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ममता +माया+मुलायम + करुणा मोह पगड़ी उछालता ही है|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया इन समर्थक दलों ने क्या भसुडी डाल रखी है|हासाडी सरकार को भांबढ भूसे में गिरा रहे हैं|हसाड़े सोणे ते मन मोहने पी एम् ने अपनी चली चलाई सरकार को दावं पर लगा दिया | राष्ट्र हित में दूरगामी फैसले लेकर ऍफ़ डी आई को मंजूरी दे दी यानि गद्दी घेड़ मौल ले ली|कल तक बिना डकार लिए चिकनी चोपड़ी खाने वाले समर्थक दल आज आँखें दिखा रहे हैं|अल्टीमेटम दे रहे हैं|

झल्ला

भोले बादशाहों आप जी को मालूम होना चाहिए की पी एम् डाक्टर मन मोहन सिंह की राशि म से मिलाते हुए आपने ममता+माया+करुना|और मुलायम से राजनीतिक पींगें बडाई और ये भूल गए की सयाने कह गए हैं की ममता+माया के साथ मुलायमियत और करुना जरुरत से ज्यादा दुःख देती है|इनका मोह सरे बाज़ार पगड़ी उछालता है|

मुम्बई मिरर में छपी एक खबर का पी एम् ओ का जोरदार खंडन

किया गया है|
मुम्बई मिरर में एक स्टोरी छापी गई है जिसके अनुसार यूं पी ऐ की चेयर पर्सन श्रीमति सोनिया गाँधी की पोलिटिकल सेक्रेटरी के कहने पर ही डाक्टर मन मोहन सिंह ने कोयला खदान के आवंटन क्लीयर किये थे|और इसकी सूचना यूं पी ऐ अध्यक्ष को दे दी गई है| इस स्टोरी को पूर्णतया असत्य बताते हुए गैर जिम्मेदाराना और शरारत से भरपूर बताया गया है|. मीडिया से इसप्रकार की खबर को नहीं छापने को कहा गया है
The attention of the Prime Minister’s Office has been drawn to a news story published in Mumbai Mirror today, 15 September, 2012. The allegation that the Prime Minister talked to the UPA Chairperson and communicated to her that his office had cleared the coal block allotment on the recommendation of her political secretary is completely untrue. This is a scurrilous, irresponsible and mischievous report. It is hoped that other newspapers or media outlets do not reproduce or repeat the baseless story.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक के.एस. सुदर्शन नहीं रहे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक के.एस. सुदर्शन का आज रायपुर में ८१ वर्ष की आयु में निधन हो गया|टेलि कम्युनिकेशन में स्नातक होने के उपरान्त उन्होंने आर आर एस के माध्यम से समाज सेवा को जीवन समर्पित कर दिया|पिछले दिनों स्मरण शक्ति के क्षीण होने से काफी परेशां थे |एक बार जबलपुर में याददास्त भूलने के कारण सैर करते समय ग़ुम हो गए |आज सुबह भी सैर करके लौटने के बाद हर्ट अटैक से उनकी मौत हो गई|एक किताब के विमोचन के सिलसिले में अपने जन्म स्थली रायपुर गए थे

ज़िन्दगी मिली है दोस्ती के वास्ते= संत दर्शन सिंह

संत दर्शन सिंह जी महाराज के देश – विदेश में किए गए प्रवचनों से लिया गया एक अंश

ज़िन्दगी हमको मिली है दोस्ती के वास्ते
जान तक दे दो मुहब्बत की ख़ुशी के वास्ते
रूहानी मिशन सावन आश्रम के संत दर्शन सिंह जी महाराज
हमारी जो जिंदगी है उसका ये मकसद है कि हम दूसरों से हमदर्दी करें , दोस्ती करें , दूसरों के दुःख – दर्द हम बांटें
और अगर हम इतिहास के पन्ने पलटें , तारीखों पर नजर डालें तो हम देखेंगे कि जितने भी महापुरुष हुए हैं उन सबने हमारे
दुखों और दर्दों को बांटने में क़ुरबानी दी है . प्रभु को पाने का जो रास्ता है , ये क़ुरबानी का रास्ता है परम संत कृपाल सिंह जी
महाराज अक्सर फ़रमाया करते थे कि प्रेम निष्काम सेवा और त्याग करना जनता है .इशु -मसीह के जीवन को देखिए वो सूली
पर चढ़ गए , शम्स तरवेज की खाल खींच ली गई. पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज को गर्म तवे पर बिठाया गया .
उनके दोस्त हजरत मियां मीर से ये बात देखी नहीं गई और उन्होंने गुरु अर्जुन देव जी महाराज से कहा , अगर आप इजाजत दें
तो मैं खानदाने मुगलिया की ईंट से ईंट बजा दूँ ,तो सच्चे पातशाह ने फ़रमाया – दोस्त , क्या ये मैं नहीं कर सकता ? मगर हमारा
जो रास्ता है वो राज़ी – बा – रज़ा रहने का है वो ‘तेरा भाणा मीठा लागे ‘ का मार्ग है और यही शब्द उच्चारण करते हुए उन्होंने
प्राण त्याग दिए

