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Tag: अमिताभ बच्चन

एंड प्राण की हालत बिगड़ी लीलावती अस्पताल में भर्ती

सदी के खलनायक और प्राण या एंड प्राण की हालत अस्वस्थ होने के कारण उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। । और प्राण ने साढ़े तीन सौ से अधिक फिल्मों में काम किया है। बेवकूफ+खानदान+औरत+बड़ी बहन+जिस देश में गंगा बहती है+हाफ टिकट+ शहीद+उपकार+पूरब और पश्चिम’+ गुमनाम+ कश्मीर की कली+एन इवनिंग इन पेरिस+ कब क्यूं और कहाँ+राजा और राना+विक्टोरिया २०३ +साधू और शैतान + ‘डॉन’ + दस लाख+जंजीर’+ बोबी +यमला जट्ट[पंजाबी] आदि प्रमुख है |प्राप्त जानकारी के अनुसार ९२ साल के एंड प्राण को सांस लेने में दिक्कत आ रही है| जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने खलनायक+कामेडियन या चरित्र रोल में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। उधर प्राण के अस्वस्थ होने की खबर के बाद उनके प्रशंसक उनके लिए दुआएं मांग रहे हैं। । बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है हालांकि उनके परिवार वाले तो यही कह रहे हैं कि प्राण की हालत ठीक है लेकिन वो शुक्रवार से अस्पताल में भर्ती है। परिवार वालों की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि प्राण पूरी तरह से ठीक हैं।
92 वर्ष के पद्म भूषण से सम्मानित प्राण जैसा खलनायक बॉलीवुड में दूसरा कोई नहीं हुआ। कितने सितारे आये गये लेकिन प्राण का मुकाबला कोई नहीं कर पाया है। दर्जनों फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले फिल्म उपकार से चरित्र किरदार निभाने शुरू किये और उस में भी अपना लोहा मनवाया।इसीलिए पिक्चर की कास्टिंग में एंड प्राण या और प्राण लिखा जाने लगा था जिसकी पुनरावर्ती शशि कपूर के लिए की गई थी| इसके अलावा चांदी की छोटी सी शीशी से शराब की चुस्कियां लेने का अंदाज़ भी पहुत पसंद किया गया| प्रत्येक फिल्म में इनके नए गेटअप भी चर्चा में रहे हैं| अभी हाल ही में उन्होंने

एंड प्राण की हालत बिगड़ी लीलावती अस्पताल में भर्ती


एक किताब भी प्रकाशित करवाई जिसका विमोचन अमिताभ बच्चन ने किया था |

मोदी जोगने को विदेशों से मान्यता मिल रही है अब देश में जोगी का रूतबा भी मिल ही जाएगा

