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चीन बोला इंटरनेट सामाजिक अस्थिरता पैदा कर सकता है

सोशल मीडिया पर लगाम लगान के मामले में चीन भी अब भारत के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है| समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार चीन के एक सरकारी अखबार ने सोशल मीडिया की बाढ़ से निपटने में देश की परेशानी बयान की है और भारत का उदाहरण दिया है। इसमें कहा है कि विदेशी वेबसाइटों की ओर से फैलाई गई अफवाहों के चलते पूर्वोत्तर भारत के लोगों का पलायन दिखाता है कि वेबसाइट्स कैसे सामाजिक उथल-पुथल फैला सकती हैं।
ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में चीन की ओर से ट्विटर और फेसबुक को बैन करने के चीन के फैसले का बचाव करते हुए कहा गया है कि भारत के कुछ शहरों से पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन ‘अनियंत्रित वेबसाइटों’ द्वारा फैलाए गए अफवाह का नतीजा है। आगे लिखा गया है कि यह स्थिति चीन के लिए कोई नई नहीं है। भारत में जो हुआ उससे पता चलता है कि क्या इंटरनेट सामाजिक अस्थिरता पैदा कर सकता है और वह ऐसा कैसे करता है। नॉर्थ-ईस्ट के लोगों का पलायन दहशत का नतीजा था जो अफवाह के जरिए आसानी से भड़काई गई। भारत इस बात को लेकर परेशान है कि अफवाहें बाहर से फैलाई गईं।
अमेरिका पर निशाना साधते हुए सोशल नेटवर्किंग साइटों की खोज करने वाले अमेरिका को इन्हें कंट्रोल करना आता है लेकिन इन वेबसाइट्स ने दूसरे देशों में दिक्कतें पैदा की हैं। पिछले साल ब्रिटेन में भी इसी तरह की दिक्कत हुई और सरकार इन साइटों को ब्लॉक करने पर विचार करने लगी तो उसका जमकर विरोध हुआ।
हालांकि चीन के इस अखबार ने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि भारत में नफरत फैलाने वाले ज्यादातर मैसेज और तस्वीरें उसी के नजदीकी दोस्त पाकिस्तान से अपलोड हुई थीं।