राजभाषा को प्रोन्नत करने के लिए भी आरक्षण का प्रावधान भी करो

१४ सितम्बर १९४९ को राजभाषा का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत आज ६३ साल बाद भी हिंदी राष्ट्रीय स्वरुप को पाने को तरस रही है| देश भर में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है|लेकिन आज भी मात्र ओपचारिकता भर ही दिखाई देती है| दिल्ली के विज्ञानं भवन तक में आयोजित राष्ट्रीय हिंदी दिवस में हिंदी की दुर्दशा देख कर बेहद दुःख हुआ| राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जब तक लिखा भाषण पड़ते रहे हिंदी में पड़ते रहे मगर भाषण की ओपचारिकता समाप्त होते ही उन्होंने अंग्रेज़ी में क्षमा मांगनी शुरू कर दी और अंग्रेज़ी में ही अगले साल हिंदी सुधारने का आश्वासन देकर पोडियम माईक छोड़ा | हिंदी को लेकर गंभीरता कहीं दिखाई नहीं देती|यहाँ तक की मंत्रालयों की लाखों रूपये खर्च करके बनाई गई वेब साईट्स पर हिंदी के बजाय अंग्रेज़ी को ही प्राथमिकता दी जा रही है|आज कल आरक्षण का दौर है|इसीलिए क्या राजभाषा को राष्ट्र भाषा में प्रोन्नत करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जा सकता है|
भारत में हिंदी को 14 सिंतबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसके बाद राजभाषा अधिनियम 1963 और फिर राजभाषा नियम 1976 बनाया गया जिसके तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों व अन्य संस्थाओं में हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। अलग से हिंदी अनुभाग बनाये गए प्रति वर्ष हिंदी की प्रतियौगिताएं आयोजित होती है|शिक्षण संस्थानों ने हिंदी दिवस मनाया जाता है| लेकिन राजभाषा आज भी राष्ट्र भाषा नहीं बन पाई है| राष्ट्रपति पहले अनेकों मंत्रालय संभल चुके हैं ऐसे में उन मंत्रालयों में हिंदी की प्रग्रती को समझा जा सकता है|पी एम् की साईट पर भी अंग्रेज़ी का ही बोल बाला है|
लोकसभा की वेबसाइट में अंग्रेजी की वेबसाइट हिंदी की तुलना में बहुत समृद्ध है। उदाहरण के तौर पर लोकसभा के अधीन विभागों से संबंद्ध स्थायी 16 समितियों के प्रतिवेदन को ले सकते हैं|
राज्यसभा की हिंदी वेबसाइट में हिंदी में प्रेस रिलीज की संख्या कम है। इस साल अंग्रेजी की साइट पर 9 जनवरी, 17 अप्रैल, 30 अप्रैल, 18 मई और 6 जून को प्रेस रिलीज अपलोड की गई जबकि हिंदी में 19 मार्च, 17 अप्रैल, 18 मई, 6 जून को प्रेस रिलीज अपडेट की गई।
अधिकाँश मंत्रालयों की साइट्स पर लगभग सभी महत्वपूर्ण आदेश अंग्रेजी में हैं।
विपक्ष के रूप में भाजपा की वेब साईट पर भी हिंदी के बजाय अंग्रेज़ी को ही महत्त्व दिया जा रहा है| अध्यक्ष एल के अडवाणी का ब्लाग तो अंग्रेज़ी में ही है|
सरकारी कार्यालयों में प्रथक हिन्ढी अनुभाग है+ कक्ष है+अधिकारी है स्टाफ है मगर ज्यादातर को दुसरे कायों में लगा दिया जाता है| मेरठ में केन्द्रीय सरकार के एक विभाग में तो यह आलम है कीएक अधिकारी को दो कार्यालयों का प्रभार दिया गया है|स्टाफ को दूसरे कामो पर लगाया गया है|इन्हें तो केवल रिपोर्ट्स बनाने की ओपचारिकता पूर्ण करने के लिए बुला लिया जाता है|

