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यूं पी में पौने तीनलाख करोड़ के बजट का बहिष्कार करके भाजपा ने अखिलेश सरकार को वाॅक ओवर दिया

लोक तंत्र की मजबूती के लिए रचनात्मक भूमिका की वकालत करके केंद्र सरकार में आई भाजपा की यूं पी प्रदेश इकाई ने आज सदन का बहिष्कार करके समाजवादी पार्टी के पौने तीन लाख करोड़ रुपयों के भारी भरकम बजट को वाक् ओवर दे दिया | भाजपा जैसी पार्टी से यह अपेक्षा की जा रही थी के कम से कम बजट सत्र में सकारात्मक चर्चा करके समाज पार्टी को कटघरे में खड़ा करेगी लेकिन इन सारी उम्मीदों पर तुषारापात करते हुए बहिष्कार करके स्वयं को इससे अलग करने का प्रयास किया गया है| कल से प्रारम्भ हुए इस बजट सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया भाजपा+ब सपा+ रालोद+कांग्रेस ने यथा शक्ति विरोध प्रदर्शन किया जिसके फलस्वरूप विधान परिषद और विधान सभा भंग कर दी गई आज सुबह भी हंगामा रहा जिसके फलस्वरूप साढ़े बारह बजे के बाद कार्यवाही शुरू की जा सकी| आज के सत्र में मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने पिछले वर्ष के मुकाबिले एक चौथाई बढ़ा बजट पेश किया |जिसे चुनौती देने या उस पर चर्चा करने के बजाय भाजपा ने सी एम के भाषण और बजट का बहिष्कार कर दिया| अखिलेश सरकार का अपनी ही पुराने लोक लुभावन योजनाओं से मोह भंग दिखाई दिया |सरकार ने बढे जोर शोर से लैपटॉप वितरण+बेरोजगार भत्ता+कन्या विद्याधन योजनाओं को लागू किया था लेकिन लोक सभा के लिए हुए चुनावों में करारी हार मिलने के कारण इन योजनाओं के बजट के लिए भाषण में कोई उल्लेख सुनाई नहीं दिया|
बीते दिन के हंगामे से तिलमिलाई समाज वादी पार्टी ने इस हंगामे को संसदीय गरिमा को चोट पहुॅचाने वाला अलोकतांत्रिक आचरण बताया |
सपा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के अनुसार
सच तो यह है कि लोकसभा चुनावो में जीत का भाजपाई नेताओं को नशा हो गया हैं। वे बहुमत के जनादेश का भी अनादर कर रहे हैं। प्रदेश की जनता द्वारा बुरी तरह से तिरस्कृत बसपा हार की बौखलाहट में उचित अनुचित सही गलत का विवेक ही खो बैठी है। ये दोनों दल समाजवादी पार्टी को ही अपना विरोधी मानकर प्रदेश के विकास के रथ को रोकने की कोशिशो में लग गए है। जनता में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति जो विश्वास है उससे उन्हें डऱ है और अपनी खीझ मिटाने के लिए ही वे सदन में अशांति और हंगामा करने पर तुल गए हैं। जनता सब देखती और समझती है कि कौन उनका हितैषी है और कौन नहीं है।