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चुनावी चंदे के स्केल से देखा जाये तो आम आदमी पार्टी का कद बढ़ता जा रहा है

चुनावी चंदे के स्केल से देखा जाये तो आम आदमी पार्टी का कद बढ़ता जा रहा है
आम आदमी पार्टी[आप] की बेशक आज कल सब तरफ जम कर आलोचना की जा रही है|सदस्य और नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं |पार्टी का विरोध किया जा रहा है| विरोध स्वरुप काले झंडे दिखाए जा रहे हैं +स्याही फेंकी जा रही है और यहाँ तक कि “आप” के सुप्रीमो को पांच महीनों में पांच थप्पड़ भी मारे जा चुके हैं लेकिन इस सब के बावजूद पार्टी के प्रति दानदाताओं का लगाव कम नहीं हुआ है| यदि चुनावी चंदे के स्केल/पैमाने से देखा जाये तो यह लगाव निरंतर बढ़ रहा है| आम आदमी पार्टी ने आज दावा किया है कि “आप” पार्टी फंड में २५ करोड़ रुपये कलेक्ट किये जा चुके हैं
“आप” पार्टी द्वारा इस धन को ऊँठ के मुंह में जीरा बताया गया है | गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने १६ वी लोक सभा के लिए हो रहे चुनावों में 4३०+ कैंडिडेट्स उतारे हैं| प्रति कैंडिडेट खर्चे की चुनाव आयोग की सीमा ७० लाख रुपये हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने कैंडिडेट्स के लिए प्रति १० लाख रुपये के खर्च की सीमा तय की है