भारतीय सेना का मूवमेंट मीडिया के लिए अछूता नहीं रहा|

देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार १४-९-२०१२ को सेना कूच[मार्च] की रिपोर्टिग पर रोक के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले को रद्द कर दिया है| अब सेना का मूवमेंट मीडिया के लिए अछूता नहीं रहा|
उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रेस परिषद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें सैनिकों के कूच करने के मुद्दे पर मीडिया के रिपोर्टिग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मालूम हो कि बीते 10 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार दीक्षित द्वारा विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि सैनिकों के कूच करने के संबंध में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कोई रिपोर्टिग न करे या कोई खबर नहीं जारी करे।
केंद्रीय गृह सचिव, सूचना एवं प्रसारण सचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) को ये निर्देश दिए गए थे। प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के [पीसीआई] अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू के जरिए इन निर्देशों को चुनौती दी गई थी जस्टिस काटजू द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि यह आदेश मीडिया और देश के हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत दिए गए मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

ऍफ़ डी आई को मंजूरी से तीन एयर लाईन्स की तात्कालिक लाटरी निकली

उड्डयन छेत्र में ऍफ़ डी आई को मंजूरी दिए जाने से नकदी के संकट से जूझ रही कम से कम तीन एयर लाईन्स की तो [पहली नज़र में]लाटरी निकल पड़ी है विदेशी विमानन कंपनियां अब भारत की नागर विमानन सेवा कंपनियों में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती हैं। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे विमानन कंपनियों को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।विमानन क्षेत्र के लिए इस बहुप्रतीक्षित निर्णय की उम्मीद में शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार में किंगफिशर का शेयर 7.88 प्रतिशत+ स्पाइसजेट का शेयर 4.39 प्रतिशत और जेट एयरवेज का शेयर 1.97 प्रतिशत की बढ़त लेकर बंद हुआ।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विदेशी एयरलाइंस को घरेलू एयरलाइंस में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है|
बैठक के बाद नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने विदेशी एयरलाइंस को भारतीय विमानन कंपनियों में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने का प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। वर्तमान एफडीआई नियमों के तहत गैर-विमानन क्षेत्र के विदेशी निवेशकों को भारतीय विमानन कंपनियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति है, लेकिन विदेशी एयरलाइंस को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी लेने की अनुमति नहीं थी।उल्लेखनीय है कि विमान ईंधन पर अत्यधिक कर+ बढ़ते हवाईअडडा शुल्क+ महंगे ऋण+और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के चलते ज्यादातर भारतीय विमानन कंपनियां घाटे में चल रही हैं। इंडिगो को छोड़कर सभी विमानन कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष में घाटा दर्ज़ कराया है|

ऍफ़ डी आई को मंजूरी से पी एम् ने फिस्सडी,दब्बू का दाग धोया

भारत सरकार ने आज पावर +उड्डयन+ ब्राडकास्टिंग खुदरा व्यापार में ४९ से लेकर १००% ऍफ़ डी आई को मंजूरी देदी है|
सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों हिंदुस्तान कॉपर, आयल इंडिया, एमएमटीसी तथा नाल्को में विनिवेश को भी मंजूरी दे दी है। इससे सरकार को 15,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक शुक्रवार १४-९-२०१२ को हुई
बताया जा रहा है कि सरकार ने आयल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री तथा हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में 9.59 प्रतिशत विनिवेश को मंजूरी दी है। इसके अलावा नाल्को की 12.15 प्रतिशत तथा एमएमटीसी की 9.33 फीसद हिस्सेदारी बिक्री की मंजूरी कंपनी की ओर से बिक्री का प्रस्ताव (ओएफएस) के जरिए करने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पिछले महीने अधिकारियों से विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने को कहा था जिससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए 30,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिले।
राजकोषीय घाटे पर अंकुश के लिए विनिवेश के जरिये धन जुटाने को बेहद जरूरी बताया जा रहा है।
मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने के सरकार के फैसले की घोर आलोचना भी हो रही है| भाजपा[रवि शंकर प्रसाद] ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया देश द्रोही कदम बताया है|भाजपा ने कहा कि इससे पांच करोड़ लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी। सांसद बलबीर पुंज ने कहा है की डाक्टर मनमोहन सिंह अपनी बात से पलट गए हैं|इतना महत्वपूर्ण फैसला लेने से पहले विपक्ष+सहयोगी घटक+और देश को भरोसे में नहीं लिया गया|
एन सी पी ने जहां ऍफ़ डी आई का समर्थ किया है|वहीं टी एम् सी ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है|
रवि शंकर प्रसाद ने दावा किया है कि विदेशी तत्वों के दबाव में किए गए इस निर्णय का भारत को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह सरकार ने भारत के लिए आउटसोसिग के मामले में अमेरिका और यूरोप से कोई पक्की प्रतिबद्धता प्राप्त नहीं कर सकने के बावजूद एफडीआई के द्वार खोल दिए हैं, जिसके देश को विनाशकारी नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
भाजपा द्वारा हालांकि नागरिक विमानन क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दिए जाने के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है|
प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने ट्वीट किया है की यह देश हित में जरुरी कदम था |
खैर नतीज़ा कुछ भी निकले संसद में कांग्रेस के पास बहुमत है सो सरकार जाने की कोई चिंता नहीं है हाँ इस कदम से विदेशी मीडिया की जुबान जरुर बंद हो जायेगी वोह विदेशी मीडिया जो लगातार पी एम् को फिसड्डी+पपेट+सायलेंट मोड़+दब्बू कह रहा है शायद अब अपनी जुबान बदल कर बोलेगा|

