आज विश्व जनसंख्या दिवस है | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष के लिए किशोरावस्था में गर्भ धारण करने वाली किशोरियों को जागरूक करने का सन्देश दिया है| महासचिव बान की मून के अनुसार
“When we devote attention and resources to the education, health and wellbeing of adolescent girls, they will become an even greater force for positive change in society that will have an impact for generations to come. On this World Population Day, let us pledge to support adolescent girls to realize their potential and contribute to our shared future 11 जुलाई को बढ़ती जनसंख्या के खतरों प्रति आगाह करते हुए लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। दिवस का उद्देश्य आबादी की समस्याओं और समाज के आम विकास के कार्यक्रमों की ओर सरकारों और आम लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मनाने की शुरुआत 1989 में की थी।
दुनिया के हर विकासशील + विकसित देश जनसंख्या की बढती दर से चिंतित हैं। विकासशील देश अपनी आबादी और जनसंख्या के बीच तालमेल बैठाने में माथापच्ची कर रहे हैं तो विकसित देश पलायन और रोजगार की चाह में बाहर से आकर रहने वाले शरणार्थियों की वजह से परेशान हैं।
विश्व की कुल आबादी का आधा या इससे ज्यादा हिस्सा एशियाई देशों में है। चीन+ भारत + अन्य एशियाई देशों में शिक्षा और जागरूकता की वजह से जनसंख्या विस्फोट के गंभीर खतरे साफ दिखाई देने लगे हैं। डब्लू एच ओ के अनुसार प्रतिवर्ष १६ मिलियन किशोरियां बच्चों को जन्म देती हैं|३.२ मिलियन किशोरियां गर्भ पात के[Unsafe] अभिशाप को झेलती हैं|९०% माँ बनने वाली किशोरियां विवाहित होती हैं इस बड़ी आबादी को वैवाहिक जीवन और मातृत्व के विषय में ज्ञान नही होता इसीलिए इस वर्ष किशोरावस्था में माँ बनने वाली किशोरियों को जागरूक किया जाना है
। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बीते छह दशकों में विश्व की आबादी ढाई बिलियन की वृद्धि के साथ आबादी २०११ में सात बिलियन तक पहुँच गई है|यह शहरीकरण+स्वास्थय + युवा सशक्तिकरण के छेत्रों में चुनौती और अवसर दोनों हैं|
इस समय भारत की आबादी 1.21 अरब है। यहां हर एक मिनट में 25 बच्चे पैदा होते हैं। यह आंकड़ा वह है, जो बच्चे अस्पतालों में जन्म लेते हैं|.
किशोरावस्था में गर्भ धारण करने वाली किशोरियों की जागरूकता को समर्पित है वर्ष २०१३: World Population Day
तम्बाकू से तौबा करने वालों की संख्या पांच साल में दोगुनी हुई:WHO
सिगरेट पीना जानलेवा है यह सत्य जान कर विश्व भर में, पिछले पांच वर्षों में, तम्बाकू [ TOBACCO ] से तौबा करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है|, विश्व स्वास्थ्य संगठन[ WHO ]द्वारा जारी रिपोर्ट [“Report on the global tobacco epidemic २०१३]”के अनुसार ध्रूमपान के दुष्प्रभावों के प्रति चलाये जा रहे अभियान के प्रति प्रोमोटर्स+.प्रायोजकों का भरपूर सहयोग मिलने से यह संभव हुआ हैइसके अलावा तम्बाकू पैकेट्स पर स्वास्थ्य सम्बन्धी चेतावनी के साथ स्मोक फ्री पब्लिक एरिया घोषित किये जाने के भी सकारात्मक परिणाम मिले हैं|इससे विश्व की लगभग एक तिहाई आबादी को लाभ हुआ है|डब्लू एच ओ के अनुसार इसन प्रयासों के फलस्वरूप निम्न और माध्यम आय वर्ग के देशों में लगभग ४०० मिलियन लोगों तक पहुंचा जा सका है|
सुशील कुमार शिन्दे ने राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र के गठन से हाथ धो ही लिए
[नयी दिल्ली,]: केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आज राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र के गठन से हाथ धो लिए |उन्होंने वस्तुत: यह मान ही लिया कि एनसीटीसी ठंडे बस्ते में चला गया है और हाल फिलहाल में उसका गठन नहीं होगा क्योंकि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से इसका विरोध जारी है ।
