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जनरल से एक्टिविस्ट बने वी के सिंह से Z Category वापिस होगी

केंद्र सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मुहय्या करवाया गया

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Category सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है. श्री सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं. सूत्रों सेप्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है.सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को रक्षा मंत्री एके एंटनी से नौ महीने का सेवा विस्तार मांगे जाने के बाद 30 नवंबर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में ठहरने की अनुमति मिली थी.|
दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में बाबा रामदेव के साथ जनरल सिंह का नाम भी दर्ज किया है.अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया.|
सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है.नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी.अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वह अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए
इस मामले में .बताया जा रहा है कि जनरल सिंह कोई राजनीती नही कोई अपराध नहीं वरन सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हैंऔर जेड प्लस सिक्युरिटी तो विपक्ष के नेताओं को भी मिला है इसका मतलब है उन्हें किसी मुद्दे पर बात करने का हक नहीं है| सेवाकाल में जनरल द्वारा केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और जनरल कोर्ट भी गए थे लगता है की केंद्र सरकार ने मौजूदा डेवलपमेंट को जनरल के विरुद्ध एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में देर नहीं लगाई है| एक तरफ तो कांस्टेबिल सुभाष तोमर की ह्त्या में अरविन्द केजरीवाल की “आप” के कार्यकर्ता चमन को आरोपित करके आप पर निशाना साधा गया है तो इसके साथ ही जनरल वी के सिंह की सरकार विरोधी उडान को भी हतोत्साहित करने का प्रयास किया है| फिलहाल जनरल ने सिक्योरिटी विड्रावल के तरीकों पर निराशा प्रगट कर दी हैक्योंकि यह सुविधा पूर्व में जीवन पर्यंत की गई सेवा के फलस्वरूप दी जाती है| वैसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन की एक्टिविस्ट किरण बेदी का कहना है की जनरल को सुरक्षा की क्या जरुरत है?

केजरीवाल टीम ने नई “आम आदमी पार्टी” बनाई , स्थापित पार्टियों ने मज़ाक उड़ाया

मैं हूं आम आदमी-मैं लूंगा स्वराज, मैं हूं आम आदमी-मैं लूंगा पूर्ण आजादी। मैं हूं आम औरत-मैं दूर करूंगी महंगाई आदि नारों के साथ अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है| पार्टी का नाम ऍम आदमी पार्टी रखा गया है | स्थापित राजनीतिक दलों ने इसका मजाक उड़ाया है| जबकि इंडिया अगेंस्ट करप्शन की किरण बेदी ने कहा कि चुनावों में एक विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी के नाम को सुझाया जा सकता है|अब आई ऐ सी के नाम पर अन्ना टीम का अधिकार होगा|
कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई नेशनल काउंसिल की बैठक में पार्टी का संवैधानिक ढांचा तय हो गया है।इसका ढांचा राजधानी दिल्ली से लेकर गांवों तक फैला होगा। पार्टी में आंतरिक लोकपाल भी होगा और एक परिवार का एक ही सदस्य पदाधिकारी होगा। 26 नवंबर को जंतर-मंतर पर पार्टी की पहली रैली होगी। सोमवार को जंतर मंतर पर आने वाले को इस पार्टी का संस्थापक सदस्य माना जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा, “न्याय हमें अधिकार के तौर पर मिलना चाहिए. यदि पैसा हो और अच्छा वकील मिल जाए या फिर कोई वकील दया कर ले तो आपको आज न्याय मिल सकता है…ये बदलना होगा. लोगों को सरकार के कामकाज और कानून बनाने की प्रक्रिया में और अधिकार होने चाहिए. इस पार्टी का लक्ष्य है कि एक परिवार से एक सदस्य कार्यकारिणी या फिर चुनाव में भाग ले सकता है.
पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि यहां जो लोग आए हैं वो आम आदमी हैं। जो इस देश की पीड़ा को समझ भी रहे हैं और उसके निवारण के लिए काम भी कर रहे हैं। सालों से भुगत रहे हैं भ्रष्टाचार को। ये लोग परिवर्तन कर सकते हैं। हम इस लड़ाई को अंतिम परिणाम तक लेकर जाएंगे। स्वराज के सपने को पूरा करने तक ये लड़ाई जाएगी।आम आदमी पार्टी ने अपना ढांचा राजधानी से गांव तक फैलाया है। दिल्ली में एक सेंट्रल कमेटी होगी जिसमें राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी। इसका एक राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर भी होगा। इसी तरह राज्यों में स्टेट कमेटी की परिषद और कार्यकारिणी होगी और उसका भी स्टेट कोऑर्डिनेटर होगा। ये ढांचा जस का तस जिले और गांव तक जाएगा। जिला परिषद का खाका हर ब्लॉक कमेटी से चुन कर आए दो-दो कोऑर्डिनेटरों से तैयार होगा। इसी तरह ब्लॉक परिषद भी ग्राम कमेटी से आए दो-दो कोऑर्डिनेटर की मदद से तैयार होगी। एक सवाल ये कि परिषद और कार्यकारिणी में क्या फर्क होगा, तो परिषद में हर आम और खास सदस्य होगा, लेकिन कार्यकारिणी में कुछ चुने हुए लोग होंगे जो अहम फैसले लेंगे। विजन डोक्युमेंट जरी किया गया जिसमे प्रेसीडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पद से परहेज किया गया है|