मुद्रास्फीति को बढावा देने वाली डीजल गैस कीमतों में वृद्धि का भाजपा करेगी राष्ट्रीय स्तर पर विरोध

डीजल और एल पी जी की कीमतों में वर्तमान में बडाई गई बेतहाशा बडोत्तरी को किसान और आम आदमी की विरोधी बताते हुए भाजपा ने आज कहा की यह बढोत्तरी प्रपाती और मुद्रास्फीति को बढावा देगी|



भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकईया नायडू ने कहा की पावर शार्टेज के कारण महंगे डीजल के पम्पिंग सेट से सींचाई को बाध्य किसानो की आर्थिक हालत पहले से खराब चल रही है डीजल की कीमतों में एक दम ५/= प्रति लीटर बढाने से खेती पर और किसानो पर नकारात्मक प्रभाव पडेगा|अब ट्रेक्टर का किराया भी ज्यादा देना होगा| मौजूदा समय में किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है |बड़ी संख्या में इनका पलायन शहरों की तरफ जारी है| सरकार के इस अदूरदर्शी कदम से पलायन को गति मिलेगी|. उन्होंने बताया की डीजल के दामो में वृद्धि से भाडा बढेगा और आम जन जीवन की उपयोगी वस्तुओं की कीमतें भी प्रभावित होंगी| इसका आम आदमी पर असर पडेगा|
रसोई गैस की सीमा ६ करने से लोअर और लोअर मिडिल क्लास को चोट पहुंचेगी|
भाजपा नेता ने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कीकांग्रेस का कहना है की कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ मगर अब इसे इस प्रकार बदल देना चाहिए

“कांग्रेस के हाथ आम आदमी के साथ विश्वासघात “

भाजपा ने इस का विरोध करते हुए किसानो+मिडिल+लोअर मिडिल क्लास के नागरिकों को राहत देने के लिए तत्काल रोल बेक की मांग की है |
इसके साथ ही श्री नायडू ने यूं पी ऐ के सहयोगी घटकों से पूछा है की घडियाली आंसू बहाने या लिप सिम्पैथी को छोड़ कर कीमतों के रोल बेक के लिए आम जनता के साथ खड़े होंगे? उन्होंने केन्द्रीय सरकार के इस जनविरोधी कदमका विरोध करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान छेड़ने की घोषणा भी की

डीजल कीमतों की चिंगारी से देश भर में सियासी तपिश

Demonstration Of BJP Against Price Rise Of Diesel+LPG

Demonstration Against Price Rise

people exhibiting resentments against price rise of inflammable

डीजल और रसोई गैस के दामो में वृद्धि से सोसायटी का विशेष कर लोअर माध्यम वर्गऔर लोअर अपर वर्ग चीत्कार उठा है|इस प्राईस राईस से सभी आवश्यक वस्तुओं में ८-१०% तक दाम बढ सकते हैं| टी वी चेनलों पर सुबह से ही आम आदमी के आक्रोश को दिखाया जा रहा है| यौजना आयोग के मोंटेक सिंह अहलुवालिया और सरकार के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इस बढोत्तरी को मजबूरी में उठाया गया कदम बताया है|श्री सिंह ने भविष्य की बेहतरी के लिए इसे आवश्यक बताया |इस एक कदम से सरकारी खजाने में २५००० करोड़ रूपये आएंगे|
उड़ीसा +पश्चमी बंगालके मुख्यमन्त्रियो के अलावा बाहर से सपोर्ट कर रही सपा और वामपन्थियो ने तत्काल कीमतों में रोल बेक की मांग की है| मुम्बई में सरकार में शामिल घटक एन सी पी के कार्यकर्ता तो मुम्बई में सडकों पर उतर आये हैं| बी जे पी ने पूर्व घोषणा के अनुसार प्रधान मंत्री के पुतले फूंकने शुरू कर दिए हैं|