श्री शिन्दे ने प्रेस से कहा कि विवादास्पद राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र :एनसीटीसी: गठित करने के बारे में अपने पूर्ववर्ती मंत्री पी चिदंबरम की ही तरह सभी प्रयास किये गए | मुख्यमंत्रियों की सहमति हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास किये लेकिन सभी विफल रहे ।
रुपये को आडवाणी की उम्र तक पहुँचने से रोकने के लिए, दिखाई देने वाले, विपक्षी प्रयास ही वक्त की मांग है
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक भाजपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये हसाडा रूपया डॉलर के मुकाबिले लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है|ओये रूपया साठा पर करके अब सठियाने की सीमा तक पहुँचने को है | हसाड़े राज्य सभा में नेताऔर वरिष्ठ वकील रवि शंकर प्रसाद जी ने तो इस पर व्यंग भी कर दिया है उन्होंने फरमाया है कि 2004 में जब केंद्र में यूपीए सरकार आई थी तब रुपये की कीमत लगभग राहुल गांधी की उम्र यानी 43 के करीब थी जो अब सोनिया गांधी की उम्र यानी 63 के निकट पहुंच गई है। अर्थव्यवस्था का यही हाल रहा तो आशंका है कि यह कीमत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की उम्र यानी 80 के करीब पहुंच जाएगी।
झल्ला
ओ मेरे भोले नादान शाह जी ये व्यंग करना तो हम जैसे वैले [खाली] लोगों का काम है |इसीलिए रुपया डॉ मन मोहन सिंह की उम्र पार करके लाल कृषण आडवानी की उम्र तक पहुँच जाए इस पहले इन नेताओं को हमारा काम करने के बजाय अपना काम करें और रुपये के लुडकन को रोकने के लिए दिखाई देने वाले विपक्षी प्रयास करें |
सांस्कृतिक सौहार्द के लिए भारतीय पारसी जुबीन मेहता को टैगोर पुरस्कार दिया जाएगा
सांस्कृतिक सौहार्द के लिए जुबीन मेहता को टैगोर पुरस्कार दिया जाएगा जिसके साथ एक करोड़ रूपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और स्मृतिचिन्ह के साथ-साथ पारम्परिक हस्तकला/हस्तशिल्प की एक उत्कृष्ट कृति भेंट की जाती है।प्रधानमंत्री डॉं. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय ज्यूरी ने 4 जुलाई 2013 को किए गये एक विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मतिसे यह फैसला लिया किवर्ष 2013 के लिए सांस्कृतिक सौहार्द का टैगोर पुरस्कार जाने-माने संगीतज्ञ श्री जुबीन मेहता को प्रदान किया जाएगा। श्री जुबीन मेहता यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे गणमान्य व्यक्तिहैं।
इस पुरस्कार को चयन करने वाली उच्च स्तरीय समिति में प्रधानमंत्री के अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अल्तमस कबीर, लोक सभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज और श्री गोपालकृष्ण गांधी शामिल हैं।
सरकार ने गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर के 150वें जन्मोत्सव समारोहों के दौरान इस वार्षिक पुरस्कार की शुरूआत की थी। वर्ष 2012 में प्रथम टैगोर पुरस्कार जाने माने भारतीय सितार वादक पंडित रविशंकर को प्रदान किया गया था।
यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, जाति, भाषा, नस्ल, धर्म अथवा लिंग से परे है और इसे प्राप्त करने की पात्रता सभी व्यक्तियों में हो सकती है।
विदेशी पर्यटकों की संख्या में [जून] ढाई प्रतिशत की वृद्धि हुई और साड़े पांच करोड़ की विदेशी मुद्रा का भी अर्जन हुआ
पर्यटन से जून 2013 में 551 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जन जून में विदेशी पर्यटकों की संख्या 2.5 प्रतिशत बढ़ी
जून 2013 में विदेशी पर्यटन से कमाई बढ़कर 551 करोड़ रुपये हो गई। जून 2013 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जून 2012 के 4.33 लाख की तुलना में जून 2013 में 4.44 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए। जनवरी से जून 2013 के बीच 33.08 लाख पर्यटक आए, जबकि पिछले साल जनवरी से जून के बीच 32.24 लाख पर्यटक आए थे। इस तरह इस साल जनवरी से जून के बीच भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जून 2013 में विदेशी पर्यटकों से 7,036 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जबकि यह कमाई 2012 के जून में 6,485 करोड़ रुपये थी। जून 2011 में विदेशी पर्यटकों से 5,440 करोड़ रुपये का अर्जन हुआ था।