केजरीवाल टीम की नई “आम आदमी पार्टी” का स्थापित पार्टियों ने मज़ाक उड़ाया

राजनीतिक पार्टियों के परिवारवाद

पर हल्ला बोलती रही टीम केजरीवाल ने खुद को परिवारवाद से पूरी तरह दूर रखने का फैसला किया है। एक परिवार-एक पदाधिकारी के फॉर्मूले पर अमल करते हुए तय किया गया है कि एक परिवार के दो सदस्य पार्टी के पदाधिकारी नहीं होंगे। एक परिवार के दो लोग अलग-अलग कमेटियों में भी नहीं हो सकते। मसलन सेंट्रल कमेटी में प्रशांत भूषण-शांति भूषण साथ नहीं होंगे। सेंट्रल कमेटी में केवल प्रशांत भूषण ही रहेंगे।जनलोकपाल की मांग से अपने आंदोलन की शुरुआत करने वाली टीम केजरीवाल की पार्टी में आंतरिक लोकपाल भी होगा। ये लोकपाल पार्टी के किसी भी सदस्य के खिलाफ शिकायत की जांच कर सकता है। इस लोकपाल से आम आदमी भी कर सकता है पार्टी के सदस्य की शिकायत। आरोप सही होने पर उस सदस्य को पार्टी से निकालने का भी अधिकार लोकपाल को होगा। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत का संविधान स्वीकार किया था। अरविंद इस तरह से अपनी पार्टी को स्वतंत्रता आंदोलन के दौर के अधूरे संकल्पों को पूरा करने वाली पार्टी बताना चाहते हैं। ये एक बड़ा दावा है जिस पर अरविंद और उनकी पार्टी कितनी खरी उतरती है, इस पर इतिहास की भी नजर होगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता और मंत्री मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा है कि देश में १४५३ राजनितिक पार्टियाँ पंजीकृत है ऐसे में एक और पार्टी के आ जाने से कोई प्रभाव नहीं पडेगा हाँ[मुस्कुराते हुए] लोक तंत्र जरूर मज़बूत होगा

|जगदम्बिका पाल

ने कहा है कि आम आदमी का नारा कांग्रेस का है और उसी के आधार पर यह नई पार्टी बनाई गई है

