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खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है:बन्दासिंह बहादुर शहीदी दिवस पर राजनाथ सिंह

[फतेहगढ़,चंडीगढ़,पंजाब ]खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है:राजनाथ सिंह पंजाब सरकार ने फतेहगढ़ साहिब में बन्दा सिंह बहादुर की स्मृति में विशाल आयोजन किया जिसमे केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है। बाबा बंदा सिंह बहादुर के 300वें शहीदी समागम के अवसर पर श्री फतेहगढ़ साहिब में अपने संबोधन में उन्होंने महान सिख योद्धा को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री सिंह ने इतिहासकारों से आह्वान किया कि पहली बार खेतीहरों को मालिकाना हक देने वाले और भारत में गांव, गरीब और किसान के कल्याण और उद्धार के लिए संप्रभु खालसा राज की स्थापना में बाबा बंदा सिंह बहादुर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक भूमिका का आकलन करने के लिए अनुसंधान और विकास गतिविधियों को प्रारंभ किया जाए।
उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके बलिदानों के संबंध में श्री रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित एक कविता का भी संदर्भ दिया।
श्री सिंह ने युवाओं से आहवान किया कि वे आतंकवाद और सीमापार आतंकवाद की विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए बाबा जी के साहसपूर्ण कार्यों से प्रेरणा लेते हुए आगे आएं।
उन्होंने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सिखों के खिलाफ हुए अत्याचार की जाँच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और इस दल ने 286 मामलों की पुनः समीक्षा के बाद 22 मामलों की फिर से जांच करने की सिफारिश कर दी है और हर किसी और सभी के लिए न्याय को सुनिश्चित किया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सिख धर्म धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और मानववाद का एक व्यवहारिक उदाहरण है। इस मौके पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, संसद सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा और बलविंदर सिंह भंडर भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व केंद्र सरकार ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर की स्मृति में चंडी के सिक्के भी जारी किये |दिल्ली के बारापुला फ्लाईओवर का नाम भी बन्दा सिंह के नाम पर रख दिया गया है