सुशील कुमार शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्रालय का जून के तीस दिनों में तीस उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पत्रकार वार्ता में जून, 2013 के लिए गृह मंत्रालय का मासिक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शिंदे ने आज नई दिल्ली में प्रैस वार्ता के दौरान जून, 2013 के लिए गृह मंत्रालय का मासिक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि दिनांक 5 जून, 2013 को, आंतरिक सुरक्षा के बारे में मुख्यमंत्री सम्मेलन आयोजित किया गया तथा देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति+ जांच के व्यावसायीकरण+ राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण+ आसूचना विंगों के सुदृढ़ीकरण+ राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी केन्द्र+ साम्प्रदायिक सौहार्द+ सीमा प्रबंधन+ तटीय सुरक्षा+कारागार सुधार और कारागारों के आधुनिकीकरण, महिलाओं के प्रति अपराध तथा अपराध रोकने के लिए राज्यों द्वारा किए गए उपायों, पुलिस प्रशिक्षण और वामपंथी उग्रवाद पर चर्चा की गई।
[२]. दिनांक 05.06.2013 को, मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बाद, मैंने[मंत्री] आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों एवं पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री तथा झारखंड के राज्यपाल के साथ बैठक की एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की।
[३]. दिनांक 24.06.2013 को, श्री रैंड बीयर्स, कार्यवाहक उप सचिव, होमलैंड सेक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ यू एस ए ने नई दिल्ली में मुझसे मुलाकात की तथा तथा द्विपक्षीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
[४]. उत्तराखंड राज्य में 16-17 जून, 2013 को हुई भारी वर्षा, बादल फटने और भू-स्खलन से गंभीर आपदा आई। 4200 गांवों सहित उत्तराखंड के सभी 13 जिले इससे प्रभावित हुए। आपदा इतनी व्यापक थी कि 580 लोगों की जानें गईं जबकि 4472 लोग घायल हुए। इसके अतिरिक्त 3975 से भी अधिक लोग (795 स्थानीय लोगों सहित) लापता हैं। यह स्थिति दिनांक 8 जुलाई, 2013 को थी। मलबा हटाए जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
[ ५]. माननीय प्रधानमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्येक मृतक के निकटतम संबंधी को 2 लाख रु. तथा प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50,000/- रु. की अनुग्रह राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, इस संबंध में राज्य को 1000 करोड़ रु. की सहायता प्रदान की गई और केन्द्र सरकार दिनांक 20.06.2013 को उत्तराखंड के लिए एस डी आर एफ से 145 करोड़ रु. की धनराशि पहले ही जारी कर चुकी है।
[६]. दिनांक 22.06.2013 को, मैंने उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदनामित सदस्य (श्री वी. के. दुग्गल), केन्द्रीय गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ उत्तराखंड का दौरा किया और खोज, बचाव और राहत अभियानों की प्रगति की समीक्षा की। दिनांक 28.06.2013 को, मैंने पुन: उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना प्रमुख और केन्द्रीय गृह सचिव के साथ उत्तराखंड का दौरा किया। इस संबंध में दिनांक 02 जुलाई 2013 को सचिव (सीमा प्रबंधन) ने भी उत्तराखंड का दौरा किया।
[७]. दिनांक 16 जून, 2013 को, एन डी आर एफ ने उत्तराखंड में उपलब्ध अपने दल की नफरी बढ़ाने के लिए तत्काल अपने और दलों को उत्तराखंड भेजा। केन्द्रीय गृह सचिव ने संबंधित मंत्रालयों, जिसमें एन डी एम ए, बी आर ओ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, रक्षा मंत्रालय, एन डी आर एफ, सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं, की बैठक बुलाकर उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में स्थिति का नियमित जायजा लिया तथा उत्तराखंड में तलाशी, बचाव एवं राहत अभियानों का समन्वय किया। खोज और बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए मंत्रिमंडल सचिव ने सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ प्रतिदिन बैठकें कीं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की उपुर्यक्त सभी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से 1,08,653 से अधिक लोगों को बचाया गया (दिनांक 08.07.2013 की स्थिति के अनुसार)। बचाव अभियानों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
