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यूं पी में पूर्ण बहुमत की सरकार का बजट सत्र ११ दिन पहले ही स्थगित हुआ:भाजपा+बसपा पर भड़ास निकली

यूं पी में पूर्ण बहुमत की सरकार का बजट सत्र ११ दिन पहले ही स्थगित हुआ:भाजपा+बसपा पर भड़ास निकली
उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने विधान सभा के बजट सत्र को समय से पूर्व निलंबित किये जाने के लिए भाजपा+बसपा को जिम्मेदार ठहराया |
गौरतलब है कि यूं पी का बजट सत्र आज हंगामों की भेंट चढ़ गया और प्रदेश विधान सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 18 जून से शुरू होकर 18 जुलाई तक चलना था, लेकिन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है|
पूर्ण बहुमत की अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने इस बार बजट सत्र के पहले ही दिन से फजीहत झेली। हंगामे के बीच बजट पास कराए गए।
आज भी सदन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में जमकर हंगामा हुआ। एक घंटे में ५० से ज्यादा विभागों के बजट को पास कराया गया।
इस पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने भड़ास निकालते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा दोनो आपसी भाई चारा निभाते हुए भी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करने पर तुले हैं। दोनों ही विधान सभा चुनावों में जनता के आक्रोश के शिकार हो चुके हैं और बसपा का तो लोकसभा चुनावों में सूपड़ा ही साफ हो गया है। इनकी मंशा समाजवादी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता में रोड़ा अटकाना और प्रदेश की विकास के रास्ते से भटकाना ही है।
विकास कार्यो में रचनात्मक सहयेाग के बजाय धरना-प्रदर्शन और हिंसा का तांडव कर दोनों दल भाजपा-बसपा प्रदेश में अराजकता को बढ़ावा देना चाहते है।
विधान भवन के अंदर और बाहर आज भाजपा और बसपा ने मिलीभगत से हंगामा कर प्रदर्शित कर दिया है कि प्रदेश को हरहाल में पिछड़ा बनाए रहने के अजेंडे पर चल रहे हैं | विधान सभा में दोनो दलों ने विधायी कार्य में व्यवधान डाला। जनहित के मुद्दो को सदन के समक्ष आने से रोकने की जिद पर अड़े रहे। नतीजतन अध्यक्ष महोदय को विधान सभा को अनिश्चितकाल तक स्थगित करने का निर्णय घोषित करना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अपने राज में महिलाओं को कभी सम्मान नहीं दिया। गरीबों के लिए उनके दरवाजे कभी खुले नही। उन्हें तो नोटों की माला पहनने और शाही बंगलो का शौक रहा है।
बसपा का साथ भाजपा हमेशा देती आई है। उसकी मदद से सुश्री मायावती तीन बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बन सकी। बदले में सुश्री मायावती ने गुजरात में जाकर नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा किया और चुनाव में उनका प्रचार किया। लोकसभा के चुनावो में भाजपा-बसपा की निकटता खुलकर सामने आई। बसपा राज में जनधन की लूट के खिलाफ सिर्फ समाजवादी पार्टी ने संघर्ष किया जबकि भाजपा उसको मूक समर्थन देती रही।