Ad

हरियाणा में नमक बाँट रहे योगेन्द्रयादव को उन्ही की”आप”पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लगी

[नई दिल्ली]हरियाणा में सांसदों को नमक चटाने में लगे योगेन्द्र यादव को उन्ही की “आप” पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लग गई है
पार्टी के आंतरिक लोकपाल की असलियत की पोल खोलने के एवज में योगेन्द्र यादव को पार्टी से निकाला भी जा सकता है |आम आदमी पार्टी ने सत्ता प्राप्त होने के पश्चात अपने कार्यछेत्र को केवल दिल्ली तक ही सिमित कर लिया है |इससे सरकार में गिनती के ही नेताओं को मंत्री पद मिला है अन्य नेताओं की महत्वकांक्षाएं कही न कहीं स्वाभाविक उछाल मारती रहती हैं |
कुमार विश्वास+आशुतोष+योगेन्द्र यादव आदि अकसर इसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट प्रगट भी करते रहे हैं|आशुतोष ने तो सरकार बनने के तत्काल पशचात ही स्वयं को पॉलिटिक्स के लिए अयोग्य तक बता दिया |इसके आलावा अरविन्द केजरीवाल के इंकार किये जाने के उपरान्त भी योगेन्द्र यादव ने हरियाणा की राजनीती में दखल देना शुरू किया |लोक सभा के चुनावों में हुई अपनी हार को पचा नहीं पाने का गम उन्हें लगातार सालता आ रहा है सम्भवत इसीलिए उन्होंने यहांके ग्रामीणों के नाम पर राजनीती शुरू कर दी और सांसदों में खाद के खाली थेले+ नमक बांटने शुरू कर दिए |इस अभियान में भी वो ज्यादा समर्थन या भीड़ नहीं जुटा पाये |योगेन्द्र यादव मीडिया चैनलों की सुर्खियां पहले भी बटोरते रहे हैं और वोह अभी भी बदस्तूर जारी है |
इससे पूर्व शांति भूषण+प्रशांत भूषण+विनोद बिन्नी+शाजिया इल्मी+एस एस धीर आदि भी पार्टी में शक्तिशाली एक वर्ग विशेष के खिलाफ विरोध जता चुके हैं |पार्टी फण्ड फ्रॉड+टिकट बिक्री आदि के आरोप लगे हैं |
पार्टी की छह महिला विधायक चुने जाने के बावजूद एक भी महिला को मंत्री नहीं बनाये जाने पर भी नाराजगी जाहिर की जा आरही है |
दिल्ली में ७० में से ६७ सीटें जीत कर ऐतिहास बनाने वाली आम आदमी पार्टी में सत्ता में आने के बाद से ही आपसी मतभेद और टूट के लक्षण दिखने लगे हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव को पार्टी को निकाले जाने की खबरों के बीच पार्टी के आंतरिक लोकपाल व पूर्व एडमिरल एल रामदास की चिट्ठी से एक नया विवाद पैदा हो गया है।
एडमिरल रामदास की चिट्ठी बम ने पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह को सतह पर ला दिया है।
रामदास ने एक व्यक्ति एक पद की बात पर अपनी राय जाहिर करते हुए अरविन्द केजरीवाल द्वारा सी एम और पार्टी संयोजक के दो पदों पर सवाल खड़ा किया है