(क) एन डी आर एफ के 14 दलों, जिनमें 449 कार्मिक थे, सेना के 6500 कार्मिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 1200 कार्मिक शामिल थे, ने आपदा प्रबंधन कार्यों में राज्य सरकार की मदद की।
(ख) एन डी आर एफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र बलों ने लगभग एक लाख से अधिक लोगों को बचाया।
(ग) भारतीय वायु सेना और सेना द्वारा एकल दिवस में तैनात किए गए हेलीकाप्टरों की संख्या क्रमश: 45 एवं 13 थी, जबकि लगभग 15 प्राईवेट हेलीकाप्टरों का भी उपयोग अभियान में किया गया।
(घ) राज्य सरकार के अनुरोध के अनुसार, केन्द्र सरकार ने राज्य को 2000 टन गेहूं एवं 2000 टन चावल कम लागत पर आबंटित किए।
(ङ) स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार की सहायता करने के लिए 80 डॉक्टर भेजे।
(च) क्षतिग्रस्त 1350 ग्रामीण पेय जल आपूर्ति प्रणालियों में से, 950 पेय जल आपूर्ति प्रणालियों को पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ठीक किया गया और उनको कार्यशील बनाया गया।
(छ) राज्य में बड़ी संख्या में दूर संचार सुविधाओं को बहाल किया गया। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन ड्यूटियों के लिए विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच 105 सैटेलाइट फोन वितरित किए गए।
(ज) बचाव अभियानों के दौरान राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एन डी आर एफ) के नौ बहादुर कार्मिकों तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के छह बहादुर कार्मिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
८]. 4-13 जून, 2013 तथा 21-30 जून, 2013 के दौरान, सिख तीर्थयात्रियों के दो जत्थे क्रमश: गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस तथा महाराजा रणजीत सिंह जी की बरसी के अवसर पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दौरे पर भेजे गए।
[९]. दिनांक 13.06.2013 को, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विस्फोटकों/आई ई डी/बारूदी सुरंगों से संबंधित मामलों के विषय पर मानक प्रचालन प्रक्रिया (एस ओ पी), जो पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा गठित एक विशेषज्ञ दल द्वारा तैयार की गई थी, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भेजी गई। दिनांक 25.06.2013 को, आम लोगों के साथ संपर्क से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में एक मानक प्रचालन प्रक्रिया वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भेजी गई।
[१०]. 29 मई, 2013 से 26 जून, 2013 की अवधि के दौरान, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को 08 परामर्शी-पत्र/चेतावनियां जारी की गईं।
[११]. जून, 2013 के दौरान सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अन्तर्गत जम्मू एवं कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकारों को 190.09 करोड़ रु. की धनराशि की प्रतिपूर्ति की गई।
[१२]. दिनांक 27.06.2013 को, अपर सचिव, गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में विशेष अवसंरचना स्कीम (एस आई एस) संबंधी परियोजना अनापत्ति समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया ताकि 11वीं योजना अवधि के दौरान योजना के अंतर्गत राज्यों को जारी धनराशि के उपयोग पर विचार किया जा सके। समिति ने आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा ओडिशा राज्यों के लिए वर्ष 2013-14 हेतु विशेष बलों के स्तरोन्नयन/महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने संबंधी परियोजना प्रस्तावों को भी अनुमोदित कर दिया।