भाजपा के बलबीर पुंज

यह नॉन इवेंट है इसका कोई प्रभाव नहीं पडेगा|

आला रे आला अब अन्ना बाबू राव हजारे भी आला

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए अब अन्ना बाबू राव हजारे भी दिल्ली लौट आये हैं| उन्होंने सर्वोदय एन्क्लेव में एक आफिस की व्यवस्था कर ली है जिसका उद्घाटन कल[रविवार] को किया जाएगा और एक अराजनैतिक संगठन की घोषणा कर दी है| भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम की दोबारा शुरुआत करने से पहले अन्ना ने अपनी कोर कमेटी के नए सदस्यों का नाम तय करने के लिए दिल्ली में बैठक कीइस बैठक में रिटायर्ड जनरल वी के सिंह और कर्नाटका के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही| मीटिंग के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रेस को संबोधित किया| जनलोकपाल की अपनी पुरानी मांगों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि जनता को जनप्रतिनिधियों को रिजेक्ट करने का अधिकार मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तर में किस टेबल पर जरूरी फाइल कितने दिन तक रहती है, इसकी जानकारी भी जनता को होनी चाहिए। अन्ना ने सरकार पर फिर से हमले तेज करते हुए कहा कि जनलोकपाल को लेकर उसकी नीयत साफ नहीं है। हालांकि बैठक के दौरान इसे एक निजी कारण की वजह से बैठक में न आ पाना बताया गया।
बैठक के बाद अन्ना ने कहा कि उनकी कोर कमेटी में कई चेहरे पुराने ही हैं, लेकिन कुछ नए चेहरों को भी इस कमेटी में शामिल किया गया है।

आला रे आला अब अन्ना बाबू राव हजारे भी आला


गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल से अलग होने के बाद अन्ना पहली बार अपनी नई कोर कमेटी के सदस्यों का नाम तय करने के लिए बैठक कर रहे थे। दिल्ली में हो रही इस बैठक में मेधा पाटेकर, किरण बेदी समेत कई अन्य चेहरे मौजूद रहे। आज की बैठक में अन्ना ने अपने करीबियों के साथ भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। उनकी नई टीम में किरण बेदी, मेधा पाटकर, अखिल गोगोई और पूर्व महानिदेशक [पंजाब जेल] शशि कांत शामिल हैं। आज हुई इस पहली बैठक के बाद हजारे टीम का विस्तार करेंगे। इनमें उन लोगों को शामिल किया जाएगा जो पूर्व में उनके साथ काम कर चुके हैं। पीवी राजगोपाल, राजेंद्र सिंहऔर अविनाश धर्माधिकारी जैसे अन्य नाम भी टीम से जुड़ सकते हैं|
किरण बेदी के मुताबिक नई टीम में नए और पुराने दोनों तरह के सदस्य हैं। नए सदस्यों में पूर्व आइएएस अधिकारी अविनाश धर्माधिकारी, कृषि विशेषज्ञ विश्वजीत और ब्रिगेडियर [सेवानिवृत्त] ब्रिजेंद्र शामिल हैं।।गुवाहाटी में कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद शुक्रवार को हजारे राजधानी पहुंचे। आज की बैठक में अन्ना ने अपने करीबियों के साथ भविष्य की रणनीति पर चर्चा की।
एक तरफ तो अरविन्द केजरीवाल आये दिन प्रेस कन्फ्रेसं करके नए नए भ्रष्टाचार के मुद्दे उठा कर सरकार की किरकिरी कर रहे है अब अराजनीतिक अन्ना हजारे भी इसी मुद्दे के साथ सम्पूर्ण परिवर्तन [राईट टू रिजेक्ट और राईट टू रिकाल] के लिए ग्रामीण आंचलों से सरकार को घेरने के लिए डेड साल तक अभियान छेड़ेंगे | बेशक भाजपा और अन्य राजनितिक दल विपक्ष की भूमिका के लिए कोई प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं इसीलिए आई ऐ सी और अन्ना हजारे की फाईट टू करप्शन जैसी संस्थाओं को ग्राउंड मिल रही है|इस अवसर पर आदतन कई पत्रकारों ने आई ऐ सी और फाईट टू करप्शन में किसी विरोधाभास को तलाशने का प्रयास करते हुए प्रश्न पूछे मगर किसी कुशल नेता की भांति इन सभी प्रश्नों को हंस कर टाल दिया गया |इससे लगता है की ये दोनों संगठन अब अलग अलग दिशाओं से सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे | यानि आला रे आला अब अन्ना बाबू राव हजारे भी आला