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सतगुरु सदा सत्य के साथ जुड़े हुए हैं और इसका अंश होने के नाते हम चेतन हैं

निस दिन सतसंगत में राचै , सबद में सुरत समावै ।
कहै कबीर ताको भय नाही , निर्भय पद परसावै।

Rakesh khurana On Sant kabir das

भाव : संत कबीर दास जी कहते हैं कि सतगुरु सदा सत्य के साथ जुड़े हुए हैं , वे सत में लीन हैं , वे प्रभु में अभेद हैं ।हमारा रात – दिन सत्संग के बीच गुजरे ।हम परमात्मा का अंश हैं और उसका अंश होने के नाते हम चेतन हैं और उस चेतना को हमने उभारना है , नहीं तो हमारी जिंदगी बेकार हो जाएगी ।उस चेतनता के साथ सतगुरु हमें ऐसे जोड़ देते हैं कि वह जोड़ कभी नहीं टूटता। जैसे – जैसे हम अभ्यास करते चले जाते हैं , हमारी सुरत अन्दर के शब्द के साथ जुडती जाती है , माया समाप्त हो जाती है । जब हम इस शरीर से ऊपर उठते है तो हम निडर हो जाते हैं , डर हमें छू भी नहीं सकता ।
हम एक ऐसे गुरु की शरण में पहुँच गए है जो हमें प्रभु की ज्योति , श्रुति के साथ जोड़ देता है ।
संत कबीर दास जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

Comments

  1. Renata says:

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