[१३]. दिनांक 19-20 जून, 2013 को म्यांमार तथा भारत के बीच 20वीं क्षेत्र स्तरीय (संयुक्त कार्य दल) की बैठक का आयोजन बागान, म्यांमार में किया गया। भारतीय पक्ष ने म्यांमार में भारतीय विद्रोही गुटों (आई आई जी) को उपलब्ध तथा पूर्वोत्तर में सतत विद्रोह के लिए उत्तरदायी शिविरों के संबंध में अपनी चिंता जताई। म्यांमार पक्ष से यह अनुरोध किया गया कि वे भारत-म्यांमार सीमा पर विद्रोही गुटों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति प्रदान न करें। दोनों पक्षों ने सशस्त्र समूहों की सीमा-पारीय आवाजाही को राकने, जब्त किए गए हथियारों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान तथा शस्त्रों की तस्करी/मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने में परस्पर सहयोग करने के संबंध में अपनी सहमति व्यक्त की। भारत-म्यांमार सीमा पर निर्माण कार्यों, अतिरिक्त मध्यवर्ती खंभों की स्थापना, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में म्यांमार के मछुआरों द्वारा अवैध मानव व्यापार एवं अनधिकार प्रवेश तथा वन्य जीवों के अंगों के अवैध व्यापार सहित सीमा प्रबंधन संबंधी मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
[१४]. उल्फा के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने तथा उनकी मांगों के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए भी दिनांक 26.06.2013 को, नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में असम सरकार तथा यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों एवं भारत सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई। उल्फा प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व इसके अध्यक्ष, श्री अरबिंद राजखोआ ने किया था। उल्फा नेताओं की मांग थी कि सीमा पार से अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-बंगलादेश सीमा की प्रभावी सुरक्षा हेतु अतिरिक्त उपाय करने की आवश्यकता है। उन्हें आश्वस्त किया गया कि केन्द्र सरकार अवैध अंतरागम को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने हेतु प्रतिबद्ध है तथा अंतर-राष्ट्रीय सीमा पर पहले से ही उठाए गए कदमों से सीमा पार से होने वाली अवैध घुसपैठ को काबू करने में मदद मिली है।
[१५] इस माह के दौरान, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, आई बी, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा सशस्त्र सीमा बल) को 388.53 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 32.30 करोड़ रुपए तथा आई बी और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को कार्यालय/रिहायशी भवनों के निर्माण के लिए 96.07 करोड़ रु. की राशि स्वीकृत की गई।
[१६] केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के 29 मामलों में उनके निकट संबंधियों को अनुग्रह मुआवजे के रूप में 3.22 करोड़ रु. की धनराशि स्वीकृत की गई।
[१७]. जम्मू एवं कश्मीर सरकार के अनुरोध पर, श्री अमरनाथ जी यात्रा-2013 की यात्रा समाप्त होने तक सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 90 कंपनियां (केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 60 कंपनियां, (2 महिला कंपनियों सहित), सीमा सुरक्षा बल की 25 कंपनियां तथा सशस्त्र सीमा बल की 05 कंपनियां) दो चरणों में 15 जून, 2013 एवं 20 जून, 2013 से मुहैया करायी गई।
[१८] पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की स्थिति तथा नक्सल-रोधी कार्रवाईयों के दृष्टिगत 13 जून, 2013 से उक्त राज्य में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 06 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गईं।
[१९] जमुई (बिहार) में दिनांक 14 जून, 2013 को नक्सलियों द्वारा ट्रेन पर किए गए हमले को देखते हुए, राज्य में 14 जून, 2013 से केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 6 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गईं।
