यायों ने सीमा पर तैनात सैनिकों की कलाइयों पर राखी[रखडी] बांधी
भारतीय जनता पार्टी[भाजपा]की महिला मोर्चा अध्यक्षा डॉ सरोज पाण्डेय ने अन्य पदाधिकारियों के साथ भारत पाक सीमा तैनात जवानो की कलाई पर राखी बांधी| डॉ पाण्डेय ने इस अवसर को जीवन का यादगार क्षण बताते हुए कहा कि यह उनके जीवन का यादगार क्षण है जब वह सरहद पर अपने सैनिक भईयों को राखी बांधने आई हैं|
इस शुभ अवसर पर गुजरात की सांसद श्री मति दर्शना दजदोश+जयश्री पटेल+ बिहार से रमा देवी+लतिका शर्मा+रेखा गुप्ता+आशा जैसवाल+प्रिया सेठी आदि उपस्थित थे|
रक्षा बंधन के इस पवित्र पौराणिक धर्म को निभाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह के निवास पर भी समारोह आयोजित किया गया| यहाँ स्कूलों की बालिकाओं ने राज नाथ सिंह की कलाई पर राखी बाँध कर रक्षा का वचन लिया
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