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Tag: इश्वर का ध्यान

असली पाँव वही हैं जो अपने प्रभु प्रीतम की याद में नाच उठते हैं

चरण सोई जो नचत प्रेम से , कर सोई जो पूजा ।
सीस वही जो निवे साधु को , रसना और न दूजा।

Rakesh Khurana

भाव : हम इस संसार की विषय – वस्तुओं को एकत्र करने और इन्हीं सब की पूर्ति में लगे हुए , कई तरह के नाच नाचते रहते हैं । परन्तु जो ईश्वर के जिज्ञासु होते हैं , वे सदा ईश्वर के ध्यान में मगन रहते हैं । संत नामदेव जी कहते हैं कि हमारे असली पाँव वही हैं जो अपने प्रभु प्रीतम की याद में नाच उठें ।हमारे असली हाथ वही हैं जो अपने प्रभु प्यारे की पूजा में
लगें । सिर वही है जो किसी महापुरुष के चरणों में झुके और स्वयं को समर्पित कर दे उसे फिर किसी और तरफ देखने की जरुरत नहीं पड़ती ।हम फिर सिर्फ उस महापुरुष के शब्दों पर अमल करें , ऐसी ही धुन , लगन होनी चाहिए। सच्ची लगन हमेशा एक की ही होती है , और वह सदा अटल रहती है ।
संत नामदेव जी
प्रस्तुति राकेश खुराना