[२०]. अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क प्रणाली (सी सी टी एन एस) के अंतर्गत, अब तक 31 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में सिस्टम इंटीग्रेटर्स (एस आई एस) के लिए संविदा पर हस्ताक्षर किए गए हैं तथा 22 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में सिस्टम इंटीग्रेटर्स को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है।
[२१]. दिनांक 21.05.2013 से 20.06.2013 की अवधि के दौरान, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने 326.270 कि.ग्रा. भांग, 31.200 कि.ग्रा. अफीम, 11.450 कि.ग्रा. हेरोइन, 0.490 कि.ग्रा. मेथाक्वालोन और 0.251 कि.ग्रा. कोकीन जब्त की। इस अवधि के दौरान दो नाइजीरियाई राष्ट्रिकों समेत बाईस व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जब्त किए गए स्वापकों की संयुक्त कीमत लगभग 1.70 करोड़ रु. है।
[२२]. भारतीय दूतावास, कुवैत शहर, कुवैत, भारतीय दूतावास सोफिया, बुल्गारिया, भारतीय दूतावास बाकू, अजरबैजान में आप्रावासन वीजा एवं विदेशी पंजीकरण एवं तलाश (आई वी एफ आर टी) के तहत एकीकृत ऑनलाइन वीजा आवेदन प्रणाली शुरू की गई। यह सुविधा अब विदेशों में 120 भारतीय मिशनों में लागू है।
[२३] तटीय सुरक्षा स्कीम के तहत स्वीकृत 131 तटीय पुलिस थानों (सी पी एस) में से 129 के लिए भूमि की पहचान करने संबंधी कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन 129 तटीय पुलिस थानों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 87 मामलों में भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। निर्माण कार्य शुरू करने, वाहनों की खरीद तथा तटीय पुलिस थानों को परिचालनात्मक बनाने के लिए तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 97.57 करोड़ रु. की राशि जारी की गई है। जून, 2013 के दौरान 4 तटीय पुलिस थानों के संबंध में निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
[२४]. तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 60 घाटों में से 44 घाटों के लिए भूमि की पहचान कर ली गई है और 10 घाटों के लिए भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के लिए सभी 10 समुद्री पुलिस परिचालन केन्द्रों हेतु भी भूमि की पहचान कर ली गई है।
[२५]. सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 805 कि.मी. के लिए 27 भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की प्राथमिकता वाली सड़कों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जून, 2013 तक, संचित रूप से 564.90 कि.मी. का निर्माण और 273.61 कि.मी. का समतलीकरण संबंधी कार्य पूरा किया जा चुका है।
[२६]. सरकार ने भारत-बंगलादेश सीमा पर 2840 कि. मी. तक तेज रोशनी की व्यवस्था करने की मंजूरी दे दी है, जिसमें से जून, 2013 तक 1520 कि.मी. तक कार्य पूरा किया जा चुका है।
[२७]. वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 990 करोड़ रु. के वार्षिक आबंटन के मुकाबले दिनांक 30.06.2013 तक 264.79 करोड़ रु. की राशि राज्यों को जारी कर दी गई है।
[२८]. पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत, 13 राज्यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड एवं राजस्थान से वर्ष 2013-14 के लिए वार्षिक कार्य योजना प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने 18 जून, 2013 से 28 जून, 2013 तक की अवधि के दौरान 11 राज्यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब तथा छत्तीसगढ़ की वार्षिक कार्य योजनाओं पर चर्चा की तथा इन पर विचार किया।
[२९]. 25 जून, 2013 को पुडुचेरी विधान सभा सदस्यों के वेतन भत्ता तथा पेंशन संशोधन विधेयक, 2013 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।
[३०]. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के संबंध में, 117.29 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की डाटा-एन्ट्री पूरी कर ली गई है। यू आई डी ए आई एन्रोलमेंट सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके 15.8 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के बायोमीट्रिक्स लिए जाने का कार्य पूरा कर लिया गया है जिसमें माह के दौरान 0.8 करोड़ व्यक्तियों को जोड़ा गया है।
