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“आप”ने केंद्र को टीवी पर भृष्ट कहने के लिए दिल्ली की जनता के पैसे का दुरूपयोग किया

[मेरठ,नई दिल्ली]दिल्ली में “आप”पार्टी की सरकार का एक विज्ञापन आजकल टी वी चैनलों पर विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है |सम्भवत चर्चा में बने रहना ही इसका उद्देश्य भी है |इस विज्ञापन में केंद्र सरकार को भृष्ट और आम पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल को ईमानदार कर्मठ नेता दर्शाने का प्रयास किया गया है |इसमें प्रदेश की सरकार की अनेकों योजनाओं का उल्लेख भी किया गया है जिनमे उपलब्धियां के नाम पर चुनावी मेनिफेस्टो वाले आश्वासन उछाले गए हैं
दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन में सुनाई देता है [१]”इन भ्र्ष्टाचारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद केजरीवाल की सरकार ने इतिहास रचा”
[२]”वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे”
हिंदी अंग्रेजी के अनेकों अखबारों की कटिंग दिखा कर केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार और विशेष रूप से केजरीवाल का उत्पीड़क दर्शाया गया है जिसके ठीक पश्चात यह सुनाई देता है कि “इन भ्र्ष्टाचारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद केजरीवाल की सरकार ने इतिहास रचा”अर्थार्त जनता के चुने हुए नेतागण द्वारा ,चुने गए दूसरे नेताओं को, भृष्ट बताने के लिए ,जनता के पैसे का दुरूपयोग किया जा रहा हैं |बिजली+ पानी पर सब्सिडी के चुनावी वायदे जरूर पूरे किये गए हैं लेकिन इस समस्या को अभी तक अड्रेस नहीं किया जासका है | शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि का दावा किया गया है |नए स्कूल और अस्पताल खोलने का आश्वासन दिया गया है लेकिन जन कल्याण के लिए भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करने वाली पार्टी द्वारा दुर्भाग्य से स्कूल और अस्पतालों के लिए पर्याप्त जमीन के नहीं होने का रोना भी रोया जा रहा है |ऐसे में इस ऐतिहासिक बजट के उपयोग पर प्रश्न चिन्ह लगना भी स्वाभाविक है |
इसके आलावा एक लाख नौकरियों और ग्रामीण इलाकों को वाई फाई से जोड़ने की भी बात कही गई है इसकी सत्यता भी भविष्य के गर्भ में ही है |अब जहां तक बात है परेशान करने वालों की तो केंद्र और कांग्रेस को रोजाना कौन परेशान कर रहा है यह सत्य सबके समक्ष है |
अपनी नाकामियों को छुपाये रखने के लिए “आप” पार्टी की सरकार ने ५२६ करोड़ रुपयों का विज्ञापन बजट पास किया है |सर्व विदित है कि टीवी चैनल कुछ बढे इंडस्ट्रियल घरानों के कब्जे में हैं ऐसे में करोड़ों रुपयों के विज्ञापन दिए जाने के पीछे कोई डील हुई हो इस फैक्ट से भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि न्यूज़ चैनलों में दिल्ली में “आप” पार्टी की सरकार और विशेष रूप से सीएम की आलोचनागान पार्श्व में चला गया है| यही नहीं कुछ ऐंकर तो पाला खींच कर आप का समर्थन करते दिखाई देते हैं और इस विज्ञापन बजट का समर्थन करने के लिए दूसरे दलों के साक्ष्य प्रस्तुत करने को तत्पर रहते हैं|