भारत में कहा जाता है घर का जोगी जब तक बाहर प्रसिधी नहीं पाता तब तक जोगना ही रहता है शायद इसीलिए गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी भी केंद्र सरकार के लिए जोगना ही हैं|एन डी ऐ और यूं पी ऐ के अनेकों घटकों ने मोदी को अछूत भी घोषित किया हुआ है|मोदी के नाम पर नितीश कुमार और मुलायम सिंह का बिदकना जग जाहिर है लेकिन अभी हाल ही में ग्रेट ब्रिटेन ने जिस तरह मोदी के विकास को मान्यता दे दी है और एक और समाचार के अनुसार अब अमेरिका भी गुजरात के विकास में अपने यहाँ की मंदी का पाप धो लेना चाह रहा है इससे लगता है कि जोगना मोदी भी जल्दी ही देश में जोगी का रुतबा+मुकाम+सम्मान पाने जा रहा है|
लोक कल्याण मामलों के सहायक विदेश मंत्री माइक हैमर ने कहा है कि अमेरिका किसी भी वीजा आवेदन का मूल्यांकन योग्यता और अमेरिकी नियमों के मुताबिक करेगा।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया गया कि आप जानते हैं कि हम किसी व्यक्ति विशेष के वीजा मामले से जुड़े सवालों में नहीं पड़ते।
नरेंद्र मोदी के बारे में ब्रिटेन के हालिया सकारात्मक फैसले के संदर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मोदी के प्रति अमेरिका की एक दशक पुरानी नीति बदलने का संकेत दिया गया है|
गौरतलब है कि ब्रिटेन और अमेरिका समेत कुछ देशों ने गुजरात में २००२ के दंगों के बाद मोदी से संपर्क न रखने की नीति अपनाई थी।ब्रिटेन ने गुजरात के साथ विदेशी निवेश पर कोई साझेदारी भी नहीं की थी ब्रिटिश फैसले पर अमेरिका की बड़ी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि विश्व में तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था के उद्यम प्रिय सरकारी अधिकारी बहुत सी राजनीतिक बाधाएं हटा सकते हैं। भारत मामलों के नए ब्रिटिश मंत्री ह्यूगो स्वायर ने एक बयान में कहा कि मैंने नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त को मोदी से मिलाने को कह दिया गया है| ब्रिटेन के इस रुख को पश्चिमी देशों में मोदी की बदलती छवि के तौर पर भी देखा जा रहा है। ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत करते हुए मोदी ने भी कहा है कि गाड इज ग्रेट |देर आए दुरुस्त आए।
मोदी ने इस बदलाव को राजनीयिक परिपेक्ष्य में भुनाते हुए तत्काल केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात का महत्व सात संमदर दूर बैठे लोग समझते हैं लेकिन दिल्ली में बैठे लोगों को समझ में नहीं आता है। केन्द्र सरकार की ओर से कभी भी गुजरात को शाबाशी नही दी गयी, हमेशा उससे दोहरा बर्ताव किया गया।मोदी ने कहा, कि दिल्ली में सौ देशों के नेता एक मंच पर एक साथ नहीं आए। लेकिन ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ में 120 से ज्यादा देशों के नेता एक साथ आए हैं। मोदी ने साफ कही कि अगर केन्द्र सरकार हमारे साथ होती तो भारत का नाम बहुत ऊंचा होता और गुजरात की जनता को वोह सारी दिक्कतें नहीं सहनी पड़ती जो आज सहनी पड़ रही हैं|
अब दस साल बाद इन विकसित देशों का नरेन्द्र मोदी के प्रति ह्रदय परिवर्तन एक दम या अचानक नहीं हो गया है|दरअसल वहां रहने वाले गुजरात मूल के व्यापारिओं की लाबी बेहद शक्तिशाली है और राजनीतिक दान में भी विशवास रखती है इन लोगों में नरेन्द्र मोदी अच्छे खासे प्रसिद्ध हैं| मोदी ने अपने देश में भी तमाम अपमान जनक स्थितिओं को झेलते हुए भी प्रदेश का विकास कार्यक्रम जारी रखा यहाँ तक कि
रतन टाटा से नैनो की फेक्ट्री लगवाई +

मोदी जोगने को विदेशों से मान्यता मिल रही है अब देश में जोगी का रूतबा भी मिल ही जाएगा

अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्रांड अम्बेसडर बनाया + अजय देवगन के साथ इंटर नेट पर छाए इसीलिए अब गुजरात में विकास की धाराएँ देखी जाने लगी है| |उधर आर्थिक मंदी की मार झेल रहे इन विकसित देशों को नया बाज़ार चाहिए जो उन्हें अब गुजरात में दिखाई दे रहा है|यहाँ यह कहना भी अतिशियोक्ति नहीं होगा की गुजरात में चुनावी प्रक्रिया चल रही है और चुनावी हवा कुछ हद तक गुजरात के विकास पुरुष कहे जा रहे नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बह रही प्रतीत होती है| ऐसे में अक्लमंद व्यापारी के लिए अपना पैसा इन्वेस्ट करने के लिए फिलहाल गुजरात ही फायदे मंद साबित हो सकता है|