खेलों के प्रबंधन और प्रशासन को सुधारने के लिए संशोधित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक २०१३ तैयार
इसे ध्यान में रखते हुए एक विधेयक की रूपरेखा तैयार की गई तथा 30 अगस्त 2011 को कैबिनेट के समक्ष इसे पेश किया गया। सरकार ने 14 अक्टूबर 2011 को इस विधेयक रूपरेखा को सार्वजनिक कर दिया। साथ ही सभी राष्ट्रीय खेल संघों को यह रूपरेखा भेज दी गई, ताकि इस पर उनकी राय ली जा सके। खेल विधेयक की मूल रूपरेखा को संशोधित करने की जरूरत महसूस की गई।
इस उद्देश्य से युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय ने न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक की संशोधित रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया। कार्यकारी समूह में कई गणमान्य खिलाड़ी जैसे अभिनव बिंद्रा + श्री वीरेन रसकिन्हा, खेल प्रशासक तथा कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं। इस कार्यकारी समूह द्वारा तैयार की गई संशोधित रूपरेखा न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल द्वारा 10 जुलाई 2013 को युवा मामलों एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को प्रदान की गई।
मंत्रालय के अनुसार आम जनता तथा अन्य समूह (जिनके हित इससे जुड़े हैं) अपनी राय मंत्रालय की वेबसाइट www.yas.nic.in पर दे सकते हैं, जहां इस विधेयक को सार्वजनिक किया गया है। इसकी एक प्रति भारतीय ओलंपिक संघ को भी भेजी जा चुकी है |
राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
[१]. ओलंपिक चार्टर के अनुसार कार्य करने, अंतरराष्ट्रीय बहु खेल महोत्सवों के लिए बोली का उत्तरदायित्व, शिकायतों को सुनने की आंतरिक व्यवस्था, नियमित रूप से राष्ट्रीय खेलों को आयोजित कराना, आरटीआई के तहत खिलाड़ी आयोग की स्थापना तथा संसद को रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी जैसे कार्य राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को सौंपे गए हैं।
[२]. एक खेल अपील प्राधिकरण की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामांकित न्यायमूर्ति, सचिव, खेल विभाग तथा अध्यक्ष, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति शामिल होंगे।
[३]. एक नैतिक आयोग की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है, जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों एवं सिद्धांतों के अनुसार (जो कि भारत के संविधान के भी अनुरूप हों) नैतिक नियमों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा।
[४]. खेल चयन आयोग का गठन जो राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय खेल संघ तथा खिलाड़ी आयोगों के साफ-सुथरे चुनावों को सुनिश्चित करेगा।
[५]. राष्ट्रीय खेल संघों की दोहरी कार्यप्रणाली प्रस्तावित की गई है।
[६]. वे सभी खेल संघ जिन्हें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अनुदान की आवश्यकता होती है, उन्हें सरकार से आधिकारिक मान्यता प्राप्त करनी होगी।
[७]. अंतरराष्ट्रीय खेल समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व करने तथा किसी संघ द्वारा ”भारत” या ”भारतीय” का इस्तेमाल करने के लिए संघ को अध्याय-4 (खेलों में अनैतिक आचरण) तथा अध्याय-9 (सूचना का अधिकार अधिनियम) के मानकों पर खरा उतरना होगा।
[८]. सभी आधिकारिक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों को अपने सहयोग ज्ञापन/सहयोग नियम अथवा उप नियमों में निम्नलिखित प्रावधान करने होंगे :
अ]]. पदधारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 70 वर्ष होगी।
आ] खिलाड़ी आयोगों द्वारा नामांकित खिलाड़ियों को संघ की कार्यकारी निकाय की निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
[इ] संघ के कार्यकारी निकाय में खिलाड़ियों की कुल संख्या कुल मताधिकार के 25 प्रतिशत से कम नहीं होगी
