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दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा संबंधी अनेकों उपकरण निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं

[नई दिल्ली]दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा संबंधी अनेकों उपकरण निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं |यह स्वीकारोक्ति संसद में की गई |
राष्ट्र की राजधानी के अंतराष्ट्रीय एयर पोर्ट पर उपलब्ध एक्‍सरे मशीन+मैटल डिटेक्‍टर+सीसीटीवी कैमरे+सहित सुरक्षा संबंधी अनेक उपकरण मानकों के अनुरूप नहीं हैं| नागर विमानन राज्‍य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज संसद में बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने दिल्‍ली हवाई अड्डे पर खराब एक्‍सरे मशीन, खराब मैटल डिटेक्‍टर तथा अपर्याप्‍त सीसीटीवी कैमरों सहित सुरक्षा संबंधी अनेक समस्‍याओं की पहचान की है। इसमें बंद पड़े कुछ सीसीटीवी कैमरे, अपर्याप्‍त सीसीटीवी कवरेज और शैडो जोन, कुछ सुरक्षा उपकरणों अर्थात् डोर मैटल डिटेक्‍टर, हैंड हेल्‍ड मैटल डिटेक्‍टर, विस्‍फोटक ट्रेस डिटेक्‍टर की बड़ी/छोटी मरम्‍मतों को करने में विलंब चारदीवारी घुसपैठ टोह प्रणाली को संतुलित करने की आवश्‍यकता, मल्‍टी डॉकिंग सुविधा से युक्‍त एयरोब्रिजों से संबंधित सुरक्षा कारक आदि शामिल हैं। इस विषय में दिल्‍ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (प्रा.) लि. को आवश्‍यक कार्रवाई करने की सलाह दी गई है |ताकि हवाईअड्डे पर किसी अवांछनीय घटना से बचा जा सके।
डॉ. शर्मा ने लिखित उत्‍तर में बताया कि सुरक्षा अवसंरचना की कमी को दूर करने से संबंधित सुरक्षा एजेंसियों और हवाईअड्डा प्रचालकों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्‍त, बीसीएएस द्वारा हवाईअड़डों पर सुरक्षा संबंधी चूकों से बचने के लिए समय-समय पर आवश्‍यक दिशा निर्देश/अनुदेश जारी किए गए हैं। सुरक्षा इंतजामों को पुख्‍ता करने के लिए उठाए गए कुछ कदमों में हवार्इ अड्डों पर सीआईएसएफ की समयबद्ध तैनाती, बड़े हवाई अड्डों पर त्‍वरित प्रतिक्रिया टीमों की तैनाती और निरीक्षणों और छद्म जांचों द्वारा सुरक्षा इंतजामों की नियमित मॉनीटरिंग शामिल हैं।
विमानन क्षेत्र से अर्जित राजस्‍व
डॉ. महेश शर्मा ने लोकसभा में एक अन्य प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि सरकार ने वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक प्रत्‍यक्ष कर के रूप में 607.55 करोड़ रूपये राजस्‍व अर्जित किया। इसके अलावा वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक सेवा कर के रूप में 7126.19 करोड़ रूपये राजस्‍व अर्जित किया गया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि भारत में नागर विमानन क्षेत्र में पिछले 20 वर्ष के दौरान लगातार वृद्धि होती रही है और वर्ष 2004-05 से 2011-12 के दौरान 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।