विधान खूही मुंध इकेली|
ना को साथी ना को बेली |
करि किरपा प्रभि साध संग मेली |
जा फिरि देखा तो मेरा अलहु बेली ||
बाबा शैख़ फरीद
भाव : यहाँ बाबा फरीद समझा रहे हैं कि इस संसार में हमारी हालत कुँए में गिरी
हुई स्त्री के समान है जो वहां एकदम अकेली है , उसका कोई मित्र नहीं , कोई
सहायक नहीं | इसी प्रकार इस माया की दुनिया में प्रभु के सिवाय हमारा कोई
सहायक या मित्र नहीं है | परन्तु जब हम पर प्रभु की कृपा हो जाती है , हम
किसी गुरु की शरण में पहुँच जाते हैं और वह हमें अपना लेता है तो वह शुरू
से ही हमें यह अनुभव करा देता है कि अल्लाह या परमात्मा ही हमारा सच्चा
मित्र है |
प्रस्तुति राकेश खुराना
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Thanks like your गà¥à¤°à¥ कृपा से परमातà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° बन जाता है | Jamos News and Features