[ई ]. सुनिश्चित करना होगा कि सामान्य निकाय में दोनों लिंगों का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम नहीं होगा।
राष्ट्रपति ने छात्रों को लोकतंत्र से जुड़ने और नैतिक अशांति को दूर करने के लिए शिक्षा लाभांश देने का गुरुमंत्र दिया
राष्ट्रपति ने छात्रों को लोकतंत्र से जुड़ने और नैतिक अशांति को दूर करने के लिए शिक्षा लाभांश देने का गुरुमंत्र दिया
राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने आज जोधपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबांधित करते हुए कहा कि वे न सिर्फ अपने पेशे में एक मूल्यवान संपत्ति हैं बल्कि राष्ट्र की बौद्धिक संपदा भी हैं। उन्होंने कहा कि वे एक पुरानी सभ्यता से जन्में नए राष्ट्र की शिक्षा पद्धति का मूल हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को पूरी तरह से समझना चाहिए।
इस अवसर पर श्री मुखर्जी ने कहा कि देश के प्रशासन और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों के प्रति छात्रों को हमेशा जागरूक रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को इन मुद्दों के बारे में पढ़ना+ जानना और अपने विचारों को प्रकट भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में सभी की भागीदारी होनी चाहिए। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत के सुंदर और जटिल लोकतंत्र में छात्रों से शामिल होने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि बेहतर नागरिक बनने के मामले में उन्हें राष्ट्र की मदद करनी चाहिए, ऐसे नागरिक, जो अपने अधिकारों और उत्तरदायित्वों को समझ सकें। राष्ट्रपति ने छात्रों से दुनिया का नेतृत्व करके इसे बदलने को कहा ताकि भारत गौरवान्वित हो सके।
राष्ट्रपति ने उच्चतर शिक्षा के विस्तार और सदुपयोग पर कहा कि उच्चतर शिक्षा की पहुंच का अधिकार कुछ खास लोगों तक ही नहीं होना चाहिए बल्कि इसके लिए देश भर में गुणवत्तायुक्त शैक्षिक संस्थानों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े हुए प्रतिभाशाली छात्रों की शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए योजनाओं को कार्यान्वित किया जाना चाहिए। उच्चतर शिक्षा तक युवाओं की पहुंच से देश में प्रशिक्षित और कुशल मानव श्रम सामने आएगा और यह देश की अर्थव्यवस्था को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने में एक स्रोत का काम करेगा। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कमजोर, जरूरतमंद और वंचित लोगों की मदद करने को कहा
भारत के राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे इस बात को स्पष्ट रूप से समझें कि उनके लिए शिक्षा का अर्थ क्या है। उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि क्या अच्छा पेशेवर करियर ही जीवन का सब कुछ है या सफलता का अर्थ कुछ और है।
श्री मुखर्जी ने कहा कि विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि उनकी शिक्षा में स्रोत, प्रयास और योगदान का महत्व क्या है। समाज ने उनमें निवेश किया है और विद्यार्थियों से यह अपेक्षा उचित है कि वे समाज को लाभांश दें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यह लाभांश समाज के कमजोर, जरूरतमंद और वंचित लोगों की सहायता कर अदा कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों में सामाजिक मूल्य और सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना भरी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के भारत में नैतिक अशांति है और यह अशांति हमें याद दिलाती है कि आगे हमारा कर्तव्य क्या है। उन्होंने कहा कि समाज के मूल्यों में आई गिरावट की स्थिति बदलनी होगी। इसके लिए हमें विद्यार्थियों में मातृभूमि के प्रति प्यार, कर्तव्यपरायणता, करुणा, सहिष्णुता, कामकाज में ईमानदारी, अनुशासन की भावना विकसित करनी होगी।
फोटो The President, Shri Pranab Mukherjee addressing at the Second Convocation of the Central University of Rajasthan, at Kishangarh, in Rajasthan on July 09, 2013.
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